RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कॉलेज से छुट्टी हुई तो घर आ गया,,,,घर आके मैने किसी से कोई बात नही की,,,रात को
मैं सोया भी था उपर गीता के रूम मे,,,,,अब गीता नीचे अशोक के साथ सोने लगी थी और
सरिता सुरेंदर के साथ,,,,,,,अब उन लोगो को हम लोगो का डर जो नही था,,,,बस मुझे और
सोनिया को डर था उन लोगो से,,,,,पहले वो लोग मेरी और सोनिया की वजह से साथ रहने से डर
रहे थे और अब मैं और सोनिया उनकी वजह से साथ मे रहने से डर रहे थे,,,,,सोनिया अपने
रूम मे सोने लगी और मैं गीता के रूम मे,,,,,
अगले दिन कॉलेज जाना था तो माँ ने मना कर दिया और ज़िद करके मुझे घर पर रोक लिया
कॉलेज नही जाने दिया,,,,,,आज अशोक सुरेंदर को अपने साथ लेके कहीं चला गया था,भुआ
बुटीक नही गयी और ना ही माँ कहीं गयी,,,,
माँ ने सोनिया को नाश्ता दिया और वो कॉलेज चली गयी ,,,मैने भी नाश्ता किया और पीछे की
तरफ आके गार्डन मे बैठ गया,,,,मैने माँ और भुआ से कोई बात नही की,,,और ना ही सोनिया
से,,,,
फिर कुछ दिन ऐसे ही बीत गये,,,मैं घर पे रहता,,,माँ और भुआ भी जबकि अशोक सुरेंदर
को लेके सुबह जाता और रात को 10-11 बजे के करीब घर आता,,,,,मैं कुछ समझ नही पा
रहा था,,,डॅड तो बॅंक मे जॉब करते थे लेकिन अब सुरेंदर को साथ क्यूँ लेके जाते थे और
भला इतनी देर रात क्यूँ घर आते थे,,,,
मैं अपने रूम मे लेटा हुआ था,,,दरवाजा खुला और सोनिया अंदर आ गयी,,,,आज सनडे का दिन
था कॉलेज से छुट्टी थी,,,
वो रूम मे अंदर आई लेकिन मेरे से कोई बात नही की बस चलके मेरे बेड के पास आ गयी ,,
मैं बेड पर बनियान और पयज़ामे मे लेटा हुआ था,,,सोनिया चलके मेरे पास आई और बनियान को
एक साइड करके मेरा जखम देखने लगी,,,,,मेरे जखम पर से टाँके(स्टिचस) खुल चुके
थे,,,जख्म भर चुका था काफ़ी हद तक,,,,,सोनिया ने मेरे जखम पर हाथ रखा और हल्के
से सहलाने लगी फिर मुस्कुरा कर मेरी तरफ देखा,,,,वो खुश थी कि मेरा जख्म भर
चुका है,,,,
फिर वो चलके रूम से बाहर जाने लगी तो मैने उसको आवाज़ दी,,,,,,सोनिया रूको एक मिनिट
वो मेरी बात सुनके रुक गयी और पलट गयी,,,,,,
मैं चलके उसके पास गया,,,,,,,थॅंक्स्क्स्क्स सोनिया,,,मेरी इतनी केर करने के लिए मेरा इतना
ख्याल रखने के लिए और खांसकार उस दिन सबके सामने मुझे रुसवा ना करने के लिए,,,बहुत
बहुत शुक्रिया तुम्हारा जो उस दिन तुमने सबके सामने अपने प्यार का इज़हार किया,,,,
शुक्रिया बोलकर मुझे शर्मिंदा नही कर सन्नी,,,,मैं तेरे से प्यार करती हूँ लेकिन मैं
हद से ज़्यादा आगे नही बढ़ सकती,,,मैं मजबूर हो क्यूकी,,,,,,,
वो बोल रही थी तो मैने उसको चुप करवा दिया,,,,,मैं सब कुछ जान गया हूँ,,,तेरी क्या
मजबूरी है ,,,कविता ने मुझे सब कुछ बता दिया,,,,लेकिन अब तुझे डरने की ज़रूरत नही
मैं अब वो ग़लती कभी नही करूँगा,,,,तू मुझे दिल से प्यार करती है तो मैं भी तुझे
दिल से प्यार करूँगा,,,,कभी तेरे करीब नही आउन्गा,,,,वो हरकत नही करूँगा जिस से तू
रुसवा हो जाए,,,,,
वो मेरी बात से खुश हो गयी,,,,,मुझे भी अपना भाई सन्नी वापिस चाहिए ,,,हम दोनो एक
दूसरे से बहुत प्यार करते है सन्नी ,,,लेकिन ज़्यादा करीब नही आ सकते बट इसका मतलब ये
नही कि हम दोनो को एक दूसरे से दूर रहना होगा,,,एक दूसरे से खफा रहना होगा ,,,मैं
तेरे से दूर नही रह सकती तेरे से खफा नही रह सकती,,,,भूल गया हम लोग कितनी मस्ती
करते थे,,,,कितना खुश थे,,,,,मुझे वो सब वापिस चाहिए वो दिन वापिस चाहिए जब
हम लोग साथ मे रहा करते थे,,,,,बोल क्या बोलता है,,,,फिर से उन्ही दिनो की तरह मस्ती
करेगा मेरे साथ,,,,बोल बनेगा मेरा दोस्त,,,,,,
हां बनूँगा तेरा दोस्त,,,,,और बहुत मस्ती भी करूँगा,,,,,बहुत खुशी होगी मुझे तेरा दोस्त
बनकर,,,,,मैने इतना बोला तो वो हँसके मेरे करीब आके मेरे गले लगने लगी,,,
ना ना ये ग़लती नही,,,,,हम दोनो की दोस्ती दूर दूर से होगी,,,,करीब आना हम दोनो के
लिए ख़तरनाक हो सकता है,,,,,मैने इतनी बात बोली और हँसने लगा,,,,,तभी उसने मेरे
सर मे हल्का सा थप्पड़ मारा और मेरे गले लग गयी,,,,,,
फिर वो पीछे हटी और बोली,,,,,,चल आ नीचे चलते है,,,,,मैं तेरे लिए न्यू गेम भी
लेके आई हूँ पता है इतने दिन से तूने गेम भी नही खेली,,,,इतना बोलकर वो हँसने लगी
और नीचे की तरफ चलने लगी मैं भी उसके साथ साथ नीचे की तरफ चलने लगा,,,
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