RE: Gandi Kahaniya स्वामी जी का कमाल
स्वामीजी का इंतेज़ार हो रहा था.
रश्मि नें भी छुट्टी लेली थी. 11 बजे के करीब स्वामीजी आ गये, और सुबू की
तरफ देख कर बोले, ` ये है वो वीआइपी तीर गुरु. केवल नाम का ही गुरु नहीं,
चुदाई का भी गुरु. औरत को पूरा मज़ा देने के लिए महीने में केवल एक बार
चुदाई करता है.` सुबू ने देखा गुरु भी स्वामीजी और नारायण की तरह सुन्दर
था. लेकिन नारायण का एक और रूप वो देख चुकी थी.एक वाहशी चुड़दकड़ का. वो
बात अलग है की उसकी चुदाई नें उसे मस्त कर दिया था सुबूकी आँखों के आगे
नारायण की चुदाई घूम गई जो उसनें पीछे से की थे, लगता था जैसेचूत फॅट ही
जाएगी. स्वामी जी नें रीता की तरफ देख कर कहा , ये कौन है? ` `स्वामीजी
ये मेरी ननद है, कॉलेज में पढ़ती है छुट्टियो में घर आई है ये भी आपसे
चुदवाना चाहती है आपको कोई ऐतराज तो नही `नहीं मुझे कोई ऐतराज़ नहीं. `
स्वामीजी अनुभवी थे, स्मझ गये की लड़की चुदाई मजबूरी में नहीं, मज़े के
लिए करवा रही थी, यानी खूब मज़ा देगी. स्वामीजी के चेलों ने कपड़े उतार
दिए. उनके लंड खड़े हो गये थे.रीता की नज़र नारायण के लंड से हट नही रही
यही. चुदवाना सुबू भी उस-से चाहती थी पर रीता का मॅन देख कर वो स्वामीजी
की तरफ मूड गयी.पर स्वामीजी नें कहा ,` सुबू आज तुम गुरु से चुदवाओ. में
रश्मि को चोदुन्गा जिस-से इसकी चूत नारायण का लंड लेने लायक हो जाए. और
हां तुम सब जितना मज़ा लेना चाहो लेलो फिर अंत मे गुरु तुम सब को एक एक
बार फिर चोदेगा.` सब बात को समझ गयी और सब नें कपड़े उतार दिए. उनके नंगे
जिस्म और चिकनी चूते तीनों मर्दों को मस्त कर रही थे. उनके लंड फंफनाने
लगे, जैसे फॅट जाएँगे. नारायण का लंड तो जैसे लंबा ही होता जा रहा था.
रश्मि स्वामीजी की बाहों में चली गये , सुबू नें गुरु का लंड अपने हाथों
में ले लिया और रीता नारायण का लंड अपने मुँह में लेने की कोशिश करने
लगी.नारायण का लंड रीता के मुँह में जा नहीं रहा था.रीता नें नारायण को
नीचे लिटा दिया और उसके लंड पर बैठ गयी. एक हाथ से लंड पकड़ कर चूत में
लेने की कोशिश की मगर लंड मोटा था, अंदर नहीं जा पाया. पर रीता की ये
हरकत नारायण को गरम करने के लिए काफ़ी थे. उसने रीता के कंधे पकड़े और
नीचे से उचक कर एक जोरदार धक्का लगाया, और पूरा लंड रीता की चूत को चीरता
हुआ अंदर घुसेड दिया. आआआअ….. .मररर… .गइई. मैईएन…..फाड़ दी मेरी चूत…….
…भाबी मुझे बचाओ…… स्वामीजी.. …..आआहह. …..नारायण नहीं ……प्लीज़.
…..नाआअ. करूऊओ. नहियियैआइयैयीन. ……निकालूऊओ ओ….हहााआ ईई…. मर …..गइईए.
मगर नरायण नहीं रुका. सुबू नें रीता की तरफ देखा और उसे अपनी चुदाई याद आ
गयी. सोचने लगी, ये रीता अभी चिल्ला रही है अभी मस्त हो जाएगी. सुबुको
गुरु पीछे से चोद रहा था, बिना रुके धक्के लगा रहा था. सुबू गरम थी. चूत
मे आग लग रही थी.मुँह से आवाज़ें निकल रही थी,`…..हाँ …..गुरु… ..ज़ोर से
….क्या चुदाई है…….वाह …उरू….तुम ….भी….. आआहह. ….स्वामीजी. ….आ
आप्प्प्प. और आआप …के चेलए……क्या. ….खूओब. …हैं ….अरे…. .रीता… म्ज़ा आना
शुरू हुआ की नही……. .आह…… .हाआअँ भाबी……. .आअब्ब्ब्ब. …..आआ. ..रहा
है……ये नारायण …….बड़ा. ….जालिम है. रश्मि स्वामी जी का लंड पा कर निहाल
थी. बस एक ही बात बोल रही थी….हाआअँ स्वामीजी….. .छोड़ो… …चिॉडो. ….ज़ोर
…..से छोड़ो. सारे कमरे में सिसकारियों की आवाज़ सुनाई दे रही थी.जल्दी
ही सब को मज़ा आ गया. कमरा सिसकारियों की आवाज़ों से भर गया. केवल गुरु
की ही आवाज़ नही थी. अब पार्ट्नर बदल गये. गुरु रीता को चोदने लगा.
स्वामीजी सुबू की चोदने लगे. सुबू के जहाँ में तो नारायण का लंड था. मगर
कुछ बोली नहीं. रश्मि स्वामीजी से चुदवाने के बाद सोच रही थी की नारायण
का लंड और मस्ती देगा. उसने सोच नारायण भी स्वामीजी की तराहा आराम से
चोदेगा. खैर चुदाई का दूसरा दौर शोरू हो चुका था. गुरु और रीता मस्त थे.
सुबू और स्वामीजी एक दूसरे में सामने की कोशिश कर रहे थे. नारायण रश्मि
को पीछे से चोदने की तैयारी कर रहा था. रश्मि की कमर कस कर पकड़ कर उसने
एक वहशियाना धक्का लगाया और उसका लंड चीरता हुआ रश्मि की चूत मे घुस गया.
रश्मि दरद के मारे चीख उठी. `स्वामीज्वी दीदी मुझे बचाओ, में मर
जाऊंगी….. .ये नारायण मुझे मार देगा. पर किसी को उसकी चीखें सुन-ने की
फ़ुर्सत नहीं थी. नारायण चोद्ता रहा. रश्मि की चूत फूल कर छोटे गुबारे
जैसी हो गयी. सब मस्त थे. सब झड़ने को थे. कमरा चीखो सिसकारियों से गूज़
रहा था.एक और दौर चुदाई का ख़तम हो गया. अब नारायण सुबू की तरफ मूड गया.
स्वामीजी रीता को चोदने लगे. गुरु रश्मि की तरफ बढ़ा की वो घबरा गयी.
उसकी चूत दुख रही थी. मगर यहाँ हर कोई केवल चुदाई के बारे में सोच रहा
था. गुरु नें लंड धीरे से रश्मि की चूत पर रखा. चूत विर्य से भरी पड़ी
थी. लंड फिसलता हुआ अंदर चला गया. चुदाई का ये दौर भी ख़तम हो गया. गुरु
नें स्वामीजी की तरफ देखा, और स्वामीजी नें सर हिला कर इज़ाज़त देदी और
कहा,` अब आखरी चुदाई होने वाली है. सब गुरु के वीर्य का टेस्ट करेंगी,
लेकिन साथ ही सेक्स का भी मज़ा लेंगी. सुबू नारायण के लंड पर बैठेगी, और
रीता मेरे लंड पर. रश्मि आज और लंड लेने के लायक नहीं है. इस तराहा तीनों
गुरु का लंड चूसेंगी और गुरु का कमाल देखेंगी. सब तैयार हो गये. बड़ी
मुश्किल से सुबू ने नारायण का लंड अपनी चूत में लिया. रीता स्वामीजी के
लंड से मस्त थी. रश्मि अपनी सूजी हुई चूत में उंगली कर रही थी. एक बार
फिर चुदाई का दौर शुरू हो गया. चुदाई के साथ चुसाइ भी चालू थी. लड़किया
मस्त थी. आअन्न्न्नह. ……ग्लग. ……हुउऊन्न्ञणणन् न…….हम म्म्म्मम…..ग्लग.
……आआअहह ……नारायण. ….स अली…….. .ग्लग…. …स्वामीजी. …..अहगलुग ..
..ऊउउउउउउउह एयायाययीयीयियी. …….ग्लग आबीयेएयययेया. और सारे झड़ गये. अब
गुरु की बारी थी.
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