RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मा ने हँसके वापिस आंटी की चूत को मूह मे भर लिया लेकिन जल्दी से चूत से मूह हटा लिया ,,ऑर पास ही पड़े नकली लंड
को हाथ मे लेके आंटी की चूत मे घुसा दिया ,,,,,,,,,आंटी के मूह से एक तेज आवाज़ निकली जिसमे एक मस्ती भरा सकून
ऑर हल्का दर्द का मिला जुला असर था ,,,उतनी ने सर उठा कर देखा तो माँ ने अपने हाथ मे पकड़ा हुआ नकली लंड आंटी
की दिखाया ऑर वापिस आंटी की चूत मे घुसा दिया ऑर तेज़ी से अंदर बाहर करने लगी,,,,आंटी को इतनी मस्ती चढ़ गई कि
पूरे घर मे आंटी की सिसकियाँ गूंजने लगी,,,,,
धीर्रे आवाज़ कर मेरी बन्नो वरना सन्नी आ जाएगा ,,,मेरा नाम सुनके आंटी डर गई ऑर जल्दी से एक पिल्लो उठा कर अपने
मूह पर रख लिया ऑर अपनी आवाज़ को दबा लिया,,,,माँ कुछ देर आंटी की चूत मे नकली लंड पेलती रही फिर लंड को बाहर
निकाला कर अपने मूह मे भर लिया ऑर फिर आंटी की एक टाँग को उठा कर थोड़ा पीछे करके उनके सर की तरफ मोड़ दिया जिस
से आंटी की गान्ड थोड़ा उपर उठ गई ऑर माँ ने बिना देर किए नकली लंड को आंटी की गान्ड पर रखा ऑर अंदर घुसा दिया
लंड पर आंटी की चूत का पानी ऑर माँ का थूक लगा हुआ था जबकि गान्ड पर आंटी की चूत का पानी बहकर नीचे आ
गया जिस से गान्ड भी चिकनी हो गई ऑर लंड आराम से अंदर चला गया,,,आंटी के मूह से दर्द भरी चीख निकली जो ज़्यादा तेज
'नही थी लेकिन अगर मूह पे पिल्लो नही होता तो वो चीख पूरे घर मे क्या पड़ोसियों के घर मे भी गूंजने लगती
माँ ने लंड को आंटी की गान्ड मे घुसा दिया ऑर हाथ को गोल गोल घुमा कर लंड को अंदर बाहर पेलने लगी ऑर साथ ही आंटी
की चूत को मूह मे भर लिया ,,,आंटी ये दुहरा हमला झेल नही सकी ऑर तेज़ी से चिल्लाते हुए पानी छोड़ने लगी माँ ने आंटी
'की चूत से निकलने वाले पानी को पी लिया ऑर आंटी की गान्ड से लंड को निकाल कर चाट कर ऑर चुस्के सॉफ कर दिया,,माँ
उठकर बेड पर बैठ गई ऑर आंटी के मूह से पिल्लो हटा कर उनकी तरफ देखने लगी,,,आंटी के फेस पर हल्की मुस्कान ऑर
एक सकून था जो ये बता रहा था कि उनकी महीनो की आग जो उनके पति के दूर होने की वजह से उनके बदन मे लगी है
वो काफ़ी हद तक शांत हो चुकी है,,,
क्यू मेरी बन्नो रानी कैसा लगा,,,,मज़ा आया कि नही,,,,,,ऑर कैसा लगा मेरा ये मर्द ऑर ये मूसल,,,,,तसल्ली हुई या नही,,
वैसे एक बात ऑर तू तो बड़ी जल्दी झड जाती है,,,,थोड़ा सबर किया कर अभी तो मस्ती चढ़नी शुरू ही हुई थी,,,,
माँ इतना कुछ बोल गई लेकिन अलका तो बस चेहरे पर हल्की मुस्कान के साथ एक संकून लेके चुप चाप लेटी हुई थी,,,,,
बोल ना कैसा लगा,,,,मज़ा आया या नही,,,,,,शरमा मत आब तो सब कुछ हो गया अब कैसा शरमाना,,,,अगर शरमाएगी तो
फिर से इसको तेरी गान्ड मे घुसा दूँगी,,माँ इतना बोलके हँसने लगी,,, ऑर हाथ को आगे करने लगी जिसमे लंड पकड़ा हुआ था,,
नही नही दीदी अभी नही थोड़ा रुक कर,,,,
थोड़ा रुक कर,,,,अब आई बात ज़ुबान पर,,,,लगता है इतना मज़ा आया तुझे कि अब दोबारा लंड लेने को गान्ड मचलने
लगी है तेरी,,,,,,
अलका आंटी थोड़ा शरमाते हुए,,,,,,वो दडिईडीी मुहह ससी ननीईककला गया,,,,
अभी भी घबरा रही है सीधी तरह बोल ना मज़ा आया,,,,,
अलका,,,,,,,,हाँ दीदी मज़ा आया,,,बहुत मज़ा आया,,,,कितने महीने से भरी हुई थी मैं ,,,एक आग लगी हुई थी जिश्म मे लेकिन आज अपने सारी
आग भुजा दी मेरी,,, बदन इतना हल्का हो गया है कि जैसे मैं एक तितली की तरह हवा मे उड़ रही हूँ,,,,सब आपकी मेहरबानी है दीदी,,,,
माँ,,,,,,,अच्छा इतना मज़ा आया क्या,,,,,
अलका,,,,,,,,,,,,,हाँ दीदी बहुत मज़ा आया ,,,,तभी तो जल्दी झड गई,,,,एक तो ये पता नही क्या है ये ,,,आंटी ने माँ के हाथ की तरफ इशारा
किया,,,,,एक तो इसको पीछे घुसा दिया ऑर उपर से चूत को चाटने लगी,,,,,इतना मज़ा आया कि क्या बोलू दीदी,,,लेकिन आपका चूत को
चाटना मुझे अच्छा नही लगा,,,,,
माँ,,,,,,,,,,,,,,,अच्छा नही लगा,,,,सच मे,,,,माँ ना हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,,
अलका,,,,,,,,,,,,,,,,,,नही दीदी अच्छा तो लगा जब आप चाट रही थी लेकिन देख देख कर अजीब लग रहा था,,,,,
माँ,,,,,,,,,,,अब ये मत बोलना कि करण के डॅड ने आज तक तेरी चूत को भी नही चाटा है,,,,माँ ने सवाल करते हुए पूछा,,,
अलका,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,नही दीदी उन्होने ऐसा कभी नही किया,,,,,
माँ,,,,,,,,,,,,,,,,,,हाई रे मेरी भोली बन्नो फिर तो तूने आज तक कभी उसका लंड भी नही चूसा होगा,,,,
अलका,,,,,,,,,,,,च्ीी दीदी कैसी बात करती हो भला लंड भी कोई चूसने वाली चीज़ है,,मुझे तो सच कर भी उल्टी होने का डर है
पेशाब वाली चीज़ कोई मूह मे भी लेता है क्या,,,,,,
माँ,,,,,,,,तू सच मे भोली है मेरी अलका रानी,,,,जब मैने तेरी चूत को चूसा था तब बोल कैसा लगा था,,मज़ा आया कि नही,,
अलका,,,, मज़ा तो आया दीदी लेकिन भूत गान्ड लगा,,,,,,
मा,,,,,,गणडा वंडा छ्चोड़ ,,बता मज़ा कितना आया,,,,,,
अलका,,,,,बहुत मज़ा आया था दीदी,,,,कभी इतना मज़ा नही आया आज तक,,,,,,
माँ,,,,,,,,ऑर आता भी कैसे,,,किसी ने तेरी चूत को चाटा जो नही आज तक,,,,ऑर ना तूने कभी करण के बाप का लंड लिया है 'मूह
मे ,,तू भी अंजान है अभी तक लंड के स्वाद से ,,पता है कितना मज़ा आता है लंड चूस कर,,,,,मैं ऑर तेरे जीजा जी तो जब
तक एक दूसरे के प्राइवेट पार्ट को अच्छी तरह चूस ऑर चाट नही लेते आगे का प्रोग्राम ही शुरू नही करते,,,,
अलका,,,,सच मे दीदी,,आप लंड चुस्ती हो,,आपको गंदा नही लगता,,,,ऑर क्या जीजा जी भी आपकी चूत चाटते है,,,
माँ,,,,,,ऑर नही तो क्या,,जीजा जी तो खा ही जाते है मेरी चूत को ऑर मैं भी उनके लंड को पूरा का पूरा निगल लेती हूँ,,
अच्छा बाकी सब बाते छोड़ ऑर बता कि तुझे मज़ा कितना आया,,,,
बहुत मज़ा आया दीदी आज पहली बार किसी औरत के साथ ऐसा किया है,,नया तजुर्बा था,,,ऑर वैसे भी भरी हुई थी मैं कब्से
,,जबसे करण के पापा गये है तबसे तरस रही थी लंड के लिए ऑर आज अपने मुझे इतना खुश कर दिया इस नकली लंड से की अब
ओर कुछ नही चाहिए,,,,
माँ,,,,,,,,,,,नकली लंड से बैंगन से भी ज़्यादा मज़ा आया ना,,,सच बोलना,,,
अलका,,,,,हाँ दीदी बैंगन से तो कहीं ज़्यादा मज़ा आया,,ऐसा लग रहा था कोई लंड ही अंदर जा रहा है,,,,
मा,,,,,,,,अच्छा ये बता कि लंड चूत मे लेके मज़ा आया या गान्ड मे,,,
अलका,,,सच बोलू तो दीदी तब ज़्यादा मज़ा आया जब लंड गान्ड मे था ऑर अपनी ज़ुबान मेरी चूत पर,,2 तरफ से मज़ा आ रहा
था तभी तो जल्दी ही झड गई मैं,,,,
माँ,,,,,,,हाँ ये बात भी है तूने आज तक कभी लंड नही चूसा ऑर ना ही कभी किसी को चूत चटवाई है फिर भला तूने
एक साथ 2 लंड से मज़ा क्या किया होगा,,,,
अलका,,,,,क्या दीदी एक साथ 2 लंड,,,,ऐसा कैसे हो सकता है दीदी,,
माँ,,,,,,,हो सकता है क्यू नही हो सकता,,,मैं तो रोज तेरे जीजा के साथ मस्ती करती हूँ वो भी एक साथ 2 लंड से ,,,जीजा का लंड
चूत मे होता है ओर ये नकली वाला गान्ड मे तो कभी जीजा का लंड गान्ड कम तो ये नकली वाला चूत मे,,,इतना मज़ा आता है की
तुझे क्या बतौ,,,आब तो ट्री जीजा जी बाहर गये है कुछ दीनो क लिए एक लंड से खुद को शांत करने की कोशिश करती रहती हूँ
लेकिन एक लंड से ये काम मुश्किल है ,,आग जितना भुजाने की कोशिश करती हूँ ऑर भी ज़्यादा भड़क जाती है,,,,अब तो सोच
रही हूँ किसी असली लंड से मज़ा करू,,,,
अलका,,,,,,,,,,क्या बोल रही हो दीदी,,होश मे तो हो आप,,,,,
माँ,,,,,,,होश मे हूँ अलका,,तभी तो तेरे को बुलाया है आज यहाँ,,,,,मुझे सिर्फ़ तेरी चूत ऑर गान्ड मे लंड डालके तेरी आग
को भुजाना नही था बल्कि तेरे से एक ज़रूरी बात करनी थी,,अपने जिस्म की आग को भुजाने के बारे मे,,,,
अलका,,,,,,क्या बात करनी है दीदी बोलो,,,,,
माँ,,,,देख मैं जो बोलने वाली हूँ उस बात से तेरे को थोड़ा झटका लगेगा शायद तुझे गुस्सा भी आए लेकिन जो मैं बोलने
लगी हूँ ज़रा ध्यान से सुनना उसको,,,
अलका,,,,क्या बोल रही हो दीदी ,,मैं आपकी बात का गुस्सा क्यू करने लगी,,,अब जो दिल करे वो बोलो,,,अब हम लोगो मे कुछ
परदा थोड़ी रह गया है,,,,
माँ,,हाँ ये बात तो है तभी तो तेरे से बात करने से पहले तेरी आग को शांत करके मैने जो थोड़ी बहुत दूरी थी हम लोगो
मे उसको भी बिल्कुल ख़तम कर दिया,,,,बात ये है अलका कि मुझे आब तेरे जीजा से चुदाई करके मज़ा नही आता,,,
अलका,,,,,,,,,क्यू दीदी ,,,अब क्या हुआ,,,,अभी तो बोल रही थी कि वो बहुत जबरदस्त चुदाई करते है अभी बोल रही हो मज़ा नही
आता,,,,बात क्या है दीदी ,,,,,
माँ,,,,,,,,,,,मज़ा आता था अलका लेकिन अब नही आता,,,मुझे लगता है तेरे जीजा का किसी ऑर से चक्कर चल रहा है ,,मैने कई
लोगो से सुना भी है कि वो अपने बॅंक की किसी लड़की के साथ बहुत घूमते है,,,वो लड़की उनकी बेटी की उमर की है,,,इसलिए तो
जबसे वो जवान लड़की हाथ लगी है मेरे जैसी बूढ़ी को वो भूल ही गये है,,,तेरा पति तो बाहर देश गया है तू इसलिए तड़प
रही है लंड लेने को लेकिन मेरा पति तो यहाँ है ,,हर रात मेरे साथ सोता है लेकिन मैं फिर भी तड़प रही हूँ उसके
लंड के लिए,,वो सारा दिन उस लड़की के साथ रहता है,,मुझे तो कभी पूछता भी नही,,,माँ की आँखों मे हल्के आँसू आ
गये मैं बाहर खड़ा सोचने लगा कि माँ किसकी बात कर रही है,,फिर लगा कहीं माँ अलका आंटी को बॉटल मे उतारने के लिए
झूठ तो नही बोल रही,,,,,हाँ यही बात है माँ झूठ बोल रही है ऑर कितना सफाई से बोल रही है तभी तो अलका आंटी भी
कितना गौर से सब सुन रही थी,,,,
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