RE: Parivar Mai Chudai रिश्तों की गर्मी
अगली सुबह मैं नाश्ता कर ही रहा था कि गोरी आ गयी मिलने मैने कहा क्या बात है तुम तो भूल ही गयी हो तो उसने बताया कि उसकी अर्ध वार्षिक परीक्षाएँ थी पर अब वो फ्री है मैने कहा आओ तो नाश्ता कर लो वो बोली मैं घर से खा कर आई हूँ माँ ने ये कुछ घी भेजा है तुम्हारे लिए मैने कहा पुष्पा को दे आ तो गोरी रसोई मे चली गयी मैने भी ऑलमोस्ट अपना नाश्ता ख़तम कर ही लिया था
फिर मैं और गोरी दोनो बगीचे मे आ गये ठंड थी तो आज मैने सोचा कि गोरी से बाते भी कर लूँगा और धूप भी सेंक लूँगा गोरी बोली मेले वाले दिन क्या ज़रूरत थी इतना खून ख़राबा करने की अब पड़े हो कितनी चोट लगी है मैने कहा चोट तो लगी है पर तुझे एक पल भी याद ना आई तूने तो पराया ही कर दिया है रे
गोरी,- अरे बताया तो सही ना कि मैं पढ़ाई को लेकर व्यास थी और फिर माँ तो बताती ही रहती है घर पर
देव- ज़्यादा बाते ना बना माँ को भी तो कितने दिन हो चले है आई ही नही इधर
तो वो बोली देव क्या बताऊ पिताजी की तबीयत तो तुम जानते ही हो ना जाने किसकी है हमारी खुशियो को लग गयी है
देव – गोरी, तू चिंता ना कर सब ठीक हो जाएगा
गोरी- चलो वो सब छोड़ो और बताओ कि अब तबीयत कैसी है
देव- ठीक ही है बस चलने फिरने मे
कभी कभी तकलीफ़ होती है बाकी कुछ ज़ख़्म भर गये है , कुछ भर जाएँगे
हम बात कर ही रहे थे कि पुष्पा आई और बोली- हुकुम दवाई लगाने का समय हो गया है तो गोरी बोली तुम जाओ मैं लगा दूँगी दवाई तो पुष्पा ने गहरी नज़रो से उसको देखा और फिर चली गयी और मैं और गोरी वापिस कमरे मे आ गये
गोरी- बताओ कहाँ लगानी है दवाई
देव-पीठ पर और पैरो पर और थोड़ा सा जाँघ के उपर वाले हिस्से पर भी
तो गोरी ने मेरी टी-शर्ट निकाली और बोली चलो अब सीधे बैठ जाओ मैं लगाती हूँ दवाई तो मैं सीधा होकर बैठ गया गोरी अपने नरम नाज़ुक हाथो से मेरी पीठ पर दवाई मलने लगी तो लगा कि आज कुछ ज़्यादा ही सुकून सा मिल रहा है मैने कहा यार तेरे हाथो मे तो बड़ा ही जादू सा है
तो वो बोली क्या कुछ भी बोलते रहते हो पीठ पर दवाई लगाने के बाद उसने कहा निक्कर उतारो गे तभी तो मैं दवाई लगा पाउन्गी तो मैने निक्कर उतार दी अब मैं खाली अंडर वेअर मे ही था और उपर से गोरी की नाज़ुक उंगलियो का मादक स्पर्श जब वो जाँघ पर दवाई लगा रही थी तो उसका हाथ बार बार लंड से छू रहा था तो वो धीरे धीरे करेंट मे आने लगा था
गोरी अपनी आँखो मे शरारती मुस्कान लाते हुए कहने लगी खाट मे पड़े हो पर हरकते वही है तुम्हारी मैने कहा अब तुम हो ही इतनी प्यारी और फिर मिली भी कितने दिनो बाद हो तो फिर अब हाल तो बुरा होना ही है वो कच्छे के उपर से ही मेरे लंड को पकड़ ते हुवे बोली लगता है इसे भी इलाज की ज़रूरत है मैने कहा है तो सही पर करेगा कॉन
ये सुनकर गोरी दरवाजे तक गयी और उसको बंद करके मेरे घुटनो के नीचे फर्श पर बैठ गयी और कच्छे को भी उतार दिया और मेरे खड़े लंड को सहलाते हुवे बोली देव ये तो बड़ा ख़ूँख़ार लग रहा है मैने कहा तुम्हे देखकर ही हो रहा है वो धीरे धीरे से मेरी मुट्ठी मारने लगी मैने अपनी आँखे बंद कर ली गोरी उफ़ फफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ उफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
कुछ देर बाद मुझे लंड पर गीला गीला सा लगा तो मैने आँखे खोल कर देखा तो गोरी लंड को अपनी जीभ से चाट रही थी उसने अपनी आँखे मेरी तरफ की और आँख मार दी मैने उसके सर को दबा दिया तो लंड उसके गले मे अड़ गया गोरी के थूक से मेरी जांघे भी गीली होने लगी थी अब वो भी जवान थी और शायद कच्ची कली थी तो उसकी भी सेक्स की इच्छा भड़कने लगी थी
अब वो पूरी तरह से मेरे लंड पर झुक गयी थी बार बार उसे मूह मे लेती और निकाल देती मेरे बदन मे एक मज़े की तरंग दौड़ रही थी पूरी रफ़्तार से 10-15 मिनिट तक मज़े से वो मेरा लंड चूस्ति रही फिर मेरे लंड से सफेद द्रव्य की धार निकली और उसके गले से टकराई तो उसने घबरा कर लंड को मूह से बाहर निकाल दिया पर लंड से जो पिचकारी फुट पड़ी थी
तो उसकी नाक , और गले को भिगोति चली गयी गोरी खाँसते हुए बोली बड़े ही कमिने हो तुम सारा मूह खराब कर दिया और पास रखे तोलिये से अपना मूह सॉफ करने लगी फिर उसने कुल्ला किया और बोली आइन्दा से मूह मे नही लूँगी मैने कहा यार तू इतनी ज़ोर से चूस रही थी कि फिर कंट्रोल हुआ ही नही कुछ पल बाद गोरी अपनी सलवार का नाडा खोलते हुवे बोली
देव इधर मेरी ये भी नीचे से बहुत ही गीली हो गयी है और इसमे लग रहा है कि जैसे चींटिया काट रही हों इधर भी कुछ करो ना मैने कहा एक काम कर तू बेड पर लेट जा उसने अपनी सलवार और पैंटी उतारी और झट से बिस्तर पर चढ़ गयी और मैं भी उपर आ गया मैने कहा ज़रा टाँगे तो फैलाओ तो उसने अपनी सुडोल जंघे विपरीत दिशाओ मे फैला दी जिस से मुझे थोड़ी जगह मिल गयी
और फिर मैने भी उसकी रस से भीगी हुवी रोयेन्दार बालो वाली गुलाबी चूत पर अपने होठ रख दिए तो लगा कि जैसे समुन्दर का ढेर सारा खारा नमक किसी ने मेरे मूह मे भर दिया हो और गोरी का तो हाल उस एक चुंबन से ऐसा हो गया कि क्या कहूँ , गोरी की आँखे उस मस्ती मे डूबती चली गयी और चाहकर भी वो आपनी आह को अपने होटो मे ना दबा पाई और उसकी सिसकारी फुट पड़ी आहह आईईईईईईईईईईईईईईईईईईईई उूुुुुुुुुउउफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़
देव ये क्या कर दिया तुमने तो मैने कस्के उसकी चूत की गुलाबी पंखुड़ियो को अपने होटो मे भर लिया तो जैसे काम रस फुट पड़ा उन मे से गोरी की टाँगे अपने आप ही उपर को उठती चली गयी और वो मस्त मस्त आहे भरने लगी गोरी बोली उफफफफफफफफफफफफफफफफ्फ़ ये तुम्हारी गरम जीभ का स्पर्श मेरी जान ही लिए जा रहा है देव रुक जाओ मैं पिघल रही हू
पर मैं अब उसकी कुछ नही सुन ने वाला था , गोरी अपने हाथो से अपने उभारों को दबाने लगी थी और अपनी निप्पल्स को उंगलियो से सहलाते हुए बेड पर पैर पटक रही थी और मैने अब अपने हाथो से चूत की पंखुड़ियो को थोड़ा सा फैलाया और फिर अंदर के हिस्से को चाटने लगा जहा मैं मज़े से उसकी अन्छुइ चूत का रस पिए जा रहा था और वो भी उस सुख को प्राप्त कर रही थी
कामदेव का बान गोरी के दिल को चीर गया था कामुकता उसकी नस नस मे भर गयी थी और मैं , मैं मेरी क्या हालत बयान करू अगर मैं ठीक होता तो मैं अब तक तो उसकी चूत मे लंड डाल चुका होता पा अभी तो बस चूत को ही पी सकता था पल पल उसकी चूत और भी रस बहाती जा रही थी
उसकी चूत से बहता काम रस अब उसकी गान्ड तक आ गया था गोरी किसी नागिन की तरह झूम रही थी और ऐसे ही आख़िर वो पल आ ही गया जब सारे जहाँ की मस्ती उसकी नसों से बाहर छलक उठी और गोरी बिस्तर पर पस्त होकर पड़ गयी और अपनी भागती हुवी सांसो को थामने की कोशिश करने लगी उसकी चूत से निकले पानी की बूँद बूँद को मैने सॉफ कर दिया
क्रमशः...........................................
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