non veg story एक औरत की दास्तान
11-12-2018, 12:30 PM,
#14
RE: non veg story एक औरत की दास्तान
एक औरत की दास्तान--7

गतान्क से आगे...........................

रिया की चूत मे अब बड़ा दर्द होने लगा और अचानक उसकी चूत से खून निकल आया. रिया की दर्द के मारे जान निकली जा रही थी मगर वो लड़का खून देखकर भी नही रुका औट तेज़ी से अपना लंड अंदर बाहर करता रहा. धीरे धीरे उसके धक्के बहुत ज़्यादा तेज़ हो गये. और रिया की आवाज़ भी तेज़ हो गयी. अपने धक्कों की स्पीड पूरी तेज़ करते हुए उसने एक लंबी दहाड़ मारते हुए अपना सारा माल रिया की चूत मे झाड़ दिया और धम्म से रिया की नंगी गोल मटोल चुचियों पर गिर गया. रिया भी अबतक 3-4 बार झाड़ चुकी थी. और उसकी चूत से अब खून, वीर्य और रिया का काम रस. तीनो एक साथ बाहर आ रहे थे.

कुछ देर बाद वो लड़का नॉर्मल हो गया और रिया के चूत का दर्द भी कम हो चुका था.

"मैं सच बोल रही हूँ जान. ये हमारा प्यार ही है जो मेरे पेट मे पल रहा है." रिया ने फिर से उसे मनाने की कोशिश की. मगर अब उस लड़के की शारीरिक इच्छा की पूर्ति हो चुकी थी.

"चुप कर रंडी. किसी और के पाप को मेरा प्यार मत बोल." वो लड़का बिस्तर से उठा और रिया के कपड़े उठा कर उसकी तरफ फेंक दिए. "जल्दी से पहन ले ये कपड़े और निकल जा मेरे घर से."

"प्लीज़ मेरे साथ ऐसा मत करो.मेरे घर वालों को पता चल गया तो वो मुझे मार डालेंगे." रिया ने हाथ जोड़ते हुए कहा.

"तो जा मर जा ना. मगर मेरा पीछा छ्चोड़ दे कुतिया." वो लड़का फिर चिल्लाया.

"प्लीज़" रिया ने हाथ जोड़कर सर नीचे किए हुए कहा. अब उसकी आँखों से आँसुओं की बाढ़ आ रही थी.

"लगता है तू ऐसे नही मानेगी रंडी." इतना बोलकर उस लड़के ने रिया को नंगी ही खींचकर अपने घर के बाहर ले जाकर फेंक दिया. रिया ने बहुत विनती की पर उसने रिया की एक ना सुनी. घर के बाहर रिया जल्दी से एक पेड़ के पीछे चली गयी और कपड़े डालकर चल पड़ी अपने ज़िंदगी का अंत करने.....

उधर.................................

"हां हां फिर आगे क्या हुआ.. जल्दी बता जल्दी बता ना.." रवि ये बोलते हुए काफ़ी एग्ज़ाइटेड लग रहा था..

"फिर क्या उसने गाड़ी रोकी और लगी मुझे चूमने..हहहे" राज ने हेस्ट हुए कहा... वापस आने के बाद राज गाड़ी से उतरकर सीधा रवि से मिलने आ गया था.. और स्नेहा अपने दोस्तों के पास चली गयी थी..

"अरे यार तब तो तुझे बड़ा मज़ा आया होगा.." रवि ऐसे पूछ रहा था जैसे वो कहानी सुनना नही सीधा पूरी फिल्म देखना चाहता हो..

"अरे यार मज़ा.. इतना मज़ा आया कि पूछ मत, मगर स्नेहा ने उससे ज़्यादा कुछ करने नही दिया वरना और मज़ा आता..हहहे" राज ने फिर से दाँत निकाल दिए..

"हॅट साले अनाड़ी की औलाद.. मैं तेरी जगह होता तो आज ही सब कुछ कर लिया होता.. खैर मैं चला मूतने.. तू यहाँ बैठ कर सपने देख स्नेहा को बिस्तर पर ले जाने के.. हाहाहा.." रवि ने ज़ोर से ठहाका लगाया.. ये बात सुनकर राज को गुस्सा आ गया..

"अबे जेया ना.. मैं नही जानता क्या..? तू साले बाथरूम मे मूतने नही मूठ मारने जा रहा है.. लड़की तो पटती नही बस यही कर सकता है.." राज ने मुह्न बनाते हुए कहा...

"अबे चुप.. मेरी भी ज़िंदगी मे कोई ना कोई ज़रूर आएगी.. फिलहाल मैं चला" इतना बोलकर रवि वहाँ से उठ गया.. कॉलेज की छुट्टी हो चुकी थी मगर वो दोनो अब भी कॅंटीन मे बैठकर बातें कर रहे थे..

रवि सीटी मारता हुआ बाथरूम मे गया और ज़िप खोलकर मुत्र विसर्जन करने लगा..

टाय्लेट मे साइड मे एक खिड़की लगी हुई थी जिससे रवि जिस विंग मे था उसकी छत नज़र आती थी.. रवि पेशाब करते हुए उसी तरफ देखे जा रहा था.. उसे लग रहा था कि शायद आज कोई अनहोनी होने वाली है.. पता नही क्या मगर कुछ तो होने वाला था.. रवि ने पॅंट की ज़िप बंद की और हाथ धोके बाहर आ गया.. फिर अचानक पता नही कहा से उसके मन मे ख़याल आया कि क्यूँ ना आज कॉलेज की छत पर घूमकर आया जाए..

रवि के कदम जो अभी कॅंटीन की तरफ जा रहे थे, वो सीढ़ियों की तरफ मूड गये.. रवि अपने जीन्स की पॉकेट मे हाथ डालकर मस्तमौला अंदाज़ मे सीटी बजाता हुआ एक एक सीढ़ियाँ चढ़ने लगा.. जैसे जैसे वो एक एक सीढ़ियाँ चढ़ता जा रहा था उसका मंन और भी व्याकुल होता जा रहा था.. पता नही आज क्या होने वाला था..

अचानक उसने अपने कदमों की तेज़ी बढ़ा दी और तेज़ी से ऊपर चढ़ने लगा.. और 2 मिनिट मे छत पर पहुँच गया.. वहाँ जो उसने देखा वो दिल दहला देने वाला नज़ारा था.. वहाँ और कोई नही बल्कि रिया खड़ी थी..

खड़ी नही बल्कि यूँ कहें कि वो मरने वाली थी.. रिया छत के रेलिंग पर खड़ी थी और बस छत पर से कूदने ही वाली थी की तभी रवि ने तेज़ी से दौड़ते हुए उसे अपनी तरफ खींच लिया.. ये सब करते हुए रवि का दिल बहुत ज़ोरों से धड़क रहा था कि कहीं रिया कूद ना जाए और ऐसा हो भी सकता था.. अगर रवि ने 1 सेकेंड की भी देरी की होती तो रिया आज काल की गोद मे समा गयी होती...

"पागल हो गयी हो तुम..? आर यू मॅड ओर व्हाट..? डू यू नो, व्हाट दा फक यू वर गोयिंग टू डू..?" आवेश मे आने के कारण रवि को अपने शब्दों का लिहाज़ भी नही रहा.. उसके मॅन मे जो आ रहा था बस बोलता ही जा रहा था..

"तुम्हें पता है अगर मैं टाइम पर नही आता तो तुम अभी कहाँ होती..?" रवि ने चिल्लाते हुए कहा..

"हां पता है कहाँ होती.. मर गयी होती.. इससे ज़्यादा तो कुछ नही होता ना... वैसे भी मेरी ज़िंदगी मे अब कुछ ऐसा नही है जिसके लिए मैं ज़िंदा रहूं..." रिया ने रोते हुए जवाब दिया...

"क्या बक रही हो तुम..? आख़िर अचानक हो क्या गया है तुम्हें..? कल तक तो बिल्कुल ठीक ठाक दिख रही थी.. अचानक पागल हो गयी हो क्या..?" रवि ने फिर चिल्लाते हुए कहा..

"हां हां.. पागल हो गयी हूँ मैं.. और तुम्हें कोई हक़ नही है मेरी ज़िंदगी मे दखल देने का.. होते कौन हो तुम मुझे मरने से रोकने वाले..?" रिया की ये बात रवि को किसी काँटे की तरह चुभि..

वो मंन ही मंन ना जाने कब से रिया से प्यार करने लगा था.. मगर उसकी कभी हिम्मत ना हो सकी कि वो जाके रिया को प्रपोज़ कर सके.. और अभी अचानक रवि के मुह्न से वो बात निकल गयी जो उसने कभी चाह कर भी ना कह पाई थी...

"मैं तुम्हें रोक रहा हूँ बिकॉज़ आइ लव यू.." रवि के मुह्न से ये बात निकालने की देर थी.. और "चटाक़" की आवाज़ से पूरा वातावरण गूँज उठा.. रिया का एक ज़ोरदार तमाचा रवि के गाल पर पड़ा.. रवि के कानो मे सीटी बजने लगी...

रवि को मारने के बाद उल्टा रिया घुटनो के बल बैठ गयी...और फूट फूट कर रोने लगी.. रवि ने भी उसे इस हालत मे डिस्टर्ब करना ठीक नही समझा और वो भी रिया के बगल मे बैठ गया और रिया की आपबीती सुनने की प्रतीक्षा करने लगा..

"अब कुछ बतओगि भी, कि आख़िर हुआ क्या है..? यूँ जान देने पर क्यूँ तुली हो तुम..?" काफ़ी देर तक इंतेज़ार करने के बाद अब रवि का संयम जवाब दे गया...

"क्या जानना चाहते हो तुम..? यही कि मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो चुकी है.. अब मेरी ज़िंदगी मे कुछ नही बचा है..? यही सुनना चाहते हो ना तुम..?" रिया ने अपनी आँखों से निकल रहे आँसुओं को रोकने की नाकाम कोशिश करते हुए कहा.

"ये क्या बोल रही हो तुम रिया..? मैं भला ऐसा क्यूँ चाहूँगा." इस बार रवि ने हाथ बढ़ा कर रिया की आँखों से निकल रहे आँसुओं को पोछा और उसका हाथ अपने हाथों मे ले लिया. उसका ऐसा करते ही रिया ने रवि के चेहरे की तरफ पहली बार ध्यान से देखा..

उसकी आँखों से अपने लिए प्यार ही प्यार छलकता पाया रिया ने.. मगर अब अफ़सोस करने का क्या फ़ायदा जब वो रवि के बारे मे कभी सोच ही ना पाई..

खैर रवि के समझाने पर रिया थोड़ा शांत हुई, उसे लग रहा था कि उसे एक साथी मिल गया है जिससे वो अपने दिल की बात शेर कर सकती थी.. उसने बोलना शुरू किया..

"मैं और वो कुछ साल पहले अमेरिका मे मिले थे.. अब ये मत पूछना कि वो कौन है, मैं चाह कर भी नही बता सकती उसका नाम..
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg story एक औरत की दास्तान - by sexstories - 11-12-2018, 12:30 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,730,498 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 573,282 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,331,768 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,014,463 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,786,952 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,191,681 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,143,626 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,698,814 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,237,725 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 307,199 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)