RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
दीदी ने मुझे पागल बोला तो कविता हँसने लगी,,,दीदी आप भी पिओगी क्या,,,,,,,ऑर आंटी जीई,,,,,,,,,
नही मुझे नही पीनी मैं तो सोने लगी हूँ,,,,ऑर माँ भी नही पिएगी क्यूकी माँ ने अभी चाइ पी थी,,,,इसी को आदत है
कॉफी पीने की,,इतना बोलकर दीदी उपर चली गई,,,,,
तू इतना हँस क्यू रही थी जब दीदी ने मुझे पागल बोला था,,,,,,,
मेरी मर्ज़ी मैं जब दिल करे तब हँस सकती हूँ,,,,,,,तुझे क्या लेना देना,,,,
तभी मैं भी ज़ोर से हँसने लगा,,,,,,
अब तुझे क्या हुआ है तू क्यू पागलो की तरह ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा है,,,,,
जब दीदी ने मुझे पागल बोला तो तू हँसी थी मेरे पे ,,अब दीदी ने तुझे नौकरानी बन दिया तो मेरा भी हक़ बनता है हँसने
का,,,,,
दीदी ने मुझे नौकरानी कब बोला,,,,कविता थोड़ा चिढ़ते हुए बोली,,,,,
नौकरानी बोला नही लेकिन बना तो दिया ना ,,तभी तो घर आने वाले मेहमान को खुद कॉफी बनाने एक लिए बोल दिया,,,,खुद
के लिए भी ऑर मेरे लिए भी,,,,,मैं इतना बोलकर ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा,,,,,,
कॉफी पीनी है या नही,,,,,,कविता ने मुझे धमकी दी,,,,,अब नौकरानी बोला तो मैं नही बनाउन्गी कॉफी खुद बना लेना,,
ऑर वैसे भी मैं इस घर की मेहमान नही हूँ,,,ये घर मेरा भी है,,,,आंटी मुझे बेटी कहती है,,ऑर तुझे पागल ,,,
कविता भी ज़ोर से हँसने लगी,,
सॉरी कविता जी मैं तो मज़ाक कर रहा था ,आप तो इसी घर की मालकिन हो ऑर मैं पागल हूँ,,,अब तो कॉफी बना दो मुझे
मालकिन,,,,मैं भी मज़ाक की बात का जवाब मज़ाक मे दिया,,,,,
उसने हाथ मे पकड़ा हुआ बॅग सोफे पर रखा ऑर किचन मे चली गई जबकि मैं डाइनिंग टेबल पर बैठ कर बाकी का नाश्ता
करने लगा जो बस ज़रा सा ही बच रहा था,,फिर मैं बर्तन लेके किचन मे चला गया,,,,,
कविता गॅस के पास खड़ी हुई थी ऑर कॉफी बना रही थी,,,,,,,नौकरानी जी आप गॅस पर कॉफी क्यू बना रही हो ,,मेरे इतना बोलते
ही कविता डर कर पीछे मूडी ऑर मुझे देख शरमाने लगी,,,,
ई ब्लककी नौकरानी किसको बोला,,,,,वो शरमाती हुई लेकिन एक नखरे ऑर अकड़ के साथ बोली,,,,,
तुझे बोला ऑर किसको बोला,,,तुझे कॉफी मेकर मे कॉफी बनानी नही आती क्या जो गॅस पे बना रही है,,,मैने हँसते हुए
मज़ाक मे बोला,,,,
देख ब्लॅकी मुझे नौकरानी मत बोल वर्ना,,,,,कविता हल्के गुस्से मे चिढ़ती हुई बोली,,,,,
तभी माँ किचन मे आ गई,,,,,,अरे तुम दोनो आज भी फाइट कर रहे हो,,,,कब ख़तम होगी तुम लोगो की ये फाइट,,माँ ने
किचन मे आते ही बोला,,,
मैने पीछे मूड कर माँ की तरफ देखा,,,,तभी कविता ने माँ को हेलो बोला
हेलो आंटी,,,,,,
हेलो बेटी,,,,,क्या हुआ अब किस बात पे फाइट हो रही है तुम लोगो की,,,,,,
देखो ना आंटी एक तो मैं इस पगले को कॉफी बना कर दे रही हूँ उपर से ये मुझे नौकरानी बोल रहा है,,,,मैं
कोई नौकरानी हूँ इस घर की,,,
नही कविता जी आप तो मालकिन हो इस घर की,,,क्यू कविता जी मैने ठीक कहा ना,,,,
देखो आंटी फिर से मुझे चिड़ा रहा है,,,कभी नौकरानी बोलता है अभी मालकिन,,,,खुद को पता नही क्या समझता है ये,,
अरे ये क्या बात हुई सन्नी ,,,एक बात बोलो तुम या तो नौकरानी बोलो या मालकिन,,,,माँ ने भी हँसते हुए मज़ाक मे बोला,,,लेकिन
ये नौकरानी वाला तो मसला समझ आया बट ये मालकिन वाली क्या बात है,,,,,
यही बोल रही थी कि ये नौकरानी नही मालकिन है इस घर की,,,,मैं माँ को हँसते हुए बोला,,,,
तो ठीक कह रही है ये,,,ये मेरी बेटी सोनिया की बेस्ट फ्रेंड है ऑर मेरे लिए मेरी बेटी सोनिया की जैसी है,,,अगर सोनिया इस घर
की मालकिन हो सकती है तो ये क्यू नही,,,,,इसका भी उतना हक़ बनता है जितना सोनिया का,,,,,
माँ ने इतनी बात बोली तो कविता माँ के गले लग गई ,,ओह्ह तांख्षकशकश आंटी जी,,,,माँ के गले लग्के वो पीछे हुई ऑर मुझे ज़ुबान
निकाल कर दिखाने लगी ऑर साथ मे एक हाथ का अंगूठा भी दिखा कर मुझे किसी बच्चे की तरह चिडाने लगी,,,,,
तभी माँ ने फ्रिड्ज खोली ऑर आइस निकाला ली,,,,,चलो तुम दोनो फाइट करो मैं चली उपर,,,,माँ वहाँ से जाने लगी,,
सोनिया कैसी है अब आंटी जी,,ऑर आप आइस लेने क्यू आई,,शोबा दीदी कहाँ है,,,,
बेटा शोबा तो सो गई ऑर सोनिया अब ठीक है पहले से,,अभी जाग रही है,,सोने वाली थी की शोबा ने उसको बता दिया कि तुम आ
गई हो तो अब वो नही सोने वाली,,तेरी वेट कर रही है,,,,,जल्दी आजा उपर,,,,
अभी आती हूँ आंटी जी इस ब्लॅकी को कॉफी देके,,,आप कॉफी पिओगी क्या आंटी जी,,,,,
नही बेटी मैने अभी चाइ पी थी कुछ देर पहले,,,,तुम सन्नी को कॉफी पिलाओ,,,
माँ वहाँ से चली गई,,,,,ऑर कविता मुझे फिर से चिडाने लगी,,,,,देखा मैं भी इस घर की मालकिन हूँ अब ज़रा तमीज़
से बात करने मेरे से,,,,समझे ब्लॅकी,,,,कविता एक हल्के नखरे के साथ बोल रही थी,,,
समझ गया नौकरानी जी,,,,अब जल्दी से कॉफी बना ,,
नौकरानी नही मालकिन हूँ मैं समझा ब्लॅकी,,,,,वो फिर नखरे से बोली,,,,
चल चल बड़ी आई मालकिन,,,मेरे लिए तू नौकरानी है बस ,,,,अब जल्दी कॉफी बना ऑर दे मेरे को,,,
देख अब अगर तूने मुझे एक बार भी नौकरानी बोला तो अच्छा नही होगा समझ गया,,,,,
बोलूँगा एक बार नही हज़ार बार बोलूँगा,नौकरानी ,,नौकरानी,,
देख सन्नी बस कर वर्ना मारूँगी मैं तेरे को,,,वो हाथ को हवा मे उठाके मुझे मारने के लिए आगे आई,,,,
मारेगी मुझे ,,,,,,?? इतनी हिम्मत है क्या तेरे मे,,,,,??
हाँ है हिम्मत तू एक बार ऑर बोल बस नौकरानी मुझे फिर देखना,,,,
अच्छा तो ये बात है ,,,चल बोलता हूँ फिर तो ,,,,देखु तो सही कितनी हिम्मत है तेरे मे,,,,,नौकरानी कहीं की,,,,
मैने अभी बोला ही था कि कविता मेरे पास आ गई ऑर अपने हाथ से मुझे हल्के से थप्पड़ मारने लगी,,तभी मैने अपने एक
हाथ से उसके हाथ को पकड़ लिया,,उसने भी दूसरा हाथ उठा कर थप्पड़ मारने की कोशिश की तो मैने उसके दूसरे हाथ को
भी पकड़ लिया ऑर उसको पीछे की तरफ ले गया ऑर उसको गॅस के पास शेल्व के साथ लगा लिया,,,,,,मैने उसके दोनो हाथों को अपने
हाथों मे पकड़ा हुआ था,,,,वो ज़ोर लगा लगा कर अपने हाथ मेरे हाथ से छुड़वाने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैने भी
अपना ज़ोर लगाया हुआ था ,,,,,,
बस इतना ही ज़ोर है,,,नौकरानी जी,,,,,मैने हँसते हुए बोला,,,,
अब अगर नौकरानी बोला तो मैं तेरा वो हाल करूँगी सन्नी,,,अभी उसने बोलना शुरू किया था कि मैने उसकी बात को बीच मे
रोक दिया,,,,,,,,तूने मेरा क्या हाल करना ये तो मुझे नही पता लेकिन अब मैं तेरा क्या हाल करूँगा ये तू देखती जा बस,,,
मैने उसके दोनो हाथों को पीछे करके उसकी पीठ से लगा दिया जिस से मेरे हाथ भी उसकी पीठ पर चले गये ऑर मेरी छाती
उसकी छाती से टच हो गई,,,,इस तरह मैं उसके बहुद करीब हो गया,,,मेरे चेहरा उसके चेहरा से बस 1 फीट दूर था ,,
उसने मुझे इतने करीब से देखा तो शर्मा कर अपने सर को नीचे झुका लिया ऑर इसके साथ ही उसकी हार्ट बीट भी तेज हो गई,,,
उसकी छोटे छोटे बूब्स मेरी छाती से टच करने लगे,,,मेरे बेक़ाबू होने के लिए तो इतना सब ही बहुत था ,,,मैने आगे
बढ़ कर अपने फेस को उसके ऑर भी ज़्यादा करीब कर दिया जिस से मेरी साँसे उसके माथे पर लगने लगी ऑर उसके बाल मेरी सांसो की हवा के कारण हिलने लगे,,,,तभी मैने उसके हाथों को छोड़ दिया ऑर अपने हाथ उसकी पीठ पर रख दिया,,वो एक दम से सिहर उठी,,,,,
ये क्या कर रही हूँ सन्नी ,,,,
मैं उसकी बात का कोई जवाब नही दिया,,,,,
सन्नी छ्छूड्डू मुउज़्झहही क्कू आ जाएगा,उसकी ये बात सुनके मैं थोड़ा हैरान हो गया,,,ऑर अपने फेस को उसके
ऑर ज़्यादा करीब ले गया ऑर अपने एक हाथ से उसकी पीठ को सहलाते हुए दूसरे हाथ से उसके झुके हुए चेहरे को उसकी चिन से
पकड़ कर उपर उठा दिया,,,,,,,,क्या बोला तूने,,कोई आ जाएगा,,,,तुझे किसी के आने का डर है मेरे इतने करीब होने से तुझे
कोई डर नही लग रहा क्या मेरे से,,,,
उसने कुछ नही बोला ,,,बस अपने आँखें दूसरी तरफ करली,,,मैने फिर से पूछा ,,तुझे मेरे से डर नही लग रहा क्या,,,,
नही मुझे तेरे से डर नही लगता,,,,,इतना बोलकर उसने अपने हाथ सामने की तरफ किए ओर मुझे हल्का सा धक्का मार कर पीछे
करने की कोशिश की मैं उसकी इस हरकत को पहले से समझ गया था ऑर मैं उसकी पीठ को अपने हाथ से कस्के पकड़ लिया
जिस से वो मेरे ऑर भी ज़्यादा करीब आ गई,,,,
अच्छा सच मे तुझे मेरे से डर नही लगता,,,,,,मैं हल्की आवाज़ मे बोला,,
उसकी साँसे अभी तक फुल गरम हो गई थी फिर भी वो खुद पर क़ाबू करने मे काफ़ी तेज थी,,,,नही मुझे तेरे से डर नही
लगता पागल ब्लॅकी,,,इतना बोलकर वो मुझे देख कर हँसने लगी,,,,
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