RE: Sex Hindi Kahani गहरी चाल
संजीव मेहरा कामिनी के साथ बाहर आने लगे,"मैं कल ही लंडन से यहा आया.करण के पिता को हमने कुच्छ नही बताया है..दरअसल उनकी तबीयत कुच्छ ठीक नही रहती..कामिनी जी,आपको क्या लगता है..क्या होगा मेरे भतीजे का?"
"देखिए,सर.मैं आपको झूठी तसल्ली तो नही दूँगी!करण के खिलाफ सारे सबूत बड़े पुख़्ता हैं मगर मैं भी आख़िर तक कोशिश करूँगी & इसमे शायद मुझे आपकी मदद लेनी पड़ सकती है.",करण की बातो से कामिनी के दिमाग़ मे 1 नया ख़याल कुलबुलाने लगा था.
"ज़रूर,कामिनी जी!अपने भतीजे के लिए मैं कुच्छ भी करूँगा."
"ठीक है,सर..तब शायद हम करण को यहा से निकाल ही लेंगे.",कामिनी कार मे बैठ गयी तो ड्राइवर ने कार उसके दफ़्तर की दिशा मे बढ़ा दी.
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मोहसिन जमाल,35 बरस का लंबा,खुशदील इंसान जिसका पेशा था जासूसी-वो इस वक़्त कामिनी के ऑफीस मे बैठा मुकुल & रश्मि को कुच्छ मज़ेदार किस्से सुना रहा था जब कामिनी अंदर दाखिल हुई,"हेलो,कामिनी जी.",वो अपनी कुर्सी से उठ खड़ा हुआ.
"हेलो,मोहसिन..आओ..मुकुल तुम भी..रश्मि,ज़रा सबके लिए कुच्छ ठंडा मंगवा लो."
"ओके,मॅ'म.",रश्मि कोल्ड ड्रिंक्स के इंतेज़ाम मे लग गयी & बाकी तीनो कामिनी के चेंबर मे आके बैठ गये.थोड़ी ही देर मे तीनो अपने-2 ग्लासस से घूँट भर रहे थे जब कामिनी ने मुद्दे की बात छेड़ी,"मोहसिन,ये लो.",उसने 1 लिफ़ाफ़ा आगे किया,"..ये है आंतनी डाइयास उर्फ टोनी-षत्रुजीत सिंग का ड्राइवर.."मोहसिन लिफाफे से तस्वीर निकाल कर देख रहा था,साथ ही 2 काग़ज़ भी थे,"..मैं इसके बारे मे जो भी जानती हू इसमे लिखा है..",उसने काग़ज़ो की ओर इशारा किया,"..तुम्हे साए की तरह आज से ही इसके पीछे लग जाना है & हमेशा की तरह हम तीनो के अलावा किसी को भी इस बात की भनक नही लगनी चाहिए."
मोहसिन कोई 23 बरस की उम्र से 1 जाने-माने प्राइवेट डीटेक्टिव के साथ काम करने लगा था.30 बरस का होते-2 उसने खुद की एजेन्सी खोल ली थी & अपने पेशे का जाना हुआ नाम बन गया था.कामिनी की बात सुन के वो मुस्कुराया,"सिर्फ़ पीछा करना है?"
"फिलहाल तो बस पीछा ही करो..",कामिनी ने 1 घूँट भरा,"..मोहसिन,मुझे शक़ है ये आदमी किसी और के लिए काम करता है..तो हो सकता है वो किसी से मिले.वो किस से मिलता है,कहा जाता है..क्या बाते करता है..सबकी रिपोर्ट मुझे चाहिए."
"ओके,कामिनी जी.काम शुरू हो गया समझिए.",मोहसिन ने अपना ग्लास 1 साँस मे ही खाली कर दिया & उठ खड़ा हुआ तो कामिनी ने अपने बॅग मे से 1 लिफ़ाफ़ा निकाल के उसे थमाया,"..तुम्हारी पहली किश्त मोहसिन.बाकी भी तुम्हे समय पे मिल जाएँगी."
"थॅंक यू.",मोहसिन जमाल पक्का प्रोफेशनल था-अगर काम पूरा नही होता तो वो क्लाइंट की 1-1 पाई वापस कर देता नही तो काम के शुरू से अंत तक क्लाइंट को 4 किष्तो मे उसकी फीस देनी होती थी.
"ध्यान रहे,मोहसिन.हम तीनो के अलावा & कोई ना जानने पाए.मैने शत्रुजीत सिंग को भी इस बारे मे कुच्छ नही बताया है."
"डॉन'ट वरी,कामिनी जी.",मोहसिन चेंबर से बाहर निकल गया.
क्रमशः.......................
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