RE: Free Sex Kahani कौन सच्चा कौन झूठा
उधर राणे 11:00 बजने पर भी घर नही गया था , उसे इस केस को जल्दी अंजाम तक
पहुचाना था , उसकी नौकरी भी ख़तरे मे थी
रात को 11:00 बजे राणे ने किसी से फोन पर बात की , और उसे कुछ काम दिया
हवलदार: सर आज घर नही जाएँगे क्या
राणे: नही भैया अब तो घर तभी जाएँगे ,जब तक ऊ कातिल लोग एई थाने मे नही आते
..
दीपक खाना ख़तम करके टेबल से खड़ा हुआ
वीना: बेटा एक बात कहू
दीपक: जी आंटी
वीना: बेटा तुम यहा से चले क्यू नही जाते,मतलब कही किसी और जगह , यहा तुम
पर ख़तरा बहुत है
दीपक: नही आंटी मे नही जाउन्गा , जब तक उनलोगो को नही सज़ा देता जिन्होने
मेरी दुनिया मे आग लगा दी है
वीना: बेटा अगर तुम्हे कुछ हो गया तो ,तुम्हारी मा वैसे ही सब कुछ खो
चुकी,और अब बस तुम ही उसका सहारा हो
दीपक: आंटी मे जानता हू माँ के लिए ये वक्त सबसे मुश्किल है पर मे भाग कर
कही नही जाउन्गा
वीना : चलो अब रात बहुत होगयि उपर कमरे मे सो जाओ
वीना ,दीपक को अपने साथ लेकर कमरे के अंदर गयी
वीना: रूको बेटा मे एक मिनट मे आती हू
वीना सीडियो से नीचे उतरी , मंदिरवाले कमरे मे गयी , हाथ मे थाली ले कर
दीपक के पास पहुचि
वीना: बेटा सोने से पहले भगवान का आशीर्वाद लो
दीपक ने दोनो हाथो को आगे बढ़ाया , आरती ली
वीना: चलो तुम अब सो जाओ , बहुत थके लग रहे हो
वीना सीडिया उतर के नीचे मंदिर वाले कमरे मे आई , भगवान के सामने बैठ के
पूजा करने लगी , मानो भगवान से दीपक की रक्षा के लिए दुआ करने लगी हो
.....
हवलदार: सर,, सर्र
हवलदार ने राणे को आवाज़ दी , राणे रात को अपनी कुर्सी पे ही सो गया , उसे
पता नही चला उसकी आँख कब लगी
राणे: हां , का हुआ भाई
हवलदार: सर ये कल जो खून हुआ था , उसकी फोरेन्सिक रिपोर्ट
राणे: हां रखो , हम ज़रा अपना हुलिया ठीक करके आते है ,
राणे कुर्सी से उठा , बाथरूम की तरफ हुआ , वाहा से फ्रेश हो कर आया , टेबल
पर पड़ी रिपोर्ट को उठाया और पढ़ने लगा
राणे हल्का सा हँसा , और अपने आप से बोला ,(हम भी तो यही सोच रहे थे)
राणे: बाबू राम भाई चाइ तो बोलो , का सुबह सुबह मूड खराब कर रहे हो
हवलदार: सर मेने कौन सा मूड खराब किया
राणे: बाबूराम तुहार को इनस्पेक्टर बनना है ना
हवलदार: जी सर
राणे: चाइ बोलो फटाफट
हवलदार थाने से बाहर हुआ
राणे ने फोन मिलाया
राणे: हां भैया कहा तक पहुचे
डीटेक्टिव: सर सबूत ला रहा हू , बस पहुचने वाला हू आपके पास
राणे: का बात है सबाश जल्दी लाओ यार , बहुत कम टाइम है
बात करके फोन कांटा
राणे ने एक और मिलाया
राणे: कुछ मिला का भाई
हवलदार: नही सर अभी तक तो कुछ नही
राणे: काम पर लगे रहो , कुछ मिले तो हमरे पास लेकर आना
.....
दीपक सुबह नीचे आया , सामने वीना मंदिर मे पूजा कर रही थी , वीना बाहर आई
पूजा की थाली दीपक के आगे करी , दीपक ने आरती ली
वीना: चलो बैठो नाश्ता कर लो
दीपक: नही आंटी अब मुझे जाना होगा , एक जगह रहना ख़तरा खड़ा कर देता है
वीना: बेटा कुछ खा लो फिर चले जाना , मे मना नही करूँगी
थोड़ी देर बाद एक हवलदार पोलीस स्टेशन मे आया हाथ मे कुछ पेपर्स थे
हवलदार: सर ये उस नंबर की कॉल डीटेल्स
राणे ने पेपर अपने हाथ मे लिया, कॉल डीटेल्स मे नंबर के साथ उन नंबर्स के
आड और डीटेल्स थी
राणे ने हवलदार की तरफ इशारा किया, उसे नंबर दिखाया
राणे: एई जो नंबर है, एई के पास अभी जाओ,पता करो काहे फोन किए,पूरा डीटेल
समझे
हवलदार: जी सर (कहता हुआ बाहर हुआ)
राणे: बाबूराम ऊ चमेली और चानू को बाहर निकालो चाइ पिलाओ
हवलदार ने दोनो का सेल से बाहर निकाला,दोनो को राणे के सामने ले कर आया
राणे: रात को नींद कैसा आया
दोनो मे से कोई नही बोला
राणे: अभी भी सो रहे हो का
चंदू: नही साहब, साहब हम दोनो ने कुछ नही किया हमे छ्चोड़ दीजिए
राणे: हम जानत है तुम कुछ नही किए , पर तुम्हे छ्चोड़ नही सकते ,अगर हमे
असली कातिल नही मिले ना तो हम तुमका फँसा देंगे समझे का
ये सुनते चंदू और चंपा एक दूसरे को देखने लगे,चंदू की तो हालत ही खराब हो
चुकी थी
...
दीपक ने नाश्ता ख़तम किया , वीना से इज़ाज़त ले और घर से बाहर हुआ
दीपक खोली की तरफ जा रहा था, खोली के पास पहुचते ही , देखा सामने खोली पे
ताला लगा पड़ा था
दीपक ने सोचा शायद चंपा वापस अपनी खोली मे चली गयी हो , दीपक आगे बढ़ा
चंपा की खोली के बाहर भी ताला था , उसने कुछ आवाज़ सुनी , बगल मे चंदू की
खोली के बाहर भीड़ इकट्ठी थी, दीपक उस भीड़ मे जा खड़ा हुआ
चन्दू की मा:: अरे कोई मेरे बेटे को बाहर लाओ , पोलीस वाले उसे उठा के ले
गये
भीड़ मे से ही एक आदमी और बोला
चाची , चंदू और चंपा को खून के केस मे अंदर लेकर गये हैं , मुझे अभी किशन
ने बताया है
चंदू की मा:: अरे कोई मेरे बेटे को बचा लो , वो किसी का खून केसे करेगा
ये सुनते ही दीपक के होश उड़ गये , वो अपने आप को ही कौसने लगा , ये सब उसी
की वजह से हुआ है
ना वो चंपा के पास आता और ना ही वो ख़तरे मे आती , दीपक उस भीड़ से निकलता
हुआ , बेसूध आगे को हुआ , उसे अब कुछ सूझ नही रहा था के वो कहा जाए
......
पोलीस स्टेशन मे डीटेक्टिव अपने बढ़ते कदमो के साथ राणे के सामने पहुचा
डीटेक्टिव: सर जै हिन्द
राणे: आओ भाई बड़ी देर से तुम्हारी राह देख रहा था , क्या लाए हो हमारे लिए
ज़रा दिखाओ
डीटेक्टिव ने एक फाइल आगे करी
राणे ने फाइल्स को खोला , ख़ूलते ही सामने एक ब्लॅक वाइट फोटो थी , उसमे से
एक को तो राणे ने पह चान लिया पर दूसरा कौन था डीटेक्टिव के आगे फोटो रखी
राणे: कौन है एई
डीटेक्टिव: जिसका अड्रेस दिया था आपने
राणे: ह्म्म और कुछ
डीटेक्टिव ने अपनी जेब से एक स्लिप निकाली , और राणे को दी
राणे ने स्लिप ख़ूली , और हैरानी से बोला
राणे: क्या बात है भाई , बहुत तेज़ हो गये हो
डीटेक्टिव: सर मेने वाहा इसका पता किया , पर ये वाहा नही था , तो मेने आते
समये एरपोर्ट से डीटेल निकलवाई तो मुझे पता चला के ये जनाब यही पर है
राणे: ह्म्म यार पर हमका अभी विश्वास नही होता
डीटेक्टिव : सर मुझे भी नही हो रहा , पर सबूत इनके खिलाफ है
फोन की घंटी बजी राणे ने फोन रिसीव किया ,फोन की दूसरी तरफ जो कोई भी था ,
उसने एक बहुत अछी खबर दी थी
राणे: जल्दी से थाने मे आओ , ज़रा सुने तो सही क्या मिला तुम्हे
राणे ने फोन काटा
हवलदार एक आदमी के साथ पोलीस स्टेशन मे पहुचा
हवलदार: सर ये वाहा का माल्लिक है , इसी ने फोन पर उसके साथ बात की थी
राणे: हां भाई का बात किए , तुमको पता है एई खून का केस है , और तुम बिना
पोलीस की जानकारी के ये काम कर रहे हो , तुहार तो हम लाइसेन्सस बंद करवा
देंगे
वो आदमी थोड़ा घबराया , सर मेने कुछ नही किया , हमारा तो काम ही जासूसी का
है , बस काम की इन्फर्मेशन दी उसके पैसे मिले बस
जासूसी की बात सुन कर , राणे के साथ बैठा डीटेक्टिव ने पलट कर उस आदमी की
तरफ देखा , वो उसको जानता था
डीटेक्टिव: अरे तू , यहा कैसे
उस आदमी ने भी उसे पहचान लिया
राणे: लो करो भारत मिल्लप
डीटेक्टिव: सर ये भी अपना भाई है , हमने कई केस मिल कर निपटाए है
राणे: ह्म्म तो इसको बोलो , जो कुछ पता है फटाफट बोले , वरना
डीटेक्टिव: अरे तुझे जो कुछ पता है बता दे साहब को , वरना तुझे कोई नही बचा
सकता
वो आदमी और घबरा गया
सर मे आपको सब कुछ बता देता हू, उस आदमी ने राणे को सब कुछ बताया जितना वो
जानता था
दीपक चलते चलते थक चुका था , उसे कुछ समझ नही आ रहा था के वो कहा जाए , और
कोने मे जा कर दीवार के किनारे बैठ गया , कुछ दिन पहले तक सब कुछ ठीक था ,
पर अब सब कुछ बदल चुका था
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