RE: bahan ki chudai बहन की इच्छा
"कित'नी सुंदर जगह है ना खंडाला!"
ऊर्मि दीदी ने टीवी की तरफ देख'कर कहा.
"हाँ! बहुत ही सुंदर है! में गया हूँ वहाँ एक दो बार" मेने जवाब दिया.
"सच? किसके साथ, सागर ऊर्मि दीदी ने लाड से मुझे पुछा.
"एक बार मेरे कॉलेज के ग्रूप के साथ और दूसरी बार हमारी सोसयटी के लडको के साथ
"तुम्हे तो मालूम है, सागर." ऊर्मि दीदी ने दुखी स्वर में कहा,
"अप'नी पूना-मुंबई बस खंडाला से होकर ही जाती है और जब जब में बस से वहाँ से गुज़रती हूँ तब तब मेरे मन में 'इच्छा' पैदा होती है की कब में यह मनमोहक जगह देख पाउन्गि."
"क्या कह रही हो, दीदी?" मेने आश्चर्या से उसे पुछा,
"तुम'ने अभी तक खंडाला नही देखा है?"
"नही रे, सागर.. मेरा इतना नसीब कहाँ
"कमाल है, दीदी! तुम अभी तक वहाँ गयी नही हो? पूना से तो खंडाला बहुत ही नज़दीक है और जीजू तुझे एक बार भी वहाँ नही लेके गये? में नहीं मान'ता, दीदी
"तुम मानो या ना मानो! लेकिन में सच कह रही हूँ. तुम्हारे जीजू के पास टाइम भी है क्या मेरे लिए
ऊर्मि दीदी ने नाराज़गी से कहा.
"ओहा! कम ऑन, दीदी! तुम उन्हे पुछो तो सही. हो सकता है वो काम से फूरसत निकाल'कर तुझे ले जाए खंडाला
"मेने बहुत बार उन्हे पुछा है, सागर
ऊर्मि दीदी ने शिकायत भरे स्वर में कहा,
"लेकिन हर सम'य वो दुकान की वजह बताकर नही कहते है. तुम्हे बटाऊ, सागर? तुम्हारे जीजू ना. ऱोमान्टीक ही नही है. अब तुम्हे क्या बताऊ? शादी के बाद हम दोनो हनीमून के लिए भी कही नही गये थे. उन्हे रोमान्टीक जगह'पर जाना पसंद नही है. उनका कहना है के ऐसी जगह पर जाना याने सम'य और पैसा दोनो बरबाद कर'ना है
मुझे तो पह'ले से शक था के मेरे जीजू वयस्क थे इस'लिए उन्हे रोमांस में इंटरेस्ट नही होगा. और उनसे एकदम विपरीत, ऊर्मि दीदी बहुत रोमाटीक थी. ऊर्मि दीदी के कह'ने पर मुझे बहुत दुख हुआ और तरस खा कर मेने उस'से कहा,
"दीदी! अगर तुन्हे कोई ऐतराज ना हो तो में तुम्हे ले जा सकता हूँ खंडाला
"सच, सागर
ऊर्मि दीदी ने फुर्ती से कहा और अगले ही पल वो मायूस होकर बोली
"काश! तुम्हारे जीजू ने ऐसा कहा होता? क्योंकी ऐसी रोमाटीक जगह पर अप'ने जीवनसाथी के साथ जा'ने में ही मज़ा होता है. भाई और बहेन के साथ जा'ने में नही."
"कौन कहता है ऐसा??"
मेने उच्छल'कर कहा,
|