Raj sharma stories बात एक रात की
01-01-2019, 12:32 PM,
#84
RE: Raj sharma stories बात एक रात की
बात एक रात की--79

गतान्क से आगे.................

चौहान रीमा को लेकर घर पहुँचा. रात के 2 बज गये थे. रास्ते भर उसने रीमा से कोई बात नही की.

घर आ कर उसने रीमा के मूह पर ज़ोर से थप्पड़ मारा, “बता क्या रिश्ता है तेरा उस रोहित पांडे से. कैसे जानता है वो तुझे.”

“हम अच्छे दोस्त हैं, भैया.” रीमा गिड़गिडाई.

“कब बने दोस्त तुम दोनो.”

“कुछ दिन पहले ट्रेन में मिला था वो मुझसे जब मैं बुवा के घर से आ रही थी.”

“अच्छा इतनी जल्दी वो फ्रेंड भी बन गया तेरा. इतनी आज़ादी दे रखी है मैने तुझे और तू फ़ायडा उठा रही है.”

रीमा कुछ नही बोल पाई.

“चल दफ़ा हो जा मेरी नज़रो के सामने से. जल्दी तेरी शादी करके तुझे यहाँ से दफ़ा कर दूँगा. अगले हफ्ते तुझे देखने आ रहे हैं लड़के वाले.”

“भैया अभी तो मैं पढ़ रही हूँ.”

“हां देख रहा हूँ कि कितना पढ़ रही है. चल जा अपने कमरे में. एक ,दो महीने के अंदर ही शादी करवा दूँगा तुम्हारी.”

रीमा सुबक्ते हुए अपने कमरे में आ गयी और गिर गयी बिस्तर पर. दिल घबरा रहा था उसका शादी के नाम से.

…………………………………………………………………………

रोहित भी पिंकी के साथ लेकर घर की तरफ चल दिया.

रास्ते में पिंकी ने रोहित को बताया कि कैसे साइको उसे जंगल में ले गया था.

“सुबह सुबह सड़क सुन्शान थी. अचानक हमारी कार के आगे उसने अपनी कार लगा दी और हमें रुकने पर मजबूर कर दिया. नकाब पहन रखा था उसने. ड्राइवर को गोली मार दी उसने और मुझे कुछ सूँघा कर वहाँ जंगल ले गया.”

“इसीलिए मैं तुझे यहाँ से दूर भेज रहा था. कोई बात नही जो हुआ सो हुआ. मैं कल खुद छ्चोड़ कर आउन्गा देल्ही. अब अकेला नही भेजूँगा तुझे. ” रोहित ने कहा.

अगले दिन सुबह 8 बजे रोहित पिंकी को लेकर देल्ही चल दिया. आने, जाने की टॅक्सी बुक कर ली थी उसने.

………………………………………………………………………

पद्‍मिनी के चाचा चाची सुबह सेवेरे ही निकल दिए देल्ही के लिए. पद्‍मिनी के चाचा का देल्ही में किड्नी का ऑपरेशन होना था जिसके लिए उन्हे वहाँ पहुँचना ज़रूरी था. गब्बर को भी उनके साथ ही जाना था. क्रिटिकल सिचुयेशन थी, ऑपरेशन में डेले नही कर सकते थे. वो बोल रहे थे पद्‍मिनी को भी साथ चलने के लिए और उनके साथ ही रहने के लिए. मगर उसने मना कर दिया, “मैं इस घर को छ्चोड़ कर नही जाउन्गि. मम्मी पापा की यादें हैं यहाँ. और वैसे भी भागने से फ़ायडा क्या है. मौत अगर लिखी है तो कही भी आ सकती है.”

सुबह 8 बजे निकले थे वो लोग और पद्‍मिनी उन्हे सी ऑफ करने बाहर तक आई थी. उन्हे सी ऑफ करने के बाद जैसे ही पद्‍मिनी वापिस मूडी घर में जाने के लिए राज शर्मा ने पद्‍मिनी को आवाज़ दी, “पद्‍मिनी जी!”

पद्‍मिनी रुक गयी और पीछे मूड कर देखा. राज शर्मा उसकी तरफ बढ़ रहा था. राज शर्मा उसके पास पहुँच कर बोला, “कैसी हैं आप अब?”

“जिंदा हूँ”

“समझ नही आता कि क्या करूँ आपके लिए.”

“तुम्हे कुछ करने की ज़रूरत नही है.” पद्‍मिनी ने कहा और अपने घर में घुस कर कुण्डी लगा ली और दरवाजे पर खड़ी हो कर सुबकने लगी, “तुमने कौन सा कसर छ्चोड़ी है मुझे परेशान करने की.”

राज शर्मा खड़ा रहा चुपचाप. कर भी क्या सकता था. “मैं भी पागल हूँ. जब पता है कि वो मेरी बात से परेशान ही होती हैं फिर क्यों…और परेशान करता हूँ उन्हे.” राज शर्मा वापिस जीप में आकर बैठ गया चुपचाप.

………………………………………………………………………………

….

सुबह 9 बजे ही तैयार हो गया मोहित आज. पूजा के साथ घूमने जो जा रहा था वो.

“कहाँ मिलना है, इस बारे में तो बात ही नही हुई पूजा से. सीधा घर चला जाउ क्या उसे लेने.” मोहित ने सोचा.

“नही..नही..कही नगमा कोई पंगा ना कर दे. शायद पूजा वही बस स्टॉप पर ही मिलेगी.”

जैसा की मोहित ने सोचा था, पूजा उसे बस स्टॉप पर ही मिली.

मोहित को बाइक पर आते देख उसके होंटो पर मुस्कान बिखर गयी. पर अगले ही पल वो उदास भी हो गयी.

मोहित ने उसके सामने बाइक रोकी और बोला, “क्या हुआ पहले मुस्कुराइ और फिर चेहरा लटका लिया.कोई प्राब्लम है क्या पूजा.”

“हां वो पिता जी की तबीयत खराब है कल शाम से. दीदी अकेली परेशान हो रही है. ऐसे में घूमने कैसे जाउ तुम्हारे साथ.”

“ओह…इसमे परेशान होने की कौन सी बात है पूजा. घूमने फिर कभी चलेंगे. तुम घर जाओ और पिता जी की सेवा करो.”

“कॉलेज में एक इंपॉर्टेंट लेक्चर है वो अटेंड करके आ जाउन्गि.”

“गुड, आओ बैठ जाओ, छ्चोड़ देता हूँ तुम्हे कॉलेज मैं.” मोहित ने कहा.

“नही मैं चली जाउन्गि…तुम ड्यूटी के लिए लेट हो जाओगे.”

“हो जाने दो लेट. तुम्हे कॉलेज छ्चोड़े बिना कही नही जाउन्गा. बैठ जाओ प्लीज़ और आज फिर अपना सर रख लेना मेरे कंधे पर. बहुत अतचा लगा था कल जब तुमने सर रखा था मेरे कंधे पर. बहुत रोमॅंटिक फील हो रहा था मुझे.”

“अच्छा…वो तो यू ही रख दिया था मैने, सर में दर्द हो रहा था कल.”

“अच्छा बैठो तो”

पूजा बैठ गयी और जैसे ही मोहित बाइक ले कर आगे बढ़ा पूजा ने सर टिका दिया उसके कंधे पर.

“सर में दर्द हो रहा है ?” मोहित ने पूछा.

“हां, तुम्हे कैसे पता.”

“क्योंकि जैसा कल फील हो रहा था मुझे वैसा ही आज भी फील हो रहा है. हटाना मत सर अपना कॉलेज तक”

“मोहित, तुम्हे बुरा तो नही लगा ना कि मैं आज भी नही चल रही तुम्हारे साथ.”

“पागल हो क्या बुरा क्यों लगेगा. वैसे मेरा मन भी कल से खराब है. कल शमसान गया था पद्‍मिनी के पेरेंट्स के अंतिम संस्कार पर. कल से मन बहुत खराब हो रहा है. बहुत बुरी तरह से कतल किया साइको ने उनका.”

“आख़िर ये साइको पकड़ा क्यों नही जा रहा मोहित.”

“बहुत चालाक है ये साइको पूजा. मगर पकड़ा जाएगा एक ना एक दिन वो. कब तक बचेगा. ”

“हां वो तो है.

बातो बातो में कॉलेज आ गया. मोहित ने बाइक रोक दी गेट के बाहर और पूजा उतर गयी बाइक से.

“पूजा हमेशा ख्याल रखना अपना. सुनसान जगह पर कभी मत जाना. हमेशा ग्रूप में रहना. मेरे लिए अपना ख्याल रखना.”

“तुम्हारे लिए क्यों.”

“क्योंकि मेरी जिंदगी हो तुम.”

“हटो जाओ तुम.” पूजा शर्मा गयी.

“अरे सच कह रहा हूँ. तुम सच में मेरी जिंदगी हो. तुम्हारे बिना नही जी सकता मैं.”

“अच्छा…जाओ लेट हो जाओगे. मेरे भी लेक्चर का टाइम होने वाला है.”

“ओह हां तुम निकलो. बाइ. टेक केर.”

पूजा कॉलेज के अंदर चली गयी और मोहित अपने ऑफीस की तरफ चल दिया.

जब वो ऑफीस पहुँचा तो उसके कमरे के बाहर एक खुब्शुरत लेडी बैठी थी कुर्सी पर.

“आप का परिचाय.”

“मेरा नाम दीपिका है. मुझे आपके बॉस ने आपसे मिलने को कहा है. मैं गौरव मेहरा की बीवी हूँ.”

“ओह हां याद आया. प्लीज़ कम इन.” मोहित ने कहा.

मोहित कमरे में घुस गया. पीछे पीछे दीपिका भी आ गयी.

मोहित के बैठते ही वो उसके सामने बैठ गयी. दीपिका ने जीन्स और टॉप पहना हुआ था. टॉप कुछ इस तरह का था कि उसके बूब्स को वो बहुत अच्छे से बाहर की हवा दे रहा था . ना चाहते हुए भी मोहित की निगाह चली गयी उसके बूब्स पर. बस निपल्स छुपे हुए थे अंदर वरना तो सब कुछ बाहर ही था .

“ठर्कि लगती है ये एक नंबर की. जानबूझ कर दिखा रही है अपना समान. सुबह सुबह इसे ही आना था ऑफीस.”

“आपके बॉस ने आपको बता ही दिया होगा सब कुछ.” दीपिका ने कहा.

“जी हां बता दिया है. तो आपको लगता है कि आपके पति के किसी लड़की के साथ नज़ायज़ संबंध हैं और आपको सबूत चाहिए ताकि आप तलाक़ के लिए कोर्ट में जा सकें. ईज़ दट राइट.”

“यस आब्सोल्यूट्ली.”

“ठीक है आज से ही काम शुरू हो जाएगा.”

“टोटल कितनी पेमेंट करनी होगी मुझे.”

“उसके बारे में आप बॉस से बात कर लीजिए. मैं वो मॅटर्स हॅंडल नही करता.” मोहित ने कहा.

“थॅंक यू वेरी मच. मुझे जल्द से जल्द कुछ सबूत चाहिए. मैं उस वहशी के साथ नही रह सकती. आप मेरे कपड़े देख रहे हैं. बहुत रिवीलिंग हैं ना.”

मोहित के समझ में नही आया कि वो क्या कहना चाहती है. “क्या मतलब ..”

“मेरा पति मुझे रिवीलिंग कपड़े पहनाता है. उसे अच्छा लगता है जब दुनिया मुझे ऐसे कपड़ो में देखती है. ये टॉप जो आप देख रहे हैं कल ही लाकर दिया उन्होने. उनकी चाय्स के अनुसार कपड़े पहन-ने होते हैं मुझे.”

“ओह..वेरी बॅड.”

“आपको ये सब बताया क्योंकि आप मेरी छाती को देख रहे थे और शायद मुझे ग़लत समझ रहे थे. मेरे पास कोई भी चारा नही होता है ये कपड़े पहन-ने के सिवा. मुझे उनसे तलाक़ चाहिए और बिना सबूत के तलाक़ मिलेगा नही. उनके काई औरतो से संबंध हैं लेकिन अधिकतर वो कामिनी के साथ रहते हैं. आप इन्वेस्टिगेशन करेंगे तो सब जान जाएँगे. मैं चलती हूँ.” दीपिका उठ कर चली गयी.

मोहित तो देखता ही रह गया उसे. बहुत ही अजीब सा कुछ कहा था उसने. “क्या ऐसा हो सकता है शायद हो भी सकता है. एक से बढ़कर एक नमूने हैं दुनिया में.”

मोहित अपने सीक्रेट इंत्रुएमेंट्स लेकर निकल पड़ा. एक तो बड़ा कॅमरा था उसके पास जो कि विज़िबल था. एक सीक्रेट कॅमरा उसकी पेन में भी था जो कि किसी को दिखता नही था .

मोहित ने इंक्वाइरी की तो पता चला की दीपिका सही कह रही थी. गौरव मेहरा अमीर था और खूब पैसे वाला था. बहुत सारे शॉंक पाल रखे थे उसने. उसका ज़्यादा तर कामिनी से ही मिलना जुलना रहता था. मोहित ने कामिनी का अड्रेस पता किया और पहुँच गया उसके घर. वो एक बड़े से फ्लॅट में अकेली रहती थी. फ्लॅट उसे गौरव मेहरा ने ही लेकर दिया था. मोहित उसके घर पहुँचा. दरवाजे पर कान लगा कर देखा तो पाया कि अंदर से कुछ आवाज़े आ रही हैं. आवाज़े कुछ इस तरह की थी जिस तरह कि काम-क्रीड़ा के वक्त निकलती हैं

लॉक खोलने में तो मोहित माहिर था ही. खोल कर घुस गया चुपचाप अंदर.

“आअहह चूस ये लंड. अच्छे से चूस.”

मोहित उस बेडरूम की तरफ बढ़ा जहा से आवाज़ आ रही थी. कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला था. क्योंकि मैं दरवाजा बंद था इसलिए बेडरूम का दरवाजा बंद करना भूल गये थे शायद वो लोग.

मोहित ने झाँक कर देखा तो दंग रह गया. अंदर कामिनी के साथ गौरव मेहरा नही बल्कि उसका छोटा भाई संजीव मेहरा था. दीपिका मोहित को परिवार के लोगो की फोटो दे गयी थी इसलिए उसने संजीव को पहचान लिया था.

“भैया की रखैल को चोदने का मज़ा ही कुछ और है.” संजीव ने कहा.

क्रमशः..............................
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