RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
रानी - काकी यहाँ कुछ करने को ही नहीं है.मैं तो घर में रह रह के बोर हो गयी.
काकी - तो किसने तुझे मना किया है. घर में इतनी गाड़ियाँ हैं. तू कहीं भी चली जाया कर.
रानी - मैं अकेले कहाँ जाउंगी. मैं तो यहाँ का कुछ जानती ही नहीं.
काकी - तो मुझसे पूछ लिया कर न. बता क्या देखना है तुझे मैं बता देती हूँ तो ड्राईवर को साथ ले जाना.
रानी - नहीं. अभी तो कहीं नहीं जाना. मैं तो बस ऐसे ही कह रही थी. अच्चा काकी तुम क्या करती हो दिन भर घर में.
काकी - मैं क्या करुँगी रे....दिन भर घर का ही इतना काम रहता है. वही सब देखना होता है. उसी में दिन निकल जाता है.
रानी - माँ भी तो घर का ही काम देखती होंगी...इतना क्या काम होता है की तुम दोनों का टाइम उसी में निकला जाता है ?
काकी- तेरी माँ को तो घर के काम में जरा भी मन नहीं लगता. वो कुछ नहीं करती. सब मुझे ही देखना होता है.
रानी - यह तो गलत बात है. इस उम्र में भी तुमको इतना काम करना पड़ता है.
काकी- अरे नहीं. मैं ही उसे मना करती हूँ.यह कोई उसकी उम्र है घर का काम करने की. मैं हूँ न घर का काम देखने के लिए...
रानी - तो और क्या करने की उम्र है माँ की? वो भी तो लगभग ५० की हो गयी होंगी न? इस उम्र में और क्या कर सकता है कोई?
काकी - क्यों नहीं? उसके इतने सरे दोस्त हैं.इतनी सारी सहेलियां हैं. उन सब के साथ आउटिंग पर जाना. पार्टी में जाना. पार्टी करना. शौपिंग करना. यही सब उसके मन का काम है. वो इसी में बिजी रहती है.
रानी - तो तुम भी जाया करो न उनके साथ.
काकी - अच्चा?? मुझे कौन अपने साथ ले के जायेगा. मैं तो बुधिया लगती हूँ..
रानी - नहीं काकी. तुम्हें और माँ को कोई साथ देखे तो यही कहेगा की दोनों सगी बहने हैं. तुम दोनों को देखने में उम्र का ज्यादा फर्क नहीं मालूम पड़ता.
काकी - तू तो बड़ा अच्चा झूट बोल लेती है.
रानी - नहीं काकी. सच में. उस दिन मैं और भानु सोच ही रहे थे की तुम दोनों ने अपना फिगर कितना अच्चा मेन्टेन किया हुआ है.
काकी - चुप कर बदमाश. हमारा फिगर मत देखा कर. तेरी उम्र लड़कों को देखने की है.औरतों को देखने की नहीं.
रानी - हा हा हा हा हा...हाँ हाँ काकी मैं लड़कियों को नहीं देखती. तुम चिंता मत करो.
काकी - अरे तुम इस जमाने के लड़के लड़कियों का कुछ भरोसा नहीं है. तुम लोग तो कुछ भी कर सकते हो. चिंता तो हो ही जाती है.
रानी - अच्चा काकी यह बताओ माँ इतनी पार्टी करती हैं लेकिन हमने तो कभी उन्हें घर में पार्टी करते नहीं देखा...अभी क्या वो लोग पार्टी करने ही गए हैं..
काकी - नहीं. इनकी एक दोस्त है इंदु. उसके यहाँ गए हैं. कुछ बिज़नस की डील करनी है उससे आज.
रानी - मैं तो यह भी नहीं जानती की हमारा घर का बिज़नस क्या है..लेकिन जिस तरह का अपना घर है और जिस तरह से साज सज्जा होती है उससे तो यही लगता है की पापा बहुत बड़े बिज़नस में हैं.
काकी - यह तो तू उसी से पूछना. मुझे भी नहीं पता की सोम क्या बिज़नस करता है..मुझे कहाँ यह सब समझ में आएगा.
रानी - मैं तो पापा से ही पूछ लेती लेकिन उनके पास भी कहाँ टाइम है हमारे लिए...देखो न हमें आये इतने दिन हो गए लकिन वो हमारे साथ कभी ठीक से बैठे भी नहीं.
काकी - ठीक है. मैं आज ही सोम की खबर लेती हूँ.भला बिज़नस भी कभी बच्चों से बड़ा होता है क्या..मैं सोम को कहूँगी की वो टाइम निकल के घर पर ज्यादा रहा करे...
रानी - अच्चा काकी मैं नहाने जाती हूँ...फिर दोपहर के खाने के लिए निचे आउंगी..
काकी - तुम लोग उपर करते क्या रहते हो दिन दिन भर?
रानी - कुछ नहीं काकी बस इन्टरनेट पर कुछ करते रहते हैं. उसी में टाइम पास होता है......
रानी उपर आ गयी...काकी वहीँ बाहर लॉन में बैठी अख़बार पढ़ रही थी लेकिन उसका मन तो इसमें लगा हुआ था की इंदु के यहाँ क्या हुआ है.....उसे सोम के लौटने का वेट था...रानी उपर आई तो उसे भानु की आवाज सुनाई दी..वो उसे अपने कमरे में आने को कह रहा था..रानी एक पल को ठिठक सी गयी...उसे याद आ गया की कल रात को वो भानु का लैपटॉप ले के आई थी और अब भानु जरुर उसके मजे लेगा की कोई पोर्न पसंद आई की नहीं.....वैसे मन तो उसका भी था सेक्स की बात करने का लेकिन वो हमेशा से ही भानु को सेक्स के बारे में ऐसे ज्ञान देती आई थी जैसे वो खुद कितनी बड़ी मस्त है...और ऐसे में अगर वो भी भानु के सामने अपनी चुदास की बात करेगी तो इससे उसकी पूरी इमेज धुल जाएगी....लेकिन फिर भी भानु बुला रहा था तो उसे तो जाना ही था.....वो भानु के कमरे में पहुची तो अन्दर भानु अपने नए सिस्टम पर कुछ काम कर रहा था....
रानी - यह कब ले आया तू?? तेरे पास तो पहले से ही लैपटॉप है फिर इसकी क्या जरुरत थी?
भानु - मैंने बताया था न की घर के सब सीसी टीवी कैमरा की फीड मैंने अपने सिस्टम से जोड़ ली है तो उसके लिए लैपटॉप से काम नहीं चलता. इसलिए यह ले आया....अब देखना घर की जितनी भी नौकरानियां हैं न उन सब को मैं यहाँ से बैठे बैठे देखूंगा...
रानी - हाँ पहले देखेगा फिर मौका निकाल के उनकी लेगा और फिर मुझसे कहेगा की यह पेट से है वो पेट से हैं...मैं तो नहीं हेल्प करने वाली तेरी.
भानु - अरे नहीं.मैं कल सोच रहा था की इनके साथ सेक्स नहीं करूँगा. इन्हें तो बस तब तक के लिए रखूँगा जब तक मुझे यहाँ कोई सेटिंग नहीं मिल जाती. बस देख के आँख सकूंगा...
रानी - इतनी अकल अगर पढाई में लगायी होती तो अच्छी नौकरी मिल जाती तुझे.
भानु - नौकरी की क्या जरुरत है? मैं तो यहीं कोई बिज़नस करूँगा और अपने ऑफिस में एक से एक टंच माल को नौकरी दूंगा. उन्हें महीने की सैलरी दूंगा और उसके बदले में उनकी सेवा लूँगा.
रानी - देखना एक दिन तू इतनी जल्दी बुद्धा हो जायेगा की कुछ कर नहीं पायेगा. खुद को इतना खर्च मत कर की बाद के लिए कुछ बचे ही न....
भानु - ऐसा कुछ नहीं होने वाला. मैं तो मरते दम तक जवान रहूँगा..
रानी - हाँ हाँ तू तो सुपरमैन है. चल अब जरा अपना सिस्टम तो दिखा..
भानु - नहीं अभी नहीं...अभी मैं पूरा डाटा लोड कर रहा हूँ...करीब तीन महीने पुरानी तक की फीड्स हैं..वो सब इसमें आ जाएँगी. बहुत डाटा है. शायद आज का पूरा दिन तो इसी में लग जायेगा....तू क्या कर रही है आज?
रानी - कुछ नहीं. अभी तो नहाने जा रही हूँ. फिर आज माँ पापा के साथ कहीं घुमने जाने का प्लान बनूंगी....
भानु - ठीक है. मैं तब तक अपना यह काम निपटा लेता हूँ...
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