RE: Antarvasna kahani घरेलू चुदाई समारोह
“तुम लोग इतना क्या खरीद लाये…” कोमल ने सामान देखकर पूछा।
“खूब सारी बीयर, प्रमोद को बहुत पसंद है…”
“तुम्हारी मम्मी तुम्हें पीने देती है…”
“मेरी मम्मी बहुत फारवर्ड है। वो मुझे मेरे दोस्तों के साथ ऐसा बहुत कुछ करने देती है जो कि दूसरे माँ-बाप सोचने के लिये भी मना करते हैं…”
“उदाहरण के लिये…” कोमल ने टेबल पर आगे झुकते हुए पूछा जिससे कि उसके मम्मों कि झलक प्रमोद को मिले। उसने देखा कि प्रमोद को अपनी आंखें हटाने में मुश्किल हुई थी।
“बहुत सारी… मैं जितनी देर चाहूं बाहर रह सकता हूँ… मैं जितनी चाहे उतनी लड़कियों के साथ घूम-फिर सकता हूँ और…”
“यह तो बहुत अच्छी बात है… एक लड़के को लड़कियों के साथ सम्पर्क का ज्ञान होना बहुत जरूरी है, खास तौर पर शादी के पहले… है न सजल…” कोमल ने जब सजल से पूछा तो वो समझ गया कि उसकी मम्मी बात को किस तरफ ले जा रही थी।
“बिल्कुल ठीक मम्मी…” उसने हाँ में हाँ मिलाई।
कोमल एक ग्लास लेने के लिये उठी और रसोई में वाशबेसिन पर कुछ इस तरह झुकी कि उसकी मिनी-स्कर्ट ऊपर उठ गई। उसने ग्लास निकालने में जरूरत से ज्यादा समय लिया। उसके बाद कुर्सी पर बैठने के बजाय वह प्रमोद के ठीक सामने टेबल के किनारे ही बैठ गई। प्रमोद ने दूसरी ओर देखते हुए बीयर पीने का बहाना किया। वह किसी औरत के इतना पास होने से थोड़ा नवर्स हो रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि वो क्या चाहती थी।
“तुम जानते हो प्रमोद, मैं तुम्हारी मम्मी से भी ज्यादा उन्मुक्त स्वभाव की हूँ। मेरी तरफ से सजल को पूरी छूट है कि वो जिस लड़की के साथ चाहे घूमे और उसके साथ जो मर्जी हो वो करे। तुम समझ रहे हो न मैं क्या कह रही हूँ…”
वो लड़का थोड़ी झिझक के साथ बोला- “जी शायद समझ रहा हूँ…” यह कहते हुए उसकी नज़र अपने सामने परोसी हुई मखमली जांघों और गोरी सुडौल टाँगों और ऊँची एंड़ी के चमचमाते सैंडलों में कसे सेक्सी पैरों पर टिकी हुई थीं।
“हो सकता है कि तुम्हें मेरी बात ठीक से समझ नहीं आई हो… मेरा मतलब है लड़कियों के साथ सम्भोग करने का…” यह कहकर कोमल प्रमोद पर अपनी बात का प्रभाव देखने के लिये रुकी।
प्रमोद को तो जैसे बिजली का झटका लगा हो। वो उस औरत का मुँह ताकता रह गया। सजल की मम्मी सजल के सामने उससे ऐसी बात कैसे कह सकती थी।
“मेरे ख्याल से प्रमोद भी किसी भी औरत के साथ सम्भोग करने के लिये मुक्त है। तुम्हारी मम्मी क्या कहेगी अगर तुम अपनी उम्र से बड़ी किसी औरत से सम्बंध बनाओगे…” यह कहते हुए कोमल अपने ऊँची एंड़ी के सैंडलों से धीरे-धीरे प्रमोद के पांव को सहला रही थी। वो प्रमोद के शरीर का कम्पन महसूस कर सकती थी।
“पता नहीं आंटी…” उसने सजल की ओर सहायता के लिये देखा- “मैंने इस बारे में कभी सोचा ही नहीं…”
कोमल धीरे से हँसी- “तुम क्या समझते हो की मैं तुम्हारी इस बात पर यकीन कर लूंगी… हर जवान लड़का अपने से उम्रदराज़ औरत को चोदना चाहता है। मैं जानती हूँ कि सजल इस बारे में क्या सोचता था…” उसने अपनी इस बात से ज़ाहिर कर दिया कि उसकी मंशा क्या थी।
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