RE: hindi sex kahaniya ज़िद (जो चाहा वो पाया)
नेहा ने अपनी गान्ड को बेड के किनारे से आगे की तरफ धकेलते हुए कहा….मेरी दोनो उंगलियाँ उसकी चूत से निकल रहे पानी से पूरी तरह भर चुकी थी…..”अह्ह्ह्ह अहह ओह तुषार….सक मी सक माइ पुसी तुषार यीस्स्स्स सक मी…….” नेहा ने अपनी चूत के फांको को पूरी तरह से फैलाते हुए मुझे अपनी चूत का क्लिट दिखाते हुए कहा…..”सक इट डियर……सक इट…….”
मैने अपनी जीभ बाहर निकाली और उसके क्लिट पर रगड़ना शुरू कर दिया…..कुछ पल तो थोड़ा अजीब सा लगा….पर चूत और सेक्स के नशे ने सब कुछ भुला दिया था…..अब मे अपनी जीभ से पूरी रफतार से उसके क्लिट को रगड़ रहा था….
नेहा का बदन मस्ती मे थरथराने लगा था…..उसने एक दम से मेरे सर को पकड़ कर पीछे किया…और फिर खुद सीधी होकर बेड पर बैठते हुए मुझे मेरे शर्ट से पकड़ कर बेड पर गिरा लिया…..और अगले ही पल उसने मेरे पेंट को खोलना शुरू कर दिया…..”तुषार जल्दी से शर्ट उतारो….”
मैने अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू कर दिए……उसने जल्दी से मेरे बेल्ट को खोला और फिर पेंट को खोल कर जाँघो से सरकाते हुए बाहर निकाल दिया….अब मेरे बदन पर सिर्फ़ अंडरवेर ही बचा था….
मैने शर्ट भी उतार कर फेंक दी थी….नेहा ने मेरी चेस्ट पर हाथ रखते हुए मुझे लेटा दिया…और खुद मेरे ऊपर झुकते हुए मेरे होंठो पर अपने होंठो को रख दिया….मेरे होंठो पर उसकी चूत से निकाला हुआ कामरस लगा हुआ था…..जिससे वो मदहोश होकर पागलो की तरह चाट रही थी…..हम दोनो वाइल्ड्ली एक दूसरे को किस कर रहे थे…..उसका हाथ मेरी चेस्ट से रेंगता हुआ नीचे पेट और फिर मेरे अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड पर आ चुका था….जैसे ही उसका हाथ मेरे लंड पर लगा तो वो एक दम से उठ कर बैठ गयी….और अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड का जायज़ा लेने लगी…..
उसकी आँखो मे अजीब सी चमक थी……”तुषार ये तो बहुत बड़ा लग रहा है……” उसने अंडरवेर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाते हुए कहा….
.”दोस्तो यहाँ सच लिख रहा हूँ इसलिए गप्प नही हाकुँगा. कि मेरा लंड 9 इंच लंबा है या 10 इंच…..तो दोस्तो मेरा लंड साढ़े 7 इंच लंबा है….और मोटाई 4 इंच के करीब है……उसने मेरे अंडरवेर को नीचे सरका दिया…..जैसे ही मेरा लंड बाहर आया तो उसने झटका खाते हुए सीधा छत की ओर सलामी दी…..अगले ही पल उसने मेरे अंडरवेर को उतार कर फेंक दिया….और मेरे लंड को पकड़ कर अगले ही पल झुक कर मुँह मे भर लिया…..अब सिसकने के बारी मेरी थी…..आज से पहले तो किसी लड़की या औरत ने मेरे लंड को छुआ तक नही था….
पर आज तो ये सीधा नेहा जैसी मेच्यूर और सेक्सी औरत के मुँह मे था….नेहा मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी…..जैसे उसने जिंदगी मे पहली बार किसी के लंड को देखा हो….उसके होंठो का दबाव मेरे लंड पर गजब ढा रहा था…….वो मेरे आधे से ज़्यादा लंड को मुँह मे अंदर बाहर करते हुए चूस रही थी…..और अपने एक हाथ से उसे हिला भी रही थी…..अभी उसने 2-3 मिनिट ही मेरे लंड को चूसा था…कि मुझे लगा कि अब मे और ज़्यादा देर नही टिक पाउन्गा….
मे: ओह्ह्ह मॅम बस मेरा निकलने वाला है…..
मैने नेहा के सर को पकड़ कर हटाने की कॉसिश करते हुए कहा….पर उसने मेरे हाथों को झटक दिया….और फिर और ज़यादा तेज़ी से लंड को मुँह के अंदर बाहर करते हुए चूसने लगी…..”अह्ह्ह ओह्ह प्लीज़ मॅम मेरा ओह्ह अहह…….” मेरे लंड की नसें अब पूरी तरह फूल चुकी थी….अब वो पल दूर नही था….जब मेरे लंड उबलता हुआ वीर्य बाहर फॅट पड़ता….और जैसे नेहा को भी अंदाज़ा हो गया था कि, अब मे झड़ने वाला हूँ….उसने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाल दिया….और पूरी रफतार से मेरे लंड को हिलाते हुए मूठ मारने लगी…..और अगले ही पल मेरे लंड से वीर्य के लंबी-2 पिचकारियाँ छूटने लगी….कुछ वीर्य मेरे पेट पर गिरा और कुछ उसके हाथों पर…मेरा लंड बॉल्स और उसके हाथ दोनो मेरे वीर्य से सन चुके थे…..
मे बुरी तरह से कांप रहा था….”मूठ मारने के आदत नही थी……इसलिए शायद मे उस दिन 1 साल बाद झडा था….मे तेज़ी से साँसे लेते हुए नेहा की तरफ देख रहा था….मुझे समझ नही आ रहा था कि ये सब उसने क्यों किया….फिर दिमाग़ मे ख़याल आया कि, कहीं वो सिर्फ़ ओरल सेक्स करके ही सॅटिस्फाइड तो नही होना चाहती थी……और या फिर वो मेरे साथ सेक्स ना करना चाहती हो……
नेहा ने मेरी तरफ मुस्कराते हुए देखा…..और उठ कर बाथरूम मे चली गयी…..मे वही लेटा हुआ उसके आने का इंतजार करने लगा…थोड़ी देर बाद मुझे नेहा ने बाथरूम से आवाज़ दी…..मे उठ कर जैसे ही बाथरूम मे गया तो एक पल के लिए फिर चोंक गया…..नेहा के बदन पर एक भी कपड़ा नही था…उसने अपनी नाइटी और पैंटी दोनो उतार दी थी….जैसे ही मे बाथरूम मे घुसा तो नेहा मेरी तरफ देख कर मुस्कराते हुए बोली….”चलो इसे वॉश कर लो……” टॅप पहले से ही चल रही थी… मैने अपने लंड को पानी के नीचे किया….और उसे सॉफ करने लगा….और फिर अपने बॉल्स और पेट को भी अच्छे से धोया,…….
सोचा चलो भाई खेल ख़तम हो गया…..शायद यही तक मज़ा था मेरी जिंदगी मे…..
पर ये क्या…..अगले ही पल उसने मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे पानी से अच्छे से धोने लगी….उसने टॅप बंद की और फिर एक टवल उठा कर मेरे लंड को पोन्छा….और फिर वही बाथरूम मे नीचे पैरों के बल बैठते हुए मेरे लंड को फिर से मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया…..ऐसा लगा जैसे लंड पर ही करेंट लग गया हो….उसने मेरे सिकुडे हुए लंड को पूरा का पूरा मुँह मे भर कर चूसना शुरू कर दिया था…और कुछ ही पलों मे मेरे लंड फिर से हार्ड होने लगा…..2-3 मिनिट मे ही मेरा लंड एक बार फिर से पूरी तरह हार्ड हो चुका था…..उसने मेरे लंड को मुँह से बाहर निकाला और खड़े हुए मेरे लंड को पकड़ कर बाथरूम से बाहर जाने लगी…..
मे भी उसके पीछे चलता हुआ बाहर आ गया….और अगले ही पल हम दोनो पर एक दूसरे से लिपटे हुए थे……उसका हाथ नीचे मेरे लंड को तलाश कर रहा था….और जैसे ही उसके हाथ मे मेरा लंड आया…उसने अपनी टाँगो को ऊपर उठा कर फैलाते हुए, मेरे लंड के सुपाडे को अपनी चूत के छेद पर रखते हुए धीरे से काँपती आवाज़ मे कहा….”तुषार करो भी इसको अंदर…..” मेरा फर्स्ट टाइम था….इसलिए थोड़ा सा डर भी रहा था कि, कही कोई ग़लती ना कर दूं…….
मैने अपने लंड को हल्का सा पुश किया तो अगले ही पल मुझे ऐसे लगा कि, जैसे मेरे लंड का सुपाडा किसी तंदूर के छेद पर जा भिड़ा हो….मेरे पूरे शरीर के रोएँ तक खड़े हो गये….
ऐसा ही कुछ हाल नेहा का भी था….उसकी आँखे आधी खुली हुई थी…..और उसके होंठ थरथरा रहे थे…..उसने मेरी आँखो मे झाँकते हुए कहा…..”ता तुषार सीईईईईई डालो ना इसे अंदर…..” मेने हां मे सर हिलाया और अपने लंड को और आगे की तरफ पुश किया…..”ओह्ह्ह्ह आज तो जैसे मेरे लंड पर कहर बरस रहा था……दोस्तो यहाँ मे ये नही कहूँगा कि नेहा मॅम जो कि 35 साल की थी…..उसकी चूत बहुत टाइट थी या फिर मेरा लंड मोटा था इसलिए मुस्किल से अंदर गया था…ऐसा कुछ नही था….नेहा एक बच्चे की माँ थी……
और उसका बेटा नॉर्मल डिलेवारी से हुआ था…..इसलिए उसकी चूत टाइट तो बिल्कुल नही थी…..पर शायद कई दिनो से सेक्स ना करने की वजह से शायद आम औरतों के मुक़बले जिनके बच्चे होते है…..उनकी तुलना मे टाइट थी……मेरा लंड उसकी चूत से निकल रहे पानी के कारण फिसलता हुआ अंदर जा घुसा….जैसे ही मेरा लंड जड़ तक उसकी चूत मे घुसा तो मैने नेहा की तरफ देखा…उसके होंठो पर संतुष्टि भरी मुस्कान फैली हुई थी…..जैसे उसने वो चीज़ पा ली हो……जिसके लिए वो बरसो से तरस रही थी….उसके दोनो हाथ मेरे चुतड़ों पर थे……और वो अपने दोनो हाथों से मेरे चुतड़ों को नीचे की ओर दबाए हुए थी…….उसने अपनी टाँगो को घुटनो से मोड़ रखा था…..उसके दोनो पैर नीचे बिस्तर को भी छू रहे थे…..और उसने अपनी गान्ड को पैरो पर वजन डाल कर ऊपर की तरफ उठा रखा था….
नेहा: सीईईईईईई तुषार……..कुछ देर ऐसे ही रहो…….उम्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह……
उसने सिसकते हुए कहा……और फिर कुछ पलों बाद अपनी मस्ती की खुमारी से भरी हुई आँखो को खोल कर मेरी तरफ देखा….मे उसके फेस के हर एक एक्सप्रेशन को नोट कर रहा था…..उसके होंठ धीरे-2से खुले तो उसके दोनो होंठो के बीच एक पतली से लार खिंच गयी…और जैसे ही उसने अपने होंठो को और खोला तो वो लार टूट गयी…….”तुषार……..अब धीरे-2 अंदर बाहर करो……” उसने मेरे चुतड़ों से अपने हाथों को सरकाते हुए मेरी पीठ पर फेरते हुए कहा…….”ज़्यादा तेज ना करना…..हम दोनो को एक साथ मंज़िल पर पहुँचना है…..कहीं मुझे पीछे ना छोड़ देना…..”
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