RE: XXX Hindi Kahani मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ
मीरा की चूत में जलन होने लगी.. तब कहीं जाकर राधे ने स्पीड से लौड़े को आगे-पीछे किया और उसका पानी भी मीरा की चूत के पानी से जा मिला।
चुदाई के बाद दोनों बिस्तर पर एक-दूसरे के लिपटे पड़े बातें करते रहे।
मीरा- आह्ह.. राधे.. मज़ा आ गया.. तुम तो बहुत तगड़े हो.. झड़ते ही नहीं.. कितनी लंबी चुदाई करते हो.. आह्ह।
राधे- मेरी जान भगवान ने मुझे बस यही एक चीज़ ऐसी दी है कि कोई भी लड़की या औरत इसके आगे टिक नहीं सकती।
मीरा- राधा तुमने सारा पानी चूत में डाला है.. कहीं मैं प्रेगनेन्ट ना हो जाऊँ..! अभी मुझे पढ़ना है.. कुछ बनना है।
राधे- डरो मत.. कल गोली ला दूँगा।
मीरा- ओह मेरे जानू.. तुम कितने अच्छे हो।
मीरा खुश थी कि उसको जैसा पति चाहिए था.. मिल गया, वो राधे के सीने से चिपक गई और लौड़े को सहलाने लगी।
राधे- क्या हुआ जानेमन चूत की आग मिटी नहीं क्या.. दोबारा लौड़े को तैयार कर रही हो।
मीरा ने झट से अपना हाथ लौड़े से हटा लिया।
मीरा- अरे नहीं नहीं.. मैं तो बस ऐसे ही इसको सहला रही थी। मेरी चूत को तुमने चोद-चोद कर लाल कर दिया है.. अब और नहीं चुदना.. थोड़ा रेस्ट करने दो मुझे।
राधे- हा हा हा हा.. मैं तो मजाक कर रहा था जान.. सहला लो अब ये तुम्हारा ही तो है.. और चूत को आराम दो.. क्योंकि अब मेरा इरादा तेरी मुलायम गाण्ड मारने का है.. साली बड़ी मस्त है तेरी गाण्ड.. आज इसको भी खोल दूँगा ताकि पापा के आने के बाद ना कोई दर्द हो.. ना कोई चीख निकले।
मीरा- नहीं.. अभी नाम मत लो गाण्ड का.. चूत का ये हाल हो गया है.. कल पता नहीं.. चल भी पाऊँगी या नहीं.. गाण्ड मारोगे तो बिस्तर से उठ भी नहीं पाऊँगी।
राधे- हा हा हा.. चल मेरी जान.. आज तेरी गाण्ड बख्श दी.. मगर मैं पापा के आने से पहले इसका मुहूरत जरूर कर दूँगा।
मीरा- ओके.. ये बात पक्की रही.. आज बस चूत के मज़े लो.. गाण्ड बाद में मारना।
दोनों एक-दूसरे से बातें करते रहे और इसी दौरान राधे का लौड़ा फिर खड़ा हो गया। अब बेचारे की सुहागरात थी.. पूरा मज़ा लेने का उसका हक़ था।
उसने लिया भी.. रात भर में उसने मीरा को चोद-चोद कर अपने लौड़े की दीवानी बना लिया। पता नहीं कब दोनों चुदाई से थक कर नंगे ही सो गए।
दोस्तो, रात की लंबी चुदाई के बाद दोनों इतनी गहरी नींद में सोए कि बस क्या बताऊँ।
सुबह के 7 बजे ममता रोज की तरह अपने काम पर आ गई.. मगर आज मीरा सोई हुई थी। उसको ना देख कर ममता ने खुद से कहा कि बीबी जी रोज वक़्त पर उठ जाती हैं.. आज क्या हुआ.. उठी क्यों नहीं.. तबीयत तो ठीक है ना?
बस यही सोच कर वो कमरे के दरवाजे को ठोकने लगी।
ज़ोर-ज़ोर से दरवाजे को खटखटाते हुए ममता बोल भी रही थी- आज क्या हो गया.. उठी नहीं क्या?
जिससे मीरा की आँख खुल गई।
मीरा का पूरा बदन दर्द कर रहा था.. खास कर चूत में बहुत सूजन आ गई थी। रात को तो मारे मज़े के वो गाण्ड उछाल कर चुदवा रही थी। अब उसका दर्द से बुरा हाल हो गया था और पूरा जिस्म बुखार से तप रहा था।
मीरा- उहह राधे.. उठो उहह.. देखो बाहर शायद ममता आ गई है.. उठो.. उसने अगर देख लिया.. तो गजब हो जाएगा।
राधे अंगड़ाई लेता हुआ उठा और मीरा को देख कर मुस्कुराने लगा।
मीरा- जाओ ममता को जवाब दो.. नहीं तो वो इस तरह तो पूरे शहर को हल्ला करके बता देगी कि आज मीरा उठ नहीं रही है।
राधे- यह काम तो तुम भी कर सकती हो..
मीरा- नहीं राधे.. मुझे बहुत तेज बुखार है और पूरा बदन दुख रहा है… तुम उसको कह दो ये सब!
राधे ने मीरा की हालत समझते हुए ममता को आवाज लगा कर बोल दिया कि मीरा बीमार है आज स्कूल नहीं जाएगी।
ममता ने कई सवाल किए.. मगर राधे तो राधा था ना.. उसने सब संभाल लिया।
ममता ने कहा- नाश्ता बना रही हूँ.. नहा लो.. उसके बाद दवा दे देना.. सब ठीक हो जाएगा।
राधे- जान.. तुमको तो बहुत बुखार हो गया.. ऐसा करो नाश्ता कर लो और दवा ले लो.. ठीक हो जाओगी।
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