RE: Kamukta Story कामुक कलियों की प्यास
रचना- हाँ मैं तैयार हूँ.. शरद जी अब बताओ क्या करना होगा।
शरद- सबसे पहले तो मेरी बात गौर से सुनो अमर को इन सबके बारे में कुछ मत बताना। बस कोई साधारण सी बात बता देना। शायद उसको अच्छा ना लगे ये सब..!
रचना- नहीं नहीं.. शरद जी, आप अमर की टेन्शन मत लो, उसी ने मुझे यह सब बताया था कि इस लाइन में क्या-क्या होता है और उसने तो मुझे..!
रचना बोलते-बोलते चुप हो जाती है।
शरद- क्या उसने मुझे…! जान पूरी बात बताओ शरमाओ मत, मेरा जानना जरूरी है।
रचना पूरी बात बता देती है कि कैसे अमर ने गेम खेलने के बहाने उसके मम्मों को दबाया और ललिता के बारे में भी सब कुछ बता दिया ब्रा-पैन्टी में अमर के सामने गई.. वो बात भी बता दी।
शरद- ओ माई गॉड.. ये सब बातें सुनकर मैं समझ गया कि अमर बहुत चालाक है।
रचना- क्या मतलब चालाक है..!
शरद- जान वो सब मैं बाद में बताऊँगा। बस तुम उसको ऐसा कुछ नहीं बताओगी अगर हीरोइन बनना है तो.. उसको कहना बस नॉर्मल पिक लीं और धरम अन्ना से मिलीं, उन्होंने टेस्ट के लिए कल बुलाया है। इसके अलावा ज़्यादा बात भी मत करना ओके..!
रचना- ओके बाबा नहीं कहूँगी, अब कल की तैयारी करें..!
शरद- ओके मैं यहाँ बैठता हूँ, तुम वहाँ से आओ.. समझो मैं धरम अन्ना हूँ अब जो मैं पूछू उसका जवाब देना।
रचना- ओके..!
शरद ने बेड पर बैठ कर रचना को आने का इशारा किया।
रचना बड़ी स्टाइल से चलती हुई उसके पास आकर बैठ गई।
शरद- तुमको हीरोइन बनना है, यह बताओ कोई हॉट सीन आएगा तो कोई नाटक नहीं करोगी ना?
रचना- नहीं सर.. आप जो कहोगे, मैं करूँगी।
शरद- गुड, समझदार हो, अच्छा तुम्हारे अनार का साइज़ क्या है?
शरद ने रचना के मम्मों को दबा कर यह बात बोली।
रचना- सर 32″ है।
शरद- वेरी गुड.. अब बेबी जरा दिखाओ तो कैसे हैं ये अनार..!
रचना- शरद जी.. क्या सच में धरम अन्ना ये सब कहेगा..!
शरद- क्यों कोई प्राब्लम है तुमको, यार मैं तो बस अंदाज़ा लगा रहा हूँ, कहे या ना कहे पर तुमको तो रेडी रहना चाहिए ना.. हर बात के लिए..!
रचना- शरद जी मैं रेडी हूँ, पर उसने कुछ किया तो..!
शरद- देखो रानी… वो सिर्फ़ जिस्म देखेगा, छू कर महसूस करेगा.. इससे ज़्यादा कुछ नहीं, मैं साथ रहूँगा न.. डरती क्यों हो..!
रचना- ओके बाबा, तुम हो तो किस बात का डर, अब तो मैं उसके सामने नंगी भी हो जाऊँगी। बस आप मेरे साथ रहना मगर वो मान तो जाएगा न..!
शरद- जानेमन… नंगी होने की जरूरत नहीं पड़ेगी, धरम अन्ना ऐसा कुछ नहीं करेगा, मैं जानता हूँ उसको और मानेगा क्यों नहीं, थोड़ा भी ना नुकुर करे तो साले के लंड पर हाथ रख देना। साला ‘ना’ को भी ‘हाँ’ बोलेगा.. हा हा हा हा हा..!
दोनों खिलखिला कर हँसने लगे।
रचना- शरद सच बताओ न.. मैं क्या करूँ कल?
शरद- देखो जान… वैसे तो मैंने उसको पटा लिया है, पर फिर भी कल थोड़ा बहुत कुछ हो तो संभाल लेना। तुम ‘समझ’ रही हो न मैं क्या कह रहा हूँ..!
रचना- हाँ शरद जी.. मैं समझ रही हूँ सच कहूँ तो मुझे आपसे प्यार हो गया है। अब यह जिस्म सिर्फ़ आपका है, कोई दूसरा इसको टच भी करता है तो बुरा लगता है। आपने बहुत मज़े दिए मुझे, अब आप जो कहोगे मैं करने को तैयार हूँ, बस मुझे हीरोइन बना दो प्लीज़..!
शरद- ओके जान मेरा वादा है तुमसे, तुम फिल्म में ‘मेन-हीरोइन’ का काम जरूर करोगी। अब खुश.. बस अपने शरद की इज़्ज़त का ख्याल रखना..!
रचना खुश होकर शरद से लिपट गई और उसे चूमने लगी।
शरद भी उसके होंठों को चूसने लगा, दोनों एक-दूसरे को कस कर भींच लिया।
करीब 5 मिनट के चूमा-चाटी के बाद शरद उसको बाँहों में उठा कर बेड पर लिटा दिया और उसके मम्मों को दबाने लगा।
रचना पर मस्ती चढ़ने लगी और वो शरद के शर्ट के बटन खोलने लगी।
शरद भी उसकी शर्ट के बटन खोलने लगी।
अचानक शरद को कुछ याद आया और वो उठ गया।
रचना- उहह डार्लिंग आओ ना.. क्या हुआ ससस्स कहाँ जा रहे हो.. आ जाओ ना..!
शरद- रूको जान… रिकॉर्डिंग ऑन कर दूँ, हमारे प्यार को कैमरे में बंद कर दूँ ताकि कभी भी तुम्हारी याद आए तो मैं उसको देख लूँ !
शरद वीडियो-कैमरा ऑन करके उसको सैट करके आ गया।
रचना- आ..ह स्वीटहार्ट मेरी याद आए तो मुझे बुला लेना.. इस रेकॉर्डिंग में क्या रखा है.. उफ़ आ..ह.. आराम से दबाओ ना.. अइ कक उफफफ्फ़..!
दोनों मस्ती में खो चुके थे और शरद ने एक-एक करके रचना के सारे कपड़े निकाल दिए।
रचना ने भी शरद का शर्ट निकाल दिया पर पैन्ट अभी बाकी थी।
अब रचना का नंगा जिस्म जलने लगा।
रचना- उफ़ आह स्वीटहार्ट… मेरे तो सारे कपड़े निकाल दिए आ..प.. अपनी पैन्ट आ..ह.. निकालो ना आ..ह.. रूको… मैं ही निकालती हूँ..!
रचना ने शरद को लिटा दिया और उसकी पैन्ट खोलने लगी।
साथ-साथ वो अपनी जीभ से शरद के पेट पर चाट भी रही थी। बड़ी ही अदा के साथ उसने शरद की पैन्ट निकाली और अंडरवियर के ऊपर से ही लंड को दाँतों से हल्का काटने लगी।
शरद- आ..ह.. उफ़फ्फ़ जान क्या इरादा है आओच ओफफफ़ो नहीं आ..हह..!
रचना हल्की मुस्कान दे रही थी, अब उसने वो आख़िरी कपड़ा भी निकाल दिया था।
शरद का लौड़ा एकदम तना हुआ, रचना के मुँह के पास था। रचना ने झट से उसे मुँह में भर लिया और चूसने लगी।
शरद ने रचना को पकड़ कर उल्टा कर दिया और उसकी चूत चाटने लगा अब दोनों मस्ती में आ गए।
दस मिनट तक दोनों उसी अवस्था में मस्ती करते रहे, रचना की चूत पानी छोड़ने लगी थी।
अब शरद के बर्दाश्त के बाहर था, उसने रचना को हटाया और खुद बैठ गया।
रचना- उहह क्या है.. शरद आ..हह.. मज़ा आ रहा था… आप हट क्यों गए.. चाटो ना.. आ..हह.. प्लीज़..!
शरद- जान देखो लंड बेकाबू हो गया है, अब इसको चूत में डालना ही पड़ेगा। यह नहीं मानेगा..!
रचना लेट गई, बोली- तो आ जाओ ना… रोका किसने है.. अब ये चूत तुम्हारी है… जब चाहो चोद लो..!
शरद- जान ऐसे नहीं अब डॉगी स्टाइल में करूँगा.. चलो बन जाओ कुतिया..!
रचना- वाउ… मज़ा आएगा.. मेरा भी मन था ऐसे करने का.. पर आराम से करना..! बड़ी मुश्किल से चूत का दर्द कम हुआ है।
रचना कुतिया बन गई और दोनों पैरों को फैला कर घुटनों के बल ऐसे आई कि उसकी गाण्ड पीछे को उभर आई, उसकी फूली हुई चूत भी बाहर आ गई।
शरद तो यह नजारा देख कर काबू से बाहर हो गया, जल्दी से उसके पीछे आया, लौड़े पर थोड़ा थूक लगाया और ठूँस दिया चूत में..!
रचना- अई आह उफ़फ्फ़ मज़ा आ गया शरद आ बस ऐसे ही धीरे-धीरे अन्दर जाने दो.. उफ़..!
शरद बहुत एक्सपर्ट था, वो बड़े आराम से अपना लौड़ा अन्दर-बाहर कर रहा था। रचना पर मस्ती चढ़ने लगी थी। अब वो गाण्ड को पीछे धकेल कर चुद रही थी।
लगभग 5 मिनट तो शरद धीरे-धीरे करता रहा, पर उसके बाद उसने स्पीड बढ़ा ली। अब दोनों की जाँघों की आवाज़ आने लगी थी, ठप.. ठप..
शरद का पूरा लौड़ा अन्दर जा रहा था।
शरद- आ… आ..हह.. जान तीसरी बार उः… उः… आ… आ… चोद रहा हूँ तुम्हारी चूत अहहा… अहहा… अहहा… अभी भी बहुत टाइट है.. ऐसा लग रहा है पहली बार चोद आ आ रहा हूँ उफ़ मज़ा आ रहा है आ..हह..!
रचना- आआ… आआ… आह उईईइ… चोदो आ आज उफ़फ्फ़ मेरी चूत को आह आह कर दो ढीला आह… आह..!
शरद धकाधक लौड़ा पेलने लगता है और रचना उत्तेजना में आ गई थी।
रचना- आ आआ… उईईइ… सस्सस्स… फास्ट आआ… फास्ट आआ… फक मी अई… फक हार्ड.. आआ आआ ई म गॉन अई अई ..!
रचना की नन्ही सी चूत पानी छोड़ गई पर शरद के लौड़े में अभी बहुत जान बाकी थी, वो फुल स्पीड में लगा हुआ था।
15 मिनट बाद भी जब शरद का पानी नहीं निकला तो रचना चीखी- आआ… एयाया आ… शरद आ… प्लीज़ अब जल्दी अई… आहह निकाल दो ना अई मेरी कमर में दर्द होने लगा है अई अई..!
शरद कुछ नहीं बोला और रचना की गाण्ड पर थप्पड़ मारने लगा, सफेड चूतड़… लाल हो गए।
रचना- आआ उईईइ मा..र.. आह मार क्यों रहे आआ हो उफ़फ्फ़ प्लीज़ शरद.. लगती है.. अई नहीं उ उफ़फ्फ़ आआ आह…!
शरद- जान… उहह… उहह… वाइल्ड-सेक्स का मज़ा लो आ आ उहह उहह उहह..!
रचना- आ अब लेट कर करो ना.. अई प्लीज़ दर्द हो रहा है प्लीज़ अई अई..!
शरद ने लौड़ा बाहर निकाला और एक झटके में रचना को लिटा कर उसके पैर कंधे पर रख कर लौड़ा वापस चूत में घुसेड़ दिया।
रचना- अई… उफ़फ्फ़… इतनी स्पीड में अई अई… ये सब किया आ मुझे तो आ समझ ही नहीं आया… आ आ अब ठीक है उफ़ मेरी चूत में कुछ हो रहा है… आ अई… अई फ… उक्क मैं आ.. शरद आ ज़ोर से करो.. आह मज़ा आ रहा है.. उ उईईइ… एयाया एयाया… आ अई आ..!
15 मिनट तक तूफान चलता रहा और उसके बाद दोनों शान्त हो गए और अलग-अलग होकर बेड पर निढाल हो कर पसर गए।
रचना- आ..ह शरद मज़ा आ गया.. उफ़ चूत में जलन होने लगी है.. पर मज़ा भी खूब आया। कभी सोचा भी नहीं था एक ही दिन में ऐसे तीन बार चुदाई होगी। वो भी इतने मोटे और लंबे लौड़े से आ..हह.!
शरद- जान ये मैं हूँ जो इतने प्यार से तेरी चूत का मुहूरत किया वरना कोई दूसरा होता तो पहली चुदाई के बाद खड़ी भी नहीं हो पाती। अब यह क्रीम साथ ले जाना, घर रात को चूत में अच्छे से लगा कर सोना.. सुबह तक तुम एकदम ठीक हो जाओगी।
रचना- ओह शरद जी, आप मेरा कितना ख्याल रखते हो आई लव यू..!
शरद उसको अच्छे से समझा देता है कि अमर को क्या बोलना है और अगर वो उसको पूछे कि दोपहर को कहाँ गई थी, तो ऐसे विहेव करना जैसे किसी लड़के से मिलने गई हो तुम…!
रचना- ओके बाबा समझ गई, सारी बात लेकिन लड़के से क्यों.. कोई लड़की से भी तो मिल सकती हूँ..!
शरद- अरे बुद्धू तुम नहीं समझोगी, बस मैंने जैसा कहा है वैसा करो अमर को ये लगना चाहिए कि तुम्हारा कोई बॉय-फ्रेंड है, बस बाकी मैं संभाल लूँगा।
रचना- अरे बाबा ठीक है, अब मेरी तो कुछ समझ नहीं आ रहा आप ऐसा क्यों बोल रहे हो। मैं उसको बोल दूँगी वैसे कई लड़के भी मेरे दोस्त हैं। उनमें से किसी का भी नाम ले दूँगी..!
शरद- नो.. नाम किसी का मत लेना.. बस ऐसे ही बोल देना..!
रचना- ओके माई स्वीटहार्ट नहीं लूँगी नाम.. अब मैं फ्रेश हो जाऊँ..!
शरद- मन तो करता है एक बार और तेरी चूत का स्वाद लूँ, पर ज़्यादा लेट करना ठीक नहीं होगा। जाओ तुम रेडी हो जाओ मैं खुद तुमको छोड़ने जाऊँगा।
रचना- मेरे स्वीटहार्ट… अब मैं आपकी हूँ जब चाहो चोद लेना… लव यू मेरे स्वीटू.. ओके आप भी रेडी हो जाओ..!
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