RE: Post Full Story प्यार हो तो ऐसा
इधर उसी वक्त हवेली में :--
“सुनी ये आवाज़ मालिक… ये ज़रूर उसी भयानक साए की है…इतनी ज़ोर से कोई इंसान नही चीन्ख सकता” --- बलवंत ने कहा
वीर भाग कर अपने कमरे में जाता है और रेणुका से पूछता है, “क्या कल रात तुमने ऐसी ही चीन्ख सुनी थी ?”
रेणुका उसकी और देखती है पर कोई जवाब नही देती
“मैं तुमसे कुछ पूछ रहा हूँ… क्या तुम बाहरी हो गयी हो”
“हां ऐसी ही छींख सुनी थी…कल रात तो मेरी बात सुनी नही.. अब क्यों पूछ रहे हो”
वीर भाग कर रुद्र प्रताप के कमरे में जाता है
ऱुद्र प्रताप भी वो भयानक चीन्ख सुन कर उठ जाता है
“पिता जी मुझे लगता है वर्षा किसी मुसीबत में है”
“क्या कह रहे हो तुम… पहले ये तो पता चले कि वर्षा है कहा”
पिता जी बलवंत के चाचा के अनुसार वर्षा कल रात मदन से खेत में मिलने वाली थी.. पर कल रात भी रेणुका ने खेतो से ऐसी ही भयानक चीन्ख सुनी थी”
क्रमशः......................
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