RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
नीलू - कह रही थी की मैं कैसे अपने सामने ही अपने पति को किसी और को चोदते हुए देख लेती हूँ और शामिल भी हो जाती हूँ...
सोम -अरे वाह??? छिनाल खुद भी तो कितनी बार चुदी है हमारे साथ..तब तो उसे यह ख्याल नहीं आया...अब यह सवाल कर रही है...
नीलू - तुम तो जानते ही हो इंदु की आदत...वो तो इतनी बड़ी रंडी है की पहले अपने बाप को अपनी चूत दिखा दिखा के उससे चुदवा लेगी और फिर पूछेगी की मुझे चोद के कैसा लगा मुझे क्यों चोदा क्या मुझे हमेशा से चोदना चाहते थे....वो पूरी बात अपने बाप पर डाल देगी जैसे सारी गलती उसके बाप की हो...
सोम - ये बाप कहाँ से बीच में आ गया? क्या बोल रही हो तुम?
नीलू - अरे ये इंदु ने आज दिमाग में एक अजीब सी बात डाल दी है...वही सोच रही थी...तुमने नोटिस किया है की वो आजकल तुम्हें भाईसाब कहती है और भाई शब्द पर बड़ा जोर देती है.
सोम - हाँ. पहले तो हमेशा मुझे नाम से ही बुलाती थी लेकिन इन दिनों तो बस हमेशा भाईसाब ही कहती हैं......
नीलू - आज मैंने भी उसे पूछ लिया की यह क्या चक्कर है तो कुतिया की औलाद रंडी साली कहती है की तुम्हें भाई सोच के चुदाने में उसे बड़ा मजा आता है...
सोम - ओ तेरी....
नीलू - हाँ वही तो...वो तो तुम्हें भाई मान के तुमसे मजे कर रही है...
सोम - मुझे नहीं बनना किसी का भाई शाई...समझा देना उसे ये मुझे बिलकुल पसंद नहीं है.
नीलू - हाँ जैसे मैं कुछ कहूँगी और वो मान लेगी......मुझे तो चिंता हो रही है की वो काकी के बारे में अपनी नाक कुछ ज्यादा ही घुसेड़ रही है...कहीं कुछ गड़बड़ न हो जाये...
सोम - क्या गड़बड़ होगी? किसे पता है हमारे बारे में? हमें तो इस शहर में हमसे पहले कोई जनता भी नहीं था. लोग तो वही मानेंगे जो उनसे हम कहेंगे..
नीलू - नहीं सोम. लोग बहुत मादरचोद होते हैं इस बारे में......और फिर सच कितने दिन तक छुपा रहेगा...काकी है तो तुम्हारी काकी ही न...
सोम - सिर्फ मेरी काकी है? तुम्हारी कुछ नहीं है?
नीलू - सोम नाराज क्यों होते हो? क्या मैंने कभी काकी की कम इज्जत की है? कभी काकी से कम प्यार किया है? तुम तो ऐसे कह रहे हो जैसे मैं काकी से कितना जलती हूँ....
सोम - नहीं ऐसी बात नहीं है...लेकिन फिर ये भी तो देखो की तुम मुझे काकी को सुधा नहीं कहने देती...
नीलू - वो तो बस ऐसे ही सोम...मुझे लगता है की थोड़ी बंदिश डाल देने से उस बंदिश को तोड़कर चोदा चादी करने का मजा बढ़ जाता है...सिर्फ इसीलिए वरना मुझे कोई दिक्कत नहीं है...मैं जानती हूँ की जैसे मैं तुम्हारी बीवी हूँ वैसे ही काकी को भी तुम अपनी बीवी ही मानते हो और उतना ही प्यार करते हो....भूल गए हमारी तो सुहागरात में भी काकी हमारे साथ थी....मैंने तो काकी को हमेशा ही हमारे बीच कोई बाधा नहीं माना है..मैं तो खुद उनकी बहुत शुक्रगुजार हूँ...
सोम - हाँ नीलू....मैं जनता हूँ.....
नीलू - देखो न इस सुअरिया के कारण हमारे बीच भी कैसी बहस होने लगी..हमने तो कभी काकी से खुल्ली चुदाई करने में कभी ऐसी बहस नहीं की...लेकिन इसने हमारे बीच भी ये दरार डालने की कोशिश की...
सोम - हाँ....सही कह रही हो..इस इंदु का कुछ करना पड़ेगा.....
नीलू - हाँ कुछ तो सोचना ही पड़ेगा इसका नहीं तो हमें बर्बाद कर देगी.....अच्चा अब चलो खाना खा लेते हैं बच्चे भी लंच का वेट कर रहे होंगे.....
वो दोनों अपने कमरे से निकल कर खाने की टेबल पर आ गए...वहां पहले से ही काकी और दोनों बच्चे मौजूद थे..उनके बीच कुछ बात चल रही थी...
काकी - लो अभी हम तुम दोनों को आवाज देने ही वाले थे....चलो अब खाना खा लो बहुत देर हो गयी....
नीलू - रानी और भानु तुम लोग अकेले अपने अपने कमरे में बोर नहीं होते क्या कभी? कहीं बहार ही नहीं जाते तुम लोग?
भानु - हम लोग तो बहुत बोर हो चुके हैं. इसलिए हमने प्लान बनाया है की इस वीकेंड पर हम काकी को ले के फार्म हाउस जाने वाले हैं...दो दिन वहीँ रहेंगे.....ठीक है न???? हम लोग जा सकते हैं न??
साथ चुदाई करने वालों की सोच भी एक जैसी हो जाती है...जैसे ही भानु ने अपनी बात कही इन तीनो के दिमाग में एक ही चीज कौंधी.....जब ये लोग फार्म हाउस में रहेंगे तब घर में पार्टी की जा सकती है. बहुत अच्चा मौका अपने आप ही उनके सामने आ गया था...इतनी बड़ी मुसीबत का हल अपने आप ही मिल गया था इन्हें.....उन लोगों ने जरा भी देर नहीं की हाँ कहने में.....फिर सभी लोग खाना खाने लगे और इस बीच उन सबमे बातें होती रही.....खाने के बाद सोम और नीलू जानते थे की अब उन्हें काकी के साथ बैठकर वीकेंड की प्लानिंग करनी है और इस मौके का फायदा उठा कर इस पार्टी से मुक्ति पानी है..बाकी की पार्टीज कब कैसे करनी है यह बाद में सोच लेंगे...अभी तो जो एक बाधा थी उसे ही दूर किया जाए.....और उधर भानु और रानी खाना ख़त्म करते ही भानु के रूम में जाकर फाइल्स देखने वाले थे की क्या क्या मिलता है देखने को..............
भानु और रानी खाना खाने के बाद अपने अपने कमरे में आ गए...दोनों ही इस बात का वेट कर रहे थे की कुछ देर में वो दोनों डाउनलोड हुई फाइल्स देखेंगे....दोपहर जब कुछ और बीत गयी और दोनों ने सोचा की बाकि सभी लोग अपने कमरे में या तो आराम कर रहे होंगे या सो रहे होंगे तो भानु ने रानी को उसके मोबाइल पर रिंग कर दी.रानी ने कॉल देखि तो तुरंत अपने कमरे से निकल कर भानु के कमरे में आ गयी....आते समय उसने देख लिया था की बाकी के सभी कमरों के दरवाजे बंद थे मतलब उन्हें डिस्टर्ब करने वाला कोई नहीं था...कमरे में आ के...
रानी - हो गया सब डाउनलोड?
भानु - काफी कुछ हो गया है. मैंने सोचा की इसे बाद में सेट करता रहूँगा. अभी तो जैसा भी मिक्स अप है उसी में देख लेते हैं की है क्या क्या इसमें...
रानी - ओके. अच्चा ये सिस्टम क्या है सी सी टीवी का ?
भानु - मैंने अपने एक दोस्त को कॉल कर के इस कंपनी के सिस्टम के बारे में पुचा था..उसने मुझे बताया की ये तो बहुत महंगा सिस्टम है. इसमें घर में चलने वाले सभी वाई फाई अपने आप कैच हो जाते हैं और सारा डाटा अपने आप ही बेक अप होता रहता है.और सी सी टीवी कैमरा भी सब चलते रहते हैं. जानती है ये सब कैमरा बहुत ही अच्छी क्वालिटी के हैं. बहुत महंगा सिस्टम लगा है हमारे घर में.
रानी - हमारे घर में तो हर चीज महंगी ही है. तूने देखा नहीं हम सब के लिए अलग अलग कार हैं. इतना बड़ा घर है. लगता है की पापा बहुत बड़े बिजनेसमैन हैं...
भानु -- हाँ. अच्चा देख मुझे अभी सब कुछ तो समझ में नहीं आया है लेकिन जो थोडा बहुत समझ पाया हूँ वो ये है की ये कैमरा विडियो भी रिकॉर्ड करता है और थोड़े थोड़े टाइम पर अपने आप पिक्स भी लेता रहता है. तो दो तरह की फाइल्स हैं. एक तो पिक्स हैं और दूसरी विडियो फाइल्स हैं. विडियो फाइल्स अभी डाउनलोड हो रही है और काफी साडी पिक फाइल्स डाउनलोड हो गयी हैं...अभी पिक्स ही देख लेते हैं.
रानी - किसकी पिक्स हैं?
भानु - मुझे क्या पता....असल में जैसे अपने लोग कंप्यूटर की स्क्रीन का स्क्रीनशॉट लेते हैं न वैसे ही ये सिस्टम भी जो कुछ भी रिकॉर्ड करता है उसके स्क्रीनशॉट भी लेता रहता है अपने आप....लगातार नहीं लेता है. थोड़े गैप के बाद लेता रहता है. मतलब अगर आप के पास पूरा विडियो देखने का टाइम न हो तो अप पिक्स देख के जान सकते हो की क्या क्या हुआ है.
रानी - ओके. मुझे कुछ समझ में तो आ नहीं रहा है. ये सब थ्योरी जाने दे न. तू तो पिक्स खोल. देखें किसकी पिक्स दिखाती हैं....
भानु - ओके....मैं रेंडम चला देता हूँ. जो भी पिक्स डाउनलोड हो गयी हैं पूरी वो एक एक कर के अपने आप खुलती जाएँगी....
रानी - हाँ. ये ठीक रहेगा. वरना तू भी कब तक एक एक पिक पर क्लिक करता रहेगा.....
रानी ने एक कुर्सी सिस्टम के पास खीच ली...भानु अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ था...सामने २९ इंच का बड़ा सा मॉनिटर था जिस पर ये सब चल रहा था....दोनों को अन्दर ही अन्दर बहुत मजा आ रहा था और रोमांच भी हो रहा था की वो लोग अपने ही घर की जासूसी कर रहे हैं....भानु ने पिक शो शुरू केर दिया और पहली पिक आई....
भानु - ये कौन हैं???
रानी - ठीक से तो पता नहीं लेकिन शायद ये मंजरी आंटी हैं.मम्मी की सहेली हैं.
भानु - तो ये हमारे यहाँ क्या कर रही हैं?
रानी - मुझे क्या पता??? मुझसे क्यों पुच रहा है?
भानु -अरे पुच नहीं रहा..बस ऐसे ही...सुन्दर हैं न.
रानी - हाँ सुंदर तो हैं. देखने में सिन्धी दिख रही हैं
भानु - कैसे पता?
रानी - ऐसे ही गेस किया. सिन्धी औरतें ऐसी ही गोरी और भरी भरी होती है न.
भानु - हाँ मॉडर्न भी हैं. ड्रेस कितने लो नैक की पहनी हुई है.
रानी - इन लोगों के सभी दोस्त मॉडर्न ही हैं.
भानु - तुझे कैसे पता?
रानी - मम्मी से जब बात होती थी तो कभी कभी बताया करती थी की उनके सब सहेलियां बहुत मॉडर्न हैं. और शहर छोटा होने के बाद भी सब लोग बहुत फैशन करते हैं.
भानु - हाँ फैशन तो दिख ही रहा है इनका....बड़ा बड़ा गोल गोल ....
रानी - देख तुझे अगर इस तरह की बात करनी है तो फिर मुझे नहीं देखना.
भानु - अब मैंने क्या कह दिया????
रानी - अच्छा??? बड़ा बड़ा गोल गोल क्या दिख रहा है तुझे मैं जानती हूँ.
भानु - हाँ तो गलत थोड़ी न कह रहा हूँ.
रानी - सही भी कह रहा है तो मेरे सामने मत कह. और अगर ऐसे ही कमेंट्स करने हैं सब के बारे में तो मुझे नहीं देखना मैं जा रही हूँ.
भानु - अरे यार नाराज क्यों हो रही है? इतना तो हम बात कर ही सकते हैं. और फिर अगर ऐसी बात ही नहीं करेंगे तो फिर देखने में मजा क्या आएगा...मत नाराज हो न प्लीज.....
( रानी खुद नाराज नहीं थी. वो तो बस भानु को झटका दे रही थी ताकि भानु उसके कण्ट्रोल में रहे....वो भानु की बात मान गयी और वो आगे की पिक्स देखने लगे.....उसके बाद बहुत सारी पिक्स घर के बहार की थी कुछ घर के अन्दर की भी थी लेकिन उसमे कोई था नहीं..बस खली कमरे की पिक्स थीं...ये देख के रानी बोली...
रानी - ये क्या पिक्स हैं? इसमें तो कोई है ही नहीं तो फिर ये पिक्स क्यों खिची हैं?
भानु - अरे सिस्टम ने ऐसी ही पिक्स खिचि है. सिस्टम को कोई ऑपरेट थोड़ी न कर रहा है. उसका कैमरा तो एक टाइम पैर सेट है उस टाइम पैर वो पिक खीच देता है. वो कोई ये देख के थोड़ी न खिचता है की किसकी पिक्स खीचनी है.....
रानी - ओह्ह हाँ...मुझे लगा की कोई पिक्स खीच रहा होगा तो कैसा चुटिया होगा जो खाली कमरों की पिक्स खीच रहा है....
( अगले लगभग दस मिनट तक ऐसी ही खाली कमरों की बाहर की पिक्स आती रही....अब दोनों लोग बोर होने लगे थे..अभी तक सिर्फ पहली पिक में ही कुछ देखने को मिला था और उसके बाद की सब पिक्स एकदम बेकार थी...दोनों के मन में ये ख्याल आया की ये तो बड़ा ही बोरिंग काम है..और ठीक उसी समय सिस्टम ने उनकी बात सुन ली जैसे..और ये पिक सामने आई...)
भानु - ओ तेरी...ये कौन माल है???
रानी - इसे तो मैं भी नहीं जानती....मंजरी आंटी को तो कभी कभी मम्मी की पिक्स में देखा था इसलिए पहचान गयी लेकिन इसे तो मैं भी नहीं जानती की ये कौन है....
भानु - सिगरेट कैसे पि रही है वो तो देख....कितना सारा धुंआ है चरों तरफ...
रानी - हाँ.
भानु - ये तो घर के अन्दर की पिक है....मम्मी पापा सिगरेट पीते हैं क्या?
रानी - पता नहीं. देखा तो नहीं कभी. पीते होंगे. और फिर पार्टी में तो सिगरेट चलती ही होगी...
भानु - हाँ....
रानी - मुझे पता है तेरे दिमाग में क्या चल रहा है..बोल दे बोल दे..
भानु - क्या??? नहीं कुछ नहीं चल रहा. मैं तो बस पिक देख रहा था. सिगरेट पिने की इच्छा कर गयी मेरी भी.
रानी - चल झूठा. तू सिगरेट नहीं कुछ और देख रहा था.
भानु - अच्छा?? बता दे क्या देख रहा था??
रानी - बड़े बड़े गोल गोल...हा हा हा हा हा..
भानु - हा हा हा हा हा मैं तो वही देख रहा था लेकिन तू क्यों देख रही है बड़े बड़े गोल गोल....तुझे कब से इसमें इंटरेस्ट आने लगा..??
रानी - हा हा हा हा....मैं तो ऐसे ही देख रही थी बस...
भानु -,अच्छा जरा ज़ूम कर के देख तो....इसने सिर्फ वो छोटी सी ब्लाउज ही पहनी हुई है बस.
रानी - उसे ब्लाउज नहीं कहते.
भानु - तो????
रानी - इसे कौर्सेट कहते हैं. ये बहुत ही मॉडर्न चीज होती है. एकदम शरीर से कासी हुई रहती है.
भानु - हाँ कसी हुई तो सच में बहुत है. लग रहा है की फट ही जाएगी...लेकिन यार रानी देख न..सिर्फ एक कौर्सेट और उसके नीचे कुछ भी नहीं. ये तो लो नैक भी है और इसमें से पेट भी दिख रहा है...
रानी - ये ऐसी ही होती है.
भानु - तो उसे बाहर पहन के जाते हैं ऐसे ही???
रानी - नहीं. वैसे तो इसके उपर कुछ और पहना जाता है. ये तो अन्दर रहती है.लेकिन इसने सिर्फ यही पहन रखी है.
भानु -एक बात बता....तुझे नहीं लगता की ये जरुरत से ज्यादा ही मॉडर्न है?
रानी - तुझे तो इसी उम्र की पसंद हैं. फिर क्यों ऐसा कह रहा है?
भानु - नहीं. मेरे कहने का मतलब की किसी के घर में पार्टी में जाओ तो क्या इस तरह के कपडे के पहन के जाता है कोई?
रानी - नहीं. ये नार्मल ड्रेसिंग तो नहीं है. सही कह रहा है. हो सकता है की ये हमारे घर की रेगुलर मेहमान हो कोई इसलिए इस तरह की ड्रेस में है...
भानु - हाँ हो सकता है....यार हमारे घर में तो बहुत मस्त पार्टी होती है...
रानी - हा हा हा हा....हाँ ...
( दोनों को अब पिक्स देख देख के उसके बारे में बात करने में मजा आने लगा था....और फिर सिस्टम पर अगली पिक आई...)
ये पिक देख के दोनों के मुंह से आह सी निकल गयी...
भानु - मुझे तो कुछ कहना ही नहीं है इस पिक के बारे में..
रानी - नहीं नहीं. बोल न...
भानु - यार रानी ये तो कुछ ज्यादा ही मॉडर्न है. इसकी ड्रेस तो देख यार...
रानी - ड्रेस हो तो देखूं न...ड्रेस के नाम पर छोटा सा कुछ पहन लिया है. ड्रेस तो कहीं दिख नहीं रही और जो नहीं दिखना चाहिए वो सब दिख रहा है....
(भानु ने नोटिस किया की अब रानी की जुबान भी खुलती जा रही है )
भानु - क्या क्या दिख रहा है तुझे?
रानी - क्यों तू अंधा है क्या? तुझे नहीं दिख रहा है क्या?
भानु - आरे यार..हमेशा तुझे मिर्ची ही लगी रहती है. बता न ठीक से की क्या दिख रहा है तुझे...
रानी - इसकी ड्रेस बहुत छोटी है. और ऐसे बैठी है की पुरे लेग्स दिख रहे हैं.
भानु - लेग्स नहीं..जांघें. जांघें बोल न. जांघे सुनने में ज्यादा डर्टी लगता है न.
रानी - ( बनावती गुस्सा करते हुए ) मैंने कहा था न की इस तरह की बात नहीं करनी है. करनी है तो तू खुद ही देख ले अकेले अकेले.
भानु - ( सहम के ) ओके सॉरी.
रानी - हा हा हा हा दब्बू कहीं का. मैं तो मजाक कर रही थी..हाँ उसकी जांघें पूरी खुली हुयी हैं. सामने अगर कोई बैठा होगा तो उसे अन्दर का भी सब दिख गया होगा.
भानु - हाँ. जांघें सुनने में ही कितना सेक्सी लगता है. लेग्स सुनने में तो कुछ नहीं लगता.
रानी - तू बहुत बड़ा ठरकी है.
भानु - तू भी तो है...
रानी - हाँ हूँ. अच्छा देख ये बिस्टर पर बैठी हुई है. मतलब की ये घर के किसी कमरे के अन्दर थी. पार्टी तो बाहर हॉल में होती होगी न. तो अन्दर कमरे में कैसे आ गयी?
भानु- बाहर की पार्टी में गरम हो गयी होगी तो अन्दर आ गयी होगी ठंडी होने के लिए...हा हा हा हा हा..
रानी - हमारे घर की पार्टी में लोग गरम हो के ठन्डे होने आते हैं?
भानु - अगर ठन्डे नहीं होते होंगे तो इतना गरम होने के बाद अपने घर की तरफ जरुर भागते होंगे...हा हा हा हा ...
रानी - हाँ यार...लगता है हमारे शहर की पार्टी से अच्छी पार्टी तो हमारे घर में होती है.....
दोनों कुछ देर तक और इसी तरह की खूब सर्री पिक्स देखते रहे और उनके बारे में कमेंट्स करते रहे....दोनों अन्दर ही अन्दर बहुत गरम हो रहे थे....और उनकी बातें भी धीरे धीरे ओपन होती जा रही थीं...रानी और भानु दोनों ही अब जांघे चूची गांड जैसे शब्द बोल रहे थे वो पिक्स देख देख के....दोनों को इस बात का जरा सा भी ख्याल नहीं रह गया था की वो अपने घर के अन्दर ली गयी पिक्स देख रहे हैं....और जैसे इन पिक्स में अभी दुसरे लोग हैं वैसे ही उनके पेरेंट्स की भी पिक हो सकती हैं....दोनों अपनी मस्ती में एकदम चूर थे और फिर अचानक ये पिक सामने आई....
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