RE: Indian Sex Story ब्रा वाली दुकान
इस पर भी शाज़िया ने कोई जवाब नहीं दिया। फिर मैं अपनी बात को जारी रखा, लड़की दूसरी लड़की की प्यास बुझा भी कैसे सकती है, असली बात तो लड़के के पास होती है जिससे लड़की की प्यास बुझे। । । लेकिन पैन्टी में वह चीज मौजूद है। अगर नीलोफर और आप चाहें, तो इसे पहन कर आपस में एकदोसरे खेल सकते हैं और अपने प्रेमी की दूरी से जो प्यास बढ़ जाती है, वह इस रंग की मदद से बुझाई जा सकती है।
अब की बार शाज़िया की कपकपाती आवाज निकली ... म ..... मज ......... मजझे ै ...... यह न ....... न ..... ही चा ..... हुये ..... शाज़िया के हाथ काँप रहे थे और उसकी सांसें भारी हो रही थीं। मुझे लगने लगा कि अब लोहा गरम है, अब काम बन सकता है। मैंने कहा शाज़िया जी एक बार देखें तो सही, उम्मीद है आप उस पर लगी चीज का आकार भी पसंद करेंगी .
शाज़िया फिर अपने कांपते होंठों से बोली, पुल ...... प्लीज़ इसे वा ........ वापस ..... रखें ...... ज ..... ज ..... कोई आज ....... आ जाएगा .....
मुझे दरवाजे का विचार आया वो तो बंद ही है और बाहर से अंदर देखने पर नज़र नहीं आता मगर शाज़िया की बात सही थी किसी भी समय कोई आ सकता था। समय तो वैसे ही ब्रेक का हो चुका था, मैं काउन्टर से बाहर निकला और दरवाज़ा बंद करके दरावज़े पर दुकान बंद है का साइन बोर्ड लगा दिया। वापस आकर मैंने कहा लें शाज़िया जी, दुकान बंद हो गई और बाहर साइन बोर्ड भी लग गया कि दुकान बंद है। अब कोई अंदर नहीं देखेगा आप बेफिक्र होकर यह डिल्डो वाली पैन्टी की जाँच करें।
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