Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
12-25-2018, 01:14 AM,
#48
RE: Antarvasna Sex kahani जीवन एक संघर्ष है
सूरज-(मन में )" ओह्हो ये मैंने क्या किया, सेक्स करते हुए ही पूनम दीदी का फोन उठा लिया, दीदी समझ गई होंगी की में किसी के साथ सेक्स कर रहा हूँ, अब दीदी क्या सोचेगी मेरे बारे में" 
सूरज का मुड़ बहुत अपसेट हो जाता है, सूरज और तान्या कपडे पहन कर सो जाते हैं । सुबह 8 बजे सूरज की नींद खुलती है ।

सुबह 8 बजे सूरज और तान्या दोनों तैयार होकर कंपनी निकल जाते हैं। सूरज का मन आज किसी कार्य में नहीं लग रहा था उसका कारण था, रात में तान्या की चुदाई करते समय पूनम का फोन आना और सम्भोग क्रिया कलापो की मदहोश भरी सिसकियाँ की कामुक आवाज़ पूनम के पास तक पंहुच जाना और पूनम का फोन काटना, सूरज के लिए एक बहुत बढ़ी चिंतग्रहस्त में डाल रही थी, सूरज को डर बैठ जाता है की कहीं पूनम दीदी समझ तो नहीं गई की उनका छोटा भाई सहवास के आनंद में ठीक से बात भी नहीं कर पाया ।
इधर पूनम भी आज सुबह जल्दी उठ जाती है और रात सूरज की कंपकपाहट भरी आवाज़ की समीक्षा करने लगती है ।
पूनम-(मन में)-" सूरज की आवाज़ रात में कपकपा क्यूँ रही थी, ऐसा लग रहा था जैसे रात में वो किसी के साथ सेक्स कर रहा हो, लेकिन सेक्स किसके साथ कर सकता है वो, घर में संध्या माँ है और तान्या है, संध्या एक माँ है और माँ अपने बेटे से कभी सेक्स करेगी नहीं,तान्या भी सूरज को अपना भाई मानती है, बहन भाई आपस में सेक्स करते नहीं है, कहीं ऐसा तो नहीं है सूरज रात में हस्तमैथुन मार रहा हो, जब मैंने फोन किया था उस समय वो स्खलित के चरम पर हो,आखिर वो भी जवान है, सेक्स के प्रति आकर्शण तो स्वाभिक होता है, तभी पूनम को सूरज का बेग याद आता है जिसमे ब्रा पेंटी और डिडलो निकला था, पूनम सोचती है आखिर सूरज वो रबड़ का विशाल लंड सूरज किसके लिए लाया था, मुझे पता लगाना होगा, पूनम बिस्तर पर लेटी लेटी अपने बदन पर हाँथ फिरा रही थी तभी पूनम का हाँथ मेक्सी के अंदर पेंटी पर चला जाता है, पूनम की पेंटी गीली हो चुकी थी, पूनम यह देख कर हैरान रह जाती है की सूरज के बारे में सोच कर चूत गीली कैसे हो गई, पूनम पेंटी के अंदर हाँथ डालकर चूत सहलाने लगती है, पूनम की साँसे तेजी से चलने लगती है और मुह से सिसकियाँ फूटने लगती है, तभी पूनम को याद आता है की कैसे सूरज ने उसकी चूत से निकले केले को खाया था और चूत से निकले पानी को चाटा भी था। इतना सोचते ही पूनम का हाँथ तेजी से चूत पर चलने लगता है और एक तेज पिचकारी के साथ झड़ जाती है, झड़ने के उपरान्त पूनम को बड़ी ग्लानि होती है की सूरज के बारे में सोचकर में झड़ गई।
पूनम उठकर फ्रेस होती है । दोपहर में 
पूनम का घर में मन नहीं लग रहा था, पूनम सूरज से बात करने का मन बनाती है, और मोबाइल पर सूरज का नंबर डायल कर देती है, इधर सूरज अपने केबिन में गुमसुम बैठा पूनम के बारे में ही सोच रहा था, जैसे ही मोबाइल पर पूनम की कॉल देखता है, उसे डर लगता है की कहीं दीदी रात वाली घटना के बारे में पूछने के लिए तो फोन नहीं किया, सूरज डर डराते हुए फोन उठा लेता है ।
पूनम-' हेलो सूरज कहाँ हो" 
सूरज-"कंपनी में" सूरज डरते हुए बोला।
पूनम-"क्या हुआ, कोई परेसानी है क्या तुझे, तेरी आवाज़ को क्या हुआ है"
सूरज-"कुछ नहीं दीदी, कंपनी में हूँ इसलिए" 
पूनम-" रात भी तेरी आवाज़ बहुत कपकपा रही थी जब मैंने फोन किया था, क्या रात भी तू कंपनी में था" सूरज यह सुनकर सहम जाता है की अब क्या बोले ।
सूरज-" वव् वो दीदी रात तो में घर पर ही था, नेटवर्क के कारण ऐसा लगा होगा आपको, 
पूनम-" आज कल तेरे नेटवर्क सही काम नहीं कर रहें हैं, पूनम यह कह कर हँसाने लगती है, इससे सूरज का डर कम हो जाता है ।
सूरज-" मेरे नेटवर्क नहीं दीदी मेरे मोबाइल के नेटवर्क सही काम नहीं कर रहें हैं" 
पूनम-" हाँ हाँ तेरे मोबाइल के नेटवर्क गड़बड़ हैं, अपने मोबाइल को सही दिशा में रख,वर्ना गलत नेटवर्क पकड़ लेंगे" यह कह कर पूनम पुनः हँसने लगती है, सूरज समझ जाता है दीदी कौनसे नेटवर्क की बात कर रहीं हैं। 
पूनम-" अच्छा यह बता घर कब आएगा तू" 
सूरज-" दीदी कोई काम था क्या" 
पूनम-" काम होगा तभी आएगा तू, मेरा मन नहीं लग रहा है आज" 
सूरज-"ठीक है दीदी आज शाम को आ जाऊँगा" 
पूनम-" अभी आजा न, अपनी दीदी के लिए तेरे पास समय नहीं है" 
सूरज-"ठीक है दीदी अभी आ रहा हूँ" सूरज तान्या को बोल कर फ़ार्म हॉउस चला जाता है, तनु कॉलेज गई हुई थी, रेखा अपने कमरे में आराम कर रही थी। पूनम सूरज को देख कर खुश हो जाती है। सूरज और तान्या में काफी दोस्ताना व्यवहार हो चूका था । 
पूनम-"आ गया मेरा भाई, रुक में तेरे लिए कुछ नास्ता लेकर आती हूँ" 
सूरज-"दीदी नास्ता रहने दो, मुझे तो आप वो केले खिला दो, जो कल खाए थे मैंने" पूनम यह सुनकर हैरान रह जाती है की अब सूरज को कैसे कहे की भाई वो केले चूत के रस में भीगे हुए थे इसलिए स्वादिष्ट थे ।
पूनम-" रुक अभी केले लेकर आती हूँ" पूनम किचेन से जाकर केले छील कर प्लेट में रख कर सूरज को देती है, सूरज एक केला उठाकर खाता है लेकिन उसे कल बाला स्वाद नहीं लगा।
सूरज-"दीदी इन केलो में कल बाला स्वाद नहीं है, कल बाले केले तो खाने से ज्यादा चाटने में मजा आ रहा था, कल की तरह इन्हे स्वादिष्ट बनाओ दीदी" पूनम की चूत फिर से रिसने लगती है, अब सूरज को कैसे कल बाले स्वादिष्ट केले खिलाए ।
पूनम-" सूरज कल वाले केले अब कहाँ से लाऊँ में, तू यही खा ले न यार" 
सूरज-"दीदी प्लीज़ खिला दो न" सूरज बहुत रुक़्वेस्ट करता है, अब पूनम मजबूर हो चुकी थी,
पूनम-" ठीक है शाम को खिलाऊँगी"सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है ।
सूरज-" ठीक है दीदी, शाम को जरूर खिलाना"

दोपहर के 2 बजे सूरज अपने कमरे में लेटा हुआ था, तनु स्कूल से आते ही सूरज के रूम में गई, सूरज लेटा हुआ था, तनु सूरज को देख कर खुश हो जाती है और गले लगा लेती है। 
तनु-"सूरज कब आया तू" 
सूरज-" अभी 2 घंटे पहले ही आया था, आपकी पढाई कैसी चल रहा है दीदी"
तनु-" ठीक चल रही है भाई, थोड़ी देर रुक में कपडे बदल कर आ रही हूँ" 
सूरज-"दीदी यहीं बदल लो कपडे" सूरज तनु के गले में हाँथ डालकर बूब्स मसलते हुए बोला।
तनु-"सूरज मान जा पूनम दीदी घर पर ही हैं,कभी भी आ सकती हैं" 
सूरज-" दीदी आप स्कूल ड्रेस में बड़ी हॉट लग रही हो,आज आपकी लेने का मन कर रहा है, फ़ार्म हॉउस के गार्डेन में चलो दीदी" 
तनु-" तेरा तो हमेसा ही लेने का मन करता है, और ये तेरा लंड भी हमेसा खड़ा ही रहता है, लेकिन भाई अभी में तुझसे चुदवा नहीं सकती हूँ" तनु सूरज का लंड लोअर में मसलते हुए बोली।
सूरज-" क्या हुआ दीदी, आज मेरा तो बहुत मन कर रहा है आपकी लेने का" 
तनु-"मेरी डेट आ गई है आज,तू अपने हाँथ से हिला कर शांत कर ले मेरे भाई" तभी पूनम तनु को आवाज़ देती है, तनु चली जाती है, सूरज का लंड बेचारा झटके मारने लगता है, सूरज अपने लंड को लोअर के ऊपर से ही मुठियाने लगता है, तभी पूनम सूरज को बुलाने आती है ।
पूनम-" सूरज खाना खा ले" सूरज तम्बू को छुपाने के लिए घूम जाता है ।
सूरज-" दीदी अभी थोड़ी देर में आता हूँ आप चलो" सूरज का लंड तम्बू बना हुआ था, इसलिए अपने तम्बू को छिपाने की कोसिस करता हुआ बोला,लेकिन पूनम कुछ शक सा होता है की सूरज कुछ छुपा रहा है ।
पूनम-" ठीक है सूरज जल्दी आना" पूनम ने इतना बोला और बाहर की ओर जाने लगी, सूरज भी पुनः घूम जाता है और पूनम को जाते हुए देखता है। लेकिन अचानक पूनम सूरज की ओर घूम जाती है ।
पूनम-" सूरज तेरे लिए खाना कमरे में ही ले आऊँ" इतना बोलते ही पूनम की नज़र सूरज के लोअर पर पड़ी, सूरज का लंड विशाल रूप धारण किए लोअर में तम्बू बना हुआ था, सूरज को सँभालने का मौका ही नहीं मिला ।
सूरज-" म म में थोड़ी देर में आ जाऊँगा दीदी" हिम्मत करके बोलता है, लेकिन जैसे ही पूनम दीदी की नज़रो को ताड़ते हुए देखता है तो शर्मशार हो जाता है, पूनम बड़ी हैरानी से सूरज के तम्बू को ही देख रही थी, पूनम मन में आंकलन नहीं कर पा रही थी की लोअर में सूरज का इतना बड़ा विशाल लंड है या कुछ छुपा रहा है । 
पूनम-" क्या हुआ सूरज तुझे, तू कुछ छुपा रहा है मुझसे" पूनम पास आकर बोली, सूरज शर्म के कारण अपने तम्बू के आगे दोनों हाँथ रख लेता है।
सूरज-"दीदी कुछ नहीं है आप जाओ" सूरज की हालात ख़राब हो रही रही थी। 
पूनम-" तू इतना घबरा क्यूँ रहा है, क्या छुपा रहा है इसमें" पूनम सूरज के लंड की ओर इशारा करते हुए बोली, 
सूरज-" दीदी इसमें कुछ नहीं है,आप चलो में अभी आ रहा हूँ" सूरज घबरा कर बोला तो पूनम को और भी शक सा हुआ, 
पूनम-" तू जरूर मुझसे कुछ छुपा रहा है, बता न क्या है इसमें" पूनम जोर देते हुए बोली। अब सूरज बेचारा अपनी बहन को क्या बोले की इसमें लंड है ।
सूरज-" कुछ नहीं है दीदी आप जाओ, में टॉयलेट जा रहा हूँ" सूरज जैसे ही टॉयलेट जाने की बोलता है तो पूनम समझ जाती है की इसमें सूरज का लंड है, सूरज का इतना विशाल लंड होगा यह पूनम ने कभी सोचा भी नहीं था ।
पूनम-" ओह्ह्ह सॉरी मुझे लगा तूने कुछ छुपाया है इसमें, जल्दी से बाथरूम जा" पूनम हँसने लगती है लेकिन पूनम की इस बात से सूरज शर्मा जाता है । पूनम समझ जाती है की सूरज का लंड खड़ा है और ये मुठ मारने टॉयलेट में जा रहा है । पूनम की चूत में खलबली सी मच जाती है।
पूनम बाहर चली जाती है । और सूरज बाथरूम में जाकर नहाने लगता है, मुठ मारने का मन त्याग देता है । थोड़ी देर बाद सूरज बाहर डायनिंग टेवल पर आकर बैठ जाता है । तनु नास्ता कर चुकी थी।
तनु-" सूरज तू खाना खा ले में कोचिंग जा रही हूँ, शाम को आउंगी" इतना कह कर तनु चली जाती है, पूनम किचेन से बाहर आकर सूरज के पास आकर बैठ जाती है ।
पूनम-" आ गया तू टॉयलेट से,बड़ा समय लगाता है तू"
सूरज-" दीदी नहा कर आया हूँ इसलिए समय लग गया" 
पूनम-"ओह्ह्हो अच्छा नहाने में इतना समय" कुटिल मुस्कान के साथ हँसते हुए।
सूरज-" हाँ दीदी"शरमाते हुए।

पूनम-"अच्छा चल अब खाना खा ले जल्दी से" सूरज और पूनम खाना खा कर फ्री होते हैं ।

सूरज-" दीदी में अमरीका से आपके लिए कपडे लाया वो पहने नहीं आपने" 
पूनम-" वो कपडे बहुत शार्ट हैं,इसलिए अभी नहीं पहने" 
सूरज-" आप एक बार पहन कर तो देखो अच्छे लगेंगे आप पर"
पूनम-" अभी पहन कर देखूं"
सूरज-"हाँ दीदी, में भी देख लूंगा"
पूनम-"ठीक है,आजा मेरे रूम में"सूरज पूनम के साथ रूम में जाता है ।पूनम कपडे निकल कर बाथरूम में जाती है,सूरज बेड पर बैठ जाता है, पूनम बाथरूम में जाकर अपनी मेक्सी उतारती है, पूनम ने आज मेक्सी के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी,पूनम की चूचियाँ 36 साइज़ की थी और कमर 32 की, पूनम के जिस्म में सबसे आकर्षण उसके नितम्ब थे,जिन्हें देख कर मसलने का मन कर जाए, सफ़ेद गोरा रंग और 5 फुट 8 इंच की लंबाई थी पूनम की, बिलकुल अपनी माँ रेखा की तरह खूबसूरत ।
पूनम सूरज के लाए गए कपडे पहनने लगती है,क्योंकि बाहर सूरज उसका इंतज़ार कर रहा था, पूनम जल्दी से लाल स्कर्ट पहनती है जो उसकी जांघो तक थी और उसके साथ एक खुले गले का टॉप जिसे पूनम बड़ी मुश्किल से पहन पाती है क्योंकि उसके बदन के आकर से उसका टॉप बहुत टाइट था, पूनम की चूचियाँ आधी से ज्यादा बाहर निकल आती हैं, और टॉप में उसके निप्पल का शेप दिखाई देता है । पूनम को बाहर निकलने में बहुत शर्म आ रही थी,लेकिन फिर भी वो बाहर निकल कर आ जाती है । जैसे ही सूरज पूनम को देखता है तो बेड से खड़ा होकर आँखें फाड़े पूनम को देखने लगता है, सर से पाँव तक पूनम को निहारने लगता है। जैसे ही सूरज की नज़र पूनम के बूब्स पर जाती है तो हैरान रह जाता है,इतना कामुक दृश्य आज तक उसने न देखा था, सूरज का लंड लोअर में खड़ा हो जाता है जिसका उसे अंदाज़ा भी नहीं था,लेकिन पूनम की नज़र सूरज के तम्बू पर जाकर ठहर जाती है ।

पूनम शरमाती हुई सूरज के सामने खड़ी थी, सूरज पूनम के हर हिस्से को बारीकी से देख रहा था, पूनम इतनी कामुक है ये कभी सपने मे नहीं सोचा था सूरज ने, मोटी मोटी चिकनी दूधिया रंग की जांघे और टॉप में झलकती अधनंगी चुचिया को देख कर सूरज का तम्बू पुनः अपना आकर ले चूका था जिसका उसे भान भी न था, सूरज तो बस अपनी बड़ी बहन के योवन को देख कर अपनी हसरत पूरी कर रहा था, इधर पूनम का भी बुरा हाल था,इतने छोटे कपडे पहन कर अपने भाई के सामने खड़ा होने में उसे शर्म आ रही थी,लेकिन जैसे ही वो सूरज को देखती है तो हैरान रह जाती है,उसका अपना छोटा भाई उसे आँखें फाड़े उसके बदन को घूर रहा था,और सबसे बड़ा अचम्भा तो तब होता है जब पूनम सूरज के तम्बू को देखती है, पूनम को यकींन नहीं हो रहा था की इस तम्बू के पीछे कितना बड़ा विशाल लिंग है सूरज का, उसने चंद समय में ही सूरज के तम्बू को देख कर विशाल लंड की कल्पना कर ली, पूनम अपने स्थान से थोडा आगे चलकर सूरज के पास खड़ी हो जाती है,इससे सूरज अपने ख्यालो की दुनियां से बाहर निकल कर आता है ।
सूरज-"वाह्ह्ह् दीदी, इन कपड़ो में आप क़यामत लग रही हो, मेरे पास शब्द नहीं है कैसे तारीफ़ करू" 
पूनम-" वो तो मुझे भी लग रहा है में इन कपड़ो ने क़यामत लग रही हूँ, तेरी आँखे बता रही थी,कैसे आँखे फाड़े देख रहा था मुझे" 
सूरज-"दीदी में हैरान था आपको इस रूप में देख कर,और उसी हैरानी के कारण में कुछ बोल भी नहीं पाया, बाकई में दीदी आप बहुत हॉट लग रही हो इस ड्रेस में" 
पूनम-" क्या हॉट और में, तुझे में हॉट कहाँ से दिखती हूँ" पूनम बेड पर बैठती हुई बोली जिसके कारण सूरज को पूनम की चुचियो के बीच की खाई आसानी से दिखाई देने लगती है और पूनम को सूरज का तम्बू क्योंकि सूरज खड़ा हुआ था ।
सूरज-" दीदी आप तो ऊपर से निचे तक हॉट लग रही हो इन कपड़ो में, मुझे पता होता आप ऐसे कपड़ो में इतनी सुन्दर लगती हो तो दस बारह जोड़ी कपडे ले आता" 
पूनम-" ओह्ह्ह मेरे भाई तू तो मुझे अमेरिकन लड़की बना कर ही छोड़ेगा, तूझे कपडे खरीदने नहीं आते हैं, आधे अधूरे कपडे खरीद कर ले आया" 
सूरज आधे अधूरे कपडे सुनकर चिंतित हो जाता है।
सूरज-" दीदी समझा नहीं,आधे अधूरे का मतलब" 
पूनम-" ओह्ह्हहो सूरज तू एक दम भोला है, मतलब तू सिर्फ आधे ही कपडे लाया है इनके साथ दो कपडे और लाने चाहिए थे वो कम है" पूनम का आशय ब्रा और पेंटी से था ।
सूरज-" दो कपडे कौनसे कम है दीदी, में समझा नहीं" अब शर्माने की बारी पूनम की थी,भला अब वो कैसे बताए की ब्रा और पेंटी कम है ।
पूनम-" अरे यार तू अभी भी नहीं समझा, वही दो कपडे जो कपड़ो के अंदर पहनते हैं" इस बार सूरज समझ जाता है ।
सूरज-"ब्रा और पेंटी" सूरज खुले शब्दों में बोल देता है । पूनम चोंक जाती है और सोचती है ये तो बड़ा फास्ट है एक दम खुल्लम खुल्ला बोल दिया इसने।
पूनम-" हाँ ब्रा और पेंटी तो लाया ही नहीं,बिना ब्रा के इस टॉप को पहन कर तो में बाहर भी नहीं जा सकती हूँ" इस बार पूनम सूरज से थोडा खुल कर बोलती है जिसका असर सूरज के लंड पर होता है और लोअर के अंदर सलामी देने लगता है,पूनम की निगाहें सूरज के तम्बू पर ही टिकी थी,पूनम जव देखती है सूरज का लंड ब्रा और पेंटी के नाम से झटके मार रहा है, इसका सीधा असर पूनम की चूत पर होता है, पूनम समझ गई थी की मेरी चूत भी गीली हो रही है ।
सूरज-" मतलब दीदी आपने ब्रा नहीं पहनी है" 
सूरज पूनम की तनी हुई चूचियों को देखते हुए बोला।
पूनम-"तू लाया ही नहीं है तो कैसे पहन लेती,और लाल रंग की ब्रा मेरे पास नहीं है" पूनम अपना लाल टॉप की ओर इशारा करते हुए बोली ।
सूरज-" सॉरी दीदी मुझे आपकी ब्रा का साइज़ पता नहीं था,और न ही पेंटी का, आप साइज़ बताओ अगली बार अमेरिका गया तो ले आऊंगा" पूनम शर्माने लगती है लेकिन आज पता नहीं क्यूँ उसे अपने भाई से बात करने में बड़ा मजा आ रहा था ।
पूनम-"36D" पूनम शरमाते हुए बोली ।
सूरज-" और पेंटी का साइज़ बता दो" 
पूनम-" 38 long" 
सूरज-" वाह्ह्ह् दीदी मस्त फिगर है आपका" 
पूनम-"मस्त फिगर कहाँ है सूरज,और लड़कियों से ज्यादा मोटी हूँ में" पूनम खड़ी होती हुई बोली, और अपने आपको देखने लगती है । 
सूरज-" किसने कहा दीदी आप मोटी हो, आपका पेट तो एक दम सही है, आपके आगे तो सनी लिओन का फिगर भी फ़ैल है" सूरज पूनम की गांड देख कर बोला,
पूनम-"तू ऐसे बोल रहा है जैसे तूने सनी लिओन का फिगर देखा है" 
सूरज-"हाँ दीदी मैंने देखा है उसका फिगर,आप उससे ज्यादा हॉट हो" 
पूनम-"तूने सनी लिओन का फिगर देखा है, मतलब तूने उसकी पोर्न फ़िल्में देखी हैं" पूनम अचानक बोल देती है ।
सूरज-" हाँ दीदी देखी है, क्या आपने भी देखी हैं" सूरज उल्टा सवाल पूनम से करता है । इस सवाल से सूरज का लंड झटके मारने लगता है ।पूनम सोच में डूबी सोच रही थी की क्या जवाब दू, पूनम को इंटरनेट पर पॉर्न देख कर ऊँगली करने का बहुत बड़ा शौक था, उसने सनी लिओन की एक भी पोर्न फ़िल्म नहीं छोड़ी है सबके सब देखि हैं ।
पूनम-" हाँ देखी हैं,उसके जिस्म में और मेरे जिस्म में बस एक ही अंतर है" सूरज का लंड फटने लगता है बड़ी हिम्मत से कंट्रोल किए हुए था। 
सूरज-"हाँ दीदी मुझे पता है वो अंतर" 
पूनम-"अच्छा तो बता कौनसा अंतर है" 
सूरज-"दीदी आपके नितम्ब बहुत बड़े हैं उससे लेकिन आप सनी लिओन से ज्यादा सेक्सी हो" यह सुनकर पूनम की चूत रिसने लगती है।
पूनम-" अब में यह कपडे उतार कर आती हूँ सूरज, तनु किसी भी समय आती होगी, और माँ के उठने का समय भी हो गया है" पूनम यह कह कर बाथरूम में चली जाती है और दरबाजा बंद कर लेती है, पूनम अंदर जाते ही जोर जोर से सांस लेती है। इधर सूरज का हाँथ लोअर में खड़े तम्बू पर जाता है तो हैरान रह जाता है की ये तो तम्बू बना हुआ था, दीदी पता नहीं क्या सोच रही होंगी इसको देख कर, सूरज अपने लंड को निकाल कर मुठियाने लगता है ।तभी बाथरूम का दरबाजा खुलने की आवाज़ आती है, सूरज अपने लंड को तुरंत लोअर के अंदर कर लेता है । पूनम मेक्सी पहनकर आई थी,पूनम की नज़र सूरज के तम्बू पर जाती है,
पूनम-"बाथरूम जाना है" पूनम सूरज के तम्बू को देखती हुई बोली। सूरज यह देख कर शर्मा गया।
सूरज-"में अपने बाथरूम में जा रहा हूँ" 
पूनम-" ऐसी हालात में जाएगा, माँ ने देख लिया तो क्या सोचेगी,मेरे बाथरूम में ही कर ले तू" सूरज समझ जाता है दीदी मुठ मारने की कह रही हैं।
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