RE: Hindi Porn Story मेरा रंगीला जेठ और भाई
मेरे लिए अपनी बात से वापस होना नामुमकिन था !मुझे बहुत जोर कि पेशाब आ रही थी ! बाथरूम जाना था, पर हिल नहीं पायी! भैया ने मेरी नाइटी बिस्तर से उठाकर , टेबल पर रख दिया और अपना कुर्ता उतार दिया ! बालों से भरा चौड़ा सीना मेरे सामने था ! भैया ने पजामा भी उतार दिया !अब सिर्फ अंडरवियर में मेरे सामने थे ! मेरी सूनी ऑंखें आंसुओं से भरी हुई थी ! रमेश आज मुझसे दूर हो रहा था , और भैया मेरे चूत के ख्यालों में मुस्करा रहे थे ! उनके बिस्तर पर लेटने से पहले ही मैंने कहा , मुझे बाथरूम जाना है !उन्होंने सहारा दिया , पर मैं सम्हल नहीं पायी और उनकी बाँहों में झूल गयी ! उन्होंने मेरी हालत समझी और मुझे गोद में उठा लिया, और बाथरूम की तरफ चल पड़े ! उनके बालों से भरे सीने में मेरे मुंह था , अजीब सी मरदाना खुश्बू मुझे पागल करने लगे ! भैया ने मुझे सीट पर बिठाया और खुद बाहर चले गए ! जाते जाते दरवाजे को ठीक से लगाते गए !उन्होंने कहा , मैं बाहर हूँ , आवाज़ दे देना ! मैंने लगातार पता नहीं कितनी देर तक पेशाब किया , बाथरूम में आवाज़ गूँज रही थी ! फिर पता नहीं मुझमे कहाँ से इतनी हिम्मत आई , मैंने दरवाज़े तक पहुँच कर अंदर से बाथरूम बंद कर ली ! रमेश मेरे दिमाग पर फिर से हावी थे ! मैंने सोच लिया की कम से कम आज नहीं चुदूँगी ! भैया बाहर से आवाज़ लगाते रहे , मुझे वादाखिलाफी करने के लिए कोसते रहे , पर मैंने कहा भैया , आज प्लीज मुझे माफ़ कर दो ! मैंने वादा नहीं तोड़ा है ,पर आज में इस हालत में नहीं हूँ ! चिड़ियों के चहचहाने की आवाज़ आने लगी थी , यानि सुबह हो चुकी थी ! भैया सुबह के सैर के लिए निकल गए थे शायद.
पूरा उजाला होने पर मैं तैयार होकर नीचे आई ! घर पर अब बहुत ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं थी , सिर्फ घर के ही लोग रह गए थे ! सबने कल तक चले जाना था , मेरी भी ट्रेन कल रात की थी और वो भी भैया के साथ !ख्याल आते ही बदन काँप गया ! कब तक बच सकती हूँ, ट्रेन में भी रमेश हमेश फर्स्ट AC का टिकट लेते थे ! यानि दो बर्थ वाला केबिन मिला तो पूरी रात छोटे से केबिन में मैं और भैया ! परसो हम सुबह दिल्ली पहुंचेंगे और रात में रमेश की अमेरिका की फ्लाइट है !उसके बाद दस दिन सिर्फ मैं और भैया , मेरे बचने की कोई सूरत नहीं ! सोचते सोचते ही पैन्टी में गीलापन महसूस किया !मुझे अपने शरीर से बहुत शिकायत थी , वो अब मेरा साथ बिलकुल नहीं दे रहे थे ! हालत ऐसी थी मेरी कि, भैया अगर मुझे छू भी दें तो शरीर उत्तेजना से भर जाता था !
भैया दो दिन पहले तक ऐसे बिलकुल नहीं थे !अभी भी दिन में अगर हम आमने सामने होते , तो वो बिलकुल नार्मल लगते !आखिर ऐसा हुआ क्या ? मैंने एक एक बात याद करनी शुरू की ! हो सकता है उस रात मैं बहुत ज्यादा थकी थी , दवा खाने के बाद सो गयी थी , बगैर कपड़े बदले ! भैया जब देर रात को रमेश को स्टेशन छोड़ लौटे होंगे , तो मुझे अस्त व्यस्त देखा होगा !कमरे की लाइट भी मैंने बंद नहीं की थी .और साड़ी .पैन्टी ,पेटीकोट सब साटन की, बहुत सेक्सी दिखी होगी भैया को ! मुझे बेहोश सा देखकर कुछ लालच आ गया हो, छूने का , कोई हलचल ना देखी हो तो चूम चाट भी लिया हो ! पर दूसरी रात...... हे भगवान मुझे याद आया की कहीं फिर से मैं वैसी ही हालत में तो नहीं थी . उसपर मैंने ब्रा और पैन्टी भी नहीं पहनी थी ! कहीं भैया ने ये तो नहीं सोच लिया की मैंने जान बूझकर ब्रा पैन्टी नहीं पहनी, कि उन्हें खोलने और पहनाने की जरुरत ना पड़े ! मुझे अपनी गलती का अहसास हो रहा था ! लेकिन फिर मैंने सोचा , चाहे जो भी हो , मैं कैसी भी हालत में क्यों ना रहूँ ,उनको कोई हक़ नहीं बनता इस तरह बहु के साथ पेश आने का ! अभी इन उलझनों में खोई ही थी की सास ने आवाज़ दी !सास अकेले ही बैठी थी , मुझसे इधर उधर की बात करने लगी !फिर उन्होंने बोला , बेटी एक चीज़ मांग सकती हूँ तुमसे ! जी , आप आज्ञा दीजिये . मांगने की क्या जरुरत है , मैंने कहा !बेटी पहले कसम खा की तू मन नहीं करेगी !अगर तूने मना किया तो मेरा मरा मुंह देखेगी ! मैंने तुरंत हाँ कर दी ! सास बोली , बेटी तुमलोग नए ज़माने की हो ,मॉडर्न हो , तुम्हे जल्दी बच्चा नहीं चाहिए , फिगर ख़राब हो जायेगा ,ऐसा सोचती हो !लेकिन अब मैं ज्यादा जीनेवाली नहीं हूँ , खानदान का वारिस देख के जाना चाहती हूँ ! बड़े ने शादी नहीं की , छोटा दिमाग और शरीर से अपाहिज है !अब सिर्फ रमेश है ,जो खानदान आगे बढ़ा सकता है ! लोगों ने बातें बनानी शुरू कर दी है , तीन तीन बेटों के होते मेरा खानदान अभी तक वारिस को तरस रहा है ! मुझे अगले दो महीनों में बच्चे की खुशखबरी मिलनी चाहिए ! तुम्हारे लिए मैंने शाम को गावं की सभी बहुओं को खाने पर बुलाया है !उनके साथ बातें करो, कुछ पूछना हो , सीखना हो खुल कर बातें कर लेना !सब के सब या तो माँ बन चुकी हैं या बननेवाली हैं !मेरे मुंह से बस इतना निकला ..."जी" ! मैं किचेन की तरफ जाने लगी तो सास ने अपनी आवाज़ थोड़ी रूखी करके कहा की बहू,बिना खुशखबरी के गावं मत आना ,शहर में ही अपनी मनमानी करो ! मेरे ऊपर जैसे एक और बम फट गया ! अभी भैया के कारण दिमाग ख़राब था अब सास ने एक और सरदर्द दे दी ! मैं बहुत दुखी थी ! सास को जवाब नहीं दे सकती थी ,नहीं तो बोल देती की मैं तो खुद ही माँ बनने को मरी जा रही हूँ , लेकिन कैसे बनूँ !हम तो कुछ यूज़ भी नहीं करते , अब बच्चे नहीं ठहरे तो मैं क्या करूँ ! मैं रमेश को अभी टेंशन नहीं देना चाहती थी , सोचा कि अमेरिका से लौटने पर बताउंगी !
शाम के पार्टी के लिए मैं तैयार होकर आँगन में आ गयी ! ननद ने देखते ही कह दिया , भाभी किस पर बिजली गिरानी है, रमेश भैया तो यहाँ है नहीं ! मैं सच में बहुत सेक्सी लग रही थी ! क्रीम कलर कि प्योर सिल्क कि साड़ी , ब्लाउज और अंदर साटन वाली फैंसी ब्रा पैन्टी !चिकनाहट ऐसी कि कपड़े बार बार फिसल रहे थे !गहरे लाल रंग कि लिपस्टिक और बिंदी क़यामत ढा रहे थे !मैंने गावं की बहुओं के खूबसूरती कि बहुत तारीफ सुनी थी , इसलिए मैंने अपने को सजाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी !सास का आर्डर था की मैं दुल्हन की तरह लगूँ! पार्टी शुरू हो गयी थी ! इस गावं के लोग कहाँ से ढूंढ के बहुएं लाते हैं , एक से एक बढ़कर ख़ूबसूरत ! मैं बस उनसे कपड़ों के मामले में आगे थी क्योंकि मेरे कपड़ों की फिटिंग और सलीका सब से अलग और सुन्दर था !सब मेरी तारीफ़ कर रहे थे , एक बहू मेरे लिए गज़रा लायी थी , बालों में लगा दिया ! ये सिर्फ बहुओं की पार्टी थी , सिर्फ नौकरानी ही सर्व कर रही थी ! हम आपस में बातें करने लगे , हंसी मज़ाक करने लगे ! एक ने कहा दीदी , आप कितनी लकी हो , जब आपको बच्चा होगा तो डाक्टर घर में ही है ! मैंने कह दिया, नहीं नहीं मैं तो शहर में ही दिखाउंगी किसी लेडी डाक्टर से , वो मेरे जेठ है ! दूसरी ने कहा , तो क्या हुआ बहन , हैं तो वो डाक्टर; यहाँ जितने भी बहुएं आई हैं ,सबके डाक्टर वही हैं ! और बहन , आज तक सभी के सभी नार्मल डिलीवरी हुई है ! एक दो बहुओं ने शहर में डाक्टर को दिखाया , ऑपरेशन करना पड़ा , और बहुत तकलीफ उठानी पड़ी !हमारे डाक्टर से तो दूर गावं से लोग आते हैं इलाज़ कराने ! गावं की सबसे खूबसूरत बहू 'चंपा' थी , जो रमेश के दोस्त कमल की बीवी थी ! क्या खूबसूरती थी , कोई हीरोइन की तरह लगती थी , मैंने अपनी ज़िन्दगी में इससे खूबसूरत औरत नहीं देखी थी , एक साल का बेटा था, पर मस्त माल लग रही थी ! उसने मुझसे पुछा की आप अकेली जा रही हैं , जेठ जी के संग , मुझे कुछ अटपटा सा लगा सवाल , पर मैंने सिर्फ हाँ में सर हिला दिया ! मैं जेठ जी जिक्र तक से दूर रहना चाहती थी , पर पूरी पार्टी में उन्हीं की बातें हो रही थी ! मैं तो पहले से जली भुनी थी , पार्टी में उनकी तारीफ़ ने और मेरा दिमाग ख़राब कर दिया ! कम से कम किस्मत के मामले में जेठ जी बहुत धनी थे ! एक से एक सुन्दर औरतें , और सब के सब खुद चल के जाती थी ,जेठ जी से अपने चूत की जांच कराने ! मैंने मन ही मन में सोचा की ऐसे आदमी को शादी की क्या जरुरत ! मैं अगर इनकी बीवी होती तो रोज़ झगड़ा करती !
पार्टी खत्म हो गयी थी , मैं भी सास से इज़ाज़त लेकर अपने रूम की तरफ चल पड़ी ! अभी तक तो पार्टी में ख्याल ही नहीं था की भैया मेरा इंतज़ार कर रहे होंगे ! देवर आज थोड़ा परेशान कर रहा था , इसलिए भैया शाम से ही रूम में ही थे , उसे रात को नींद की दवा देकर सुलाया जाता था ! मैंने नीचे अंदर से दरवाज़ा बंद किया और रूम में आ गयी ! भैया मेरे पलंग पर एक कोने में बैठे,मोबाइल पर कुछ कर रहे थे, पूरा रूम खुश्बू से भरा हुआ था ! भैया ने सुगंध वाली अगरबत्ती चारो कोने में जला रखी थी ! मैंने पुछा की ये कैसी खुशबु है , उन्होंने कहा कि मच्छर ज्यादा थे , इसलिए जला दी है ! मैं भी पलंग पर दूसरे कोने में बैठ गई ! थोड़ी देर तक हम दोनों ही चुप रहे , फिर भैया बोले 'अच्छी लग रही हो' ! मैंने जवाब नहीं दिया ! मैंने सोच लिया था कि एक आखिरी कोशिश जरूर करुँगी , अपने सुहागन का फ़र्ज़ निभाने की ! इस वक़्त रमेश मेरे दिलो दिमाग पर छाए थे ! भैया ने कहा ,कपडे बदलने हैं क्या ? मैंने कहा ,नहीं, पहले आप से बात करनी है ! भैया मेरे तरफ देखने लगे ! मेरा चेहरा तमतमा रहा था , मैंने अपनी आवाज़ कड़ी की , और कहा देखिये भैया , मैं रमेश को ये सारी बातें बताने वाली हूँ, जो कुछ भी आपने किया मेरे साथ ! अगर आप आगे कुछ ना करने का वादा करें तो मैं इस बात को यहीं दफ़न कर दूँगी ! भैया ने कहा .'और तुम्हारी प्रॉमिस' ? मैं आपके पैर पकड़कर आपसे माफ़ी मांग लुंगी ! भैया बोले ये चीटिंग है ! अचानक पता नहीं कहाँ से मेरे अंदर इतनी ताक़त और हिम्मत कहाँ से आई , मैं लगभग चीखते हुए उन पर गालियों की बौछार कर दी , कुत्ते हो , कमीने हो ,अपनी बहू की इज़्ज़त लूटने वाले हवसी हो आप ! आपने अपनी बहनो के साथ भी यही किया होगा ! मेरे स्वर थोड़े नरम पड़े , मैं मज़बूर थी , पता था , रोते हुए बोली ' अगर फिर भी आपको लगे की आपको अपनी बहू की इज़्ज़त लूटनी है , तो लीजिये मैं आपके सामने खुद नंगी होती हूँ, जितना लूटना है लूट लीजिये अपने छोटे भाई की पतिव्रता पत्नी को ! मेरी आखों में आंसू थे ,और मैंने अपना आँचल अपने चूचियों पर से उतारकर , बिस्तर पर रख दिया ! मेरी साँसें जोर जोर से चल रहे थे , और चूचियाँ सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रही थी ! भैया की आँखें नम हो रही थी , उन्होंने कहा ,'मैंने जो भी किया बहुत मज़बूर होकर किया '! मैंने फिर तेज़ आवाज़ में कहा , कोई मज़बूरी नहीं हो सकती , आपको शादी कर लेनी चाहिए इन सब के लिए , क्यों ढोंग कर रहें हैं आप अपने 'मेहरबानी' का !
ठीक है , मैं तुम्हें अपनी प्रॉमिस से आज़ाद करता हूँ , पर तुमने जो आरोप मेरे ऊपर लगाये हैं , उसका जवाब इस मोबाइल में है , देख लो ! मेरे तेवर कम नहीं हुए थे , बोल पड़ी , मेरी फिल्म बना ली होगी ,और आप कर भी क्या सकते हैं ! तभी मोबाइल से मेरे पति की आवाज़ आई ........
रमेश : भैया , आज माँ मुझसे कह रही थी कि, मुझे एक महीने के अंदर बहू के माँ बनने की खुश खबरी दो , नहीं तो मैं तुम्हारी दूसरी शादी कर दूंगी !
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