RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
तेरी ज़ुबान कुछ बोल रही है और तेरा चेहरा कुछ और बोल रहा है सन्नी,,,,चल छोड़
नही बताना तो मत बता,,,कोई ज़बरदस्ती नही करूँगी मैं तेरे साथ,,,,और वैसे भी अभी
ज़बरदस्ती करने का टाइम नही है हम लोगो के पास,,,जल्दी ही लोगो ने वापिस आ जाना है
खेतों मे काम करने इसलिए बहुत कम टाइम है हम लोगो के पास,,,इतना बोलकर माँ ने फिर
से मेरे लंड को हाथ मे पकड़ लिया और सहलाना शुरू कर दिया,,,,फिर शुरू हुआ मस्ती का
खेल,,
हालाकी माँ ने बहुत बातें मुझे बता दी थी लेकिन फिर भी कुछ बातों के जवाब नही मिले
थे मुझे,,,,कुछ टेन्षन दूर हो गयी थी लेकिन फिर भी कुछ टेन्षन थी जो दूर नही
हुई थी,,,,,और सबसे बड़ी टेन्षन थी कि सोनिया ने मुझे कविता के साथ ऐसी हालत मे देख
लिया था कि मेरी गान्ड ही फॅट गयी थी,,,बेचारी कविता का पता नही क्या हाल हो रहा होगा
हवेली मे,,वो तो कहीं छुप भी नही सकती सोनिया से,,,,
मेरा मूड नही था मस्ती करने का लेकिन फिर भी मैने 2 बार माँ की चुदाई की खेतों
मे और वापिस हवेली की तरफ चल दिए,,,,
वापिस हवेली पहुँचे तो देखा कि हर कोई खाना खा रहा था,,,मैं भी अपने रूम मे
चला गया और माँ मेरे लिए खाना ले आई,,,,माँ बहुत खुश थी और खाना रखते टाइम बहुत
ज़्यादा झुक गयी थी,,,,झुकने पर माँ के बूब्स बाहर निकल आए और मेरा ध्यान माँ के बूब्स
पर चला गया,,,,,
बस कर बेटा कितना घूरता रहेगा मेरे बूब्स को,,,अभी इतनी ज़ोर ज़ोर से मसल कर आया है
खेतों मे ,,दिल नही भरा क्या तेरा,,,,,,
क्या करू माँ आपके बूब्स है ही इतने मस्त की जब देखता हूँ नज़रे फेरने का दिल ही नही
करता,,,,
चल हट बदमाश कहीं का,,,,अब बूब्स को घूर्ना बंद कर और खाना खा ले आराम से बैठ
कर,,,,
माँ ने खाना रखा और बाहर चली गयी,,,,
खाना ख़तम करके मैं किचन मे बर्तन रखने गया तो देखा वहाँ सीमा मामी बर्तन
धो रही थी ,,मैं बर्तन रखने क लिए सीमा के पास गया तो उसने हँसके मुझे देखा और
मेरा ध्यान फिर से उसकी मीठी मुस्कान पर टिक गया,,,,
तभी पीछे से सोनिया ने आके मेरे शोल्डर पर हाथ रखते हुए बोला,,,,,,तू किचन मे क्या
कर रहा है,,,,तेरी कविता तो अपने रूम मे है,,
सोनिया ने इतना बोला और हँसने लगी साथ मे सीमा भी,,,,मैं चुप करके वहाँ से चला आया
बाहर की तरफ क्यूकी वहाँ रुकना ख़तरे से खाली नही था,,,,
मैं आके बाहर खड़ा हो गया और गाँव की औरतों को शादी के रीति रिवाज करते देखने लगा
तभी मेरा ध्यान गया कविता की तरफ जो अपने रूम के बाहर खड़ी हुई थी,,,सब लोगो से
दूर,,,,शायद वो डरी हुई थी और डरती भी क्यूँ ना ,,,सोनिया ने सब लोगो के सामने उसको मेरी
गर्लफ्रेंड जो बोला था,,,,वो इतना शरमा रही थी कि रूम से दूर नही जा रही थी,,ये तो शूकर
है रूम से बाहर आ गयी थी वो मुझे तो लगा था रूम से बाहर ही नही निकलेगी,,,
उसका ध्यान मेरी तरफ आया तो मैने उसको इशारे इशारे मे पूछ लिया कि सोनिया ने ज़्यादा तंग
तो नही किया,,,उसने भी ना मे सर हिला कर मुझे बता दिया कि नही सोनिया ने उसको ज़्यादा
तंग नही किया,,,लेकिन जल्दी ही शरमा कर वो वापिस अपने रूम मे चली गयी,,इसको क्या हुआ
ये इतनी जल्दी वापिस रूम मे क्यूँ चली गयी,,,,,तभी मेरा ध्यान गया किचन की तरफ जहाँ
खड़ी हुई सोनिया और सीमा हम लोगो की तरफ देख रही थी,,,,ओह इसलिए कविता रूम मे भाग
गयी थी,,,,,
सोनिया और सीमा हँसके मुझे देख रही थी,,,,मैं सोनिया से तो डर रहा था लेकिन मेरा ध्यान
सीमा की मीठी मुस्कान से नही हट रहा था,,,,तभी सोनिया फिर से मुझे गुस्से मे देखने
लगी और मैने अपना ध्यान दूसरी तरफ कर लिया,,,,
फिर कुछ देर मैं ऐसे ही लोगो की तरफ देखता हुआ टाइम पास करता रहा,,
कुछ देर बाद सोनिया और सीमा भी कविता के रूम मे चली गयी और मैं चला गया छत पर
क्यूकी ये रीति रिवाज मेरी समझ से दूर थे,,,च्चत पर खड़ा हुआ खेतों की तरफ देख
रहा था और टाइम पास कर रहा था,,,,हल्की हल्की धूप थी जिसका एक अलग ही मज़ा था
गाँव की सर्दियों मे,,,,मैं खेतों की तरफ देखता हुआ धूप सेक रहा था तभी मुझे
किसी के छत पर होने का एहसास हुआ,,,मैने पीछे मूड के देखा तो वो सोनिया थी,,
मैं उसको देख कर डर गया लेकिन वो हंसते हुए मुझे देखती हुई मेरे पास आके खड़ी हो गयी
( ज़्यादा पास नही ) वो मेरे से करीब 4-5 कदम की दूरी पर खड़ी हुई थी और मेरे साथ
साथ खेतों की तरफ देख रही थी,,,,
कितना अच्छा नजारा है ना सन्नी यहाँ,,,,जहाँ देखो बस खेत ही खेत है,,ना किसी कार
के हॉरेन की आवाज़ ना धुआँ छोड़ती हुई सिटी बस , बस हर तरफ शांति ही शांति है,,,बहुत
मज़ा आ रहा है मुझे यहाँ गाँव आके,,,अच्छा हुआ मैने और कविता ने गाँव आने का प्लान बना
लिया और उस से भी अच्छा हुआ कि तुम भी हम लोगो के साथ यहाँ आ गये,,,,,
मैं कुछ नही बोला बस उसकी बातें सुनता रहा और खेतों की तरफ देखता रहा,,मैं उस
की तरफ देखने से डर रहा था,,,,
वैसे मुझे यकीन नही था सन्नी तुम भी गाँव आने को तैयार हो जाओगे,,,,मैने कविता को
भी बोला था कि तुम नही आओगे लेकिन उसको यकीन था तुम उसकी बात को मना नही करोगे
वो बड़े यकीन से बोल रही थी और अब पता चला कि उसको इतना यकीन क्यूँ था,,,,
सोनिया ने इतनी बात बोली तो मेरा ध्यान उसकी तरफ गया और वो मुझे देखकर हँसने लगी,,मैने
जल्दी से अपना चेहरा घुमा लिया,,,,
इट्स ओके सन्नी,,कविता ने मुझे सब बता दिया है,,,अब तुम इतना शरमाओ नही प्लज़्ज़्ज़
तभी मैने उसकी तरफ देखा वो फिर मुस्कुरा रही थी,,,,
मैं शरमा नही रहा सोनिया और ना मैं इस बात से डर रहा हूँ कि तुमको मेरे और कविता
के बारे मे पता चल गया है ,,,मैं उसको ये जता रहा था की मैं उस से डर नही रहा
लेकिन असल मे मैं बहुत डरा हुआ था,,,,
मैं तो इस बात से परेशान हूँ कि तुम कहीं कविता को ज़्यादा तंग नही करो मेरे बारे मे
बात करके,,,,तुम मुझे तंग करो तो कोई बात नही लेकिन कविता बहुत मासूम है उसको ज़्यादा
तंग नही करना प्लज़्ज़्ज़्ज़
ओई होइई कितना ख्याल है अपनी गर्लफ्रेंड का,,,,,,सोनिया ने इतना बोला और हँसने लगी,,,
हां सोनिया मुझे बहुत ख्याल है उसका,,,इसलिए बोल रहा हूँ उसको ज़्यादा तंग नही करना
प्ल्ज़्ज़ वो बेचारी पहले ही बहुत परेशान होगी जब तुमने हम लोगो को उस हालत मे ,,,,,,,
मैं अभी बोल रहा था कि सोनिया बोल पड़ी,,,,,,,
मैं उसको ज़्यादा तंग नही कर रही सन्नी क्यूकी उस मासूम ने मुझे सब कुछ जल्दी ही बता
दिया और वैसे भी वो मेरी बेस्ट फ्रेंड है मेरे से कुछ छुपा नही सकती इसलिए उसको
तंग नही कर रही मैं ज़्यादा,,,मैं तो तुझे तंग कर रही थी क्यूकी तू बात छुपा रहा
था,,,,लेकिन अब तू भी मान गया कि तुम दोनो का चक्कर है तो मैं तुझे भी ज़्यादा तंग
नही करूँगी,,,,लेकिन थोड़ा तंग तो कर सकती हूँ ना,,,,उसने इतना बोला और हँसने लगी,,
ठीक है ठीक है कर ले मुझे जितना तंग करना है,,,वैसे और तू कर भी क्या सकती है
जब देखो मुझे तंग ही करती रहती है,,,,,मैं जो बोल रहा था वो समझ गयी और खेतों
की तरफ देखने लगी,,,,
अच्छा एक बात बता सन्नी,,,,,तू कितना प्यार करता है कविता को,,,,
अरे ये भी कोई पूछने वाली बात है क्या,,,,,मैने थोड़ा चिड़ते हुए बोला,,,
अरे बाबा मैं वैसे ही पूछ रही हूँ,,,,देख तू मेरा भाई है और वो मेरी बेस्टफ्रेंड है
मैं जानती हूँ तू उसके साथ टाइम पास नही कर रहा लेकिन फिर भी मुझे पूछने का हक़
तो बनता है ना,,,,,,
मैं समझ रहा हूँ तू क्या बोल रही है,,,,लेकिन तेरी जानकारी के लिए बता देता हूँ कि
मैं उसके साथ टाइम पास नही कर रहा,,,,,मैं बहुत प्यार करता हूँ उसको और सीरीयस भी
हूँ,,,वो ऐसी लड़की भी नही है जिसके साथ टाइम पास किया जाए,,,वो तो ऐसी लड़की है
जिसके साथ पूरी ज़िंदगी बिताने का दिल करता है,,,,
सोनिया मेरी बात सुनके खुश हो गयी,,,,,ये तो बहुत अच्छी बात है सन्नी कि तू उसको इतना
प्यार करता है ,,,,मैं भी यहीं चाहती हूँ कि मेरा भाई और मेरी बेस्टफ्रेंड एक साथ
रहे,,,,और वैसे भी कविता अच्छी लड़की है उसको तेरे जैसा लड़का ही चाहिए था जो उसकी
इतनी क़दर करे,,,,,लेकिन फिर भी एक बात जान ले अच्छी तरह से अगर तूने कभी उसको
हर्ट किया तो मैं तेरा सर फोड़ दूँगी,,,,,,सोनिया ने ये बात थोड़ी गुस्से मे बोली तो मैं
थोड़ा डर गया उसको भी ये पता चल गया था कि मैं डर गया हूँ,,,
नही नही तू डर मत मैं जानती हूँ तू उसको हर्ट नही करेगा लेकिन फिर भी मैं तुझे
सावधान करना चाहती थी,,,,,उसने इतना बोला और फिर हँसने लगी,,,,,
सावधान ,,,,लेकिन क्यूँ,,,,मैने क्या ग़लती करदी अब,,,,प्यार ही किया है कविता से कोई
ज़ुल्म तो नही किया किसी पे,,,,और प्यार करना क्या कोई ग़लती है,,,,
प्यार करना कोई ग़लती नही है लेकिन प्यार किसी से करना और देखना किसी और को वो भी इतनी
गंदी नज़र से ,,,,ये अच्छी बात नही सन्नी,,,,,
मुझे लगा वो अपनी बात कर रही है क्यूकी मैं कयि बार उसके साथ ग़लत हरकत कर चुका
था,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अब मैने किसको देख लिया जो तुझे इतना गुस्सा आ रहा है..मैं
जानता था लेकिन फिर भी उसके मुँह से सुन-ना चाहता था,,,,
मैं सीमा की बात कर रही हूँ सन्नी,,,मैने देखा है तुम सीमा मामी को बड़ी अजीब
नज़रो से देखते हो,,,,अगर तुम किसी से प्यार करते हो तो तुमको किसी गैर औरत या लड़की
को ऐसे नही देखना चाहिए,,,,कविता भी तुम्हारे सिवा किसी लड़के की तरफ आँख उठा कर
भी नही देखती तो फिर तुम क्यूँ ऐसी हरकते करते हो,,,,,क्या इतना ही प्यार है तुमको मेरी
दोस्त से ,,,,बोलो,,,,,,,वो फिर से हल्की गुस्से मे थी,,
मैं उसको तंग नही करना चाहता था लेकिन फिर भी ना जाने क्यूँ मेरा दिल किया कुछ पंगा
करने को,,,,,,,,अब क्या करूँ सोनिया सीमा मामी है ही इतनी खूबसूरत कि मेरा ध्यान चला
जाता है उसकी तरफ मैं खुद को रोक नही पाता,,,,,मैं क्या कोई भी लड़का खुद को उनकी
तरफ देखने से रोक नही पाएगा अब वो है ही इतनी मस्त चीज़ की किसी का भी ध्यान उनकी
तरफ चला जाएगा,,,
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