Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
05-19-2019, 01:41 PM,
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ
जीशान अपनी बहन की इतनी हिम्मत देखकर दिल ही दिल में मुश्कुरा देता है। 
और वो जो बिना किसी मकसद के जीशान के ऊपर चढ़ बैठी थी, उसे अपने गलती का एहसास तब होता है कि वो गलत जगह बैठी है, जब जीशान अपने दोनों हाथों से उसके पीठ को पकड़कर अपनी तरफ झुका देता है। 

जीशान-“इतनी हिम्मत तुझमें आई कहाँ से?” 

लुबना का सिर जीशान की चौड़ी चाहती से चिपक चुका था और उसके दिल की धड़कनें वो साफ सुन भी सकती थी और समझ भी सकती थी। लुबना धीरे से कहती है-“ये हिम्मत आपसे मोहब्बत का नतीजा है जीशान …” 

जीशान उसकी कमर पे जोर से थप्पड़ मार के उसे अपने ऊपर से हटा देता है और खड़ा होकर अपनी शर्ट पहनने लगता है। लुबना भीगी पलकों से उसे देखने लगती है। वो जानती थी जिस रास्ते पे वो चल निकली है उसकी मंज़िल बहुत दूर है। 

जीशान अपने कपबोर्ड में से एक नया जोड़ा निकालकर लुबना को दे देता है-“ये ले प्रेस करके यहाँ लगा देना अब निकल यहाँ से…” 

लुबना कपड़े लेकर पैर पटकती हुई बाहर चली जाती है। 

जीशान अनुम को देखने किचेन में जाता है। वो हमेशा घर से निकलने से पहले एक बार अनुम को ज़रूर देखता था, पता नहीं क्यों? मगर ये उसका रोज का काम था। अनुम किचेन में नहीं थी। 

हाँ मगर शीबा कुछ काम कर रही थी। जीशान को किचेन में देखकर वो उसे अपने पास बुला लेती है-“क्या चाहिए जीशान बेटा?” शीबा अपनी चुची को थोड़ा और आगे करती हुई जीशान से पूछने लगती है। 

जीशान-“कुछ नहीं अम्मी, मैं पानी पीने आया था…” 

शीबा-“दूध पिया कर ना बेटा, सेहत अच्छी रहती है…” 

जीशान-“दूध पीने का मूड नहीं है अम्मी…” 

शीबा जीशान को अपने से सटा लेती है-“कल से देख रही हूँ बड़ा दूर -दूर रहने लगा है मेरा जीशान। कहीं वहाँ किसी से आँखें चार तो नहीं कर लिया तूने …” 

जीशान शीबा को अपने से दूर हटा देता है-“अम्मी प्लीज़्ज़…” 

शीबा को गुस्सा आ जाता है-“हाँ हाँ जा… मतलब निकल गया तेरा, अब तुझे मुझमें ऐब ही दिखाई देंगे ना… तू और तेरे अब्बू दोनों एक जैसे हैं… मतलब-परस्त…” 

जीशान-“अम्मी, मैंने आपसे कुछ कहा क्या? जो आप ऐसे बोल रही हैं?” 

अनुम-क्या हुआ जीशान ? 

अनुम को किचेन में देखकर शीबा चुप हो जाती है और अपने काम में लग जाती है। 

जीशान-“कुछ नहीं दादी कहाँ हैं?” 

अनुम-अपने रूम में हैं नाश्ता किया तूने ? 

जीशान-थोड़ा देर से कर लूँगा । 

अनुम-ठीक है, तू जा। मैं थोड़ी देर से तेरे लिए नाश्ता लेकर आती हूँ । 

जीशान रज़िया के रूम में चला जाता है। रज़िया के रूम का दरवाजा थोड़ा बिगड़ा हुआ था एक बार जोर से धकेलने पर वो बंद हो जाता था। जीशान रूम में जाने के बाद अंजाने में दरवाजा धकेल देता है। 

रज़िया-“अरे जीशान , मेरा बच्चा आज सुबह-सुबह दादी के पास… आ जा मेरा बच्चा…” 

जीशान अपनी दादी की गोद में सर रखकरबिस्तर पे लेट जाता है-“कैसी तबीयत है आपकी दादी ?” 

रज़िया-“मुझे क्या हुआ है, अच्छी भली तो हूँ …” 

जीशान-“हाँ वो तो देख ह रहा हूँ … अच्छा दादी , एक बात कहूँ आप बुरा तो नहीं मानेंगी?” 

रज़िया-“बोल ना तेरी बात का बुरा मान ह नहीं सकती मैं। बोल क्या बात है?” 

जीशान-“घर में सबसे हसीन औरत? पता है कौन है?” 

रज़िया-कौन? 

जीशान-अरे आप दादी । 

रज़िया-“चल हट बदमाश कहीं का। अब तेरी दादी बूढ़ी हो गई है। हाँ तेरी अम्मी बहुत हसीन है और लुबना भी…” 

जीशान-“अम्मी तक तो ठीक है मगर लुबु… वो तो मुझे चुड़ैल से कम नहीं दिखती…” 

रज़िया-“ऐसा मत बोल जीशान , बहन है वो तेरी …” 

जीशान-हाँ जानता हूँ । 

रज़िया-“बड़ा कमजोर दिख रहा है मुझे तो तू , पता नहीं वहाँ ठीक से खाता भी था कि नहीं ? लुबना ख्याल नहीं रखती थी क्या तेरा?” 

जीशान-“सब आपके और अम्मी के वजह से मैं ऐसा कमजोर हूँ …” 

रज़िया-“मेरे और अनुम की वजह से, वो कैसे बता जरा?” 

जीशान-“मैं जानता हूँ मुझे अम्मी ने शायद बचपन में दूध नहीं पिलाया होगा। और आप तो सोफिया बाजी को दूध पिलाती होंगी इसीलिए मैं कमजोर हूँ …” 

रज़िया-“किसने कहा तुझसे? अरे बदमाश घर में सबसे ज्यादा दूध अगर किसी ने पिया है तो वो तू है…” 

जीशान-“झूठ… सरासर झूठ…” 

रज़िया जीशान के बालों में उंगलियाँ फेरती हुई उसे बताती है-“तुझे पता है तेरी और सोफिया के पैदाइश में ज्यादा फ़र्क नहीं है, बस कुछ महीने बड़ी है वो तुझसे…” 

जीशान-“हाँ… तो इससे क्या साबित होता है?” 

रज़िया-“तो ये कि सोफिया बहुत कम दूध पीती थी। सारा दूध तो तू पी जाता था। बेचारी रात में उठकर रोने लगती चथ तो उसे गाय का दूध पिलाना पड़ता था। 

जीशान-“इसका मतलब आपने भी मुझे दूध पिलाया?” 

रज़िया शरमा जाती है-“हाँ पगले… अनुम की छाती से अलग होता तो मुझसे चिपक जाता था तू । पूरे 3 साल तक दूध पिया है तूने मेरा और अनुम का…” 

जीशान-“3 साल… मुझे यकीन नहीं आता दादी …” 

रज़िया-“तो क्या मैं झूठ बोल रही हूँ ?” 

जीशान-दादी एक बात कहूँ ? 

रज़िया-ह्म्म्म्मम। 

जीशान-मुझे दूध पीना है। 

रज़िया-क्या? 

जीशान-“हाँ दादी , बचपन का मुझे याद नहीं … एक बार अब पीकर देखूँगा तो शायद कुछ याद आ जाए…” 

रज़िया-“नहीं नहीं पागल हो गया है क्या तू लड़के? चल हट मुझे बहुत काम है…” 

जीशान-“कुछ काम वाम नहीं है। मुझे पीना है मतलब पीना है…” 


रज़िया-“मारूँगी मैं तुझे जीशान , ऐसी बातें करेगा तो। बच्चा नहीं है तू , अब बड़ा हो गया है। बंद कर ऐसी हरकतें…” 

जीशान-“जान गया हूँ मैं आप झूठ बोल रही थीं मुझसे। कोई दूध नहीं पिलाया मुझे किसी ने…” 

रज़िया-“तो क्या तू हवा खाकर बड़ा हो गया है और ये तुझे हो क्या गया है अचानक से?” 

जीशान-“कुछ नहीं हुआ मुझे? मुझे पता है मुझे आपकी बहू शीबा ने फीडिंग करवाई होगी, अपने नहीं …” 

रज़िया-“क्या कहा तूने ? शीबा… अरे वो वो तो तुझे अपने पास फटकने भी नहीं देती थी। ये जो तेरे कंधे पे जलने का निशान है ना ये भी तुझे शीबा ने दिया है। बचपन में तू उससे किसी बात पे ज़िद कर रहा था तो उसने तुझे माचिस चटका दी थी। वो दूध पिलाएगी तुझे?” 

जीशान-“दादी एक बार थोड़ा सा ऐसा समझो कि मैं आपका वही छोटा सा जीशान हूँ …” 

रज़िया-“नहीं , मतलब नहीं …” 

जीशान रज़िया के गोद पर से अपना सर उठा लेता है और बैठ जाता है। उसके भोलेपन पे रज़िया को बेशुमार प्यार आ जाता है। रज़िया थी है एमोशनल। जिस तरह अमन ने बर्थ-डे का बहाना बनाकर उसे किसिंग करके सिडयूस किया था, आज उसी रास्ते पे जीशान भी खड़ा था। 

रज़िया-क्या हुआ जीशान नाराज है? 

जीशान कोई जवाब नहीं देता। 

रज़िया अपनी नाइटी के सामने के दोनों बटन खोल देती है और एक चुची को बाहर निकाल लेती है। जीशान को पता नहीं था कि पीछे क्या हो रहा है। रज़िया जीशान का सर पकड़कर जैसे ही घूमती है उसके मुँह के सामने रज़िया की गोरी -गोरी चुची और गुलाबी निपल्स आ जाते हैं जीशान अपना मुँह खोलता चला जाता है और रज़िया निचोड़ते हुये अपने चुची को जीशान के मुँह में डालने लगती है। 

जीशान-“गलप्प्प गलप्प्प गलप्प्प…” 

रज़िया को महसूस होता है जैसे अमन अपनी जवानी के जोश में उसकी चुची को खींच-खींचकर निचोड़ रहा है-अह्ह… जीशान आराम से… दूध नहीं निकलेगा उसमें से अब्बू अह्ह…” 

जीशान-“मैं निकाल लूँगा दादी गलप्प्प गलप्प्प…” 

रज़िया दोनों हाथों से जीशान के सर को चुची पे दबाती है। इस उमर में भी वो बिल्कुल कसी हुई थी। बड़ी-बड़ी चुचियों की मालकिन रज़िया इस उमर में भी किसी भी लौंडे को अपने बस में करने की ताकत रखती थी। बेचैन हो चुका बच्चा अपनी ताकत से चुची को खींचता दाँत से काटता हुआ पूरा मुँह में भरकर चूसने लगता है। 

उसके निप्पल को काटने से रज़िया की चूत में चिंगारियाँ फूट ने लगती हैं। कितने दिनों बाद आज उसे फिर से वही जोश, वही जुनून महसूस हो रहा था जो रज़िया को अमन के साथ 20 साल पहले महसूस हुआ करता था। 

रज़िया-“अह्ह… अह्ह… काटो मत… काटो मत अह्ह…” 

जीशान रज़िया के कंधे पर से नाइटी निकाल देता है और दोनों चुचियों को एक साथ मरोड़-मरोड़ के उनमें से दूध निकालने की नाकाम कोशिश करने लगता है-“गलप्प्प गलप्प्प…” 

रज़िया से बर्दाश्त नहीं होता और वो जीशान को अपनी छाती से अलग कर देती है और उसी वक्त दरवाजा पे किसी की दस्तक होती है। दोनों खुद को ठीक करके बैठ जाते हैं। 

अनुम-“अम्मी दरवाजा अंदर से बंद है शायद…” 

जीशान दरवाजा खोलता है। सामने अनुम हाथ में नाश्ते की प्लेट लिए खड़ी थी। 

रज़िया-“हाँ… शायद वो जीशान ने जोर से दरवाजा धकेल दिया होगा…” 

अनुम-“जीशान नाश्ता कर लो। अम्मी आप भी साथ में कर लीजिये …” 

रज़िया-तुमने किया बेटी ? 

अनुम जाते-जाते-“हाँ मैं कर चुकी हूँ आज बहुत काम है…” 

रज़िया घूर ते हुई जीशान को देखती है और जीशान हँसता चला जाता है। दोनों साथ मिलकर नाश्ता करते हैं और जीशान भी घर के कुछ हल्के-फुल्के काम निपटाने लगता है। दोपहर में अमन भी घर आ चुका था और मेहमान भी। 


खालिद और उसके अम्मी अब्बू आये हुये थे। लंच के बाद सोफिया को उन लोगों के सामने पेश किया जाता है। खालिद तो सोफिया को देखते ही हाँ में मुश्कुरा देता है। खालिद के अम्मी अब्बू को भला इतने बड़े घर की लड़की और इतनी खूबसूरत सोफिया को अपने घर की बहू बनाने में क्या ऐतराज हो सकता था। कुछ बातें करने के बाद खालिद के खालिद साहब अमन से रिश्ते की कार्यवाही आगे बढ़ाने के लिए कहते हैं। उनकी तरफ से ये रिश्ता पक्का था और अमन तो यही चाहता था। 

लुबना और नग़मा को एक दूसरे रूम में बंद करके रखा गया था। ताकी वो मेहमानों के सामने आकर अपने हुश्न की नुमायश ना कर सकें। बेचार दोनों लड़कियाँ खालिद को जाते हुये ही देख पाई थीं। वो सोफिया से उसके रूम में जाकर पूछने लगती हैं। 

नग़मा-“आपी, आपी कैसे लगे जीज ?” 

सोफिया अपनी आँखों में अमन का चेहरा लाती हुई-बहुत खूबसूरत हैं तेरे जीजू । 
Reply


Messages In This Thread
RE: Antarvasna अमन विला-एक सेक्सी दुनियाँ - by sexstories - 05-19-2019, 01:41 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,585,664 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 553,951 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,269,318 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 959,567 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,701,360 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,121,040 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,021,149 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,297,948 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,114,204 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 293,107 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 3 Guest(s)