RE: Hindi Sex Kahaniya छोटी सी जान चूतो का तूफान
तो खेतो की देख भाल करने के लिए कोई नही रहा था…इस लिए उन्होने ने खेती के लिए उस कालू नाम के मजदूर को रख लिया था…वो खेतों में ही काम करता था….कई साल पहले उसकी बीवी उसे छोड़ कर किसी और मर्द के साथ भाग गई थी….तब से वो अकेला ही था….वो कभी एक जगह काम करता था, तो कभी दूसरी जगह…कालू उम्र में लगभग 45 साल का आदमी था….उसका शरीर भी अब ढलने लगा था…दारू और बीड़ी पीने का असर उस पर सॉफ दिखाई देने लगा था…..वो खेतों में बने हुए कमरे में ही रहता था…
खैर जैसे ही, कालू उस स्टोर रूम से बाहर आया. एक पल के लिए साहिल के कदम वही रुक गए…कालू बड़ी तेज़ी से स्टोर रूम से बाहर आया था. बाहर आकर उसने घर की पिछली तरफ बनी बाउंड्री पर से एक कपड़े का टुकड़ा उठाया, और फिर बड़ी तेज़ी से चलता हुआ स्टोर रूम में घुस गया…और डोर को अंदर से लॉक कर दिया….साहिल को समझ में नही आया की, आख़िर माजरा क्या है…घर पर कोई नही है….और ये कालू यहाँ घर पर ऊपेर क्या कर रहा है…साहिल के मन में आया चलो वो कालू से ही पूछ लेता है, आख़िर सब है कहाँ पर…क्योंकि कालू की नज़र साहिल पर नही पड़ी थी.
ये सोचते हुए आख़िर सीधी चढ़ कर ऊपेर पहुँचा, और उस स्टोर रूम की तरफ बढ़ने लगा…जैसे ही वो स्टोर रूम के पास पहुँचा तो, उसे अंदर से किसी औरत के फुसफुसाने की आवाज़ आई….कोई औरत बहुत दबी हुई आवाज़ में बोल रही थी….इसीलिए साहिल ना जान पाया कि अंदर कालू के साथ कॉन है. एक पल के लिए साहिल का माथा ठनका, और उसके दिमाग़ में तरह -2 के ख्याल आने लगे…साहिल ने अगले ही पल अपना इरादा बदला, और धीरे-2 स्टोर रूम के डोर के पास जाकर खड़ा होकर अंदर की बातें सुनने की कॉसिश करने लगा.
अंदर से अभी भी उस औरत की आवाज़ आ रही थी….पर साहिल को समझ में नही आ रहा था कि, ये आवाज़ किसकी है…पर अंदर जो भी हो रहा था. उस बारे में सोचते ही, साहिल का लंड उसके पयज़ामे में झटके मारने लगा था. साहिल अब बड़े गोर से अंदर हो रही बातों को सुनने की कॉसिश कर रहा था. तभी उसे वो चीज़ सुनाई दी, जिसे सुनते ही, साहिल का लंड पूरे जोश में आकर हुंकार भरने लगा….
औरत: आह कालू तू ना किसी काम का नही रहा…सारा पानी मेरे पेट पर ही निकाल दिया….अर्रे मुअये, एक दो मिनिट रुक जाता, तो कम से कम मेरी फुद्दि को लंड नसीब तो हो ही जाता….हरामी साले, फुद्दि के ऊपेर रगड़ते ही तेरा लंड पानी छोड़ने लगा…
कालू: क्या करू बीबी जी….अब उम्र भी तो हो गई है…लेकिन आप तो जानती ही है ना पिछले 6 सालो से आपकी सेवा करता आया हूँ…अब वो पहली वाली बात नही रही…
औरत: हां जानती हूँ, कुत्ते तुझे अच्छे से जानती हूँ….तू ना दिन देखता है और ना रात जब देखो दारू के नशे में रहता है. यही सब करना है कि, आज तेरे ये हालत हो गई है….
कालू: में तो हूँ ही कुत्ता बीबी जी…आपका कुत्ता…
औरत: हां अब मक्खन ना लगा….अब बता मेरी फुद्दि की प्यास कैसे बुझेगी….
कालू: आप मेरे होते हुए फिकर ना करे बीबी जी…लाओ पहले ज़रा ये पानी सॉफ कर दूँ….
फिर कुछ देर खामोशी छा गई…फिर थोड़ी देर बाद उस औरत के पुरजोर तरहा से सिसकने की आवाज़ स्टोर रूम में गूँज उठी…अंदर क्या हो रहा है, भले ही साहिल को दिखाई नही दे रहा था…पर आवाज़ सुन कर उसे ऐसा लगा जैसे कालू ने उस औरत को फिर से चोदना शुरू कर दिया है.. पर साहिल की ये ग़लत फेहमी जल्द ही दूर हो गई….
जब उस औरत ने सिसकते हुए कालू से कहा….”आहह हरामी चाट कुत्ते अपनी मालकिन की फुद्दि चाट….आह लंड से तेरे कुछ होने से रहा अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और अंदर तक जीभ डाल कर चाट….”
कालू: बीबी जी टाँगें चौड़ी करो ना….
औरत: अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और कितनी करू कुत्ते जल्दी चाट…
फिर तो जैसे उस स्टोर रूम में सिसकयों को उफान आ गया…बाहर खड़ा साहिल ये सोच -2 कर गरम हो रहा था कि, आख़िर अंदर कालू किसकी फुद्दि चाट रहा है…कोई 5 मिनिट तक उस औरत की सिसकारियो की आवाज़ रूम में गूँजती रही….और फिर एक दम से उसकी सिसकियाँ और तेज हो गई….और फिर कुछ पॅलो बाद रूम में सन्नाटा सा छा गया….
कालू: अब तो खुस हो ना बीबी जी…
औरत: (थोड़ी देर बाद) कालू खुस क्या खाक होना….जो मज़ा लंड फुद्दि में लेने का है….वो मज़ा किसी और चीज़ में नही…
कालू: आप फिकर ना करे बीबी जी….में जल्द ही इसका हल भी ढूढ़ लूँगा….अब तो मेरा इनाम दे दो…
औरत: हां हां देती हूँ…नीचे रखी है तेरी दारू के बॉटल…. तू नीचे चल फिर देती हूँ…
साहिल को समझते देर ना लगी, कि वो औरत और कालू दोनो बाहर आने वाले है….इसीलिए वो तेज़ी से सीडयों की तरफ गया…और कुछ सीडीयाँ नीचे उतर कर इंतजार करने लगा….क्योंकि वो देखना चाहता था कि, कालू के साथ अंदर कॉन है….तभी उसे डोर खुलने की आवाज़ आई….फिर कदमो की आवाज़ आई, जो सीडयों की तरफ बढ़ रही थी…बस उसी पल साहिल भी सीडीयाँ चढ़ने लगा…
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