Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
04-05-2019, 12:29 PM, (This post was last modified: 04-05-2019, 12:40 PM by sexstories.)
#68
RE: Antarvasna Sex kahani वक़्त के हाथों मजबूर
अब तू ही बता जब तू उसे जानती नहीं है ना ही तेरे उससे कोई नाता हैं, ना रिश्ता हैं तो तू क्यों उसके बारे में इतना सब कुछ सोचती हैं. आख़िर वो तेरी लगती कौन हैं????

मोनिका- हां मैं मानती हूँ कि वो मेरी कोई नही लगती पर एक इंसानियत भी कोई चीज़ होती हैं. ये कौन सी बात हुई की मैं अपने फ़ायदे के लिए दूसरे की ज़िंदगी तबाह करूँ.

विजय एक ज़ोरदार थप्पड़ मोनिका के गाल पर जड़ देता हैं- वाह मेरी रंडी. आज तू इंसानियत का पाठ हमे पढ़ा रही हैं. तेरी तो मैं साली आज ऐसी मा चोदुन्गा कि तू भी क्या याद करेगी. और इतना कहकर वो अपने दोनो हाथों से मोनिका के बूब्स को कसकर मसल देता हैं. और मोनिका के मूह से एक बार फिर से चीख निकल पड़ती हैं.

मोनिका- मैं मान तो रही हूँ ना तुम्हारी बात. फिर तुम मुझसे ऐसे क्यों पेश आ रहे हो.बस मुझे एक बात बता दो कि आपका राधिका से क्या दुश्मनी हैं.

बिहारी- तू बस आम खा. पेड़ गिनना हमारा काम हैं. तुझे बस जितना बोला जाए उतना ही करना हैं. और हां अगर हमसे कोई होशियारी करने की कोशिश की तो तेरा अंजाम बहुत बुरा होगा. बाकी तू खुद समझदार हैं.

मोनिका- ठीक हैं मैं तैयार हूँ. करना क्या होगा मुझे???

विजय फिर वो अग्रीमेंट पेपर लेकर मोनिका को थमा देता हैं और एक कॉपी अपने पास रख लेता हैं.

मोनिका- ये कैसा अग्रीमेंट हैं???

विजय- इसमें लिखा हैं कि हम तुझे एक कॉंटॅक्ट के तौर पर हम तुझसे कोई भी काम करवा सकते हैं.. और वो कॉंटॅक्ट सिर्फ़ एक महीने का हैं. और जैसे ही एक महीना पूरा होता हैं तू अगर हमारा काम ख़तम कर देगी तो तू सच में आज़ाद हो जाएगी नहीं तो तू खुद काजीरी से बोलकर उसके रंडी के धंधे में अपनी मर्ज़ी से शामिल हो जाएगी. और इसके पीछे ना किसी का तुझपर कोई दबाव रहेगा ना किसी से तुझे शिकायत रहेगी. सब कुछ तू अपनी मर्ज़ी से करेगी.

मोनिका ये सब सुनकर उसके होश उड़ जाते हैं. वो समझ चुकी थी कि अगर वो सच में ये काम को नही अंजाम दिया तो ज़िंदगी भर के लिए रंडी बनकर बस रह जाएगी. विजय ने तो उसे फसाने का पूरा खेल रच लिया था.

बिहारी- चल इस पेपर पर साइन कर दे. और आज से ही तेरा ये कांट्रॅक्ट शुरू हो जाएगा. और जितना जल्दी तू उस राधिका को हमारे पास लाएगी उसकी सारी इनफॉर्मशन हमे देगी उतना ही तेरे लिए भला होगा. आगे तेरी मर्ज़ी.

मोनिका भी आख़िरकार उस अग्रीमेंट पेपर पर साइन कर देती हैं. मगर उसका दिल इस बात की गवाही नहीं दे रहा था.

विजय- अब इस कांट्रॅक्ट के मुताबिक आज से तू बस हमारे लिए ही काम करेगी. राधिका से जुड़ी सारी इन्फर्मेशन हमको पल पल देगी. समझ गयी ना सब कुछ .................

मोनिका- ठीक हैं जैसी तुम्हारी मर्ज़ी. मगर इस काम में कहीं भी मेरा नाम नहीं आना चाहिए. बस इस बात का पूरा ख्याल रखना.

बिहारी- उसकी चिंता मत कर. तेरा नाम कभी नही आएगा....

विजय- चल आब बातें ही करेगी या जिसके लिए मैने तुझे यहाँ पर बुलाया हैं वो भी करेगी. चल अपनी साड़ी और ब्लाउस उतार कर नंगी हो जा.

बिहारी- अरे विजय पहले इसे थोड़ा गरम तो करो. फिर देखना ये अपने कपड़े अपने आप उतारेगी. और बिहारी उसके नज़दीक जाता हैं और पीछे से जाकर अपने दोनो हाथों से मोनिका के दोनो बूब्स को कसकर मसल देता हैं. मोनिका के मूह से फिर से चीख निकल पड़ती हैं.

विजय वही पर रखा ड्रग्स का एक इंजेक्षन उठाता है और अपने हाथ में लगाने लगता हैं. बिहारी भी वहाँ रखा दूसरा इंजेक्षन वो भी अपने हाथ में लगाता हैं. ये नज़ारा देखकर मोनिका के दिल में एक अजीब सा डर बैठ जाता हैं. वो आज जान गयी थी कि आज ये दोनो मिलकर उसकी बहुत बुरी चुदाई करने वाले हैं. उसके लिए तो अकेला विजय ही भारी पड़ता था मगर आज साथ में बिहारी भी ड्रग्स के नशे में था. पता नहीं आज उसके साथ क्या होने वाला था.

बिहारी फिर से मोनिका के करीब जाता हैं और जाकर उसके दोनो बूब्स को अपनी दोनो मुट्ठी में लेकर कसकर मसल देता हैं. मोनिका की सिसकारी फिर से निकल जाती हैं.

बिहारी- वैसे तो ये तेरे दूध बहुत मस्त हैं. कसम से जी कर रहा हैं कि इन्हें ऐसे ही मसलता रहूं.

विजय- अरे बिहारी ज़रा प्यार से इसकी मारना अभी तो साला पूरी रात बाकी हैं. कहीं बेचारी की .......... इतनी बोलकर विजय हँसने लगता हैं.

बिहारी- तू इसकी चिंता मत कर एक बार अगर ये मेरे लंड से चुद गयी तो दुबारा मेरे को छोड़ कर कहीं नहीं जाने वाली. वैसे बिहारी का लंड करीब 8 इंच लंबा और 3.5 इंच मोटा था.और वो किसी भी लड़की को पूरी तरह से बेशरम बनाकर चोदने में उसे अलग ही मज़ा आता था. पहले तो वो किसी भी लड़की को इतना तड़पाता की वो खुद उसके लंड के लिए पागल हो जाती. फिर वो जैसे चाहे उसके साथ सेक्स का खेल खेलता था.

विजय और बिहारी पर भी अब ड्रग्स का खुमार छाने लगा था.

बिहारी फिर मोनिका के करीब जाता हैं और अपना होंठ मोनिका के होंठ से सटा देता हैं और अपना एक हाथ लेजाकर उसकी गान्ड को कसकर मसल्ने लगता हैं. मोनिका भी आब धीरे धीरे गरम होने लगी थी. काफ़ी देर तक बिहारी उसके होंठों को ऐसे ही चूस्ता हैं फिर उसके नीचे होंठ को कसकर अपने दाँतों से काट लेता हैं. और मोनिका के मूह से तेज़ सिसकारी निकल पड़ती हैं.

विजय- चिंता मत कर मेरी रंडी आज तो तुझे हम दोनो मिलकर असली जन्नत का मज़ा देंगे. आज तेरी ऐसी चुदाई होगी कि तू भी कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा. और वो भी मोनिका के करीब जाता हैं और उसके दोनो बूब्स को कसकर मसल्ने लगता हैं.

मोनिका के मूह से आ...........ह .........एयेए......हह. की तेज़्ज़ सिसकारी लगातार निकलती रहती हैं.

फिर विजय उसके साड़ी के पल्लू को उसके सीने से हटा देता हैं और उसके साड़ी को अपने हाथों में लेकर खीचने लगता हैं और कुछ देर में उसकी साड़ी उसके जिस्म से अलग हो जाती हैं. मोनिका का भी शरम से चेहरा लाल पद जाता हैं. आज वो दो मर्दों के बीचा में नंगा होने वाली थी. इस वक़्त वो सिर्फ़ ब्लाउस और पेटीकोआट में उन दोनो के सामने थी.

फिर विजय मोनिका के पास जाता हैं और अपना होंठ उसके होंठ पर रख देता हैं और अपने दोनो हाथों से कसकर मोनिका के दोनो बूब्स को मसलने लगता हैं.

विजय- चल अब मेरा लंड चूस.

मोनिका भी अपना हाथ बढ़ाकर उसका पेंट का ज़िप खोलती हैं और फिर उसके पेंट को उसके बदन से अलग कर देती हैं. फिर वही पर बिहारी भी उसके नज़दीक खड़ा हो जाता हैं. मोनिका भी समझ जाती हैं कि बिहारी क्या चाहता हैं. फिर वो भी अपना हाथ बढ़ाकर उसका पायजामा खोलने लगती हैं. कुछ देर में दोनो बस अंडरवेर में उसके सामने थे. फिर विजय अपना शर्ट और बिहारी अपना कुर्ता और बनियान निकाल देते हैं. अब दोनो बस अंडरवेर में थे.

मोनिका भी आगे बढ़कर विजय के अंडरवेर को निकाल कर उसके बदन से अलग कर देती हैं. अब विजय मोनिका के सामने पूरा नंगा था.

विजय- ऐसे क्या देख रही हैं. चल अब इसे अपने मूह में पूरा ले. और इतना कहकर वो उसके मूह में अपना लंड पेलना सुरू कर देता हैं.

मोनिका भी अपना मूह पूरा खोल देती हैं और ना चाहते हुए भी विजय का मूसल को अपने हलक में उतारने लगती हैं. विजय उसी तरह बिना रुके अपने लंड पर ऐसे ही प्रेशर बनाए रखता हैं. जैसे जैसे मोनिका के मूह में विजय का लंड जाने लगता हैं मोनिका की बेचैनी बढ़ने लगती हैं और उसका दम भी घुटना शुरू हो जाता हैं.

करीब 6 इंच तक वो अपना लंड को मोनिका के मूह में डाल देता हैं. फिर तुरंत वो उसे बाहर निकालता हैं और बिना रुके अपना लंड को उतनी ही तेज़ी से फिर से मोनिका के मूह में डाल देता हैं. अब उसका लंड करीब 8 इंच तक मोनिका के मूह में चला जाता हैं. और मोनिका की हालत खराब होनी शुरू हो जाती हैं. मगर मोनिका इस बात को अच्छे से जानती थी कि आज कुछ भी उसकी मर्ज़ी से नही होने वाला. इसलिए वो भी आपने आप को उन्दोनो के हवाला कर देती हैं.
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