RE: Hindi Porn Kahani सियासत और साजिश
राज हवेली वापिस आ गया…..पर उसका दिल अभी अमन के घर पर ही था.. राज के दिलो दिमाग़ पर सुमन ने कब्जा कर लिया था….जब से राज ने सुमन को देखा था, तब से लेकर अब तक वो बस सुमन के बारे मे ही सोच रहा था, और दिल मे ये दुआ कर रहा था, कि सुमन उसकी इस हवेली के मलिका बन कर आ जाए…..
राज अभी हाल मे बैठा यही सोच रहा था, कि रोमा उसके लिए कोल्ड ड्रिंक ले आई… पर राज अपने ही ख़यालों मे खोया हुआ था….ये देख कर रोमा ने ग्लास को टेबल पर रखते हुए, राज से पूछा….
रोमा: बाबू जी किन ख़यालों मे खोए हुए हो……
राज : (रोमा की आवाज़ सुन कर चोन्कते हुए) क्या हूँ….कुछ नही……
राज ने रोमा की तरफ देखा….रोमा ने आज पिंक कलर की साड़ी पहनी हुई थी… और पिंक कलर के ब्लाउस के नीचे उसकी ब्लॅक ब्रा के स्ट्रॅप्स सॉफ नज़र आ रहे थी… आज राज ने रोमा को पहली बार ऐसे रंग की साड़ी मे देखा था…. उसने होंठो पर लाइट पिंक कलर की लिपस्टिक लगाई हुई थी…..
राज जानता था कि, ये सब रोमा ने उसके लिए ही किया है….पर राज का ध्यान सुमन पर था….वो ग्लास उठा कर कोल्ड्ड्रिंक पीने लगा…जब रोमा ने देखा कि, राज ने उसकी तरफ ध्यान से देखा भी नही तो, वो खिसिया कर अंदर चली गयी…
ये देख कर राज के होंठो पर मुस्कान फैल गयी….उसने देखा कि हरिया किचिन मे कुछ काम कर रहा था……वो उठ कर अपने रूम मे जाने लगा….रोमा बाहर हाल मे झाड़ू लगा रही थी, जब राज रोमा के पास से गुज़रा तो, उसने रोमा का हाथ पकड़ लिया, और एक ही झटके मे उसे खैंच कर अपने रूम मे ले गया….
रोमा एक दम से डर गयी…..उसे ये डर था, कि हरिया कुछ देख ना ले….रोमा ने अपना हाथ राज से छुड़ा लिया, और बाहर की तरफ जाने लगी….पर राज ने उसे पीछे से अपनी बाहों मे भर लिया, और उसकी दोनो रसीले आमो को अपने हाथ मे लेकर मसलने लगा….रोमा एक दम से मचल उठी…….
रोमा: उफफफफफफ्फ़ आ बाबू जी छोड़ो मुझ क्या कर रहे हो…..हरिया काका अंदर आ गये तो….छोड़ो मुझ…..
राज : अच्छा तुम्हे हरिया की फिकर है….मे अभी उसका कुछ इंतज़ाम करता हूँ….
ये कह कर राज अपने रूम के डोर पर आ गया, और उसने हरिया को आवाज़ लगाई… जैसे ही हरिया उसके रूम के डोर के पास आया….रोमा डोर के पीछे की ओर हो गये.
राज : हरिया आप क्या कर रहे है….
हरिया: बाबू जी बर्तन सॉफ कर रहा था….
राज : अभी कल तक तो आप की तबीयत ठीक नही थी, और फिर से काम पर लग गये. जाओ जाकर आराम कर लो….
हरिया: बाबू जी अब ठीक हूँ….मे कर लूँगा….
राज : मैने कहा ना…आप जाकर आराम कर लीजिए….
हरिया: जैसे आप कहें बाबू जी…..
ये कह कर हरिया वापिस हवेली के पीछे बने अपने रूम मे चला गया…. राज ने हरिया के जाते ही डोर बंद कर दिया…और रोमा को अपनी बाहों मे भर लिया…
रोमा: (नखरे करते हुए) छोड़िए बाबू जी….मैं कब से आपके लिए तैयार होकर बैठी हूँ…और आप है कि आप ने मेरी तरफ एक बार देखा भी नही….
राज : अर्रे मेरी रानी….वो मैं थोड़ा परेशान था, वरना तेरे जैसे फूल का रस पीने का किसका दिल नही करेगा….
राज के हाथ रोमा की पीठ से होते हुए, उसके चुतड़ों पर आ चुके थे, और वो धीरे-2 रोमा के चुतड़ों को मसलने लगा….
रोमा: आह बाबू जी क्या कर रहे है….आप तो अभी से शुरू हो गये….दिन मे ही…रात तो होने दो…..
राज : अब रात तक का इंतजार नही होता…..जल्दी से अपने साड़ी निकाल….मेरा लंड तेरी चूत मे जाने के लिए तड़प रहा है…..
रोमा: (मस्त होते हुए) ओह्ह्ह बाबू जी मेरी चूत भी आपके लंड को याद करके पानी छोड़ रही है….पर अभी नही मेरे कपड़े खराब हो गये, तो हरिया काका को शक हो जाएगा…आपकी रोमा आपकी दासी है….रात को जितना चाहे अपना लंड डाल कर मुझ चोद लेना.
राज : पर अभी का क्या….मैं रात तक नही रुक सकता….
राज ने रोमा को अपनी बाहों से अलग कर दिया….और अपनी पेंट और अंडरवेर को एक साथ उतार कर घुटनो से नीचे कर दिया….राज का मोटा और 8 इंच लंबा लंड हवा मे झटके खाने लगा….जिसे देख कर रोमा की चूत के छेद मे कुलबुलाहट होने लगी…रोमा ने आगे बढ़ कर राज के लंड को अपनी मुट्ठी मे भींच लिया…..
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