non veg story एक औरत की दास्तान
11-12-2018, 12:32 PM,
#25
RE: non veg story एक औरत की दास्तान
एक औरत की दास्तान--12

गतान्क से आगे...........................

"मॅ'म साहब.. आपसे कोई मिलने आया है..!!" स्नेहा अपने कमरे मे आई तभी एक नौकर ने आकर कहा..

"कौन है..?"

"कोई रवि साहब हैं.."नौकर ने जवाब दिया..

ये नाम सुनकर स्नेहा को अजीब लगा.. उसे अचानक रवि का चेहरा याद आ गया..

"ठीक है तुम चलो.. मैं आती हूँ.." इतना कहकर स्नेहा ने अपने कपड़े ठीक किए और हॉल की तरफ चल दी जहाँ रवि बैठा हुआ था..

"रवि तुम..?" हॉल मे और कोई नही बल्कि खुद रवि बैठा हुआ था और उसके बगल मे रिया भी थी.. और रवि के बाद स्नेहा का ध्यान उसी के तरफ गया..

उसे देखकर स्नेहा ने दौड़कर उसे गले लगा लिया..

"कहाँ चली गयी थी रिया तुम..? और ये क्या तुम्हारी माँग मे सिंदूर..?" स्नेहा ने अचरज से पूछा..

"हम दोनो ने शादी कर ली है.." इसका जवाब रवि ने देते हुए कहा..

"मगर तुम दोनो को भाग कर शादी करने की क्या ज़रूरत थी.. शादी याहा भी तो हो सकती थी.. कुछ प्राब्लम थी तो मुझे बताना था ना..?" स्नेहा ने रिया की तरफ देखते हुए कहा..

"अरे स्नेहा अब जाने भी दो.. हम यहाँ सिर्फ़ तुमसे मिलने आए हैं.. बताओ तुम कैसी हो..?" रिया ने बात को बदलते हुए कहा..

"मैं बिल्कुल अच्छी हूँ और मा बनने वाली हूँ.. मगर मेरे पापा.." ये बोलते हुए उसके चेहरे पर उदासी छा गयी..

"हां पढ़ा था उनके बारे मे.. सॅड टू नो दट.. एनीवे कोंग्रथस फॉर युवर फर्स्ट प्रेग्नेन्सी.." स्नेहा ने रिया को गले लगा लिया..

इन सब बातों के बीच स्नेहा ने एक बात नोटीस नही की..वो ये कि रिया की नज़र हॉल मे लगी राज की तस्वीर की तरफ बार बार जा रही थी और उसके चेहरे पर घृणा का भाव सॉफ देखा जा सकता था.

इन्ही सब बातों मे पूरा दिन गुज़र गया और शाम को राज से मिलने के बाद रिया और रवि अपने घर चले गये..

...........................................

"ह्म्म.. तो अब बताओ तुम लोग.. किसने मारा ठाकुर साहब को..?" इनस्पेक्टर ठाकुर विला के अंदर सभी नौकरों से पूछताछ कर रहा था..सभी नौकर एक कतार मे खड़े हुए सर झुकाए हुए थे..

"इस तरह सर झुका कर खड़े रहने से काम नही चलेगा.. बताओ किसने मारा ठाकुर साहब को..?" इस बार इनस्पेक्टर की आवाज़ थोड़ी उँची थी.. मगर फिर भी एक भी नौकर ने अपना सर नही उठाया..

"अच्छा.. लगता है तुम लोग ऐसे नही बताओगे.. मुझे ही कुछ करना पड़ेगा.." ये बोलकर इनस्पेक्टर ने हवलदार को इशारा किया और वो हवलदार बाहर चला गया.. फिर कुछ ही देर मे वो अंदर आ गया मगर इस बार वो अपने साथ एक कुर्सी लेकर आया था जिसमें बहुत सारे बटन्स लगे हुए थे और कुछ हरे लाल स्क्रीन्स लगे हुए थे.. वो उसे छक्कों के सहारे चलते हुए अंदर ला रहा था.. अंदर लाने के बाद उसने वो मशीन एक प्लग मे लगाई और मशीन ऑन हो गयी..

"अभी भी मौका है.. कातिल खुद सामने आ जाए वरना अगर फिर बाद मे मैने उसे पकड़ लिया तो उसका वो हश्र करूँगा कि वो ज़िंदगी भर याद रखेगा.." ये बोलना पर भी उनमें से कोई हिला तक नही ना ही अपना सर उठाया..

"तो ठीक है.. ये कुर्सी देख रहे हो ना..?" सब उस कुर्सी की तरफ ही देख रहे थे..

"ह्म्म.. हम इस कुर्सी पर एक एक करके तुम सबको बैठाएँगे और जो भी सच बोलेगा तो ये हरी वाली स्क्रीन जलेगी और अगर झूठ बोला तो ये लाल वाली.. समझे ?" इसके बाद इनस्पेक्टर ने एक नज़र सबके चेहरों पर डाली.. सब के चेहरों पर डर की भावना सॉफ देखी जा सकती थी..

"तो यहाँ से शुरू हो जाओ.." एक कॉन्स्टेबल ने लाइन की एक छ्होर पर खड़े नौकर से कहा..

वो डरते डरते कुर्सी की तरफ बढ़ने लगा..

"हम नई बैठेंगे बाबू जी.. हॅम्का डर लागत है ई कुर्सिया से.. अगर कहीं करेंट मार दिया तो हमरि गांद जल जाएगी.." उसने रुकते हुए ये कहा तो वहाँ खड़े सभी पोलीस वालों की हँसी छूट गयी..

"अरे डरो नही.. ये करेंट नही मारती.. ये बस ये चेक करेगी कि तुम सच बोल रहे हो या झूठ.. और हां अगर ज़्यादा नौटंकी की तो अभी सीधे पोलीस स्टेशन ले चलेंगे तुम्हें.." इनस्पेक्टर जावेद ने कड़क आवाज़ मे कहा..

जिसे सुनकर उस नौकर के चेहरे पर पसीने आ गये और वो जल्दी से जाकर कुर्सी पर बैठ गया..

"आगे मैय्या गे माययए.. हमरी गंद मे का घुस गावा.." जैसे ही वो नौकर बैठा वैसे ही उठ गया.. सब ने उसके पिछवाड़े की तरफ देखा तो एक वाइयर उसकी धोती को फाड़कर उसकी गंद के छेद मे घुस गयी थी.. जिसे देखकर वहाँ के सब लोगों की हस्ते हस्ते हालत खराब हो गयी.. वो किसी बंदर की तरह उछल रहा था.. मगर इनस्पेक्टर जावेद अपने काम के वक़्त बिल्कुल सीरीयस रहता था... उसने आगे बढ़कर उसकी गांद से वाइयर को बाहर निकाल लिया..और उसे खींचकर फिर से कुर्सी पर बैठा दिया..

"अब सच सच बता तूने ठाकुर साहब को मारा है..?"इनस्पेक्टर ने तेज़ आवाज़ मे पूछा..

"नही हम नही मारे हैं.."उस नौकर ने डरते हुए कहा..

और उसके ऐसा करते ही हरी स्क्रीन पर ब्लिंकिंग होने लगी जिससे पता चल गया कि ये सच बोल रहा है..

ऐसे ही धीरे धीरे सारे नौकरों की बारी आ रही थी.. मगर जैसे ही उस नौकरानी की बारी आई तो वो वहाँ से भागने लगी..

इसी काम के लिए जावेद पहले से लेडी कॉन्स्टेबल को लाया था जिन्होने बिना देर किए उसका पीछा किया और झपट कर उसे पकड़ लिया और दो थप्पड़ उसकी गालों पर जड़ दिए..
Reply


Messages In This Thread
RE: non veg story एक औरत की दास्तान - by sexstories - 11-12-2018, 12:32 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,730,479 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 573,280 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,331,764 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 1,014,455 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,786,946 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,191,675 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,143,618 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,698,768 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,237,713 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 307,199 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 5 Guest(s)