RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
मेने उसकी ओर देखते हुए हां मे सर हिलाया…..और उसके होंठो की तरफ अपने होंठो को बढ़ाया…. तो उसने भी साथ देते हुए, एक हाथ मेरे फेस पर रखते हुए अपनी आँखे बंद कर ली…..और अगले ही पल उसका नीचे वाला होंठ मेरे होंठो मे था…..और मेरे ऊपर वाला होंठ उसके दोनो के होंठो के बीच मे….कुछ देर हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठो को चूस्ते रहे……और मैने अपने लंड को धीरे-2 अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..धीरे-2 अब मे एक रिदम के साथ अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था…..और नेहा के होंठो को छोड़ कर उसकी चुचियों को मसलते हुए चूसने लगा था….
नेहा: ओह येस्स्स तुषार…….सक मी ओह्ह्ह्ह एससस्स एससस्स फक मी डियर…….ओह्ह्ह एसस्स फक….
एक बार फिर से नेहा के हाथ मेरी पीठ पर आ चुके थे…..और वो अपनी गान्ड को ऊपर उठा-2 कर मेरे लंड को अपनी चूत की गहराइयों मे ले रही थी…..नेहा अपने मम्मे चुस्वा कर और भी ज़्यादा मस्त हो चुकी थी……
.”ओह्ह तुषार ओह्ह एससस्स आइ आम कमिंग तुषार……ओह्ह्ह्ह एसस्स्स्स्स्स्स्स्सस्स फक…..हार्डर तेज करो…..” उसने मेरे कंधो को हिलाते हुए कहा.,…..मैने भी तेज़ी से अपने लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…..मेरा लंड अब पूरी रफ़्तार से नेहा की चूत के अंदर बाहर हो रहा था…..अभी मैने आधा मिनिट ही तेज शॉट लगाए थे कि, मुझे लगने लगा कि, मे भी किसी भी पल झड सकता हूँ…..उधर नेहा अभी भी और तेज-2 करने को कह रही थी…..
मे: म्म मॅम वो मेरा होने वाला है……..
नेहा: करते रहो तुषार रुकना नही…..ब्स्स्स मे भी ओह्ह्ह्ह एसस्स्स्स्स्स्सस्स अहह उंघह उंघह उन्घ्ह्ह्ह ओह तुषार……..
नेहा ने मेरे पीठ पर अपनी बाहों को पुर ज़ोर से कस लिया…….”अह्ह्ह्ह मॅम अह्ह्ह्ह मे भी……” और फिर मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे अंदर से मेरे लंड से मेरे जान बाहर निकल गयी हो….एक के बाद एक लंड ने वीर्य छोड़ते हुए कई झटके खाए…..”अहह” मे एक दम गुर्राते हुए उसकी चूत मे अपने टॅंक को खाली करने लगा….मे एक दम पस्त हो कर उसपर ढह गया…….मेरी साँसे बहुत तेज चल रही थी…..और नेहा मेरी पीठ पर अपने हाथों को फेरते हुए मुझे कुछ राहत देने की कॉसिश कर रही थी…….5 मिनिट बाद मे नेहा के ऊपर से उठ कर बगल मे लेट गया…….
नेहा: तुषार कैसा लगा तुम्हे……ये तुम्हारा फर्स्ट टाइम था ना…….?
मे: हां फर्स्ट टाइम किया है……बहुत मज़ा आया मॅम…….
नेहा: तुम पहली बार ही बहुत कुछ सीख गये हो……देखो तुषार…..आज तुम्हे मे अपनी लाइफ का एक्सपीरियेन्स बता रही हूँ……ध्यान से सुनना…..आगे चल कर बहुत काम आएगा……
मे: जी कहिए…..
नेहा: तुषार कभी सेक्स के लिए किसी के पीछे मत भागना…….एक दिन मे चाहो तुम जितना मर्ज़ी सेक्स कर लो……पर उस एक दिन के बाद हो सके तो 10-12 दिन का गॅप रखना…….
मे: क्यों……?
नेहा: इसके दो बेनिफिट्स है……एक तो तुम्हारे लिए सेक्स कभी बोरिंग नही होगा….और दूसरा तुम्हारी स्ट्रेंत भी बनी रहेगी……
मे: मॅम एक बात पूछूँ……
नेहा: हां बोलो…..
मे: मॅम जो न्यूली मॅरीड कपल्ज़ होते है……वो तो हर दिन सेक्स करते होंगे…तो उनकी सेक्स लाइफ बोर नही हो जाती…….
नेहा: (हंसते हुए ) नही पर हां जैसे -2 टाइम गुजरता है वो भी इसी रूटीन पर आ जाते है……
मे: फिर तो बॉस भी शादी के बाद आपके साथ खूब सेक्स करते होंगे…….
नेहा: हां करते थे……पर अब तो उनके पास मेरे लिए टाइम ही नही होता…….अच्छा तुषार जाकर शवर ले लो……अब तुम्हे थोड़ी देर मे यहाँ से निकल जाना चाहिए….टाइम बहुत हो गया है….वो सेक्यूरिटी गार्ड ना आ जाए…….
मे: ठीक है मॅम……..
उसके बाद मैने शवर लिया…….अपने कपड़े पहने और जैसे ही बाहर आया तो देखा नेहा मॅम अपनी नाइटी और गाउन पहने बेड पर बैठी थी……मे उसके पास जाकर बेड पर बैठ गया…..”ये लो तुषार……” उसने मेरे तरफ 500-2 के कुछ नोट बढ़ाते हुए कहा……”
ये ये क्या है मॅम……”
नेहा: कुछ पैसे है रख लो……
मे: पर क्यों…..नही मे नही ले सकता……
नेहा: तुषार प्लीज़ रख लो…….
मे: नही माँ आपने मुझे समझा क्या है……मे किराए का टट्टू नही हूँ…..
नेहा: तुषार जानती हूँ…..प्लीज़ इसे ग़लत मत समझो……मे प्यार से दे रही हूँ ना…..देखो तुषार तुम्हारे बॉस मुझे इन पैसो के सिवाय और कुछ नही देते…..उन्हे तो शायद पता भी नही है कि, पत्नी को पैसो के साथ-2 प्यार की ज़रूरत भी होती है…….
मे: ओह्ह अच्छा अब समझा तो आप प्यार को पैसो से खरीदना चाहती हो……..
नेहा: तुषार प्लीज़ तुम मुझे ग़लत समझ रहे हो…..आख़िर मे इतने पैसे का क्या करू…..सोचा तुम्हारे कुछ काम आ जाएँगे……प्लीज़ तुषार रख लो…..और ग़लत मत समझो….में तुम्हारी फीलिंग्स के रेस्पेक्ट करती हूँ…..ये देखो ये इतने पैसे यहाँ पता नही कब से धूल चाट रहे है…..किस काम के ये पैसे…..(नेहा ने अपनी अलमारी खोल कर मुझे दिखाते हुए कहा…..जिसमे नोटों के ढेर लगे हुए थे…… रख लो तुषार…….जो सुख तुमने मुझे दिया है……उसकी कमीत तो मे लगा ही नही सकती…..
नेहा ने मेरे हाथ मे पैसे थमाते हुए कहा,…….मैने पैसे जेब मे डाल लिए….नेहा को नाराज़ नही करना चाहता था…..खैर फिर मे वहाँ से निकल कर अपने घर पर पहुँचा…..जब घर पहुँचा तो मुझे नज़ाने क्यों बहुत डर लग रहा था…..पॉकेट मे इतने पैसे जो थे…..मे सीधा अपने रूम मे चला गया…..और पेंट से पैसे निकाल कर गिनने लगा…..30000 रुपये थे…..एक पल के लिए तो मे सोच मे पड़ गया….आख़िर ये नेहा चाहती क्या है…कहीं उसने मुझे नही यार उसकी बातों से ऐसा तो नही लगता… खैर मैने उन पैसो को अपनी अलमारी के सेफ मे रख लिया….और अगले दिन ऑफीस जाते हुए वो पैसे बॅंक मे जमा करवा दिए….घर पर ज़्यादा दिन बिना किसी की नज़रों मे आए हुए वो पैसे नही रह सकते थी…….
उस दिन ऑफीस मे काम पर मेरा दिल बिल्कुल भी नही लग रहा था…..बार -2 अपना पहला सेक्स एक्सपीरियंस याद आ रहा था……रह रह कर नेहा के बदन की याद आ रही थी….कोई सोच भी नही सकता था कि, मेरा अपने बॉस की वाइफ के साथ अफेर है….उस दिन दोपहर नेहा ऑफीस मे आई….जब कभी बॉस बाहर टूर पर होते थे तो वो ऑफीस आ जाया करती थी…..भले ही वो ऑफीस का कंपनी का कोई काम नही देखती थी……पर बॉस की जगह खाली होने पर उसकी प्रेज़ेन्स से ही बहुत फरक पड़ता था….उसने मेरे साथ भी नॉर्माली बिहेव किया…..फिर वो बॉस के कॅबिन मे चली गयी…..और शाम के 6 बजने से पहले ही वो ऑफीस से बाहर चली गयी…
हमारा ऑफ भी 6 बजे होता था…..अभी 6 बजने मे 5 मिनिट ही बचे थे….मे अपना पीसी ऑफ कर रहा था कि, मेरे मोबाइल पर नेहा का फोन आया…..पास मे कुछ और स्टाफ के लोग भी बैठे हुए थी….इसलिए मैने थोड़ा दूर जाकर बात की…..”हेलो तुषार कहाँ हो…..”
मे: जी बस निकल ही रहा हूँ……
नेहा: अच्छा सुनो थोड़ा लेट कर देना…..जब स्टाफ के लोग चले जाए…..तो सामने प्लॉट मे आ जाना…..
नेहा ने फोन काट दिया….दरअसल जो हमारी फर्म के सामने खाली प्लॉट था…..वो जगह बॉस ने कुछ साल पहले ही खरीदी थी…..जगह खाली थी……उस पर कुछ बना नही हुआ था…..इस लिए बॉस अपनी कार वही पार्क करता था….शायद नेहा ने भी अपनी कार वही पार्क कर रखी थी….मे पीसी ऑफ करके टाय्लेट मे चला गया…..कुछ देर वही रुका और जब बाहर आया तो देखा सब लोग जा चुके थे….सिर्फ़ वर्कर ही थे…..जिनकी छुट्टी 8 बजे होती थी…..
मे बाहर निकल कर कुछ देर वेट करता रहा…..जैसे ही फॅक्टरी का गेट बंद हुआ….मे सीधा उस प्लॉट की तरफ बढ़ा…..जैसे ही मे कार की तरफ बढ़ा तो एक दम से बारिश शुरू हो गयी….मे भागता हुआ कार के पास पहुँचा तो नेहा ने कार का डोर खोल दिया…..मे फ्रंट सीट पर उसके साथ बैठ गया….”किसी ने देखा तो नही…..” नेहा ने मेरे बालो मे हाथ फेरते हुए कहा……”
मे: नही मॅम किसी ने नही देखा……
नेहा: तुषार अब तो ये मॅम-2 करना बंद करो ना…….मुझे मेरे नाम से पुकारो ना…….मे तरस गयी हूँ कि कोई मुझे प्यार और हक़ से मेरे नाम से पुकारे……
नेहा ने मेरे होंठो पर किस करते हुए कहा…..
”ओके नेहा किसी ने नही देखा….” और अगले ही पल नेहा मुझसे लिपट गयी….और मेरे गालो माथे और लिप्स पर किस करने लगी…..कुछ देर बाद वो पीछे हुई तो वो मेरी तरफ देख कर हसने लगी
……”क्या हुआ हंस क्यों रही हो…..?”
नेहा: (हंसते हुए मेरे गालो और लिप्स को अपने अंगूठे से सॉफ करते हुए) कुछ नही वो लिप कलर तुम्हारे चेहरे और होंठो पर लग गया है……
मैने नेहा के सर को पकड़ कर अपनी तरफ झुकाते हुए उसके होंठो को अपने होंठो मे लेकर चूसना शुरू कर दिया….अगले ही पल नेहा अपने सीट से उठ कर मेरी गोद मे आ चुकी थी….नेहा ने अपनी साड़ी को पेटिकॉट समेत अपनी जाँघो तक चढ़ा लिया था….”तुषार जल्दी अपनी पेंट खोलो…” नेहा ने अपनी साड़ी और पेटिकॉट को ऊपर उठाते हुए कहा….मैने जल्दी से अपनी पेंट को खोला और अंडरवेर समेत अपनी पेंट को नीचे सरका दिया….लंड तो पहले से ही खड़ा था…..जैसे ही मेरा लंड बाहर आया, नेहा ने मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट कर दिया…..
“ओह्ह्ह्ह तुषार तुम घर चलो ना……एंजाय करेंगे सारी रात………” नेहा ने सिसकते हुए कहा….
.” वो मॅम घर पर जाना है….घर वाले अलाव नही करेंगे…..” अब तक मेरा लंड नेहा की चूत मे समा चुका था….और वो धीरे-2 ऊपर नीचे होने लगी थी….हम ने 10 मिनिट तक ऐसे ही सेक्स किया….और फिर मे कार से निकल कर अपनी बाइक से घर पहुँचा……
|