RE: Gandi Kahaniya स्वामी जी का कमाल
स्वामी जी का कमाल --3
रीता, सुबू`और ननद की चुदाई रश्मि और सुबू चुद चुकी थी.रश्मि तो एक बार
स्वामीजी क़ा वीर्य पी भी चुकी थी. सुबू नारायण का मोटा लंड ले कर निहाल
हो चुकी थी. हालाँकि उसकी चूत में जलन हो रही थी, फिर भी वो बोली ,`
स्वामी जी आप का चेला तो मस्त चुदाई करता है.एक बात बतायए स्वामी जी ऐसे
कितने तीर हैं आप के पास. स्वामीजी हंस दिए,` हां एक तीर है, विप तीर,
विप लोगों के लिए.` ` उसकी क्या ख़ासियत है स्वामी जी ?` `वो चुदाई महीने
में एक बार करता है, और जब करता है तो जल्दी झाड़ता नहीं. जब झाड़ता है
तो चूत वीर्य से भर जाती है.और वीर्य चूत से बाहर आने लगता है.और सब से
बड़ी बात तो ये है की झड़ने के बाद भी उसका लंड खड़ा रहता है, जब तक वो
चाहे, यही उसकी ख़ासियत है.` सुबू बोली ,` स्वामीजी आप के चेले तो एक से
बढ़ कर एक हैं, आप उसे ले कर आईए.` ` ठीक है सुबू, तुम्हारी और रश्मि की
चुदाई से में बहुत खुश हूँ, अगली बार में उसे ले कर आऊंगा. उसके चुदाई का
एक महीने का बनवास भी अगले महीने ख़तम होने वाला है- अच्छा अब चलते हेँ.`
सुबू नें स्वामीजी को एक जोरदार किस दिया और अलविदा कहा.रश्मि भी
स्वामीजी के लंड के ख़यालों में थी. अगले दिन रीता आ गयी.वो 2 महीने में
एक बार आती थी.घर में खुशी का महॉल था. सुबू भाबी बहुत खुश थी. सुबू की
उदासी उस-से देखी नहीं जाती थी.वो अपने भाइयों के बारे में जानती थी और
किसी भी तराहा सुबू को खुश देखना चाहती थी.रीता हॉस्टिल में रहती थी और
खुले दिमाग़ की लड़की थी. एक बाय्फ्रेंड भी था. जब मूड होता था चुदवाने
से भी पीछे नहीं हट-थी थी. सेक्स टॉयस भी यूज़ करती थी और जब मंन करता था
रुब्बुर का लंड चूत में खूब लेती थी. इस बार वो भाभी के लिए भी एक
रुब्बुर का लंड ले कर आई थी.रश्मि कॉलेज जा चुकी थी.रीता आ कर सुबू के
पास आ कर बैठ गयी और बोली, ` भाबी इस बार आप बड़ी खुश हो, चेहरा भी दमक
रहा है. बताओ ना भाबी क्या बात है ?` ` अर्रे कुछ नही रे.` मगर रीता से
छुपा नहीं पाई और शर्मा गये. रीता सोचने लगी की ऐसा नूर , ऐसी खुशी तो
केवल चुदाई से ही आ सकती है, क्या भाबी नें किसी से चुदाई करवानी शुरू कर
दी है ? रीता नें पूछने का मंन बनाया और बात शुरू की.` नहीं भाभी कुछ तो
है. में आप की ननद भी हूँ और सहेली भी, आप के दरद को जानती हूँ. मुझे
अपने भाइयों के बारेमें पता है. ` फिर वो धीरे से बोली , ` भाबी में आप
के लिए रुब्बुर का लंड ले कर आई हूँ, जब चाहो क्रीम लगा कर अंदूर डाल लो`
` अर्रे रीता ये कैसी बात कर रही हो, मुझे तो समझ नही आ रहा`. `अर्रे
भाबी शरमाना कैसा, एक बात बताऊं, मेरा एक बाय्फ्रेंड है, जो कभी कभी मुझे
चोद्ता है, और अगर मेरा मंन चुदाई का करता है और वो वहाँ नहीं होता तो
में रुब्बुर के लंड से काम चला लेती हूँ.` ` रीता तू तो बड़ी शरारती हो
गयी है.` ` हां भाबी और में दिल से चाहती हूँ की आप भी कुछ शरारती बनें.
` फिर भाबी के पास आ कर बोली,` भाबी मुझे आप की खुशी में एक मस्त राज लग
रहा है, और अगर ये सच है तो में बहुत खुश हूँ` ` राज कैसा, सुबू नें
नज़रें चुरा कर पूछा.` ` भाबी अब चुपाओ मत, मेरा ख्याल है की आप नें
चुदाई करवाई है और वो भी मस्त.` सुबू को जैसे शॉक लगा. उसने रीता की
आँखों में देखा, उसे वहाँ सच में ही प्यार और खुशी दिखाई दी.` सुबू नें
रीता को बाहों में भर लिया और सारी बात बता दी. `हाई भाबी , रश्मि भी ?`
रीता बोली, ` फिर तो भाबी आप मुझे भी चुदवाओ, प्लीज़.` ` अर्रे इसमें
प्लीज़ की कोई बात नहीं है. शायद ये तेरी किस्मत है की इस मंगल वार को
स्वामीजी अपनें एक और चेले के साथ आ रहे हैं. मगर तू तो मंगल तक चली
जाएगी.` ` नहीं भाबी अब तो में चुदवा कर ही जाऊंगी….. ……… .. रीता
बोली`भाबी अब तो में चुदवा कर ही जाऊंगी.` और रीता नें दो दिन की छुट्टी
ले ली.` भाबी जिस तरहा के लंड आप नें बताए हैं, वाइज़ लंड से तो में
ज़रूर चुदना चाहूँगी.` मंगलवार आ गया,
|