RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
कामिनी की आँखे नशे से भरी हुई थी & उसकी साँसे धौंकनी की तरह चल रही थी.सीने पे ब्रा बस लटका हुआ सा था. विकास ने उसकी आँखो मे देखते हुए उसके कंधो से ब्रा को सरका दिया.इस बार कामिनी ने उसे नही रोका.वो जानती थी इस बार वो बिल्कुल नही मानेगा.ब्रा सरक कर नीचे उसकी गोद मे आ गिरा.उसकी आँखो मे झँकते हुए विकास ने ब्रा को नीचे ज़मीन पे फेंक दिया & अपनी नज़रे नीची कर अपनी प्रेमिका की मस्त चूचियो का पहली बार दीदार किया.कामिनी की आँखे शर्म से बंद हो गयी. "तुम कितनी सुंदर हो,कामिनी...मैने तो सपने मे भी नही सोचा था कि तुम इतनी खूबसूरत होगी.",विकास की नज़रो के सामने कामिनी की भारी-2,कसी चूचिया उपर-नीचे हो रही थी.उन पर सजे हल्के गुलाबी रंग के निपल्स बिल्कुल कड़े हो चुके थे.विकास ने बहुत हल्के अपना हाथ उनपे रख उन्हे छुआ मानो वो शफ्फाक़ गोलाइयाँ उसके हाथ लगाने से मैली हो जाएँगी.कामिनी के पूरे बदन मे सिहरन सी दौड़ गयी. वो हल्के-उन्हे सहलाने लगा & धीरे-2 उसके हाथ उसकी चूचियो पे कसते गये.कामिनी ने उसके हाथ पकड़ लिए पर विकास को अब उन मस्त गेंदो से खेलने मे बहुत मज़ा आ रहा था. "ऊओवव...!".विकास ने अपने दोनो हाथो मे भर कर दोनो चूचियो को ज़ोर से दबा दिया.काफ़ी देर तक वो उन्हे दबत,मसलता रहा.फिर उसने उसके निपल्स का रुख़ किया & उन्हे अपनी उंगलियो मे ले मसल्ने लगा.दफ़्तर मे कामिनी की आहें गूंजने लगी.विकास झुका & उसकी चूची पे अपने होठ रख दिए.कामिनी का सर पीछे झुक गया & उसने विकास का सर पकड़ लिया.विकास चूचियो को मुँह मे भर चूसने लगा तो कामिनी का बदन झटके खाने लगा.उसकी गीली चूत अब और बर्दाश्त नही कर पा रही थी & झाड़ गयी थी. कामिनी निढाल हो सोफे पे गिर गयी तो साथ-2 विकास भी नीचे झुक गया & उसके उपर लेट कर उसकी छातियो से खेलने लगा.कभी वो उन्हे दबाता तो कभी बस हल्के-2 सहलाता,कभी अपने होंठो मे भर कर इतनी ज़ोर से चूस्ता की उनपेनिशान पड़ जाते तो कभी बस अपनी जीभ से उसके निपल्स को चाटता रहता.विकास का आधा बदन सोफे पे & आधा कामिनी के उपर था & कामिनी को अपनी जाँघ के बगल मे उसका खड़ा लंड चुभता महसूस हो रहा था. विकास उसकी चूचियो को चूमता हुआ 1 हाथ नीचे ले गया & उसकी सलवार की डोर को खींच दिया,फिर उसकी चूचियो को छ्चोड़ उसके पेट को चूमते हुए नीचे आया & उसकी सलवार खोलने लगा,"नही...मत करो ना!" विकास फिर से उपर हुआ & उसे चूमने लगा मगर उसका हाथ नीचे ही रहा & ढीली हो चुकी सलवार मे घुस पॅंटी के उपर से ही कामिनी की चूत को सहलाने लगा.कामिनी अपनी जंघे बींचती हुई छटपटाने लगी & खींच कर उसका हाथ हटाने लगी पर वो नही माना & वैसे ही हाथ फेरता रहा.फिर 1 झटके से उठा & उसके सलवार को नीचे कर उसकी पॅंटी के उपर उसने किस्सस की बौच्हार कर दी.कामिनी ज़ोर-2 से आहें भरते हुई तड़पने लगी.इसी बीच उसने उसकी सलवार को उसके बदन से अलग कर दिया. कामिनी की पॅंटी गीली होकर उसकी चूत से चिपकी हुई थी.विकास बैठा हुआ उसके बदन को घुरे जा रहा था.शर्मा कर कामिनी ने करवट के सोफे की बॅक मे अपना मुँह च्छूपा लिया & विकास की तरफ अपनी पीठ कर दी.कामिनी की मस्त 36 इंच की गंद अब उसके सामने थी.दोनो के बादने की रगड़ाहट से उसकी पॅंटी उसकी गंद की दरार मे फाँसी हुई थी & गंद की दोनो कसी फांके विकास के सामने थी. उसने अपने हाथो से उन्हे मसला तो कामिनी चिहुनक उठी.उसकी 28 इंच की कमर के नीचे उसकी चौड़ी,भारी,पुष्ट मस्त गंद ने विकास को पागला दिया था.उसने झट से उसकी पॅंटी को उसके बदन से अलग किया & झुक के करवट ली हुई कामिनी की गंद चूमने लगा.उसकी इस हरकत से कामिनी चौंक पड़ी & सीधी हो गयी & अपने प्रेमी को अपनी अन्छुइ,बिना बालो की,चिकनी,गुलाबी चूत का दीदार करा दिया.विकास की साँसे तेज़ हो गयी.शर्म के मारे कामिनी का बुरा हाल था,ज़िंदगी मे पहली बार वो किसी मर्द के सामने पूरी नगी हुई थी.विकास ने झुक कर कामिनी की जाँघो को फैलाया & अपना चेहरा उसकी चूत मे दफ़्न कर दिया. कामिनी तो पागल ही हो गयी.विकास उसकी चूत को अपनी उंगलियो से फैला चाट रहा था.जब वो उसके दाने को अपनी उंगली या जीभ से छेड़ता तो कामिनी के जिस्म मे बिजली दौड़ जाती.कोई 5-7 मिनिट तक उसकी जीभ कामिनी की चूत को चाटती रही.फिर वो उठ खड़ा हुआ,अब वो और नही रोक सकता था अपनेआप को.उसने अपनी पॅंट & अंडरवेर को तुरंत उतार फेंका.कामिनी ने अड़खुली आँखो से पहली बार 1 मर्द के खड़े लंड को देखा. विकास का काली झांतो से गिरा 6 इंच का लंड प्रेकुं से गीला था & उसके नीचे 2 बड़े से अंडे लटक रहे थे जोकि इस वक़्त बिल्कुल टाइट थे.वो अपने हाथ मे लंड को थाम हिला रहा था.उसने अपनी महबोबा की जाँघो को फैलाया & उनके बीच अपने घुटनो पे बैठ गया.दोनो ही कुंवारे थे & दोनो के लिए ही ये चुदाई का पहला मौका था.विकास ने चूत पे लंड रख के ढका दिया तो वो फिसल गया.उसने 2-3 बार और कोशिश की पर नतीजा वही रहा.कामिनी को डर भी लग रहा था & साथ ही इंतेज़ार भी था की उसका प्रेमी उसके कुंवारेपन को भेद कर उसकी जवानी को खिला दे. विकास को लग रहा था कि वो कामिनी के चूत के बाहर ही छूट जाएगा.फिर उसने पैंतरा बदला & 1 हाथ से उसकी चूत की फांके फैलाए & दूसरे हाथ से अपने लंड को पकड़ उसकी चूत के मुँह पे रख कर अंदर ठेला.इस बार उसे कामयाबी हुई & लंड का सूपड़ा अंदर घुस गया.उसने लंड से हाथ हटाया & बेचैनी से 2-3धक्के लगाए तो लंड और अंदर चला गया. "आउच..!".कामिनी को चुभन सी महसूस हुई & विकास को लगा जैसे कुच्छ उसके लंड को अंदर जाने से रोक रहा था.वो अपने घुटनो को सीधा कर अपनी कोहनियो पे अपने बदन का वजन रख,कामिनी के उपर झुक गया & 1 बहुत ज़ोर का धक्का दिया. "ओई...मेन्न्न्न...!..",कामिनी की चीख निकल गयी,उसके कुंवारेपन की झिल्ली को विकास के लंड ने फाड़ दिया था.कामिनी के चेहरे पे दर्द की लकीरे खींच गयी तो विकास उसके उपर लेट गया & उसे चूमने लगा.बड़ी मुश्किल से उसने अपनी कमर को हिलने से रोका.वो उसके कानो मे प्यार भरे बोल बोलते हुए उसे हौले-2 चूम कर सायंत करने लगा.थोड़ी देर बाद कामिनी का दर्द कम हुआ तो उसने विकास की पीठ पे हाथ फेरना शुरू कर दिया.विकास ने उसके होठ छ्चोड़ नीचे मुँह ले जाकर उसकी चूचियो को मुँह मे भर लिया & ज़ोर-2 से धक्के लगाने लगा.कामिनी को भी अब मज़ा आ रहा था,अपने प्रेमी के सर को उसने अपनी चूचियो पे भींच दिया & अपने घुटने मोड़ कर नीचे से कमर हिलाकर उसके धक्को से लय मिला कर चुदाई कराने लगी. विकासके लंड की रगड़ उसे जन्नत की सर करा रही थी.उसकी चूत मे जैसे 1 तनाव सा बन रहा था & उसने अपनी टांगे मोड़ कर अपने प्रेमी की कमर को लपेट लिया था.उसके नाख़ून उसकी पीठ मे धँस गये & उसके बदन मे जैसे मज़े का ज्वालामुखी फुट गया.आहे भरते हुए अपने होठ उसके होंठो से चिपका कर सोफे से उठा वो उस से चिपक सी गयी-वो ज़िंदगी मे पहली बार 1 लंड से झाड़ रही थी. विकास के सब्र का बाँध भी अब टूट गया & उसका बदन झटके खाने लगा & मुँह से आहे निकलता हुआ उसने अपने अंदो मे उबाल रहे लावे को अपनी प्रेमिका की चूत मे खाली कर दिया. क्रमशः.............
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