RE: Desi Sex Kahani मौका है चुदाई का
रानी - बात सही या गलत की नहीं है. देख उन्होंने हमें तो अच्छी लाइफ दी है न. अब वो अपनी लाइफ में क्या कर रहे हैं इससे हमें क्यों तकलीफ होनी चाहिए???? उन्हें हक है अपनी लाइफ जीने का...जैसे हमें हक है हमारी लाइफ जीना का...
( अबकी बार भानु ने सोचा की अब उसे भी देर नहीं करनी चाहिए और उसने अपनी तरफ से एकदम खुल कर ही बात कर दी )
भानु - हक की बात अलग है. सबको अपनी अपनी लाइफ का हक होता है लेकिन मेरा तो इस बात से ध्यान नहीं हट पा रहा है की हमारे पेरेंट्स ग्रुप में चुदाई करते हैं...
(रानी ने गौर किया की भानु ने कितने अच्छे से चुदाई शब्द बोल कर बात को एकदम ही खोल केर रख दिया है. अब अगर वो इस शब्द पर आपत्ति करेगी तो बात पीछे हट जाएगी और अगर वो इस शब्द पर आपत्ति नही करती है तो भानु के लिए रास्ता साफ़ हो जायेगा....रानी को भी इस बात से ख़ुशी ही हुई...वो भी ज्यादा समय ये फिजूल की बातों में नहीं खर्च करना चाहती थी...)
रानी - नहीं रे. तू तो ज्यादा ही सोच गया...मुझे नहीं लगता की वो लोग ग्रुप में चुदाई करते होंगे...मुझे तो लगता है की ग्रुप में बस पार्टी होती होगी और उसके बाद सब अपने अपने घर चले जाते होंगे..एक साथ नहीं करते होंगे...
(भानु बहुत खुश हुआ की रानी ने चुदाई की बात पर आपत्ति नहीं की बल्कि खुद ही उस तरह की बात करने लगी. भानु को लगा की अब उसका रास्ता साफ़ है. अब उसे और भी खुल खुल कर बात करनी चाहिए)
भानु - भगवान करे की ऐसा ही होता हो..
रानी - अब इसमें भगवन क्या करेगा....इन लोगों के उपर है की ये क्या करते हैं..हा हा हा हा ...
भानु - हाँ....मैं तो उस दिन से सोच रहा था की पता नहीं अब हम वो सब फाइल्स देखेंगे या नहीं..
रानी - सोच तो मैं भी रही थी....फिर मुझे लगा की देख लेते हैं. देखने में क्या हर्ज है...हम कौन सा उनके काम में टांग अदा रहे हैं..हम तो बस देख रहे हैं न....देख सकते हैं. मुझे तो लगता है की हमें देख लेना चाहिए. देखने में कोई बुराई नहीं है.
भानु - हाँ हाँ सही कह रही है तू. देखने में कोई हर्ज नहीं है. हमें देखना चाहिए....
रानी - लेकिन यार ये तेरा रैंडम पिक वाला सिस्टम सही नहीं है. इसका कोई आर्डर होना चाहिए.सेलेक्ट करने का आप्शन होना चाहिए. नहीं तो मजा नहीं आएगा.
भानु - मैंने खोज लिया है वो आप्शन भी. अब हम किसी एक की ही सारी पिक्स एक साथ भी देख सकते हैं. फाइल्स की कोडिंग होती है वो मेरी समझ में आ गयी है. तो अब हम जिसकी चाहें उसकी उसकी पिक ही देख सकते हैं. लेकिन ये सिर्फ पिक्स में होगा. विडियो में ऐसी कोई कोडिंग नहीं है तो विडियो तो हमें रैंडम ही देखने पड़ेंगे...
रानी - वाह...मतलब तू देखने का मन बना चुका था पहले ही और मेरे सामने नाटक कर रहा था...
भानु - नहीं. मैं तो बस ऐसे ही कोडिंग पढ़ रहा था...
रानी - हरामी है तू बहुत बड़ा...अब ये नाटक बंद कर..अच्चा ये बता की यहाँ कैसे देखेने वो सब?
भानु - मैंने अपने लैपटॉप को रिमोट एक्सेस में अपने सिस्टम से जोड़ लिया है तो हम यहाँ भी देख सकते हैं..
रानी - देखा मैंने कहा था न की तू हरामी है. सब तयारी पहले से कर रखी है लेकिन नाटक कैसा भोला बन्ने का करता है..हा हा हा ह
भानु - अरे ये सब तो तेरे डर से .....नहीं तो मैं कभी मौका जाने दूंगा क्या अपने हाथ से...अब चल अन्दर चलें....देखते हैं कुछ...
दोनों लगभग भाग के हाउस के अन्दर आ गए और भानु तुरंत अपना सिस्टम ले के बैठ गया......मन ही मन दोनों बहुत खुश थे..जिस कशमकश में दोनों थे वो तो बड़ी आसानी से हल हो गयी...दोनों का ही मन था की कुछ किया जाए और अब वो दोनों करने की तरफ बढ़ रहे थे......भानु ने अपना लैपटॉप चालू किया.....दोनों सोफे पैर बैठे हुए थे और भानु ने लैपटॉप को अपनी गोद में रखा हुआ था...स्क्रीन थोड़ी पीछे झुका दी थी जिससे दोनों को आसानी से दिख सके...उसने अपने लैपटॉप को अपने घर वाले सिस्टम से कनेक्ट किया और फिर दोनों एक पल के लिए ठिठक से गए....भानु के मन में था की सीधे नीलू की ही पिक्स देखि जाए लेकिन वो सोच रहा था की इस बात को रानी कहे....रानी के मन में भी यही बात थी..उसने भी एक पल कुछ सोचा और फिर कह ही दिया की इस बार सबसे पहले मम्मी की पिक्स देखेंगे.......भानु को तो मन की मुराद मिल गयी थी..उसने फोल्डर में जा के उसकी कोडिंग फिट की और बहुत सारी पिक्स लिस्ट के रूप में सामने आ गयी...अभी पिक्स ओपन नहीं हुई थी लेकिन इतनी सारी पिक्स की लिस्ट देख के दोनों के मन में हलचल सी हुई.....भानु बोला की ये तो बहुत सारी पिक्स हैं....रानी ने भी हाँ कहा....फिर भानु ने कहा की एक एक पिक देखनी है या पहले जैसे सब ऑटो शो में लगा दूं अपने आप कोई भी खुलती रहेगी...रानी ने पूछा की क्या सारी पिक्स एक लाइन से आएँगी.....भानु ने बताया की नहीं कोई भी पिक कहीं से भी आ जाएगी....इस पर रानी ने कहा की नहीं. ऐसे नहीं. ऐसे में तो कोई लिंक नहीं बनेगा....ज्यादा मजा आएगा अगर हम खुद ही एक एक पिक देखें...उसमे लिंक बनेगा न..भानु ने भी बात मान ली और उसने उस लिस्ट को डेट के हिसाब से सेट किया....अब वो सारी पिक्स डेट के हिसाब से एक साथ आ गयीं........अब दोनों पिक्स देखने के लिए तैयार थे.....रानी ने कहा की हाँ अब शुरू कर....और भानु ने पहली पिक पर क्लिक किया.....और फिर उसने उसी डेट की कुछ और पिक्स पर क्लिक किया और सब एक के बाद एक खुलती गयीं...
भानु - ये क्या है? ये मम्मी ने गाँव वालो जैसे कपडे क्यों पहने हुए हैं?
रानी - उन्हें पसंद हैं अलग अलग तरह के ड्रेस पहनना. तुझे नहीं मालूम की उनका कलेक्शन कितना बड़ा है. हर तरह की ड्रेस पहनने के शौक है मम्मी को. इसमें वो एकदम देसी वाली ड्रेस में हैं...
भानु - कहाँ की पिक्स हैं ये ?
रानी - मुझे क्या पता...मैं तो अंदाजा लगा रही हूँ बस...
भानु - अच्छी लग रही हैं न.....
रानी - हाँ. अच्छी भी और सेक्सी भी...
भानु - तू ही बोल सेक्सी. मैं बोलूँगा तो तुझे बुरा लगेगा.
रानी - नहीं लगेगा. खुल के बोल न यार...मुझे क्यों बुरा लगेगा? मैं ही तो कह रही हूँ पिक्स देखने को....बता कैसी लग रही हैं तुझे...
भानु -. मुझे उनका ये देसी वाला अंदाज बहुत मस्त लग रहा है...छोटा सा घाघरा है और चोली देख कितनी लो गले की है...
रानी - हाँ...और??
भानु - और क्या? इसमें उनका फिगर अच्छे से दिख रहा है....
रानी - तू नहीं मानेगा..चल मैं बोलती हूँ कैसी लग रही हैं...
भानु - हाँ तू बता...फिर अगली पिक्स में मैं बताऊंगा सब कुछ साफ़ साफ़...
रानी - ठीक है....ये दूसरी वाली पिक देख...दुसरे नंबर की....उसमे वो कैसे तन के बैठी हुई हैं.....ये हम लोगों का ख़ास पोज होता है...ऐसे बैठने पर हमारा पेट अन्दर हो जाता है और हमारा सीना बाहर आ जाता है जिससे हमारे उभार बहुत अच्छे से दीखते हैं ....तूने कई लड़कियों को स्कूटी चलाते देखा होगा...वो ऐसे ही बैठती है...पीठ एकदम टाइट कर के बैठने से सीना अपने आप खुल जाता है और फिर जिनके सीने छोटे छोटे होते हैं वो भी बड़े बड़े दिखने लगते हैं...इस पोज में उनका फेस का एक्स्प्रेसन भी बहुत हॉट है...जैसे एकदम मूड में हों और अपने साथी को न्योता दे रही हों..इशारा कर रही हों.......समझ में आया कुछ??? ऐसे बताया कर पिक्स के बारे में..
भानु - हाँ समझ में आया...लेकिन तूने फिर भी कंजूसी कर दी...
रानी - क्या कंजूसी कर दी?
भानु - सीना उभार ये सब तो बड़े ही सिम्पल शब्द हैं...तूने यहाँ कंजूसी कर दी...इनके लिए भी थोडा ओपन बोलना था न...
रानी - हाँ वो तो मैंने जानबूझ कर नहीं बोला....वो तो तेरे बोलने के शब्द हैं...तू बोल के बताना अगली पिक्स में तब मैं भी सीख जाउंगी...
भानु - चल चल..तू क्या सीखेगी....तू तो पहले से ही सब कुछ जानती है..
रानी - हाँ जानती हूँ. सब कुछ जानती हूँ...लेकिन तेरे सामने तो अपना ज्ञान सी तरह से पहली बार रख रही हूँ न...इसलिए डर्टी वाले वर्ड्स पहले तू बोलना फिर मैं भी बोलने लग जाउंगी....मैंने इतना तो बोला न...तू तो इतना बी नहीं बोलता...चल अब बता कौन सी पिक के बारे में बोलेगा तू....
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