RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
नीलू - तारीफ कर रही हो या गाली दे रही हो..
काकी - तू तो कुत्ताचोदी है. ये तेरी तारीफ है. मैं तो सोम की तारीफ कर रही थी मादरचोद कह के...
सोम - तुम दोनों की तारीफ करने के लिए मेरे पास मेरा लंड है. वही करेगा तुम्हारी तारीफ..
नीलू - अभी नहीं. अभी के लिए इतनी तारीफ काफी है...
काकी - हाँ हाँ. अब बस. अब काम पर लग जाओ नहीं तो देर हो जाएगी...
सोम - अरी यार पड़े रहो न ऐसे ही थोड़ी देर..कितने दिनों बाद तो मौका मिला है..थोडा चुदाई के बाद बातों से भी तो एक दुसरे को चोद लें...
नीलू - बिलकुल नहीं...अब अगर जरा सी भी बात की तो मैं फिर से रेडी हो जाउंगी चुदने को.
काकी - हाँ मैं भी आर ये सोम का लंड तो एक बार पानी निकाल के भी बैठा नहीं है..
सोम - इसीलिए तो कह रही हूँ की बैठा दे इस. ले ले मुंह में...ले ले मेरी जान तुझे सौ गधों से चुदने का सुख मिले...
काकी - ऐसा दुआ मत दे रे...अब इस भोसड़े में इतनी ताकत नहीं बची..
नीलू - बस करो बहनचोदों....चुदाई नहीं करनी है अब अगर और तो फिर ये बात न करो नहीं तो मैं चौराहें पर नंगी बैठ जाउंगी और किसी से भी चुदवा लूंगी...
तीनो बड़े कड़े मन से खुद को समझा रहे थे की अब बस..एक राउंड बहुत है. ज्यादा नहीं करना है. लिमिट में रहना है..लेकिन कहना आसन होता है और करना मुश्किल होता है....इस बार भी पहल काकी ने की और वो उठ के कुर्सी पर बैठ गयी...अब नीलू और सोम के पास भी और कोई चारा नहीं बचा था....सोम बिस्तर पर ही टिक के बैठ गया और नीलू भी वहीँ कोहनी के बल टिक के बैठ गयी...काकी ने अपनी नोटबुक निकाल ली....
काकी - हाँ तो कल के लिए क्या सामान लाना है...
नीलू - हाँ यही बात करो तो ज्यादा ठीक है. नहीं तो मेरी चूत अभी भी फड़क रही है.
काकी - अब अगर किसी ने चूत लंड चुदाई की बात की तो कल उसकी पार्टी बंद कर दी जाएगी.
सोम - हाँ अब ठीक है. अब कोई नहीं कहेगा कुछ. वरना ये नीलू तो चुप ही नहीं होती.
काकी - चलो अब बताओ...
सोम - देखो कल टोटल 6 लोग हैं. और टोटल पैसा मिला है पांच लाख.
काकी - किसने कम दिया है इस बार?
सोम - सीमा के पास कुछ कैश कम था. उसने कहा की वो बाद में दे देगी.
नीलू - देखो तो इनको सेक्स भी उधार का करना होता है.
काकी - हा हा हा हा...चलो कोई बात नहीं. हमारा तो इतने में भी काम चल जायेगा.
नीलू - लेकिन पिचली बार जैसा इस बार नहीं करना. पिछले बार तो उलटे हमारे जेब से लग गए थे.
सोम - वो तो मिसिस वर्मा को पुलिस से बचाने में लग गए थे. वो अपनी कार में जा रही थी और उसने सिर्फ जीन्स पहनी हुई थी. उपर कुछ भी नहीं पहना था. तो यहीं अगले चौराहे पर ही ट्रैफिक वाले ने रोक लिया. वो तो अच्चा हुआ की वो हमें जनता है और उससे पहले से ही सेटिंग है हमारी. लेकिन फिर भी उसने पैसे ज्यादा ले लिए थे.
नीलू - मिसिस वर्मा इस बार भी आ रही है क्या? वो बहुत पीती है और फिर उसे कुछ याद नहीं रहता. लिस्ट में देखो उसका नाम है क्या?
काकी - नहीं वो नहीं है इस बार. चलो अच्छा है हमारे पैसे बचे नहीं तो इस बार तो वो पुलिस वाला पहले उसे चोद लेता और फिर हमें कॉल करता....
नीलू - हा हा हा हा हा अब कल काकी की पार्टी से छुट्टी.
काकी - क्यों???
नीलू - तुमने अभी अभी कहा की चोद लेता. अभी रूल बना था की चुदाई की बात नहीं करनी है.
काकी -वो तुम लोगों के लिए था. मेरे लिए नहीं. और तू ऐसी ही मस्ती करती रही तो सारा टाइम निकल जायेगा....अब सीरियस हो जा.
सोम - पिचली बार का कुछ सामान बचा है क्या?
नीलू - कुछ नहीं बचा. सब खर्च हो गया. लिखो काकी....तेल लेना है बहुत सारा. क्या पता फिर से किसी को ओईल बाथ करने का आईडिया आ जाये. तो पहले से ही स्टोर कर लेते हैं. और क्रीम भी लेनी है. क्रीम हर बार बहुत पसंद करते हैं सब....शहद लेना है. बर्फ लेनी है. पीने के लिए बहुत सारी शराब लेनी है.
सोम - और वो हार्डवेयर वाला तो सब सामान बचा है न?
काकी - हाँ वो तो है. बस वो हथकड़ी टूट गयी है और शायद चाबुक भी थोडा टूट गया है. उसे देखना पड़ेगा....वो तो घर में ही ठीक हो जायेगा. नया लेने की जरुरत नहीं है.....अच्छा अन्दर डालने के लिए सब्जी क्या क्या लानी है..
नीलू - मेरे ख्याल से ककड़ी और बैंगन ठीक रहेंगे...मूली तो इस सीजन में मिलेगी नहीं..हाँ गाजर ले सकते हैं...लेकिन गाजर भी अब उतनी बढ़िया नहीं मिलेंगी.....इस बार क्यों न हम लोग गिलकी ले के आयें....वो उपर से थोड़ी खुरदुरी होती है..तो चूत में रगड़ करती हुई जाएगी...हो सकता है किसी को पसंद आ जाये....
सोम - देखना किसी को चोट न लग जाये. ये सब दारू पि के होश ने नहीं रहेंगी और ऐसे में किसी की चूत में कास के गिलकी रगड़ देंगी तो बेकार में उसकी चूत भी छिल जाएगी अन्दर से..
काकी - वो तो मैं सम्हाल लूंगी सबको. पिचली बार तुम लोगों के कहने पर मैंने पी ली थी इसीलिए इतनी दिक्कत हुई. हर बार मैं नहीं पीती थी तो तुम सब को सम्हाल लेती थी. इस बार भी मैं नहीं पियूंगी. मेरे ख्याल से गिलकी वाला आईडिया अच्छा है. हमें लाना चाहिए.
सोम - और वो सबको अपना अपना डिलडो लाने को कह देना.
नीलू - हाँ मैं कह दूँगी.......सोम के लिए खूब सरे कंडोम लाने पड़ेंगे...नहीं तो न जाने कितने बच्चे पैदा कर देगा ये दो दिन में...
सोम - हाँ और सुनो आज रात को बैठ के इंदु का कुछ सोचना है. मैं उसके लिए कुछ स्पेशल करना चाहता हूँ. कुछ ऐसा जिसके कारण उसका हमारे सामने ऐसे तन के रहना बंद हो जाये.
काकी - हाँ मैं भी यही चाहती हूँ. इस बार तो उसको कुछ खास सजा देनी होगी.....ताकि वो आगे से अपनी औकात में रहे.
नीलू - वो सब बाद में...अभी ये बताओ बाथरूम का क्या करना है.
काकी - सब को उपर वाला बाथरूम ही देना. उसी हॉल में ही सब सोयेंगे और वहीँ बाथरूम भी इस्तेमाल करेंगे. अपने पर्सनल बाथरूम में तो बहुत गन्दगी हो जाती है वो नहीं देना उन्हें.
नीलू - क्यों न उसमे भी एक काम करें...
सोम - इसने फिर से कोई खुराफात सोची होगी..
नीलू - क्यों न इस बार ओपन एयर पार्टी करें...
काकी - मतलब???
नीलू - मतलब पार्टी तो घर के अन्दर ही लेकिन सोयंगे सरे लोग बाहर. लॉन में और बाथरूम नहीं है...वहीँ झाड़ियों के पीछे जाना होगा सबको. नहाने के लिए पानी दे देंगे बस. लेकिन जगह नहीं देंगे. खुल्ले में नहायें और खुल्ले में ही सारे काम करें.
काकी - लेकिन इससे तो हमारा ही लॉन गन्दा होगा न.
सोम - हां लेकिन मजा बहुत आएगा और फिर लॉन तो बाद में साफ़ करवा लेंगे.
नीलू - हां काकी. बहुत मजा आएगा. सोचो न सब औरतें इतनी हाई फाई वाली हैं...सब वहां खुल्ले में बैठी दिखेंगी....कितना मजा आएगा सब को देख के..हम उन सबके मजे लेंगे...
काकी - ठीक है.इस पर बाद में सोचेंगे. अगर उस समय सब ने हाँ कह दिया तो कर लेंगे...
सोम- ठीक है. अब मैं चलता हूँ. कुछ देर ऑफिस में भी काम है. वहाँ से मैं फार्म चला जाऊंगा वहां की तयारी सब देख लूँगा. और फिर ये सामान भी लेता आऊंगा. और अगर इस बीच कोई नया आईडिया आ जाये तो मुझे बता देना...
सोम वहां से बाहर आ गया...उसने अपने कमरे में जा के कपडे बदले और फिर ऑफिस के लिए निकल गया...काकी और नीलू कल के बारे में ही बातें कर रही थीं....उधेर घर के उपर वाले फ्लोर में भानु और रानी अपने अपने कमरे में थे..उनके मन में अभी तक वो पिक ही घूम रही थी...उसके बाद से दोनों ने एक दुसरे से बात तक नहीं की थी....लेकिन दोनों के मन में ख्याल उसी एक पिक का ही चल रहा था....
भानु के ख्याल...भानु के ही शब्दों में....
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