RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तभी उसकी कमर पर मेरा हाथ हल्के से उपर की तरफ बढ़ने लगा उसने मुझे नही रोका शायद वो फिर
सो गई थी मेरे सपने मे,,,मेरा हाथ पूरी आज़ादी से उसकी कमर से होता हुआ उपर की तरफ बढ़ने लगा और
पल भर मे मेरा हाथ उसके पेट पर उसके बूब्स के पास पहुँच गया था,,,,मेरी उंगलियाँ अब उसकी
ब्रा को टच होने लगी थी,,और साथ ही उसकी हार्टबीट तेज होने लगी थी,,इधर मेरी ज़ुबान ने उसके मुँह
मे घुसके उसके मुँह को अंदर से अच्छी तरह से हर तरफ से महसूस करना और टच करना शुरू कर
दिया था,,अब तो उसका एक होंठ भी मेरे होंठों मे आ गया था जिसको मैने हल्के हल्के चूसना शुरू
कर दिया था,,,मेरे हाथ की उंगलियाँ ब्रा के निचले हिस्से पर टच हो रही थी जो मुझे पागल कर रही
थी और शायद मेरे पागलपन को बढ़ा भी रही थी इसलिए मेरा हाथ उपर की तरफ बढ़ने लगा और मैने
हल्के से आगे बढ़ते हुए उसके एक बूब को हाथ मे पकड़ लिया था,,,,उसका छोटा सा बूब मेरे हाथ मे
पूरा आ गया था ,,मैने उसके बूब को हाथ मे लेके हल्के से दबा दिया और तभी उसने अपने मुँह को
खोला और मेरे लिप्स पर किस करने लगी ,,मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नही रहा और मैने हल्के से उसके
बूब को फिर से दबा दिया ,,तभी मैने उसकी ब्रा के उपर वाले हिस्से मे अपनी एक उंगली अटका दी फिर उसकी
ब्रा को हल्का नीचे करने की कोशिश करने लगा ,उसकी ब्रा ज़्यादा टाइट नही थी जो आराम से नीचे की तरफ
खिसकने लगी,,उसके बूब्स बहुत छोटे थे और टाइट भी शायद इसी वजह से वो टाइट ब्रा नही पहनती थी,,
उसके बूब को मैं एक तरफ से नंगा करने की कोशिश कर रहा था जबकि बूब्स दोनो तरफ से नंगे हो
गये थे,,,,लेकिन उसकी ब्रा हल्का हल्का उपर खिसक रही थी तभी उसने जल्दी से अपनी ब्रा को नीचे से उपर
उठा दिया,,मुझे एक दम से झटका लगा जब उसने ऐसा किया तो,,,उसने खुद अपनी ब्रा को उपर कर दिया था
जिस से उसके दोनो बूब्स नंगे हो गये थे,,बूब्स नंगे होते ही मैने उसके कुर्ते को भी उपर उठा दिया
लेकिन तभी उसने कुर्ते को वापिस नीचे कर दिया और मैने भी दोबारा से कुर्ते को उपर नही किया बस ऐसे
ही उसके बूब्स को हल्के हल्के मसल्ने लगा,,उसके बूब्स छोटे थे और बहुत बढ़िया शेप मे थे ,,अभी
वो छाती से निकल कर बाहर झाँकने लगे थे लेकिन उम्र के हिसाब से थोड़ा आकार ले चुके थे,,मैने
बूब्स को सहलाना शुरू किया और उसको किस करता रहा तभी मैने बूब्स से हाथ उठा लिए और नीचे उसकी
'चूत की तरफ बढ़ने लगा,,,,उसको भी पता लग गया था शायद तभी वो मेरा हाथ पकड़ने लगी लेकिन तब
तक बहुत देर हो गई थी मेरा हाथ उसकी चूत के उपर तक पहुँच गया था और जैसे ही मैने उसकी चूत
पर हाथ रखा उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और तभी मुझे झटका लगा,,,उसने हाथ को अपनी चूत से हटाया
नही बल्कि अपने दोनो हाथों से पकड़कर मेरे हाथ को अपनी चूत पर दबा दिया और मेरे कुछ करने
से पहले मेरे हाथ को अपने हाथों मे पकड़कर अपनी चूत पर सहलाने लगी,,,,मेरा हाथ उसकी चूत
पर उपर नीचे होने लगा ,,मेरा दिल किया कि मैं एक उंगली कपड़ों के उपर से भी उसकी चूत मे घुसा
दूं लेकिन उसने मुझे ऐसा नही करने दिया और खुद मेरे हाथ को अपने हाथों से अपनी चूत पर उपर
से नीचे तक घिसने लगी,,,इसी दौरान उसकी किस करने की स्पीड तेज और अंदाज़ बहुत मस्ती भरा हो गया था
कुछ देर हम ऐसे ही किस करते हुए एक दूसरे के होंठों का स्वाद लेते रहे और मेरा हाथ उसके हाथों
मे उसकी चूत पर घिसता रहा फिर मैने अपनी उंगली को चूत मे घुसाने की कोशिश की तभी उसने मेरे
हाथ को उल्टा कर दिया जिस से मेरा हाथ का पिछला हिस्सा उसकी चूत पर घिसने लगा,,,मैं समझ गया कि ये
मुझे चूत मे उंगली नही करने देगी लेकिन मैं उसकी ऊट को अंदर से महसूस करना चाहता था,,
क्यूकी अभी भी मेरा उल्टा हाथ उसकी चूत को सहला रहा था वो भी कपड़ो के उपर से,,मैं एक बार बस
एक उंगली उसकी चूत मे घुसा देना चाहता था उसकी चूत को महसूस करना चाहता था लेकिन वो मुझे
ऐसा नही करने दे रही थी,,,,तभी मैने उसके लिप्स से अपने लिप्स अलग किए और अपने लिप्स को उसकी गर्दन पर
रख दिया और गर्दन को शोल्डर के पास से किस करने लगा,,,मैं काफ़ी देर से अपने उल्टे हाथ से उसकी
चूत को घिस रहा था और मुझे हल्का मज़ा भी आ रहा था लेकिन मुझे गुस्सा भी आ रहा था एक तो
मेरा हाथ उल्टा और दूसरा मेरा हाथ उसके हाथों मे और वो भी कपड़ो के उपर से,,,तीसरा वो मुझे एक भी
उंगली अंदर नही करने दे रही थी,,,,मुझे 8-10 मिनट हो गये थे ऐसे ही फिर मुझसे रहा नही गया
और मैने गुस्से मे हल्के दाँत लगा दिए उसके शोल्डर पर तभी अपने हाथ को सीधा करने की कोशिश
की लेकिन तभी उसने अपने हाथों मे कस के मेरे हाथ को पकड़ा और तेज़ी से अपनी चूत पर घिस्सने लगी,,
मुझे और भी गुस्सा आ गया वो खुद मज़ा ले रही थी लेकिन मुझे मज़ा नही दे रही थी मेरा लंड भी हाथ
मे नही पकड़ा था उसने,,,एक बार भी हाथ नही लगाया था मेरे लंड पर,,,मुझे इतना गुस्सा आया कि मैने
उसने शोल्डर के थोड़े से हिस्से को अपने मुँह मे भर लिया और ज़ोर से उसको काट दिया तभी उसने एक हाथ
से मेरे सर को पकड़ा और मेरे बलों को नोचते हुए मेरे सर को अपने शोल्डर पर ज़ोर से दबा दिया और
तभी मुझे उस हाथ पर हल्की हल्की नमी महसूस होने लगी जो हाथ उसको चूत पर था,,,मेरा हाथ
थोड़ा गीला हो गया था और उसका पयज़ामा और पेंटी भी,,उसकी चूत ने पानी बहा दिया था और यहाँ मैने
उसके शोल्डर पर किस करते हुए ज़ोर से काट दिया था,,उसने जल्दी से मेरा हाथ अपनी चूत से हटा दिया
और मेरे सर को भी अपने से दूर कर दिया,,,और जल्दी से मेरे से दूर हटके करवट बदलकर सो गई थी
,,,,,
मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था उसपर ,,वो खुद तो हल्की हो गई थी लेकिन मैं अभी तक भरा बैठा हुआ
था,,,अब मैं हल्का होने के लिए कुछ कर भी नही सकता था क्यूकी वो डोर हटके सो गई थी,,,,मैं भी
गुस्से मे करवटें लेके दूर होके सो गया,,,,,,,,,,,मुझे सोते हुए भी गुस्सा आ रहा था साली ने सोते हुए
सपने मे भी मुझे तंग कर दिया था,,,,खैर मैं सोता रहा,,,,,,,
सुबह अलमारी खुलने की आवाज़ के साथ मेरी आँख खुली ,,मैने देखा कि सोनिया अपनी अलमारी से कुछ कपड़े
निकाल रही थी,,,,,मैने आँख खोली और उसकी तरफ देखा तो उसने मेरी तरफ गुस्से से देखा ,,,,साला मुझे
पता नही कि इस लड़की को हुआ क्या है साली सुबह उठते हुए ही मुझे गुस्से से क्यू देख रही है ये,,,तभी
मुझे महसूस हुआ कि मेरे पेट पर कुछ वजन पड़ा हुआ था,,,मैने पेट पर देखा तो किसी का हाथ
था तभी मेरी गान्ड फॅट गई,,,,मैने देखा कि ये हाथ कविता का था और वो मेरे राइट हॅंड पर अपना
सर रखके सो रही थी वो भी मेरे शोल्डर के बहुद करीब ,,,,मैने कविता की तरफ देखा और फिर
सोनिया की तरफ जो अभी भी मुझे घूर रही थी,,,,तभी मैने हल्के हाथ से कविता के हाथ को पकड़ा और
अपने उपर से हटाने लगा तभी कविता की आँख खुल गई,,उसने अपने हाथ को मेरे हाथ मे मेरे पेट के
उपर देखा तो शरमाते हुए मुझे देखने लगी,,,,फिर जब उसका ध्यान गया सोनिया की तरफ और उसको इस
बात का एहसास हुआ कि उसका सर मेरे शोल्डर के करीब मेरे हाथ के उपर है तो वो डर गई और जल्दी से
उठकर बैठ गयी,,,
गुवुड्ड म्मूउर्न्नीन्न्ग्ग ससून्नीीया,,,कविता ने डरते हुए सोनिया को गुड मोर्निंग बोला,,,,
बड़ी जल्दी उठ गई तू कविता,,,,सोनिया ने गुस्से मे बोला,,,
वो मैं उूओ बाससस्स उूओ,,,,,,,,,,कविता से कोई बात नही हो रही थी,,,,
चल अब जल्दी उठ जा और फ्रेश होज़ा ये ले कपड़े,,,,कविता कुछ नही बोली और जल्दी से उठी और सोनिया के हाथ
से कपड़े लेके बाथरूम मे घुस गई भाग कर,,,,,वो तो बाथरूम मे घुस कर सोनिया से बच गई लेकिन
मेरा क्या होगा ,,,साला ये तो मुझे अभी तक घूर कर देख रही थी,,,,मैने भी भलाई इसी मे समझी
कि जल्दी से उठकर वहाँ से भाग जाउ,,,,लेकिन तभी सोनिया मुझे घूरती हुई रूम से बाहर चली गई,,
मुझे कुछ राहत मिली उसके बाहर जाने से,,,लेकिन तभी मेरे दिमाग़ मे रात वाला सपना आ गया जब मैं
कविता के बूब्स को मसल रहा था उसके लिप्स को चूस रहा था,,,उसकी चूत पर मेरा उल्टा हाथ पड़ा हुआ
था जिस से मैं उसकी चूत को सहला रहा था,,,साला सपने मे भी उसने मुझे अपनी चूत को अच्छी तरह से
महसूस नही करने दिया था,,,,लेकिन जो कुछ भी मैने महसूस किया वो काफ़ी था मेरे लिए,,,मैं वही
सोच सोच कर खुश हो रहा था तभी बाथरूम का दरवाजा खुला और कविता वहाँ से बाहर निकलकर
मेरे करीब आने लगी,,,,वो हँसती और शरमाती हुई मेरे करीब आ रही थी लेकिन मेरे करीब आते ही उसने
मेरे गाल पर ज़ोर से थप्पड़ मारा,,,
मैं एक दम से गुम हो गया,,,,इसको क्या हुआ मुझे मारा क्यूँ,,,,मुझे कुछ समझ नही आया तो मैने उसको
ही पूछ लिया,,,,,,,,,,,,,,,,,तू पागल हो गई है क्या,,,,इतना ज़ोर से क्यूँ मारा मुझे,,,,और वैसे मारा ही क्यूँ
मुझे,,,,, मैने तुझे कुछ बोला क्या,,,,क्या ग़लती हो गई मुझसे ?
ग़लत ,,इतना सब ग़लत किया कि क्या बोलू तुझे,,,ज़रा भी शरम नही आई कि सोनिया हमारे पास ही सो रही है
और ज़रा भी तरस नही आया मुझ पर जो इतना दर्द दिया मुझे,,,,
क्या बोल रही हो मुझे कुछ समझ नही आ रहा ,,,,,
अच्छा कुछ समझ नही आ रहा,,,,इतना बोलकर उसने अपना कुर्ता शोल्डर की एक तरफ से साइड खिसकाया और
मुझे दिखाने लगी,,,,,ये देखो दाँतों के निशान ,,कितना ज़ोर से काटा रात तूने मुझे,,,,इतना दर्द कोई
देता है क्या किसी को,,,,
मैं तो साला हैरान हो गया ,,,दंग रह गया ,,ये कब हुआ ,,कैसे हुआ,,,,क्या रात को मैं सपना नही
देख रहा था,,,क्या वो सब मैने सचमुच किया था कविता के साथ,,,,मुझे कुछ समझ नही आ रहा
था कि ये सब कैसे हुआ,,,,
क्यूँ अब बोलती बंद क्यू हो गई तेरी सन्नी,,,,बोल ज़रा ऐसा क्यूँ किया तूने,,,,इतना हर्ट क्यूँ किया मुझे,,,अब
अगर किसी ने ये दाँतों के निशान देख लिए तो मैं क्या कहूँगी उसको,,,,अगर सोनिया ने देख लिया तो,,,
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