11-17-2018, 12:27 AM,
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RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सोनू की इस हरकत से मनोहर बहुत खुश लग रहा था बहू के पॉज़िटिव रियेक्शन ने उसे खुशी से पागल कर दिया था और सुबह सुधा की गुदाज जवानी देखने और मसल्ने का मोका भी मिल गया था वह अपनी दोहरी खुशी से पागल हुआ जा रहा था, कुछ देर तक मनोहर अपने रूम में रहा और फिर रूम के अंदर नीलम आ गई और आते ही कहने लगी, क्यो जी बहू क्या कह रही है
मनोहर का इतना सुनना था कि उसका दिल डर से बैठने लगा और वह हकला कर कहने लगा कि क्कक्या क्क्या कह रही है
नीलम : वह कह रही है कि उसका पेट बहुत जोरो सेदुख रहा था और तुमने पता नही उसे कैसी थेरेपी दी कि उसका दर्द मिंटो में गायब हो गया
मनोहर ने जब यह बात सुनी तो उसकी जान में जान आई और वह मुस्कुराते हुए कहने लगा आख़िर डॉक्टर. हूँ उसी का तो कमाल है कि मिंटो में दर्द दूर कर पाया
नीलम : मनोहर के गले लगती हुई, कहने लगी डार्लिंग मुझे भी बहुत तेज दर्द हो रहा है ठीक करो ना
मनोहर : नीलम के मोटे मोटे चुतड़ों को दबाते हुए कहने लगा तुम्हे कहाँ दर्द हो रहा है,
नीलम : मनोहर के हाथो को अपनी मोटी गान्ड की गहराई में दबाते हुए कहने लगी मुझे तो यहाँ दर्द हो रहा है, मोटे से इंजेक्षन से ही ठीक होगा, जैसे ही मनोहर का हाथ नीलम की गान्ड की गहराई में गया वह चौंक गया क्योकि नीलम की लेग्गी उधड़ी हुई थी और उसकी मोटी गान्ड के आस होल से लेकर चूत की फूली फांको के उपर तक लेग्गी फटी थी और उसने अंदर कोई पैंटी भी नही पहनी हुई थी और मनोहर ने उसकी गान्ड के छेद और चूत के छेद को सहलाते हुए पुछा यह लेग्गी कैसे फट गई, और तुम्हारी चूत इतनी गीली क्यो है काफ़ी देर से चुदासी लग रही हो तभी चूत इतना पानी छोड़ रही है,
नीलम : एक दम से सकपकाते हुए, अरे कुछ नही यह लेग्गी कल बैठते हुए फट गई थी और मुझे उसे सीलने का भी ध्यान नही रहा और में मार्केट उसी को पहन कर रोहित की बाइक पर बैठ कर चली गई थी लेकिन लोटने में रोहित की बाइक पांचार हो गई तो मुझे मजबूरन बस में बैठ कर आना पड़ा, अब बस की सीट पर बैठे बैठे अनायास मेरा हाथ चूत पर गया तो मुझे पता चला कि लेग्गी बहुत ज़्यादा फटी है बस फिर क्या था बस मे बैठे बैठे तुम्हारे इस मूसल को याद करने लगी तो पानी आ गया, तभी नीलम के हाथ में मनोहर के लंड का चिपचिपा पानी लगा और उसने चौंकते हुए पूछा लेकिन तुम्हारा लंड इतना पानी पानी क्यो हो रहा है, कहीं तुमने बहू के पेट को ठीक करने के बहाने उसकी चूत तो नही सहला दी
मनोहर : मुस्कुराते हुए तुम भी ना कुछ भी कह देती हो, बिना किसी जुगाड़ के क्या बहू ऐसे ही मुझे चूत छुने देगी
नीलम : तो फिर इतना पानी क्यो छोड़ रहा है आपका लंड
मनोहर : अरे बहू का मासल पेट देख कर लंड खड़ा हो गया था और फिर उसके जाने के बाद मैने तुम्हारी चूत के बारे में सोचते हुए थोड़ा लंड सहला लिया जिससे पानी आ गया
नीलम : मेरी चूत सोचते हुए लंड सहला रहे थे या बहू की , नीलम ने मुस्कुराते हुए कहा
तब मनोहर ने कहा अब अगर बहू की चूत सोच कर भी मूठ मार रहा था तो क्या हुआ तुम तो कुछ जुगाड़ जमा ही नही रही हो,
नीलम : जमा दूँगी जुगाड़ पर तुम तो सुधा की भी गान्ड मारने के चक्कर में हो ना,
मनोहर : क्या करू सुधा और सोनू दोनो के भारी भरकम चुतड़ों ने मेरे लंड को पागल कर रखा है,
नीलम तो लगता है इस मोटे केले का रस चूस चूस कर निकालना ही पड़ेगा
मनोहर : तुमने मेरे मन की बात कह दी चूस लो ना
नीलम : ठीक है चूस लेती हूँ लेकिन मेरी चूत के बारे में भी कुछ सोचा है
मनोहर : चिंता क्यो करती हो आज हम 69 की पोज़िशन में एक दूसरे के रस को चूस चूस कर पिएगे
नीलम : अच्छा ठीक है में बाहर एक बार देख कर आती हूँ और नीलम जाने लगी तो मनोहर ने कहा जल्दी आना मेरा खड़ा है और नीलम मुस्कुराते हुए बाहर चली जाती है, नीलम बाहर जाकर रोहित और सोनू के रूम के बाहर से उनकी आवाज़ सुनने की कोशिश करती है तो उसे पता चला कि दोनो एक दूसरे को बाँहो में लेकर चूमा चाटी में लगे है फिर उसने सुधा के रूम की खिड़की से अंदर देखा तो सुधा अपनी पैंटी में हाथ डाले हुए लेटी लेटी कोई बुक पढ़ रही थी, नीलम वापस आने लगी और फिर खड़ी खड़ी सोचने लगी,
नीलम सोचने लगी, मनोहर झूठ बोल रहे है हो ना हो आज उन्होने सोनू के पेट को मसल्ने के बहाने ज़रूर उसकी चूत या गान्ड को भी मसला होगा तभी तो उनका लंड इतना पानी पानी हो रहा है, और अब मेरी चूत चाटने का बोल रहे है मतलब मेरी चूत चाटते हुए वह यह सोचेंगे कि वह सोनू की चूत चाट रहे है, अब चूत के चक्कर में अपनी बीबी को झूठ बोल रहे है कोई बात नही में भी कम नही हूँ उनसे सच तो उगलवा कर रहूंगी,
उधर मनोहर अपने रूम में लंड सहलाता हुआ सोच रहा था कि कुछ तो बात है जिसे नीलम छुपा रही है और उसकी लेग्गी कितनी फटी हुई है ज़रूर किसी से अपनी चूत और गान्ड में खूब उंगली करवा कर आई है नही तो उसकी चूत इतना पानी कैसे छोड़ रही है, बिना कारण चूत इतना पानी तो नही छोड़ती है, पर किससे उंगली करवा कर आई है वह तो रोहित के साथ मार्केट गई थी तो कहीं अपने बेटे से ही अपनी चूत और गान्ड .............अरे नही नही नीलम क्या इतनी चुदासी हो गई है कि बेटे से ही अपनी चूत और गान्ड में उंगली करवा लेगी, और अगर वह चुदासी हो भी रही है तो क्या रोहित अपनी मम्मी की गान्ड और चूत को अपने हाथो से सहला सकता है,
हो भी सकता है उस दिन जब नीलम मार्केट जा रही थी तब में तो सोनू के मोटे मोटे चुतड़ों को देख रहा था तब रोहित कैसे आँखे फाड़ फाड़ कर अपनी मम्मी की मोटी भारी गान्ड को मटकते हुए देख रहा था, वैसे भी आज कल जवान लोंडो को मोटी गान्ड और भारी भरकम जिस्म वाली औरते ही अच्छी लगती है, पर फिर भी बिना जाने में यह नही कह सकता कि रोहित ने अपनी मम्मी की मोटी गान्ड और चूत में उंगली पेली होगी या सहलाया होगा, फिर उसके दिमाग़ में एक आइडिया आया और उसने रोहित को कॉल किया......
रोहित : जी पापा बोलिए
मनोहर : बेटे अब तुम्हारी बाइक कैसी चल रही है कुछ प्राब्लम तो नही करती है, पहले जब भी तुम मम्मी को बैठा कर ले जाते थे तो पन्चर हो जाती थी, वो क्या है ना तुम्हारी मम्मी इतनी मोटी हो गई है कि बेचारी बाइक की जान निकल जाती है, यह बात मनोहर ने हँसते हुए की
रोहित : मुस्कुराते हुए नही पापा जब से मैने टाइयर और ट्यूब दोनो चेंज करवा लिए है तब से पन्चर नही होती है आज भी मम्मी को बिठा कर मार्केट गया और आया लेकिन अब प्राब्लम नही हुई,
मनोहर : अच्छा तुम घर आ गये क्या
रोहित : हाँ पापा में तो मम्मी के साथ गया था और उन्ही के साथ अभी अभी आया हूँ
मनोहर : ओके बेटा लंच पर मिलते है, और मनोहर फोन कट कर देता है और उसे समझ में आ गया कि नीलम की बताई कहानी सरासर झूठ है, इसका मतलब यह हुआ कि दोनो माँ बेटे में कुछ तो गड़बड़ है इसी लिए नीलम मुझे बता नही रही है, पर खेर कोई बात नही में भी नीलम का पति और रोहित का बाप हूँ पता तो मुझे लग ही जाएगा, अभी वह यह सब सोच ही रहा था कि नीलम रूम के अंदर आ गई और उसने दरवाजा लगा दिया और कहने लगी मनोहर लेग्गी तो फटी ही है तो बिना उतारे ही तुम आज मेरी चूत का रस पियो और नीलम बेड पर मनोहर के अपोजिट करवट लेकर लेट गई और उसके मोटे लंड को लूँगी हटा कर अपने मुँह में ले लिया और मनोहर ने नीलम की मोटी मोटी गदराई जाँघो को पकड़ कर चौड़ा करते हुए अपने मुँह को उसकी फटी लेग्गी से झाँकती चूत में लगा दिया और उसकी चूत से लेकर गान्ड के छेद तक उसकी जांघे और मोटी गान्ड को दबा दबा कर चूसने लगा और उसकी आँखो के सामने सोनू पूरी नंगी नज़र आने लगी और वह सोनू की मस्त फूली हुई बिना बालो वाली चिकनी चूत को सोच सोच कर नीलम की चूत और गान्ड को खूब दबोच दबोच कर चाटने लगा,
उधर नीलम भी अपनी आँखे बंद किए हुए मनोहर के मोटे काले लंड को अपने मुँह में भर कर चूसने लगी और उसके दिमाग़ में आज शॉपिंग माल की लिफ्ट में रोहित के साथ घटी घटना याद आनेलगि और उस घटना को सोच सोच कर वह मनोहर के लंड को खूब कस कस कर चूसने लगी और वह घटना उसके दिमाग़ में फ्लश बॅक की तरह चलने लगी..............
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