RE: Antarvasna kahani ज़िद (जो चाहा वो पाया)
जैसे ही मेरे ठंडे हाथ उसके चुतड़ों पर लगे….उसका पूरा बदन कांप गया…मैने फिर उसी हाथ से उसकी नाइटी के स्ट्रॅप्स को पकड़ कर उसके कंधो से सरकाते हुए उसकी बाहों से निकाल दिए….उसकी चुचियाँ भी अब बाहर आ चुकी थी….पर चारपाई पर बिछाए हुए बिस्तर पर धँसी हुई थी…मैने वीना की जाँघो को फैलाया और खुद उसकी जाँघो के बीच मे बैठ गया….और फिर उसे हाथ से गाइड करते हुए, धीरे-2 डॉगी स्टाइल मे ले आया…..वीना भी मेरे हाथ के इशारे से डॉगी स्टाइल मे आ चुकी थी…..
मेरे एक हाथ मे मोबाइल था…इसलिए मे सिर्फ़ एक हाथ का इस्तेमाल कर सकता था…इस बात से अंज़ान वीना भी मेरा पूरा साथ दे रही थी….कि रोशनी के बहाने मे सब कुछ रेकॉर्ड कर रहा हूँ….मैने अपने खाली हाथ से वीना की चूत की फांको को पकड़ कर फैला दिया…उसकी चूत का छेद और फांके दोनो ही उसकी चूत से निकल रहे गाढ़े पानी से लबरेज थी….”ओह्ह वीना तुम्हारी चूत तो पहले से बहुत गीली है…..देख साली कैसे पनियाई हुई है…..” मैने अपनी एक उंगली को वीना की चूत मे घुसा दिया….वीना मस्ती मे एक दम से सिसक उठी…..”शीईइ इओह्ह्ह्ह तुषार जी…. ये मुई तो शाम से पनिया रही है….” मैने धीरे-2 अपने उंगली को वीना की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….”क्यों शाम से क्यों पानी छोड़ रही है तेरी बुर ? “
वीना अब मदहोश होती जा रही थी…..”आपके लंड को याद करके…” वीना ने सिसकते हुए कहा….”तो घुसा दूं तुम्हारी बुर मे….”
वीना: हाआँ जल्दी कीजिए ना….शाम से बहुत खुजला रही है…..
मैने वीना की फांको के बीच अपने लंड के सुपाडे को सेट किया….और धीरे-2 लंड के सुपाडे को उसकी चूत के छेद पर दबाने लगा….अगले ही पल वीना की चूत ने लंड के सुपाडे को चूम कर अंदर ले लिया….वीना ने खुद ही अपनी गान्ड को पीछे की और धकेलना शुरू कर दिया…मेरे लंड का सुपाडा उसकी चूत की दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ अंदर घुसता चला गया…और कुछ ही पॅलो मे मेरा पूरा साढ़े 7 इंच का लंड वीना की चूत की गहराइयों मे समा गया….
वीना: ओह्ह्ह्ह तुषार रुक क्यों गये जी आप….पेलिए ना मेरी बुर को….
वीना ने अपनी गान्ड को धीरे-2 हिलाते हुए कहा….मैने अपने लंड को सुपाडे तक वीना की चूत से बाहर निकाला और फिर कुछ पालों बाद ज़ोर दार धक्का मार कर एक ही बार मे अपना पूरा लंड उसकी चूत की गहराइयों मे उतार दिया…..”ओह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह सीईईईई हइई तुषार जी बहुत मज़ा आता है……ज ज जब अपना लंड मेरी बुर मे ठोकते हो….”
मैने वीना की गान्ड को सहलाते हुए फिर से अपने लंड को धीरे-2 बाहर निकालना शुरू कर दिया…..और इस बार अपना पूरा लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया…फिर चारपाई से खड़ा होकर वीना के फेस के पास आकर खड़ा हो गया…वीना अभी भी वैसे ही डॉगी स्टाइल मे थी….उसने फेस उठा कर मेरी तरफ देखा….तो मैने अपना एक पैर उठा कर चारपाई पर रखते हुए अपने लंड को उसके होंठो के पास लेजाते हुए कहा…
मे: देख वीना तेरी बुर के पानी से मेरा लंड कैसे गीला हो गया है….
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