Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगाना
12-19-2018, 01:52 AM,
#76
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा...
मुझे तो जैसे पूरे शरीर को लकवा मार गया हो, कितनी ही देर तक यूही सकते की हालत में बैठा रहा…! फिर राजू ने मेरे कंधे पर हाथ रख के हिलाया.. तब मेरी तंद्रा टूटी.. मेरी आँखें झरने की तरह बरस रहीं थी, गम और गुस्से में मेरे मुँह से निकला…

मे उस हरामजादे बानिए को जान से मार दूँगा… मेरी रिंकी को मार डाला उस कुत्ते ने…!

राजू- किसे मारेगा..? उसके बाप को..?

मे- हां राजू, मे उस हरामजादे को छोड़ूँगा नही..

राजू- चल आजा मेरे साथ..! और वो मेरा हाथ पकड़ कर ले गया उसके घर के अंदर.. !

रिंकी का बाप एक टूटी फूटी चारपाई पर लेटा अपनी मौत के दिन गिन रहा था.. पूरे शरीर को लकवा मार चुका था, अब वो अपनी मर्ज़ी से हिल भी नही सकता था.

राजू – ले मार दे इसे, और दिला दे मुक्ति इसके दुखों से इसको.

रिंकी की माँ मुझे देखते ही मेरे सीने से लग कर फुट-फुट कर रोने लगी और रोते-2 ही बोली-

बेटा हम तुम दोनो के गुनहगार हैं, अपनी झूठी मान-मर्यादा की भेंट चढ़ा दिया हमने अपनी बेटी को..! हमें सज़ा दो बेटा.. हमें मार डालो..

मे- कम से कम एक बार मुझे खबर करके पुछ तो लेते, क्या हमें चिंता नही अपने माता-पिता के मान सम्मान की, लेकिन आप लोगों की ज़िद ने मार डाला उससे..! काश में समझ पाता कि उसके लेटर मिलना क्यों बंद हो गये हैं, तो शायद वो आज जिंदा होती.

रिंकी के बाप को अपनी बेटी की मौत का गहरा सदमा पहुँचा था, जिससे उसके आधे शरीर को लकवा मार गया.

अब वो हमें बस देख, सुन सकता था, और आँसू बहा सकता था. शायद उसे दो प्रेमियों को जुदा करने की सज़ा मिल गयी थी, जो ना जाने और कितनी लंबी होने वाली थी.

रिंकी के पिता की दयनीय हालत देख कर मेरा गुस्सा ना जाने कहाँ गायब हो गया, और अपना आँसुओं से भरा चेहरा लेकर मे वहाँ से चला आया.

मेरे पूरे शरीर में जैसे जान ही ना बची हो, कुछ भी करके मे अपने घर पहुँचा और एकांत में जाके लेट गया…! 

पूरे दिन किसी घरवाले को भी पता नही चला कि मे कहाँ हूँ, ना कुछ खाया ना पिया बस पड़ा रहा, आँसू मेरी आँखों से रुकने का नाम ही नही ले रहे थे.

मेरे घर में किसी को भी मेरी प्रेम कहानी के बारे में पता नही था अब तक, तो अब पता चलना भी नही चाहिए क्योंकि जिस सामाजिक प्रतिष्ठा की खातिर मेरी प्रेयसी को अपना जीवन त्यागना पड़ा, अब उसकी मौत को रुसवा नही कर सकता था मे.

लेकिन एक धृड निस्चय लिया मैने की अब मे जिंदगी भर शादी नही करूँगा. जितना हो सकेगा समाज कल्याण में अपना जीवन अर्पित कर दूँगा, शायद यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी रिंकी को मेरी ओर से.

दूसरे दिन अपने कॉलेज वापस लौट गया, दुखी था, पर अपने दुखों की छाया दूसरों पर नही पड़ने देना चाहता था, इसलिए सबके साथ हसना मुसकराना भी पड़ता.

लेकिन जब भी अकेला होता, अनायास ही वो याद आ जाती और ना चाहते हुए मेरी आँखों से आँसू झरने लगते.

एक दिन ऐसे ही गुम्सुम रति के घर में सोफे पर अकेला बैठा था लड़कियाँ अभी कॉलेज से लौटी नही थी. रति मेरे लिए किचेन में कुछ बना रही थी स्पेशल.

मुझे रिंकी की यादों ने घेर लिया और मेरे आसू निकल पड़े, जो बाहर आती रति ने देख लिए, जैसे ही उसका हाथ मेरे कंधे पर पड़ा.. झट से मैने अपनी आँखों को सॉफ किया, लेकिन वो ये सब देख चुकी थी.

रति- मुझे अपने दुख में शरीक नही करोगे ..? जबसे लौटे हो गुम-सूम से रहने लगे हो.. बताओ ना मुझे क्या बात है.. ?

मे- कुछ नही मे ठीक हूँ, ऐसी कोई बात नही है..!

रति- तो फिर इन हीरे जैसी आँखों में चमक की जगह आँसू क्यों हैं..? या मुझे ये जानने का हक़ नही है..?

तुम बहुत चालाक हो भाभी..! कोई भी मेरा सीक्रेट नही छोड़ॉगी ..? मैने उससे अपने पास खींचते हुए बोला..

रति- सीक्रेट…? रोने का भी कोई सीक्रेट होता है भला..? उसके लिए तो एक कंधे की ज़रूरत होती है..! अब बता भी दो…!!

मे- वादा करो, ये बात किसी को पता नही चलेगी, और जब उसने वादा कर दिया तो मैने उसे पूरी बात बता दी. जैसे-2 वो मेरी दास्तान सुनती गयी, स्वतः ही उसकी आँखों से आँसू बहने लगे और मेरी आखें फिर से भर आईं.

उसने मेरा सर अपने कंधे पर रख लिया और मे कितनी ही देर तक उसके कंधे को अपने आँसुओं से भिगोता रहा.

रति - कितना दर्द समेटे हुए हो अपने अंदर..? मेरी आँखों में झाँकते हुए बोली. बाहर निकाल दो इसे, और अपनी जिंदगी की एक नयी शुरुआत करो. 

माना कि उसकी कमी तुम्हारे जीवन में पूरी कोई नही कर पाएगी लेकिन किसी की याद में जीवन यूँही तो नही गुज़ारा जा सकता.

मे - नही..! मे फ़ैसला कर चुका हूँ, जीवन भर मे अब किसी और से शादी नही करूँगा, किसी और का जीवन बर्बाद करने का मुझे कोई हक़ नही. 

क्योंकि सच्चा प्यार सिर्फ़ मेरा उसके लिए था, जो उसके साथ ही चला गया. अब इस टूटे दिल से और किसी का घर आबाद नही होगा मुझसे.

रति मेरे चेहरे की ओर देखे ही जा रही थी, मैने कहा- ऐसे क्या देख रही हो तो वो बोली---

मे तुम्हें आज तक नही समझ पाई, इतने दिनों में भी तुम्हारे दिल की गहराई नही जान पाई.. या शायद मेरी इतनी समर्थ्य नही होगी.
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna kahani ज़िन्दगी एक सफ़र है बेगा... - by sexstories - 12-19-2018, 01:52 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,585,155 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,894 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,269,157 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 959,462 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,701,191 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,120,780 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,020,810 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,294,744 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,113,770 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,065 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)