RE: hindi sex kahaniya ज़िद (जो चाहा वो पाया)
अनु का बदन एक बार कुछ पलों के लिए ऐसे कांपा मानो जैसे उसके बदन में करेंट का झटका लग गया हो….उसकी चूत ने अंदर-2 ही मेरे लंड को निचोड़ना शुरू कर दिया….मेने भी पूरे जोश में आते हुए ऐसे-2 शॉट मारे कि अनु मेरे बदन से काँपते हुए लिपट गयी…और अनु की चूत के पानी से मेरे लंड के अंदर से निकल रही बौछारो का मिलन शुरू हो गया…..
में अनु के ऊपर से उठा और अपना लंड बाहर निकाल कर देखा तो, उस पर अनु की चूत की सील टूटने से निकला खून और हम दोनो का कामरस लगा हुआ था…इससे पहले कि अनु की नज़र उस पर पड़ती, मैने उसे लेटे रहने को कहा, और अपनी पेंट की पॉकेट से अपना रुमाल निकाल कर अपने लंड और उसकी चूत को अच्छे से सॉफ किया. और फिर से रुमाल को पेंट की पॉकेट में डाल लिया….में अनु के बगल में लेट गया… शाम के 4 बज चुके थे…..दिल तो कर रहा था कि, एक बार फिर से अनु को चोदु… पर कुछ सोच कर मैने ऐसा नही किया….
में चारपाई से नीचे उतरा और अपने कपड़े पहनने लगा….अनु मेरी तरफ हैरानी भरी नज़रों से देख रही थी….शायद वो भी फिर से चुदने को बेकरार थी. होती भी क्यों ना…आज उसे पहले बार चुदाई का सुख जो मिला था…दोस्तो आप तो जानते ही हो कि ये लत कैसी है…अगर किसी कुँवारी कमसिन लड़की की अच्छे तरह से ठुकाई कर दो….और वो पहली ही चुदाइ में झड भी जाए तो, उसके अंदर की आग किस तरह भड़क जाती है…वो उस चरम सुख को बार-2 पाना चाहती है…. यही हाल अनु का भी हो रहा था…उसका बस नही चल रहा था…..नही तो वो मुझे खुद चारपाई पर पटक कर मेरे लंड पर सवार हो जाती….
पर मे यही तो चाहता था कि, अनु की चूत की आग और भड़क उठे….वो बेमन से उठी और अपने कपड़े पहनने लगी….फिर कपड़े पहन कर वो बाथरूम में चली गयी….जब आई तो उसके हाथ और फेस गीला था…शायद मुँह धो कर आई थी… उसने सर झुका कर मुस्कराते हुए मुझसे चाइ के लिए पूछा….तो में मना कर दिया. फिर में जब ऊपर जाने लगा तो, वो भी सीडीयों तक ऊपर आई…..ऊपर सीडीयों के डोर के पास जाकर मैने अनु को बाहों में भर कर उसके होंठो को चूसना शुरू कर दिया…वो तो शायद इस पल का इंतजार कर रही थी,…..वो बिना विरोध के मेरी बाहों में समा गयी….
मैने कुछ देर उसके रसीले होंठो को चूसा और फिर अपने होंठो को उसके होंठो से अलग करते हुए कहा….” आज रात को तैयार रहना…..” तो वो मेरी बात सुन कर थोड़ा सा घबराई और मेरी तरफ देखते हुए बोली….”रात को…?”
मे: हां क्यों क्या हुआ….?
अनु: वो मम्मी……
मे: तो क्या हुआ….जब वो चुदवाती है तो तुम भी तो होती हो…..
अनु: पर में कैसे….
मे: और अगर तुम्हारी मम्मी खुद कहे तो…
अनु: नही मुझसे नही होगा…..आप प्लीज़ मम्मी को कुछ मत कहना…
मे: तुम घबराव नही….वो तुम्हे कुछ नही कह सकती…तुम तैयार रहना…
उसके बाद में अपने घर की छत पर आ गया…..शाम 6 बजे वीना ऊपर छत पर आई तो, मैने उसे सारी बात बताई….उसकी आँखो में अजीब सी चमक थी…जब मैने रात के बारे में उसे बताया तो, वो थोड़ी आना कानी करने के बाद मान गयी…….मेरे तो पाँव ज़मीन पर ही नही लग रहे थे….खैर जैसे तैसे रात हुई, और वीना ऊपर आई…..मुझे ये बताने के लिए उसका पति जॉब पर चला गया है…तो मे उसके साथ उसके घर नीचे आ गया….खाना खाया और फिर जब मे हाथ धोने के लिए बाहर बाथरूम में आया तो, वीना भी मेरे पीछे आ गयी…
और मग में पानी लेकर मेरे हाथ धुल्वाने लगी….उसने एक बार बाहर की तरफ झाँका और फिर धीरे से फुसफुसा कर बोली….”तुषार अगर उसने मना कर दिया तो,” में उसकी बात सुन कर मुस्कराने लगा….”नही करेगी…..”
वीना: तुषार मुझे यकीन नही है…तुम ऐसा करो….तुम उसे अभी पीछे स्टोर रूम में लेजाओ…और शुरू हो जाओ…में बाद में बर्तन सॉफ करके आती हूँ. ऐसे तो वो मेरे सामने कभी नही मानेगी….
मे: ठीक है…अगर तुम्हे ऐसा ही अच्छा लगता है तो यही सही….
मेने हाथ धोए और रूम में पहुँचा…अनु वहाँ चारपाई पर लेटी हुई टीवी देख रही थी….उसने मुझे देख कर शरमाते हुए मुझसे नज़रें चुरा ली….मे उसकी तरफ देखता हुआ स्टोर रूम में चला गया….और फिर बाहर आकर अनु को कहा… “अनु वो अंदर पानी नही है…एक जग में पानी डाल कर ले आओ….” वो मेरे बात सुन कर उठ कर बाहर चली गयी….मे स्टोर रूम में अंदर आकर नीचे बिछे बिस्तर पर बैठ गया….
दोस्तो आख़िर वीना क्यों चाहती थी कि, में उसके सामने ही उसकी बेटी अनु को चोदु ये सब मुझे बहुत बाद में पता चला…दरअसल उस दिन से कुछ दिन पहले अनु और वीना के बीच किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गयी थी….और अनु ने अपनी माँ वीना को धमकी दी थी कि, वो मेरे और उसके बारे में सब अपने पापा को बता देगी…उसी दिन से वीना ने ये सोच लिया था कि, अगर उसे घर में ही मज़ा लेना है. और मुझसे अपने संबंध कायम रखने है तो, उसे अनु को बीच में लाना ही होगा….यही कारण था कि, वीना ये सब कर गुजरने के लिए तैयार हो गयी थी… ये सारी बातें मुझे वीना ने बाद में बताई थी….
तो मे वहाँ बैठा अनु के अंदर आने का इंतजार कर रहा था…थोड़ी देर बाद अनु एक हाथ मे पानी का जग और एक ग्लास लेकर अंदर आई, और एक साइड में पड़े संदूक के ऊपर रख कर जैसे ही वापिस जाने लगी…तो मैने उठ कर उसका हाथ पकड़ लिया…और उसे अपनी तरफ खींचते हुए अपनी बाहों में भर लिया…. अनु मेरी बाहों में आते ही कसमसा उठी…..और काँपती हुई आवाज़ में फुस्फुसाइ “माँ मम्मी आ जाएगी छोड़िए ना….”
अनु की सखत चुचियाँ मेरी चेस्ट में धँसी हुई थी…जिसे महसूस करके मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे कुलाँचे मारने लगा था. “नही आएगी…मैने उसे समझा दिया है….” मैने उसकी कमर को अपने हाथो से सहलाते हुए कहा….
तो अनु मेरी तरफ हैरानी भरी नज़रों से देखने लगी….मैने अपने हाथो को उसकी कमर से सरकाते हुए उसके चुतड़ों की तरफ लेजाना शुरू कर दिया…और जैसे ही मेरे हाथ उसके चुतड़ों पर पहुँचे तो, मैने उसके मांसल चुतड़ों को अपनी हथेलयों में भर कर दबोचते हुए मसलना शुरू कर दिया…..मेरे ऐसा करने से अनु का पूरा बदन बुरी तरह से कांप गया…उसकी आँखे मदहोशी में बंद होने लगी थी…पर शायद वो वीना की वजह से डर रही थी….मैने उसकी पीठ को पीछे दीवार के साथ लगा दिया…और फिर उसके दोनो हाथो को पकड़ कर उसके सर के ऊपर लेजाते हुए दीवार से सटा दिया….और फिर अगले ही पल मैने उसके रसीले गुलाबी होंठो को अपने होंठो में लेकर चूसना शुरू कर दिया….
मे कभी उसके नीचे वाले होंठ को चूस्ता तो कभी उसके ऊपर वाले होंठ को….मेरा लंड मेरे शॉर्ट मे तना हुआ उसकी जाँघो के बीच रगड़ खा रहा था….और में अपनी कमर को हिलाते हुए, उसकी सलवार के ऊपर से उसकी चूत पर अपने लंड को रगड़ने की कॉसिश कर रहा था….और बीच-2 में जब लंड उसकी सलवार के ऊपर से चूत पर रगड़ ख़ाता तो, वो एक दम से कांप जाती….और उसकी कमर आगे की तरफ ऐसे झटका खाती…..जैसे वो खड़े-2 ही खुद मेरे लंड को अपनी चूत में लिए हुए अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही हो…..
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