RE: Nangi Sex Kahani नौकरी हो तो ऐसी
मैने उसके कान मे हल्के से उसे शांत होने को कहा…. उसके हाथ पूरे गद्दे मे घुसे थे और वो अपनी सांसो को काबू मे लाने की कोशिश कर रही थी पर लड़की कमाल थी अभी भी एक बार भी नीचे नही झुकी थी…. अब मैने हल्के से लंड अंदर बाहर – अंदर बाहर कारण शुरू किया …. पर नसरीन को दर्द होये जा रहा था. उसके गांद का छेद मेरे लंड के चारो तरफ एलास्टिक की तरह जम गया था…. और उसे आगे पीछे करने मे भी तकलीफ़ हो रही थी….
मैने फिरसे उसे शांत रहने को कहा और वो और थोड़ी सी शांत हो गयी और बोला कि अभी तुम्हे मज़ा आएगा … और मालंबंती को उसके मुँह से कपड़ा निकाल ने को कहा …. कपड़ा निकलते ही वो रोने की हल्की आवाज़ करते हुए मेरी तरफ देख के बोली – तुम बहुत बड़े झूठे हो..
मैं – देखो पहले थोड़ा दर्द तो होता है पर अभी देखो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा
नसरीन – ठीक है पर बहुत दर्द भी होता है ज़रा हल्लू हल्लू करो ….एक पल ऐसा लगा था कि मेरी जान निकल जाएगी…
अब वो थोड़ी सी आराम अवस्था मे आ गयी थी, और इस वजह से उसने अपने गांद के छेद को थोड़ा सा ढीला भी छोड़ दिया था जिसकी वजह से मुझे फटाफट लंड अंदर बाहर करने मे बिल्कुल भी परेशानी नही हुई… मैने धक्के मार रहा था… स्वरगसुख क्या होता है इसका आनंद पृथ्वी पे ही मुझे मिल रहा था और अभी कुछ पलो मे मैं इस कुँवारी गांद को अपने वीर्य से लबालब भरने वाला था
मुझसे अभी रहा नही गया और मैने अपना सब वीर्य नसरीन की गांद मे भर दिया…. और मालंबंती के मुँह मे मेरा लॉडा दिया वो पहले नही बोलने लगी पर जब मैने उसका सर पकड़ के लंड पे रख दिया तो वो चुपचाप उसे सॉफ करने लगी, उधर नसरीन की गांद से सफेद पानी की बूंदे नीचे टपक रही थी वो अभी गद्दे पे गिर पड़ी थी
मैने उसे पूछा – मज़ा आया....???
नसरीन – मज़ा तो आया पर बहुत दर्द हो रहा है यहाँ……….
मैं – अरे कुछ नही ये दर्द अभी चला जाएगा पर तुम इस चीज़ का मज़ा जिंदगी भर लेती रहोगी....
नसरीन गाल ही गाल मे मुस्कुराइ और उसने आँखे बंद करके फुर्ती और संतुष्टि की साँस लेके आँख बंद कर दी थोड़ी ही देर मे उसी अवस्था मे उसकी आँख लग गयी इतने बड़े लंड ने उसे भी स्वरगसुख का एहसास दिया था, अभी मालंबंती ने मेरा लंड अपने मुँह मे लेके सॉफ कर दिया ऑर वो पूरी गरम हो गयी थी.उसके दूध पूरे तने अवस्था मे थे..... पर वो अपनी गांद चुदाई के लिए अभी भी राज़ी नही थी…. मैने उसे कहा आज तुमने देखा ना नसरीन को कितना मज़ा आया तुम्हे भी आएगा… तुम अपना वक़्त लो और जब भी तुम्हारा मन करे मुझे बोल देना….
मालंबती की आँखे चमक गयी और जब मैं उठने लगा और पॅंट पेहेनने लगा तो वो बोल पड़ी -आप फिर अगली कहानी कब सुनाओगे……..?????
मैने कहा – अभी तो मुझे जाना पड़ेगा नही तो सेठ जी को शक हो जाएगा कि मैं यहा पे इतनी देर क्या कर रहा हू….और हां जल्दी ही सुनाउन्गा मैं तुम्हे अगली कहानी….
क्रमशः........................
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