11-17-2018, 12:27 AM,
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RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सुधा : पापा एक बात पुछू
मनोहर : पेपर हटा कर सुधा की ओर देखते हुए हाँ पूछो
सुधा : पापा आप भाभी से ज़्यादा प्यार करते है या मुझसे
मनोहर: बेटी में तो तुम दोनो को ही बहुत प्यार करता हूँ
सुधा : मुँह बनाते हुए, रहने दीजिए पापा अभी आप भाभी की पीठ में हाथ फेर कर कितने प्यार से बाते कर रहे थे और भाभी को ज़रा भी तकलीफ़ होती है तो आपके चेहरे की बैचनि देखते ही बनती है पर मुझे आप कभी इस तरह प्यार से नही कोई बात करते हो
मनोहर : अच्छा तो भाभी को मैने प्यार से बात करते हुए पूचकारा तो मेरी बेटी को जलन हो रही है, अगर ऐसी बात है तो हम अपनी बेटी को भी प्यार से पूचकार लेते है आओ मेरे पास और मनोहर ने सुधा की मस्त चूत को खा जाने वाली नज़रो से देखते हुए अपने हाथ लंबे कर दिए और सुधा उठ कर मनोहर के पास उसके सीने से जा लगी और मनोहर ने धीरे धीरे सुधा की पीठ पर हाथ फेरते हुए उसके गालो को चूमा और उसके जवान गदराए बदन की मादक गंध ने उसे पागल कर दिया और वह सुधा के गालो को चूमते हुए उसका हाथ सुधा के मोटे मोटे चुतड़ों पर चला गया और मनोहर जिन चुतड़ों की मोटाई और गदराई अभी तक आँखो से ही नापता था आज उन चुतड़ों के गुदाज माँस में अपने हाथो की उंगलिया दबा दबा कर सुधा के गालो को चूमते हुए कहने लगा अब तो मेरी बेटी खुश है
सुधा : पापा में आपकी गोद में सर रख कर लेट जाउ
मनोहर हाँ क्यो नही बेटी,
सुधा का इतना सुनना था कि वह जैसे ही मनोहर की गोदी में अपने सर को रख कर लेटी सुधा एक दम से गन्गना उठी क्योकि उसके गालो के नीचे मनोहर का मोटा लंड झटके मार रहा था सुधा की साँसे अपने पापा के मोटे लवडे के कड़क एहसास से तेज होने लगी और मनोहर ने भी सुधा की पीठ को सहलाते हुए साइड से अपने हाथ को उसके मोटे कसे हुए दूध पर लेजा कर उसके गदराए दूध की मोटाई का जायज़ा लिया लेकिन तभी मनोहर को लगा कि उसके लंड से पानी ना निकल जाए क्योकि सुधा ने अपने गालो के नीचे हथेली रख ली और उसके हाथ के नीचे उसके पापा का मोटा लंड आ गया और उसी समय सुधा को भी ऐसा लगा कि उसकी चूत पानी पानी हो चुकी है, मनोहर ने सुधा की पीठ सहलाते हुए अपने हाथ को फिर से सुधा की मोटी गान्ड पर लेजा कर सहलाने लगा और उसका लंड सुधा के हाथ और गालो के नीचे दबा टनटना रहा था.
मनोहर : सुधा अब तू काफ़ी बड़ी और जवान हो गई है लगता है अब तेरी शादीकी बात चलानी पड़ेगी, मनोहर ने सुधा के मोटे मोटे चुतड़ों को सहलाते हुए कहा
सुधा : अपनी आँख बंद किए हुए अपने पापा का मोटा लंड महसूस करते हुए कहा, कहा पापा अभी तो में छोटी हूँ अभी में शादी के लायक कहाँ हुई हूँ,
मनोहर सुधा की गान्ड की गहरी दरार पर हल्के से उंगलिया चलाता हुआ कहने लगा नही बेटी तू नही जानती जब तेरी मम्मी ब्याह कर आई थी तो बिल्कुल तेरी तरह लगती थी यही बिल्कुल सही उमर है तेरी शादी की और तू बिल्कुल अपनी मम्मी पर गई है और अचानक मनोहर की उंगलिया सुधा की गान्ड में उस जगह तक पहुच गई ज़रा तक लेग्गी फटी हुई थी और मनोहर की उंगलिया सीधे लेग्गी के अंदर घुस कर सुधा की गान्ड के छेद से टकरा गई और सुधा की सुध बुध खो गई और उसने अपने पापा के खड़े मोटे लंड को कस कर अपने हाथों में दबोच लिया और एक गहरी सिसकारी मारते हुए कहा ओह पापा क्या कर रहे हो,
मनोहर का लंड जैसे ही सुधा के हाथो की गिरफ़्त में जकड गया मनोहर का कंट्रोल भी खो गया और उसने सुधा की फटी लेगी में पूरा हाथ भरते हुए उसकी गुदाज मोटी गान्ड की गहराई को अपने हाथों से दबोच लिया और सुधा एक बार फिर सीसीया पड़ी और अपने पापा के मोटे लंड को और भी ज़्यादा अपनी मुट्ठी में कस लिया, उसके जवाब में मनोहर ने भी अपनी बेटी की गुदाज गान्ड की गहराई को उंगलियो से दबाते हुए सुधा की मोटी गान्ड के छेद में एक उंगली दबा दी और सुधा आहह सीयी पापा मत करो ना कहने लगी लेकिन अपने पापा के मोटे लंड को उतनी ही तेज़ी से अपने हाथो में दबोच लिया, अगर उसी समय सोनू ना आ जाती तो मनोहर अपनी आधी से ज़्यादा उंगली सुधा की मोटी गान्ड के छेद में पेल चुका होता,
सोनू अचानक रूम के अंदर प्रवेश करती है और मनोहर उसे देखते ही अपनी उंगली बाहर निकाल कर अपने हाथ को सुधा की पीठ पर फेरता हुआ कहता है उठ बेटी और कितना अपने पापा की गोदी में सर रख कर प्यार करेगी, देखो सोनू आज सुधा कहने लगी कि आप मुझे पहले जैसे प्यार नही करते और मेरी गोद में सर रख कर दुखी हो रही थी तब मैने कहा कि में तुझे बहुत प्यार करता हूँ तू बेकार में दुखी हो रही है, मनोहर की बात सुनते ही सुधा उठ बैठी और पलट कर देखा तो सोनू उसकी और गहरी और कुटिल मुस्कान बिखेर रही थी,
सोनू : अरे सुधा पापा तो सब से ज़्यादा तुझे ही प्यार करते है और पापा क्या पूरे घर भर में सबकी लाडली अगर कोई है तो तू ही है
सुधा : मुस्कुराते हुए सच भाभी
सोनू : और नही तो क्या, अब चल मम्मी बुला रही है में तुझे ही बुलाने आई थी
सुधा : मनोहर की ओर देखते हुए कहने लगी पापा में जाउ
मनोहर : सुधा को देख कर मुस्कुराते हुए हाँ बेटा और तू फिकर ना कर आज जैसा प्यार अब में तुझसे रोज करूँगा, मनोहर की बात सुन कर सुधा का चेहरा लाल हो गया और वह खुशी खुशी सोनू के साथ बाहर चली गई, बाहर जाते ही सोनू ने कस कर सुधा के मोटे दूध को दबोचा और सुधा के मुँह से आह निकल गई और उसने कहा क्या करती हो भाभी
सोनू : तू तो बड़ी उस्ताद निकली मैने तो तुझे पापा की उंगली पकड़ने को कहा था और तूने तो पूरा हाथ ही पकड़ लिया
सुधा : शरमाते हुए, क्या भाभी आज तो में मरते मरते बची हूँ, अच्छा हुआ आप वक़्त पर आ गई नही तो क्या से क्या हो जाता
सोनू : ज़रा खुल कर बता ना क्या हुआ, तब सुधा ने कहा भाभी शाम को पार्क में चलेंगे तब बताउन्गी, अभी मम्मी बुला रही है ना
सोनू : अरे नही वह तो मैने ऐसे ही कह दिया अब जल्दी से बता ना क्या हुआ था
सुधा : भाभी पापा ने मेरी गान्ड में उंगली डाल दी थी जहाँ से पीछे से लेग्गी फटी थी वहाँ वह मेरे चुतड़ों को सहला रहे थे और अचानक उनका हाथ मेरी फटी हुई लेग्गी के अंदर चला गया और ना जाने मुझे क्या हुआ मेरे हाथ के नीचे उनका मोटा लंड खड़ा था उनका हाथ जैसे ही मेरी गान्ड के छेद से टकराया ना जाने कैसे मैने पापा के मोटे खड़े लंड को लूँगी के उपर से अपने हाथों में दबोच लिया क्या बताऊ भाभी पापा का लंड तो बहुत मोटा और बहुत बड़ा है मेरी तो साँसे ही थम गई थी उनके मोटे लंड को पकड़ कर अगर तुम टाइम पर नही आती तो पापा की उंगली पूरी मेरी गान्ड में घुस चुकी होती,
सोनू : वाह मेरी रानी पहली ही बाल में छक्का मार दिया तूने अब तो मेरे ख्याल से तेरी लाइन जल्दी ही क्लियर हो जाएगी और जल्दी ही तेरी मस्त चूत और मोटी गान्ड में पापा को मोटा लंड घुस जाएगा, तभी पापा कह रहे थे कि आज जैसा प्यार तुझे रोज करेगे
सोनू की बात सुन कर सुधा का चेहरा फिर से लाल पड़ गया तब सोनू ने कहा अब ढिलाई मत करना और खूब तबीयत से मज़े ले अपने पापा के साथ फिर आज रात को तुझे मेरे रूम में भी आना है तुझे याद हैना
सुधा : हाँ भाभी में तो कब से रात होने का इंतजार कर रही हूँ
सोनू : मुस्कुराते हुए कहती है अब जाकर मेरी ननद रानी पूरी जवान हुई है, चल अब तू जा में ज़रा कपड़े धो कर आती हूँ और फिर सुधा चली जाती है और सोनू मन में सोचती है कि सुधा का कम तो बन गया पर मैं पापा के मोटे लंड का स्वाद कैसे चखू फिर तभी उसके दिमाग़ में एक आइडिया आता है और वह अपना पेट पकड़े हुए पापा के रूम की ओर चल देती है, उसे रोहित और मम्मी का टेन्षन नही था क्योकि वह दोनो बाइक से मार्केट चले गये थे और वह जानती थी कि सुधा अभी आधा घंटा बाथरूम में अपनी पनियाई चूत को सहलाएगी और वह बेफिकर होकर पापा के रूम की ओर बढ़ गई उसने ब्लाउज के दो बटन खोल लिए थे और साड़ी को नाभि के दो इंच नीचे तक सरका ली और पापा के रूम में एंटर होते ही कहा पापा आ अब तो और भी ज़्यादा पेट में दर्द हो रहा है
मनोहर : अरे बेटी गोली से कोई आराम नही मिला
सोनू : नही पापा बड़ी मरोड़ उठ रही है पेट में सोनू ने अपने नंगे मदमस्त पेट को सीधे पापा के मुँह के सामने लाकर रख दिया और मनोहर ने अपनी बहू के मदमस्त गुदाज गोरे पेट पर अपना हाथ जैसे ही रख कर सहलाते हुए मसला उसका लंड फिर से खड़ा हो गया,
मनोहर : बेटी लगता है तुम्हारा पेट उखड़ गया है इसकी तेल से मसाज करना पड़ेगी तब जाकर आराम मिलेगा, ज़रूर तुमने कुछ भारी समान उठाया होगा,
सोनू : हाँ पापा आप ठीक कह रहे है तो फिर मालिश कर दीजिए ना अभी मम्मी होती तो उनसे करवा लेती, सोनू ने जानबूझ कर बताया ताकि पापा बेफिकर होकर उसे तबीयत से दबोचे,
मनोहर : मम्मी कहाँ गई है बेटे
सोनू : मम्मी और रोहित मार्केट तक गये है 1 घंटे में लोटेंगे और सुधा शायद नहाने गई है
मनोहर : ठीक है बेटी में कन्फर्म कर लूँ कि पेट ही उखड़ा है तुम अपनी पीठ को मेरे सीने से टिका कर खड़ी हो जाओ और अपने पेट को फ्री छोड़ दो,
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