RE: Desikahani हालत की मारी औरत की कहानी
14
गतान्क से आगे.....................
अभी ने मुझे इशारे से अपने रूम मे आने को कहा…मे अभी के पीछे -2 , उसके रूम मे आ गयी…
अभी: देखा मेने कहा था ना…उसे लाइन पर लाने मे ज़्यादा मेहनत नही करनी पड़े गी…
और अभी ने मुझे अपनी तरफ खींच कर अपने से चिपका लिया….और मेरे चुतड़ों को पेटिकॉट के ऊपेर से मसलने लगा….
मे: उईईई माआ क्या कर रहे हो बाबू जीए…वो इधर आ गयी तो….
अभी: आने दो…उसे भी तो पता चले…उसके इलावा उसकी मा की चूत मे भी खुजली होती है…और मेरा लंड लेने के लिए तड़पती है…वैसे भी आज दोपहर को मे तुम्हारी चूत को उसके सामने चोदुन्गा…..
मे: (अभी की बात सुन कर एक दम से घबरा गयी) नही बाबू ये ये आप क्या कह रहे है.
अभी: साली तू तो ऐसे ही घबराती है…अगर तू ही ऐसे घबराए गी…तो उसको चुदवाने के लिए राज़ी कैसे करेगी….
मे: पर बाबू जी….
अभी: (मेरे बात को बीच मे टोकते हुए) पर वर कुछ नही…जैसे मे कहता हूँ वैसे करो…आज बहुत ही कमाल की चीज़ होने वाली है…
और अभी ने मेरे होंटो को एक बार चूस कर मुझे छोड़ दिया….
अभी: चल जा अब नाश्ता तैयार कर….
मे किचन मे आ गयी…और नाश्ता तैयार करने लगी…नाश्ता करने के बाद मे और नेहा घर की सफाई मे लग गये…दोपहर को सफाई के बाद मे और नेहा किचन मे खाना बना रहे थे… तभी अभी अंदर आ गया…और पीछे आ कर खड़ा हो गया…मे सुबह से ही…सिर्फ़ ब्लाउस और पेटिकॉट पहने हुए थी…उसका लंड उसकी शॉर्ट्स मे तन कर तंबू बनाए हुए था…वो मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया…उसका लंड मेरी गांद की दर्रार मे धँस सा गया…नेहा मेरी बगल मे खड़ी थी…जैसे ही उसका लंड मेरी गांद की दर्रार मे धंसा…मेरा पेटिकॉट गांद की दर्रार मे थोड़ा सा अंदर हो गया….
नेहा अभी को मेरे पीछे सटा चोर नज़रों से देख रही थी…उसके गाल उतेजना के मारे लाल हो चुके थे…मेरा भी यहीं हाल था…मे अपनी बेटी के सामने खड़ी थी…और अभी पीछे से अपने लंड को पेटिकॉट के ऊपेर से मेरी गांद की दर्रार मे रगड़ रहा था…अभी ने अपना एक हाथ मेरी लेफ्ट चूतड़ पर रख दिया…और अपने हाथ की हथेली से धीरे-2 मेरे चुतड़ों को सहलाना शुरू कर दिया….
मेरे बदन मे करेंट सा दौड़ गया…मे एक दम शरम से मरी जा रही थी…नेहा के सामने अभी मेरी गांद को अपने हाथ से सहला रहा था…मे कुक्कर मे पक रही सब्जी को देख रही थी…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था…
अभी: क्या बना रही हो….
मे: (कांपती हुई आवाज़ मे) ये मटर बना रही हूँ…
फिर अभी हम दोंनो के बीच मे आ गया…और अपना एक हाथ नेहा की कमर के नीचे उसके चुतड़ों के पास रख दिया…नेहा एक दम से कसमसा गयी…शायद मेरी माजूदगी के कारण…पर वो बेचारी कर भी क्या सकती थी…मे जान बुझ कर दूसरी तरफ देखने लगी…पर मन मे बार-2 नेहा की कमर की तरफ देखने के इच्छा हो रही थी…मे तिरछी नज़रों से नेहा की तरफ देखने लगी… अभी के हाथ धीरे-2 खिसक कर उसके गोल मटोल चुतड़ों पर आ चुके थे….और नेहा सेल्फ़ पे अपने हाथों को रखें खड़ी थी…वो बड़ी मुस्किल से अपनी आँखों को खोल पा रही थी…
उसकी साँसें उखड़ी हुई लग रही थी…और बीच-2 मे मेरे और तिरछी नज़रों से देख रही थी…जैसे ही वो मेरी तरफ देखती…कि कही मे उसे देख तो नही रही…मे दूसरी तरफ देखने लग जाती…मेरी चूत तो कुलबुलाने लगी…पर फिर भी मे चोर नज़रों से अभी के हाथ को देख रही थी…जो उसने नेहा के चुतड़ों पर रखा हुआ था…
अभी ने नेहा के चुतड़ों को धीरे-2 सहलाना चालू कर दिया…नेहा की साँसें तेज हो गयी…उसके गाल और कान एक दम लाल हो कर दहकने लगे…फिर अचानक अभी ने अपने हाथ मे नेहा के चुतड़ों को भर कर मसल दिया….और नेहा के मुँह से घुटि हुई आहह निकल गयी…जो हम तीनो को सुनाई दी…मेरा दिल जोरों से धड़कन लगा…नेहा का भी यही हाल हो रहा था…
अभी: अच्छा जल्दी करो बहुत भूक लगी है….
ये कह कर अभी ने एक बार फिर से नेहा के चुतड़ों को मसल दिया…और किचन से बाहर चला गया…हम दोनो किचन मे खड़ी रही….हम दोनो मे से किसी के हिम्मत नही हो रही थी,एक दूसरे को देखने की…नेहा के आँखों मे मस्ती और वासना के लाल डोर्रे मे सॉफ-2 देख रही थी…
खाना बन चुका था…मेने टेबल पर अभी के लिए खाना लगा दिया…और मे और नेहा अपना खाना लेकर रूम मे आ गये…और खाना खाने लगे…हमने खाना ख़तम किया और मे झूठे बर्तनो को उठ कर किचन मे लाकर सॉफ करने लगी..तभी पीछे से अभी भी किचन मे आ गया…
अभी: अब अगला काम तुम्हें ये करना है…कि तुम मेरे मे रूम नेहा को टीवी देखने के लिए लाना…मुझे ऐसा लगता है…उसे मूवीस देखने का बहुत शॉंक है…बाकी जैसे मे कहूँ वैसे करती रहना…
मे: जी…पर अब क्या करने वाले हो….
अभी: अब मे तुम्हें उसके सामने चोदने वाला हूँ…
मे: नही बाबू जी ऐसा मत करना…मे उसको मुँह दिखाने के लायक नही रहूंगी…
अभी: चुप कर साली लंड चाहिए तो ये सब कुछ तो करना पड़ेगा…और हां वैसे भी उसको कुछ दिखाई नही देगा…
मे: पर कैसे उसको पता तो चल ही जाएगा…
अभी: हां पर पूरी तराहा नही…बस मेने जैसे कहा वैसे करो….
और अभी अपने रूम मे वापिस चला गया…मे बर्तनो को सॉफ करके अपने रूम मे आ गयी…नेहा वहाँ पलंग पर बैठी हुई थी…मुझे देख कर उसने अपनी नज़रें झुका ली…मुझे कुछ समझ मे नही आ रहा था, कि मे नेहा को कैसे अभी के रूम मे लेकर जाउ….मे अभी के रूम मे आ गयी…अभी लसीडी ऑन करके देख रहा था… शाहरुखख़ान की मूवी चल रही थी… शाहरुखख़ान नेहा का फैइव्रेट हीरो था…वो उसकी सभी मूवी को बड़े चाव से देखती थी…
अभी: ऐसे करो उसे बुला कर वहाँ कार्पेट पर बैठा दो….
लसीडी बेड के बिकुल सामने लगी हुई थी…अगर नेहा नीचे कार्पेट पर बैठ कर मूवी देखती है….तो उसकी पीठ बेड की तरफ हो गी…मेने नेहा को अभी के रूम से ही आवाज़ लगा कर बुला लिया…कुछ देर बाद नेहा शरमाई और घबराई हुई..अभी के रूम मे आ गयी…और सर को झुकये हुए बोली…
नेहा: क्या है मा….
मे: नेहा देख शाहरुख ख़ान की मूवी आ रही है…आ बैठ कर देखते हैं….
नेहा: नही मुझे नही देखनी….
मे: अर्रे शरमा क्यों रही है…बाबू जी कुछ नही कहेंगे…चल आजा मेरे पास बैठ…
मे बेड के (जिस तरफ अभी के पैर थे) वहाँ कार्पेट पर बैठ गयी…नेहा भी झिज़्कते हुए मेरे पास आकर बैठ गयी…मेरा दिल जोरों से धड़क रहा था..ये सोच कर कि अब अभी आगे क्या करेगा…पर 15 मिनट तक कुछ नही हुआ…अब नेहा मूवी मे खो सी गयी थी…उसके फेस एक्सप्रेशन मूवी मे चल रहे सीन्स को देख कर बदल रहे थे…तभी अभी ने पीछे से मुझे आवाज़ लगाई….
मे: जी बाबू जी…
अभी: तुम मेरे बदन की मालिश कर दो गी…(और अभी ने मुझे आँख मार दी)
मे अभी के बात को समझ गयी…
मे: जी बाबू जी कर देती हूँ…
अभी: तो फिर जाकर बाथरूम से आयिल की बॉटल ले आ…
नेहा ने एक बार मेरी तरफ देखा….फिर थोड़ा सा फेस घुमा कर चोर नज़रों से अभी की तरफ देखा…जो रज़ाई ओढ़े लेटा हुआ था…मे उठ कर बाथरूम मे चली गयी…और तेल की बॉटल ले आई…और अभी की तरफ बेड के पास जाकर खड़ी हो गयी….
मे: यहीं लेटे-2 मालिश करवाएँगे….
अभी: क्यों क्या हुआ(और अभी ने रज़ाई को अपनी जाँघो तक सरका दिया)अभी सिर्फ़ अंडरवेर मे था)
मेने आयिल की बॉटल को खोला और थोड़ा सा तेल हाथ मे लेकर..बॉटल को पास पड़े टेबल पर रख दिया…और अभी ने अपनी चेस्ट की तरफ इशारा किया….और मे अपने हाथों से अभी के चेस्ट की मालिश करने लगी…नेहा का ध्यान अब मूवी से हट चुका था…वो बार-2 पीछे को फेस करके चोर नज़रों से देख रही थी…मे सुबह से ही उसी ब्लाउस और पेटिकॉट मे थी…
अभी: क्या हुआ खाना नही खाया…ज़रा ज़ोर लगा कर मालिश करो…
मे: जी बाबू जी…
|