RE: Hindi Sex Kahani नशे की सज़ा
नशे की सज़ा पार्ट--20
गतान्क से आगे......
सलोनी ने बिल्कुल अंजान बनते हुए पूछा-“ लेकिन रोशनी तो एमबीए कर रही थी ना ? “
मोहित ने पलटकर जबाब दिया-“इस चिकनी को एमबीए की नही इस बात की ट्रैनिंग की ज़्यादा ज़रूरत है कि अपने पति को कैसे खुश किया जाए और वोही ट्रैनिंग मैं इसे देने जा रहा हूँ-पूरे एक महीने ट्रैनिंग चलेगी.”
मैने मोहित की तरफ देखा और बोली-“जैसे तुम्हारी मर्ज़ी…….तो अब तुम अपने सरकारी फ्लॅट मे इस लड़की के साथ रहने जा रहे हो ! “
इसके बाद हम लोग कमरे से बाहर निकल आए क्यूंकी रोशनी को तो मोहित अपने साथ लेकर जा रहा था और हम लोगों को अपने हॉस्टिल जाना था.कमरा बंद करने के बाद हम लोग नीचे गेस्ट हाउस के रिसेप्षन पर आ गये.मैने कमरे की चाबी रिसेप्षन पर जमा कर दी और बाहर निकल आई.पोलीस जीप हमारा इंतेज़ार कर रही थी.मोहित अपनी बाइक लेकर आया था.वो बाइक पर बैठ गया और उसे स्टार्ट कर दिया.रोशनी बाइक पर मोहित के पीछे उसे सटकार बैठ गयी.
मोहित ने रोशनी से कहा-“पहले कभी बाइक पर नही बैठी क्या ? ठीक से बैठो.वरना गिर जाओगी.”
रोशनी ने यह सुनते ही अपने दोनो हाथों को मोहित के चारो तरफ लपेट लिया लेकिन मोहित शायद अभी भी खुश नही था-उसने रोशनी के डाए हाथ को अपने पेट पर से हटाकर अपनी टाँगों के बीच मे अपनी जीन्स मे क़ैद लिंग के उपर रखा और बोला-“बाइक पर जब भी बैठो तो यह हाथ हमेशा लिंग को सहलाने की पोज़िशन मे होना चाहिए..समझी ?”
‘जी सर….” रोशनी घबराकर बोली और उसने अपने हाथ को उसके लिंग पर फिराना शुरू भी कर दिया. इसके बाद मोहित रोशनी को लेकर वहाँ से रवाना हो गया.
मैं और सलोनी पोलीस जीप की तरफ आ गये और उसमे बैठ गये.ड्राइवर ने गाड़ी का रुख़ हॉस्टिल की तरफ कर दिया.
सलोनी ने जीप मे बैठने के बाद मेरी तरफ शरारत से देखा और बोली-
“मोहित भैया भी सही मज़े ले रहे हैं रोशनी से-बाइक पर बैठने का तरीका भी उसे बता रहे हैं…..क्या बात है………….”
हम लोग यह बात कर ही रहे थे कि मेरे मोबाइल की घंटी बज उठी.विवेक का फोन था.फोन उठाकर मैने हेलो कहा तो विवेक बोला-“निशा कैसी हो ! उस लड़की का क्या हुआ ?”
“मैने उसे छोड़ दिया है-अमित सर से मेरी बात हो गयी थी उसे छोड़ने के लिए.” मैने विवेक को जबाब दिया.
“नही….उसे पकड़ना होगा………..हमे खबर लगी है कि वो किसी दुश्मन देश के लिए जासूसी करती है-उसके उपर नज़र रखने की ज़रूरत है……….” विवेक ने कहा.
“ऐसा कुछ नही है…….यह सब तुम्हारा वेहम भी तो हो सकता है………..”मुझे कुछ समझ नही आ रहा था कि अब क्या करूँ.
“अमित सर मेरे साथ ही हैं…….उन्होने ही यह हिदायत दी है” विवेक ने यह कहकर फोन एसीपी अमित को पकड़ा दिया.
“अमित सर……..आपके कहने के बाद मैने उस लड़की को अपने भाई मोहित के लिए पसंद कर लिया था…शादी के लिए और वो लड़की अभी उसके साथ ही है……..उसके घर पर……..वो उसे शादी करना चाहता है…………” मैने सारी बात जल्दी जल्दी अमित को बताने की कोशिश की.
अमित ने मुझसे पूछा-“तुम्हारा भाई अभी तुरंत तो शादी नही कर रहा है ना उस लड़की से ?”
“नही सर…..वो एक महीने बाद शादी करेगा….तब तक वो लड़की ऐसे ही उसके फ्लॅट मे रहेगी….” मैने अमित से कहा.
“फिर तो कोई दिक्कत ही नही है…..हम उस लड़की पर वहाँ से भी नज़र रख सकते हैं………हमे भी जो खबर मिली है..वो ठीक है या नही यह भी मालूम हो जाएगा.” अमित ने कहा और फोन डिसकनेक्ट कर दिया.
मेरी समझ मे अमित और विवेक की बात अभी पूरी तरह नही आई थी-इस बीच हमारा हॉस्टिल आ गया था और हम दोनो जीप से उतरकर हॉस्टिल मे पहुँच गयी थी.
हॉस्टिल रूम मे पहुँचते ही फिर से फोन की घंटी बज उठी-इस बार भी विवेक का ही फोन था.मैने फोन उठाया और कहा-“हेलो विवेक सर…..”
विवेक बोलने लगा-“निशा ……..हम लोग कल सुबह कटक पहुँचने वाले है….वहाँ पहुँचकर हम ऐसा करेंगे कि तुम्हारे भाई के घर मे कुछ सीक्रेट कॅमरा अलग अलग लोकेशन पर लगा देंगे ताकि उस लड़की पर हम पोलीस कंट्रोल रूम से नज़र रख सकें…….जब हमे लगेगा कि लड़की निर्दोष है और उसके बारे मे हमे जो खबर मिली है, वो ग़लत है तो हम वो सारे सीक्रेट कॅमरास वहाँ से हटा लेंगे………तुम्हारे भाई को इसकी खबर भी नही लगेगी.”
मैने विवेक की बात सुनकर उसे जबाब देते हुए कहा-“ठीक है….कल सुबह जब मोहित अपने ऑफीस चला जाएगा तो उसके बाद हम लोग उसके घर चल्लेन्गे और उस समय आप अपने सीक्रेट कॅमरा वहाँ पर फिट कर लेना.वैसे तो रोशनी शायद घर पर ही होगी और उसका क्वॉर्टर खुला ही होगा-लेकिन मेरे पास भी मोहित के फ्लॅट की ड्यूप्लिकेट चाबी है-उसे भी मैं ले लूँगी-शायद उसकी भी ज़रूरत पड़ जाए.”
इसके बाद मैने फ़ोन रख दिया. यह तय हुआ कि अगले दिन सुबह 11 बजे विवेक के साथ पोलीस डिपार्टमेंट की टेक्निकल टीम मुझे अपने साथ लेकर मोहित के फ्लॅट पर जाएँगे और वहाँ कॅमरा वग़ैरा फिट कर देंगे.
प्लान के मुताबिक जब हम लोग अगले दिन मोहित के फ्लॅट पर पहुँचे तो वहाँ ताला लगा हुआ था-रोशनी इसका मतलब वहाँ नही थी.मैने अपनी ड्यूप्लिकेट चाबी से फ्लॅट का दरवाज़ा खोला और लगभग एक घंटे के अंदर पोलीस वालों ने बड़ी ही सफाई से सीक्रेट कॅमरास इस तरह फिट कर दिए कि किसी को ज़रा भी शक़ ही ना हो कि यहाँ कुछ लगा हुआ है .इसके बाद मैने मोहित के फ्लॅट को बंद कर दिया और विवेक ने मुझसे कहा-“हम लोग अब इस फ्लॅट मे होने वाली हर आक्टिविटी को पोलीस कंट्रोल रूम से लाइव देख सकते हैं.आपके पास तो कंट्रोल रूम की चाबी पहले से है ही .”
“नही विवेक सर…मेरे पास कंट्रोल रूम की कोई चाबी नही है………मुझे अमित सर के कहने पर कंट्रोल रूम की चाबी हर बार माँगने पर मिल जाती है.” मैने तुरंत ही विवेक को करेक्ट करते हुए कहा.
विवेक ने फिर कहा-“ मेरा यही मतलब था कि आप जब चाहें, कंट्रोल रूम मे जाकर सभी आक्टिविटीस को लाइव देख सकती हैं-वैसे भी यहाँ की सारी आक्टिविटीस कंट्रोल रूम मे ऑटोमॅटिकली रेकॉर्ड होती रहेंगी, जिन्हे हम बाद मे भी देख सकते हैं.”
“ठीक है विवेक सर..मैं समझ गयी कि आप क्या कहना चाहते हैं……..” मैने हल्के से मुस्कराते हुए विवेक की तरफ देखा. इसके बाद विवेक ने मुझे मेरे हॉस्टिल तक छोड़ दिया और खुद पोलीस स्टेशन के लिए रवाना हो गया.
हॉस्टिल पहुँचकर मैने सारी बात जब सलोनी को बताई तो वो खुश होती हुई बोली-“ मतलब यह हुआ कि अब हम मोहित और रोशनी की सारी की सारी आक्टिविटीस लाइव देख सकेंगे.”
“और जब चाहें जितनी देर चाहें देख सकेंगे-फ्री ऑफ कॉस्ट हॉट हॉट फिल्म्स……..” मैने सलोनी की बात को आगे बढ़ते हुए कहा-“ लेकिन एक प्राब्लम है….” मैं कहते कहते रुक गयी.
“वो क्या ?” सलोनी ने पूछा.
“हमे यह फिल्म सिर्फ़ पोलीस गेस्ट हाउस मे जाकर पोलीस कंट्रोल रूम मे ही जाकर देखनी होगी-क्यूंकी इसे सिर्फ़ वहीं से देखा जा सकता है.” मैने सलोनी से कहा तो वो पलटकर बोली-“ इसमे यार क्या प्राब्लम है……..पोलीस गेस्ट हाउस और पोलीस कंट्रोल रूम मे तो हम पहले भी जाते रहे हैं.यह कोई नयी जगह थोड़े ही है हमारे लिए.”
“हां यार वो तो ठीक है………….” मैने सलोनी से कहा –“ चल फिर ऐसा करते हैं कि आज शाम का प्रोग्राम रखते हैं. शाम 6 बजे हम लोग कंट्रोल रूम पहुँच जाएँगे-ठीक उसी वक़्त मोहित भी ऑफीस से घर वापस पहुँचता है-उसके बाद सीक्रेट कॅमरा की टेस्टिंग भी हो जाएगी की वो सब ठीक से काम कर भी रहे हैं या नही.”
कुछ ही देर मे अक्प अमित का फोन आ गया.मैने फोन उठाया तो वो बोला-“निशा ऐसा करो कि कंट्रोल रूम से मोहित के फ्लॅट की निगरानी की ज़िम्मेदारी तुम ही ले लो. मैने गेस्ट हाउस मे तुम्हारे लिए वैसे एक कमरा भी बुक करा दिया है और वहाँ यह भी मेसेज छोड़ दिया है कि तुम्हे वहाँ किसी भी तरह की कोई परेशानी ना हो.तुम वहाँ से मोहित और उस लड़की की आक्टिविटीस को मॉनिटर करती रहो और कुछ ग़लत लगे तो मुझे उसकी रिपोर्ट देती रहना ताकि मैं आगे की कार्यवाही कर सकूँ. तुम्हे जिस समय भी गेस्ट हाउस जाना हो,उसके आधे घंटे पहले फोन कर देना-यहाँ से पोलीस की जीप तुम्हे पिक करके गेस्ट हाउस छोड़ भी देगी और जब तुम्हे वापस आना हो तो तुम्हे पिक करके वापस हॉस्टिल भी छोड़ देगी”
मुझे तो मानो मूह माँगी मुराद मिल गयी-सलोनी को मैने सारी बात बताई तो वो भी खुशी के मारे उछल पड़ी-“तो फिर आज 4.30 बजे हम पोलीस की जीप के लिए फोन कर देंगे की वो आकर हमे ले जाए…?”
“हां ………हां……लेकिन अभी उसमे 3 घंटे का वक़्त है-तब तक अपना बाकी का काम निपटा लेते हैं.” मैं उसके उतावलेपन को देखकर मुस्कराए बिना ना रह सकी.
ठीक 4.30 बजते ही सलोनी ने मुझे याद दिलाते हुए कहा-“निशा..यार फोन तो कर दे पोलीस जीप के लिए.”
इसके बाद मैने फोन करके पोलीस जीप बुलाने का काम कर लिया और उसके ठीक आधे घंटे बाद जीप हमारे हॉस्टिल पहुँच भी गयी.
ठीक 5.45 पर हम दोनो गेस्ट हाउस पहुँच गये.रिसेप्षन से मैने कंट्रोल रूम की चाबी माँगी तो वहाँ बैठे ऑफीसर ने बताया-“मेडम यह रूम नो.301 की चाबी भी आप रख लीजिए-यह रूम कंट्रोल रूम के साथ ही लगा हुआ है और कंट्रोल रूम के अंदर से ही उसका दरवाजा है और वहीं से खुलता है-कोई परेशानी हो तो मुझे बताएँ.”
मैने दोनो चाबियाँ अपने हाथ मे पकड़ी और सलोनी के साथ लिफ्ट की तरफ बढ़ गयी.
कंट्रोल रूम का ताला खोलने के बाद मैने देखा कि जहाँ एलसीडी स्क्रीन लगा हुआ था, उसी दीवार की राइट साइड पर एक ताला लगा हुआ था जो किसी दरवाजे का था-मैने उस ताले को भी खोल दिया और देखा की वहाँ बकायडा बड़ा सा रूम था जिसमे हम जब चाहे आ जा सकती थी.सलोनी ने इस बीच एलसीडी स्क्रीन ऑन कर दिया था और उस पर मोहित के बेड रूम का सीन नज़र आ रहा था.
मोहित बेडरूम मे बिस्तर पर अढ़लेटा सा बैठा हुआ था और सामने खड़ी रोशनी से पूछ रहा था-“ कॉलेज का काम निपट गया कि नही ? “
“जी…..निपट गया…….मैने अपना नाम भी कटवा लिया है और हॉस्टिल खाली कर दिया है……अपना सारा सामान भी मैं ले आई हूँ.” रोशनी ने पास मे रखे दो बड़े बॅग्स की तरफ इशारा करते हुए मोहित से कहा.
अब मुझे समझ मे आया कि हम लोग जब आज सुबह मोहित के फ्लॅट पर गये तो वहाँ ताला क्यों लगा हुआ था-मोहित ऑफीस गया हुआ था और रोशनी अपने कॉलेज गयी हुई थी.
“गुड गर्ल ! “ मोहित ने खुश होते हुए रोशनी की तरफ देखा और बोला-“अब ज़रा इधर आओ और मेरे शूज उतारो ! “
क्रमशः.......
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