RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b]प्रीती –“दीदी, आप कहाँ खो गयी......”
आराधना –“नही नही प्रीती....मैं बस ये सोच रही थी कि इतनी बड़ी बात उसने मुझे क्यूँ नही बताई......”
प्रीती –“वैसे दीदी....इसमें उनकी गलती नही है....अगर मैं अगर उनकी जगह होती तो मैं भी आपको ये बात नही बता पाती...”
आराधना –“पर क्यूँ......क्या तुझे मुझपर विश्वास नही है...”
प्रीती –“नही दीदी...बात विश्वास की नही है...अब देखो ना...आप दिल्ली जाने से पहले कितनी बोरिंग हुआ करती थी...हमेशा बस संस्कार के नाम पर लेक्चर दिया करती थी.....सेक्स से तो शायद आपका दूर दूर तक नाता नही था...ऐसे में आप क्या ये बात हज़म कर पाती कि सिमरन दीदी अपने भाई से ही चुदती है.....नही ना....”
आराधना –“वैसे....बात तो तेरी सही है......पर अब तो मैं बदल गयी हूँ......ना...”
प्रीती –“हाँ दीदी...अब तो आप बिलकुल झक्कास हो गयी हो....और मुझे जहाँ तक लगता है...अब तो शायद सिमरन दीदी आपसे खुद इस बारे में बात करेगी...” प्रीती ने कहा
आराधना –“हा..मुझे भी यही लगता है...वैसे प्रीती उनके बिच ये सब कैसे हुआ....तुझे तो उसने बताया होगा ना...मुझे भी बता ना...” आराधना ने उत्सुकता पूर्वक पूछा
प्रीती –“क्या हुआ दीदी...” प्रीती दोबारा मजे लेने के मूड में आ गयी
आराधना –“तू नही सुधरेगी...चल मैं ही बोलती हूँ....मुझे बता कि सिमरन और उसके भाई के बिच चुदाई कैसे और किन हालातो में शुरू हुई.....”
प्रीती –“चलो ठीक है दीदी...मैं आपको बता ही देती हूँ..पर आपको एक वादा करना पड़ेगा.....”
आराधना –“वो क्या...”
प्रीती –“यही कि कहानी पूरी होने के बाद आप भी मुझे बताओगी कि वो खुशनसीब कौन है जिसका लंड आपकी चुत की सवारी कर चुका...बोलो...मंजूर....”
आराधना तो अब बुरी फंस गयी...वो प्रीती को अपने और अपने पापा के बारे में नही बताना चाहती थी....पर वो सिमरन और उसके भाई की स्टोरी जानने के लिए मरी जा रही थी...ऐसे में अब वो करे क्या......
आराधना –“पर प्रीती मैंने तुझे बोला था ना कि यार प्लीज़ मुझसे उसका नाम मत पूछो.....”
प्रीती –“क्या यार दीदी...अब तो हम इतने क्लोज हो चुके है...अब कैसा शर्मना.....प्लीज़ बताओ ना...”
आराधना –“यार मैं...अब कैसे..............”
प्रीती –“ अच्छा चलो एक डील करते है.....”
आराधना –“कैसी डील” आराधना ने आश्चर्य से पूछा
प्रीती –“अगर आप मुझे ये बताओगी कि आपकी चुत की सिल किसने तोड़ी, तो मैं भी आपको ये बताउंगी.....कि....मेरी फुद्दी सबसे पहले किसने मारी......” प्रीती ने नशीली आँखों से आराधना की तरफ देखते हुए कहा.....
आराधना –“क्या......तू भी.....” आराधना के आश्चर्य का ठिकाना ही नही था.....उसे तो लग रहा था कि प्रीती की बुर तो सिल पैक है पर शायद वो अभी इन मामलो में इतनी उस्ताद नही हुई थी कि सिर्फ 2-3 बार चुदी हुई चुत को पहचान सके
प्रीती –“हाँ दीदी...मैं...भी....” प्रीती ने खिलखिलाते हुए कहा
आराधना –“तू तो बड़ी छुपी रुस्तम निकली यार...मैं तो तुझे बड़ी ही भोली भली समझती थी....पर तू तो कसम से एक नंबर की चुदक्कड निकली.......अपनी चुदाई के बारे में मुझे शक भी नही होने दिया...और मुझे लग रहा था कि मैं तो अब चुदाई में एक्सपर्ट हो गयी...पर तू तो मेरी भी उस्ताद निकली...” आराधना ने मुस्कुराते हुए कहा
प्रीती –“अब दीदी, ये जवानी की आग होती ही ऐसी ही है...रात रात भर बस करवटे ही बदलते रहते है जब तक इसकी आग को बुझाया ना जाये.......पर आप चिंता मत करो ...मैं आपको पूरा ज्ञान दे दूंगी.....हा हा हा...” प्रीती ने आराधना के निप्पल पे चिकोटी काटते हुए कहा
आराधना –“उईइ....माँ....क्या करती है यार....अच्छा बता ना प्लीज़....कि कोन है वो किस्मतवाला....जिसे मेरी प्यारी बहन की ये सुंदर सी गुलाबी चुत नसीब हुई....बोल ना....”
प्रीती –“नही दीदी....पहले आप वादा करो कि आप भी मुझे बताओगी कि आपकी चुदाई करने वाला खुसनसीब कौन है...तभी मैं आपको अपने वाले के बारे में बताउंगी...”
आराधना अब सच में दुविधा में फंस चुकी थी.....उसकी उत्सुकता चरम पर थी...वो सच में जानना चाहती थी कि प्रीती ने किससे चुदवाया है...पर अपने और पापा के बारे में उसे कैसे बताये यही नही सोच पा रही थी
प्रीती –“दीदी बोलिए ना......आप बताओगी ना....” प्रीती ने बड़ी ही मासूम सी शक्ल बनाते हुए कहा....
क्या मस्त नजारा था ये दोस्तों.....दो बहने बिलकुल नंगी बेड पर लेटी एक दुसरे से ये जानने की कोशिश कर थी कि उनकी पहली चुदाई किसने की ...........
आराधना ने काफी देर विचार किया और फिर आखिर उसने अपनी उत्सुकता के आगे हार मान ही ली
आराधना –“अच्छा ठीक है...मैं तुझे बताउंगी.....पर पहले तू मुझे बताएगी उसके बाद मैं बताउंगी.....ओके”
प्रीती –“ओके ठीक है...”
आराधना –“चल तो बता कौन है वो बन्दा.....” आराधना ने खुद ही अपने हाथ से अपने मम्मे को मसलते हुए पूछा
प्रीती –“दीदी....उसका नाम है.......कु...अम्मम्म....कुशल.....”
प्रीती ने जैसे ही कुशल का नाम लिया आराधना की तो आश्चर्य के मारे आँखे ही इतनी बड़ी हो गई जैसे अभी बाहर आ जाएगी...
आराधना –“क्या.........कुशल......पर कैसे...और कब.....तू सच तो कह रही है ना.....या ”
प्रीती –“दीदी...सच में......कुशल ही वो लड़का है जिसने मेरी चुत की सिल तोड़ी थी...और उसके बाद भी २-३ बार वो मेरी चुदाई कर चूका है.....” प्रीती तो आराधना पर जैसे आज कहर ढहाने को तैयार बैठी थी
आराधना –“पर कब....मेरा मतलब ये कैसे हो गया......तुम दोनों तो हमेशा लड़ते रहते हो ना...फिर ये सब कैसे.....” आराधना को तो अब ही यकीन नही हो रहा था कि कुशल और प्रीती आपस में सेक्स करते है
प्रीती –“दीदी....एक्चुअली लड़ाई लड़ाई में हम लोग इतना आगे बढ़ गये कि कब मुझे कुशल से प्यार हो गया पता ही नही चला... मैं तो बस शुरू में उसे चिड़ाने के लिए अपने बदन का इस्तेमाल करती थी..जैसे कभी कभी उसको अपनी बॉडी का दर्शन करा दिया..वैगरह वैगरह ....पर धीरे धीरे मुझे भी इन सब में मजा आने लगा और फिर हम धीरे धीरे एक दुसरे को ओरल देने लगे..और फाइनली एक दिन उसने मुझे मोका देखकर चोद ही दिया...” प्रीती आराधना को अपने और कुशल के बिच हुए सेक्स एनकाउंटर्स की जानकारी दे रही थी...और आराधना भी बड़े ही गौर से उसकी बाते सुन रही थी.....
जब प्रिती ने अपनी बात खत्म की तब तक तो आराधना पूरी तरह गरम हो चुकी थी...उसने अपनी चूत को जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया था.. उसकी आँखे नशे में अधखुली सी लग रही थी...
प्रीती ने जब आराधना को इस हालत में देखा तो उसके चेहरे पर एक कुटील मुस्कान आ गयी.....उसने बिना देरी किये धीरे से अपने होठों को आराधना की रस टपकती चूत से सटा दिया ....आराधना तो मजे के मारे दोहरी हो गयी....अब प्रीती ने जोर जोर से आराधना की चूत को चुसना शुरू कर दिया.....और तब तक मजे से चुस्ती रही जब तक कि आराधना की चुत ने दोबारा पानी की बोछार ना कर दी जिसे प्रीती ने बड़े ही मजे से चाटकर साफ कर दिया
प्रीती –“वाह...दीदी...आपकी चूत का पानी तो सच में बड़ा लाजवाब है.....” प्रीती ने अपने होठों पर जीभ फिराते हुए कहा
आराधना –“सच में तू बड़ी ही गरम लडकी निकली यार.....घर वालो के सामने तो कुशल को मारती है...और पीछे से खुद उससे मरवाती है....ह्म्म्म्मम्म...”
प्रीती –“अच्छा दीदी अब आप बताओ ना...आपकी सील पैक चुत का उद्घाटन किसने किया...”
आराधना –“मेरी बिल्लो रानी ..शायद हम दोनों बहने बिलकुल एक जैसी ही ही,,,जैसे तूने घर के घर में ही अपनी बुर का उद्घाटन करवाया वैसे ही मैंने भी घर के मर्द से ही अपनी चूत फडवाई....”
अब चोंकने की बारी प्रीती की थी....
प्रीती –“क्या....घर के मर्द से.....आपका मतलब है आपने भी कुशल से अपनी चूत मरवाई.....” प्रीती हैरानी से देखि जा रही थी
आराधना –“अरे पागल...क्या अपने घर में एक ही मर्द है क्या....”
प्रीती –“पर दूसरा मर्द तो......ओह...माय...गॉड....तो आपने क्या........पापा से......”प्रीती के तो अब होश ही उड़ चुके थे...
आराधना –“हाँ...तू सही समझी.....पापा ने ही मेरी चूत का शिलान्यास किया है मेरी बिल्लो ....” आराधना ने मुस्कुरा कर कहा
प्रीती –“पर ये सब कैसे हुआ......”
आराधना –“एक्चुअली...सिमरन ने मेरे दिल में पापा के लिए प्यार जगा दिया था...या कहूँ कि मुझे उससे जलन सी हो गयी थी क्यूंकि मैंने पापा को उसके करीब जाते हुए देख लिया था जबकि मैं खुद पापा को पाना चाहती थी....और फिर ...............” आराधना ने प्रीती को अपने और अपने पापा के बिच हुए एक एक वाकये को विस्तार से बताना शुरू कर दिया
इधर प्रीती इतनी गरम बाते सुनकर एक हाथ से अपनी चूत के दाने को मसल रही थी और दुसरे हाथ से अपने मम्मे को.....
प्रीती –“इसका मतलब आप दोनों ने दिल्ली में जम कर मजे लिए.......”
आराधना –“हाँ यार...हमारा तो और भी प्लान था पर किसी वजह से जल्दी आना पड़ा...पर अब तो मैं उनके बगैर नही रह सकती सच में....”
प्रीती –“वैसे दीदी...घर पर तो मोम है न फिर आप दोनों कैसे कर पाओगे”
आराधना –“अरे यार...अपनी मोम भी कुछ कम नही है...तुझे पता है..एक दिन जब पापा ऑफिस में थे.. तब मैंने मोम को किसी आदमी से चुदवाते हुए छुपकर देख लिया था...बिलकुल किसी रंडी की तरह अपनी चूत में वो मोटा सा लंड ले रही थी.......मैं उसकी शक्ल तो नही देख पाई पर उस बन्दे का लंड तो वाकई बहुत बड़ा था...पापा से भी बड़ा.....”
प्रीती आराधना की ये बात सुनकर धीरे धीरे मुस्कुराने लगी....
आराधना –“अरे मैं तुझे मोम की इतनी बड़ी बात बता रही हूँ और तू हँसे जा रही थी....”
प्रीती –“मैं इसलिए हंस रही हूँ दीदी क्यूंकि मैं ये बात पहले से जानती हूँ कि मोम किसी और से चुदवाती है...और मैं तो ये भी जानती हूँ कि वो कौन है....”
आराधना –“क्या सच में....बता ना यार कौन है वो जिससे मोम छुप छुप कर चुदवाती हैं”
प्रीती –“दीदी...वो कोई और नही बल्कि कुशल ही है जिसके साथ मोम रंगरेलियां मनाती है....”
आराधना –“क्या................................” आराधना को विश्वास ही नही हो रहा था ये सुनकर....
प्रीती –“हाँ..दीदी...और पता है...कल रात मैं इसीलिए जानबुझकर सिमरन दीदी के घर रहने के लिए गयी थी ताकि इन दोनों को थोड़ी प्राइवेसी मिल जाये............और पक्का इन लोगो ने कल रात तो जमकर चुदाई का दौर खेला है”
आराधना –“यार पता नही और कितने राज़ छुपे पड़े है......मुझे तो बिलीव ही नही हो रहा ये सब सुनकर”
प्रीती –“पर दीदी है तो ये सब सच.....अब देखो ना....आप पापा से चुदती हो....मोम कुशल से चुदती है...मैं भी कुशल से चुदाई करती हूँ.....”
आराधना –“हाँ...वो तो है...”
प्रीती –“वैसे दीदी एक बात कहूँ...अगर बुरा ना मानो तो”
आराधना –“अरे बोल ना...अब तो इतना कुछ शेयर कर चुके है..अब काहे का बुरा मानना...”
प्रीती –“दीदी...आपको ना...एक बार कुशल से भी चुदना चाहिए...सच में बड़ा ही मस्त लंड है उसका...इतना लम्बा और मोटा.....आपको सच में मजा आ जायेगा.....”
आराधना –“अब मैं तुझे कैसे बताऊ....दिल्ली में होटल में पापा के साथ चुदाई करते समय एक बार मुझे अचानक कुशल का चेहरा दिमाग में आ गया था और मुझे तब भी बड़ा अच्छा लगा था”
प्रीती –“तब तो फिर ठीक है....अब तो आपको कुशल से चुदवाना ही होगा, देखना आपको बड़ा मजा आएगा” प्रीती चहकते हुए बोली
आराधना –“चल ठीक है...पर तुझे भी फिर पापा से चुदाई करनी पड़ेगी”
प्रीती –“ओके डन”
आराधना –“सच में अब तो बड़ा मजा आने वाला है”
प्रीती –“वैसे दीदी...आप इमेजिन करो करो कि.....हमारी पूरी फैमिली एक साथ मिलकर चुदाई करे...मेरा मतलब है कि......मैं आप और मम्मी बिलकुल नंगे लेटे हो यहाँ और कुशल और पापा मिलकर हमारी चुदाई करे....”
आराधना –“उफ्फ्फ्फ़....यार फिर तो मजा ही आ जायेगा...पर ये पॉसिबल कैसे हो पायेगा यार”
प्रीती –“दीदी आप चिंता मत करो ..अब हम दोनों बहने मिलकर जल्द ही इस सपने को सच करके रहेंगे.. देखना”
फिर प्रीती और आराधना ने फिर एक बार एक दुसरे की चूतों को चूसकर ठंडा किया और फिर कपडे पहनकर निचे आ गयीं.......
दोस्तों आपको क्या लगता है..अब क्या होने वाला है इस घर में................
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