RE: Kamukta Story बिन बुलाया मेहमान
मुझे तुरंत याद आ गया. गंगू हमारे घर रोज सुबह दूध देने आता था. एक
दिन वो बीमार था तो उसकी जगह ऑटो वाला दूध देने आया था.
उसकी उमर कोई 31 या 32 साल थी.
"मेरा नाम पार्कश है. शायद मैने बताया था आपको?"
"ओके...ज़रा जल्दी करो मैं लेट हो रही हूँ."
"क्या करू मेडम जी हर तरफ ट्रॅफिक ही ट्रॅफिक है. देल्ही में ये सबसे बड़ी
दिक्कत है."
मैं उसकी बातों पर रिएक्ट नही कर रही थी. मगर कुछ ना कुछ बोले जा रहा
था. अचानक उसने ऑटो रोक दिया.
"क्या हुआ?"
"मेडम जी आपकी इजाज़त हो तो एक पान ले लूँ."
"ठीक है...जल्दी करो"
5 मिनिट बाद वो पान चबता हुआ ऑटो की तरफ आ रहा था. मेरी नज़र उस पर
पड़ी तो उसने बड़े अश्लील तरीके से अपनी पॅंट में तने हुए लिंग को मेरी तरफ
देखते हुए मसला. मैने तुरंत अपना सर घुमा लिया.
"क्या आपने कभी पान खाया है मेडम जी."
"नही...ज़रा जल्दी करो."
"मेडम जी साहिब क्या काम करते हैं?"
"तुमसे मतलब...तुम ऑटो चलाने पर ध्यान दो."
उसने मुझे घर के बाहर उतार दिया. मैने पैसे पुच्छे तो उसने मना कर दिया.
"रहने दीजिए मेडम जी. आपके यहा दूध देते हैं हम"
"वो तो तुम्हारा भाई देता है ना."
"अगले महीने वो कुछ काम से बाहर जा रहा है. फिर मैं ही देने आउन्गा."
"जो भी हो पैसे तो तुम्हे लेने ही पड़ेंगे. बताओ कितने हुए?"
"आप इतना कह रही हैं तो 100 दे दीजिए."
100 मुझे ज़्यादा लगे मगर फिर भी मैने तुरंत उसे पर्स से निकाल कर दे
दिए.
मगर जाते जाते वो कुछ अजीब बोल गया.
"मेडम जी मेरे लिए लड़की ढूंढी जा रही है. काश आपके जैसी लड़की मुझे मिल
जाए."
मैं उसे देखती रह गयी और बिना कुछ कहे घर की तरफ चल दी. मैने पीछे
मूड कर देखा तो वो ऑटो लिए वही खड़ा था. कमीना हिलते हुए मेरे नितंबो को
घूर रहा था.
घर में घुसते ही मुझे एक प्लान सूझा. मैने किचन में एक कॅमरा फिट कर
दिया ताकि जब भी चाचा मुझे छेड़े उसकी करतूत कॅमरा में रेकॉर्ड हो जाए.
जैसे ही मैं कॅमरा फिट करके हटी डोर बेल बज उठी. मैने दरवाजा खोला तो
चाचा मेरे सामने खड़ा मुस्कुरा रहा था.
"तुम सिनिमा से अकेली भाग आई. हम साथ आते तो अच्छा रहता. चलो कोई बात
नही."
मन तो कर रहा था की उसके मूह पर दरवाजा पटक दूं और उसे घर में ना घुसने दूं पर अपने प्लान का ख्याल आने पर मैने खुद को थाम लिया.
मैं चुपचाप बिना कुछ कहे किचन में आ गयी और कॅमरा ऑन कर दिया. प्लान
के मुताबिक मुझे किचन में ही रुकना था. मुझे पूरा यकीन था कि वो किचन
में आकर छेड़खानी ज़रूर करेगा. मैं किचन के छोटे मोटे कामों में लग
गयी.
"गगन कब तक आएगा निधि?"
मैने मूड कर देखा तो चाचा किचन के दरवाजे पर खड़ा था.
क्रमशः…………………………………
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