RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मेरे दिमाग़ मे था कि कविता ने अपने बाप की हरकत के बारे मे सोनिया को बता दिया था क्यूकी सोनिया उसकी
बेस्टफ्रेंड थी तो क्या उसने मेरे बारे मे भी कुछ बता तो नही दिया होगा सोनिया को ,,,लेकिन मैं फालतू मे ही डर
रहा था ,,कविता ने कुछ नही बताया होगा सोनिया को क्यूंकी वो तो खुद बहुत बुरी तरह से डरी हुई थी सोनिया से,इतनी
बुरी तरह से तो शायद मैं भी नही डरता था सोनिया से,,,,,ओह्ह सौररी भूल गया,,,मैं भी बहुत डरता था सोनिया
से,,,,,
अच्छा बता तबीयत कैसी है अब,,,,मैने थोड़े शरारती अंदाज़ मे पूछा था तो कविता भी समझ गई मैं क्या
पूछ रहा हूँ इसलिए वो शरमा गई,,,
बोल ना तबीयत कैसी है,,,,,मैने फिर से पूछा,,,
उसने शरमा कर सर को झुका लिया और बोला,,,,,अब पहले से बेहतर हूँ भाभी की वजह से,,,
भाभी की वजह से,,,,कैसे?????
भाभी ने गर्म पानी से ठीक किया मुझे,,,,कविता ने फिर से शरमाते हुए बोला,,
गर्म पानी से,,,,वो भला कैसे,,,,क्या हुआ था तुझे जो गर्म पानी से ठीक हो गई,,,,मैने फिर से मज़ाक मे बोला
तभी उसने ज़ोर से च्युन्टी काट दी मेरे और इस बार पहले से भी ज़्यादा दर्द हुआ मुझे,,,मेरे मुँह से आहह निकल गई
और वो हँसने लगी,,
मैने फिर से मज़ाक मे बोला ,,,बता ना क्या हुआ था तुझे जो गर्म पानी से आराम मिला,,,मैने इतना बोला तो उसने'
फिर से हाथ आगे करके मुझे चींटी काटने की कोशिश की लेकिन मैने उसका हाथ पकड़ लिया और मेरे ऐसा करते ही
वो डर गई,,,,,,सन्नी प्ल्ज़्ज़ हाथ चूड़ ,,प्ल्ज़्ज़ सन्नी,,,,,कॉलेज है सब देख रहे है,,,,प्लज़्ज़्ज़ सन्नी
उसको कॉलेज का डर नही था बल्कि उसको इस बात का डर था कहीं मेरे छूने भर से वो क़ाबू से बाहर नही हो
जाए और बहक कर कोई ग़लती नही कर दे,,,
मैने उसको छोड़ दिया और फिर नौरमल बातें करने लगा,,मुझे पता था वो वाली बात करूँगा तो कविता के
साथ-साथ मैं भी बहक जाउन्गा और फिर बहुत मुश्किल हो जाएगी,,,,,
ये क्या हुआ तेरी आँख पर ,,,कविता ने हाथ लगाते हुए पूछा,,,,
तभी मुझे याद आया कि कल जब मैं बुटीक पर गया था शिखा और अलका को लेके तो उन दोनो का ध्यान एक बार
भी नही गया मेरी आँख की चोर्ट पर लेकिन कविता ने आज भी ध्यान दिया था मेरी चोट पर,,,जबकि कल सूजन ज़्यादा
थी आज तो बहुत कम सूजन थी ,,,पास से देखकर ही पता चलता था कि आँख पर चोट लगी है,,,फिर मुझे समझ
आया कि शिखा और अलका तो बस चुदाई के लिए मेरे पास आती है उनका और मेरा रिश्ता बस चुदाई का है,,,लेकिन कविता
के साथ मेरा प्यार का रिश्ता है वो केर करती है मेरी ,,,,प्यार करती है मुझ से इसलिए तो हल्की से हल्की चोट पर भी
ध्यान चला गया था उसका,,,
कुछ नही बस हल्की चोट है,,,,,,मैने कविता को प्यार से बोला,,,,
फिर हम लोगो की बातें होती रही जब तक सोनिया नही आ गई और जब सोनिया आ गई तो कविता उसके साथ चली गई जबकि
मैं वहीं बैठा रहा कुछ देर,,,मैने सोनिया को घर की चाबी देने को कोशिश की लेकिन उसने बोला कि वो कुछ
देर कविता के घर रुकने वाली है और जब घर जाएगी तो मुझे कॉल कर देगी और जब मैं घर जाऊ तो उसको कॉल
कर दूं,,,,,
सोनिया चली गई और कुछ देर टाइम पास करने के बाद मैं भी घर की तरफ चल पड़ा,,,वैसे मेरा दिल नही था
घर जाने को,,क्यूकी मैं सोनिया से दूर रहना चाहता था,,,फिर सोचा कि घर चलता हूँ और सोनिया को कॉल नही
करूँगा ,,,,जब उसका दिल होगा आ जाएगी और जितना लेट आए उतना ही बेहतर है हम दोनो के लिए,,,,,
सोनिया जब जा रही थी कविता को साथ लेके तो कविता बार बार पीछे मूड के देख रही थी,,,वो थोड़ी उदास थी शायद
उसका दिल नही था मेरे से दूर जाने का ,,लेकिन सोनिया की वजह से उसको जाना पड़ा,,,,
मैं कॉलेज से निकला ही था कि थोड़ी दूरी पर मुझे करण सड़क पर खड़ा नज़र आया,,,मैने उसके पास जाके
बाइक रोक दिया,,,,,
आबे तू यहाँ क्या कर रहा है ,,,मैने बाइक करण के पास रोकते ही पूछा,,
कुछ नही सन्नी भाई घर जा रहा था तो बाइक खराब हो गई,,बाइक को ठीक करने के लिए दे दिया है अब घर जाने
के लिए ऑटो की वेट कर रहा था लेकिन अभी तक कोई ऑटो नज़र नही आया,,,,
चल आजा मैं छोड़ देता हूँ,,ऑटो का किराया मुझे दे देना,,,,मैने ये बात हंसते हुए बोली तो करण भी हँसने
लगा और हंसता हुआ बाइक पर आके बैठ गया,,,,
मैने बाइक वहाँ से करण के घर की तरफ मोड़ दिया और कुछ इधर उधर की बातें करते हुए हम लोग करण के
घर पहुँच गये,,,,
बेल बजाने पर शिखा ने आके गेट खोला और मुझे देखकर जल्दी से मेरे से चिपक गई और बिना हेलो बोले ही
मुझे किस करने लगी,,,,
क्या कर रही हो दीदी ,,,,रितिका देख लेगी ,,,,करण ने शिखा को मेरे से दूर करते हुए बोला लेकिन शिखा फिर से
वापिस मुझे चिपक गई और किस करते हुए बोली,,,,,,नही देखती तेरी रितिका वो उपर छत पर है माँ के साथ ,,धूप
सैक रही है,,,
इतना बोलकर रितिका मुझे डीप किस करने लगी ,,फिर कुछ देर हम ऐसे ही किस करते रहे और फिर घर के अंदर
चले गये ,,,,,
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