RE: Post Full Story प्यार हो तो ऐसा
“मदन मुझे नींद आ रही है, ठंड भी लग रही है..क्या करूँ ?”
“नींद तो मुझे भी आ रही है, ऐसा करो तुम मेरे नज़दीक आ जाओ और मेरे कंधे पर सर रख कर सो जाओ” --- मदन ने कहा
“तुम्हारे नज़दीक ?”
“हां.. आओ ना तुम्हारी ठंड भी कम हो जाएगी, और मैं तुम्हे संभाल कर भी रखूँगा, वरना नींद में गिरने का ख़तरा रहेगा, और नीचे गिरे तो खेल ख्तम”
“चुप रहो तुम, ये मज़ाक का वक्त नही है ?”
“तुम्हे ये मज़ाक लग रहा है, पर मैं सच कह रहा हूँ, जितनी जल्दी यहा के ख़तरो को समझ लो अछा है, ताकि तुम होशियार रहो”
“मुझे सब पता है यहा के बारे में”
“ये अछी बात है, यहा के ख़तरो का पता रहना चाहिए….. आओ शो जाओ”
“तुम कोई शरारत तो नही करोगे ?”
“कैसी शरारत वर्षा?”
“जैसी खेत में की थी ?”
“क्या किया था खेत में वर्षा ?”
“भूल गये, कैसे छू रहे थे तुम मुझे वाहा, जब मैं तुम्हारे गले लगी थी”
“याद है- याद है…मैं वो कैसे भूल सकता हूँ..हहे” – मदन ने हंसते हुवे कहा
“तो तुम नाटक कर रहे थे ?”
“हाँ तुम्हारे मूह से सुन-ना चाहता था सब कुछ”
“अब सुन लिया ना ?”
“हाँ सुन लिया. पर एक बात है… तुम्हारे जैसी सुन्दर प्रेमिका के गले लग के मैं बहक ना जाउ तो क्या करूँ”
“फिर मैं तुम्हारे पास नही आउन्गि, तुम फिर से बहक गये तो ?”
“नही बाबा आओ ना, सो जाओ, मेरे पास बहकने का वक्त नही है अभी.. मुझे चारो तरफ नज़र रखनी होगी”
“मुझे तुम पे विस्वास नही है” – वर्षा ने धीरे से मुस्कुराते हुवे कहा
“आओ ना और शो जाओ, तुम्हारी थकान दूर हो जाएगी” --- मदन ने वर्षा का हाथ पकड़ कर कहा
वर्षा मदन के नज़दीक जाती है और उसके कंधे पर सर रख कर बैठ जाती है
“कभी सोचा भी नही था कि पेड़ पर रात बीतानी पड़ेगी” – वर्षा ने कहा
“जींदगी में हर चीज़ के लिए तैयार रहना चाहिए वर्षा, जींदगी कदम-कदम पर इम्त-हान लेती है” – मदन ने कहा
“अरे ऐसी बात तो हमेशा प्रेम कहता था” --- वर्षा ने कहा
“हाँ ये उशी की कही बात है, पता नही कहा होगा वो अब, 3 साल से उसका कुछ नही पता”
“वो हर दिन सुबह मंदिर के बाहर चिड़ियों को दाना डालता था, मैं रोज उसे देखती थी, पर कभी ज़्यादा बात नही हुई” --- वर्षा ने कहा
“साधना तो उसकी दीवानी है, उसकी देखा, देखी वो भी चिड़ियों को दाना पानी डालने लगी थी. आज तक उसकी ये दिनचर्या जारी है” – मदन ने कहा
“वैसे वो कहा …”
वर्षा ने कहा ही था कि मदन ने उसके मूह पर हाथ रख दिया
वर्षा समझ गयी की उसे चुप रहना है, इसलिए उसने अपनी साँस रोक ली और कोई हरकत नही की
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