RE: XXX Chudai Kahani गन्ने की मिठास
गन्ने की मिठास--32
गतान्क से आगे......................
हरिया- एक बार इधर देख तो भौजी देख कैसे पहाड़ी आलू की तरह फूला हुआ है मेरा गुलाबी सूपड़ा
सुधिया- एक नज़र हरिया के लोदे पर मार कर उसे कंधे पर मारती हुई मुस्कुराकर चल कमिने सुबह से तुझे बस एक ही चीज़ नज़र आती है और कोई काम नही है तेरे पास,
संगीता- तू तो कह रही थी तेरा बाबा सुधिया को चोदने गया है पर सुधिया तो उसे भगा रही है
चंदा- अरे तुम चुपचाप देखती जाओ
हरिया- भौजी थोड़ा घाघरा उपर कर के बैठा करो हमे कुच्छ भी नज़र नही आता है और हरिया सुधिया के आगे गिरे घाघरे को उठा कर उसकी जाँघो तक चढ़ा देता है और सुधिया उसको मुस्कुराकर देखती हुई उसी के सामने अपनी चूत को खोल कर खुजलाते हुए वापस घास काटने लगती है,
सुधिया- अपने माथे का पसीना पोछ्ते हुए हाय राम ऐसी गर्मी मे कैसे काम किया जाए बड़ी प्यास लग आई और फिर सुधिया उठ कर पानी पीने लगती है उसके मूह से पानी गिरता हुआ उसकी आगे से पूरी चोली गीला कर देता है और सुधिया के मोटे मोटे दूध पूरे भीगे नज़र आने लगते है, थोड़ा पानी सुधिया के पेट और नाभि से नीचे गिरने लगता है और हरिया सुधिया के पेट और उसकी गहरी नाभि को एक दम से चाट लेता है,
सुधिया- उसका मूह दूर धकेलते हुए, अरे कमिने बोलता क्यो नही क्या चाहिए तुझे, सुबह से कुत्ते की तरह मेरी गंद के पीछे लगा हुआ है, ना जाने कहा से सुन्घ्ता हुआ मेरे पीछे पीछे आ जाता है,
हरिया- भौजी बस एक बस पिला दे
सुधिया- क्या पिला दू
हरिया- अपना मूत पीला दे भौजी,तेरी मुतति हुई चूत चाटने का मज़ा ही कुच्छ और है
संगीता- चंदा तेरा बाबा कितना गंदा है देख सुधिया चाची से क्या कह रहा है
चंदा- अरे दीदी तुम नही जानती इन मर्दो को औरत का मूत पीने मे कितना मज़ा आता है,
एक बार अगर तुम अपने भैया से कह दो ना कि भैया मेरा पेशाब चाट लो तो तुम्हारे भैया पागल हो जाएगे और तुम्हारी पूरी चूत चाट जाएगे, तुम कभी देखना जब तुम भैया से कहोगी कि तुम्हे पेशाब लगी है तब देखना तुम्हारे भैया का लंड ज़रूर खड़ा हो जाता होगा,
हरिया- भौजी तुझे बाबाजी की कसम अगर तू मुझे अभी के अभी अपना मूत ना पिलाए तो
सुधिया- कुत्ते कही के उन महान बाबाजी की कसम देता है और फिर सुधिया वही खड़ी खड़ी अपना घाघरा उठा कर हरिया को अपनी फूली हुई चूत दिखाते हुए ले हरामी ले पी मेरा मूत, चाट ले जी भर के
सुधिया का इतना कहना था कि हरिया घुटनो के बल सुधिया की चूत के आगे मूह लगा कर बैठ गया और सुधिया ने थोड़ा सा अपनी चूत को और उपर उठा कर हरिया के मूह से लगा कर छुल्ल से खड़े खड़े हरिया के मूह मे अपनी पेशाब की मोटी धार मारनी शुरू कर दी,
हरिया के मूह मे जैसे ही सुधिया का मूत पड़ा हरिया ने अपना हाथ पिछे लेजा कर सुधिया की गुदाज मोटी गंद को अपने हाथो मई दबोच कर उसकी फूली हुई चूत से अपना मूह कस के भिड़ा दिया और पागल कुत्ते की तरह सुधिया की चूत को चाटने लगा, हरिया ने जैसे ही सुधिया की चूत को अपने मूह मे भर लिया सुधिया का मूत एक दम से रुक गया और सुधिया अपने हाथो से अपने मोटे मोटे दूध दबाती हुई कहने लगी चाट कुत्ते पी ले अपनी भौजी की चूत से मूत,
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