RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
रानी - यह कब ले आया तू?? तेरे पास तो पहले से ही लैपटॉप है फिर इसकी क्या जरुरत थी?
भानु - मैंने बताया था न की घर के सब सीसी टीवी कैमरा की फीड मैंने अपने सिस्टम से जोड़ ली है तो उसके लिए लैपटॉप से काम नहीं चलता. इसलिए यह ले आया....अब देखना घर की जितनी भी नौकरानियां हैं न उन सब को मैं यहाँ से बैठे बैठे देखूंगा...
रानी - हाँ पहले देखेगा फिर मौका निकाल के उनकी लेगा और फिर मुझसे कहेगा की यह पेट से है वो पेट से हैं...मैं तो नहीं हेल्प करने वाली तेरी.
भानु - अरे नहीं.मैं कल सोच रहा था की इनके साथ सेक्स नहीं करूँगा. इन्हें तो बस तब तक के लिए रखूँगा जब तक मुझे यहाँ कोई सेटिंग नहीं मिल जाती. बस देख के आँख सकूंगा...
रानी - इतनी अकल अगर पढाई में लगायी होती तो अच्छी नौकरी मिल जाती तुझे.
भानु - नौकरी की क्या जरुरत है? मैं तो यहीं कोई बिज़नस करूँगा और अपने ऑफिस में एक से एक टंच माल को नौकरी दूंगा. उन्हें महीने की सैलरी दूंगा और उसके बदले में उनकी सेवा लूँगा.
रानी - देखना एक दिन तू इतनी जल्दी बुद्धा हो जायेगा की कुछ कर नहीं पायेगा. खुद को इतना खर्च मत कर की बाद के लिए कुछ बचे ही न....
भानु - ऐसा कुछ नहीं होने वाला. मैं तो मरते दम तक जवान रहूँगा..
रानी - हाँ हाँ तू तो सुपरमैन है. चल अब जरा अपना सिस्टम तो दिखा..
भानु - नहीं अभी नहीं...अभी मैं पूरा डाटा लोड कर रहा हूँ...करीब तीन महीने पुरानी तक की फीड्स हैं..वो सब इसमें आ जाएँगी. बहुत डाटा है. शायद आज का पूरा दिन तो इसी में लग जायेगा....तू क्या कर रही है आज?
रानी - कुछ नहीं. अभी तो नहाने जा रही हूँ. फिर आज माँ पापा के साथ कहीं घुमने जाने का प्लान बनूंगी....
भानु - ठीक है. मैं तब तक अपना यह काम निपटा लेता हूँ...
रानी वहां से बाहर आ गयी...वो बड़ी खुश थी की भानु ने उससे कल रात की मूवी के बारे में नहीं पुचा था....और उसका कारण यह था की अभी तो भानु को वो सीसी टीवी के सिवा कुछ दिख नहीं रहा था......शायद यह दोनों ही नहीं जानते थे की अनजाने में इनके हाथ में क्या चीज लग गयी थी और उसके कारण यह दोनों आगे किस किस बात से सामना करने वाले थे इसका भी इन्हें कोई अंदाजा नहीं था....उदर काकी सोम और नीलू तीनो ही यह सोच रहे थे की वो हर बात में बहुत सावधान हो गए हैं लेकिन उन्हें यह जरा भी याद नहीं रह गया था की घर में कमरों के अन्दर छोड़कर बाकी हर जगह पर सीसी टीवी कैमरा लगे हुए हैं.....सब अपनी तरफ से नार्मल लाइफ जी रहे थे लेकिन इनकी यह नार्मल लाइफ इन्हें किस तरह एब्नार्मल टाइम दिखाने वाली थी इसका उन्हें कोई अंदाजा नहीं था.....
सोम घर वापस आ गया था.....काकी उसी का वेट कर रही थी...उसे आते देख काकी ने अख़बार को एक किनारे रख दिया और उसे अपने पास बैठने को कहा...सोम सामने रखी कुर्सी पर आ के बैठ गया...काकी की नजर में हजारों सवाल एक साथ आ गए.....
सोम- मुझे पता था तुम यहीं बाहर मिलोगी सुधा.
काकी - तू मुझे जब नाम ले के बुलाता है तो कितना प्यारा लगता है. कितने दिनों बाद मुझे नाम ले के पुकारा है तूने.
सोम - हाँ जब नीलु नहीं होती तभी तो तुझे नाम ले के बुला सकता हूँ न सुधा....उस पगली को कितना बुरा लगता है जब उसके सामने तुझे नाम ले के बुलाता हूँ...
काकी - इसमें उसका क्या दोष रे....उसकी जगह मैं होती तो मुझे भी नहीं अच्चा लगता....और फिर मैं तुझसे उम्र में भी तो बड़ी हूँ न...
सोम - उम्र का इसमें क्या काम है? तू मेरी पहली पत्नी है...नीलू तो मेरी दूसरी पत्नी है.....
काकी - नीलू तेरी दूसरी नहीं तीसरी पत्नी है. अपनी दूसरी पत्नी को तो तू भूल ही गया.
सोम - उस छिनाल कुतिया को मैं याद भी नहीं करना चाहता. मेरे लिए तो सबसे पहले मेरी सुधा थी और फिर नीलू थी..बीच में कोई नहीं .
काकी - हाँ हाँ पता है मुझे...एक तरफ मैं एक तरफ नीलू और बीच में तू......
सोम - चल न अन्दर एक राउंड हो जाये. कितने दिनों बाद आज नीलू नहीं है तो हमें अकेले में मौका मिला है.
काकी - और बच्चों का क्या??? वो तो हैं न घर में.....चल तो यह बात छोड़....सब कुछ सही हुआ तो ऐसे हजार मौके हमें मिलेंगे आगे...पहले यह बता की इंदु से क्या बात हुई...
सोम - वही बात हुई जिसका तुझे अंदेशा था..उसने हमें फंसा लिया अपनी बातों में...हमने लाख कोशिश की लेकिन निकल नहीं पाए उसके जाल से. वो बहुत हरामिन है.
काकी - मुझे पता था यही होने वाला है.वो बहुत बड़ी रंडी है और उसने तुम दोनों को उलझा लिया होगा. क्या बोली वो?
सोम - कहने लगी की ऐसे हिम्मत मत हारो. जवानी बीत जाएगी तो फिर किसे चोदोगे और पता नहीं किसी को चोदने लायक रहोगे भी या नहीं तो अभी से हार मत मानो. कुछ न कुछ रास्ता खोजो.
काकी - और तुम लोग उसकी बातों में आ गए?
सोम - क्या करूँ सुधा,...मुझे तो कुछ समझ नहीं आया..मेरे लिए तो यह ख्याल ही सबसे भारी है की चुदाई बंद करनी पड़ेगी.
काकी - अरे पागल तुझे हम दोनों से पेट नहीं भरता क्या? हमने कब तुझे प्यासा रखा है? और जितने चूत तू चोद चुका है एक जनम में उतनी तो कोई बीस जनम में नहीं चोद पता. फिर भी तेरी भूख कम नहीं हुई.
सोम - जनता हूँ सुधा. मुझे हवस के हाथों मजबूर नहीं होना चाहिए था. लेकिन क्या करूँ..बस नहीं चलता...
काकी - तो अब क्या सोचा है?
सोम - इंदु ने कहा है की वो बात कर लेगी सबसे की अगली पार्टी दस दिन बाद होगी. हमारे पास दस दिन हैं कुछ मेनेज करने के लिए.
काकी - दस दिन में क्या होगा? और बात एक पार्टी की नहीं है.....अब बच्चे हमेशा हमारे साथ रहेंगे. आज एक पार्टी कर ली हमने तो आगे भी सब हमें ही करना पड़ेगा. कब तक इसी चक्कर में पड़े रहेंगे?
सोम - मेरी और नीलू की भी यही बात हुई थी...लेकिन फिर भी हम इंदु को मना नहीं पाए...खैर..अब इस पार्टी से तो निपट ही लेते हैं...बाद में देखेंगे की आगे क्या करना है..बच्चे कहाँ हैं?
काकी - अपने अपने कमरे में हैं....आज रानी तुम लोगों के बिज़नस के बारे में पूछ रही थी. मुझे कुछ समझ नहीं आया की उसे क्या बताऊँ....ऐसे तो उन दोनों को शक पड़ने लगेगा ....
सोम - मैं आज उसे कुछ समझा दूंगा...तू चिंता मत कर...अब चल न अन्दर...
काकी - नहीं. तू बहुत कमजोर हो गया है. जरा जरा सी बात में तेरी लार टपकने लगती है. मैंने तुझे इतना कुछ सिखाया इतना कुछ दिया लेकिन तू है की कमजोर बन जाता है. उस बहेनचोद इंदु को वहीँ दो थप्पड़ रसीद करता तो उसकी अकाल ठिकाने आ जाती...याद रख औरत जब तक मर्द के नीचे रहती है तब तक ही काबू में रहती है.....और जो औरत रोज रात को अपना मर्द बदलती हो उसकी न दोस्ती अच्छी न दुश्मनी....तुम लोगों को इस इंदु का कुछ करना पड़ेगा...
सोम - हाँ....तुम ही देखो इसे. मैं तो इससे हार गया...अब जैसा तुम कहोगी वैसा ही होगा......अब जाने दो यह सब और कुछ खाने को दो बहुत भूख लगी है...
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