RE: Kamukta Story सौतेला बाप
''नितिन.......................प्लीज़ .........पहले मुझे चोदो ...........''
काव्या के मुँह से ये शब्द सुनकर दोनो भाई-बहन चोंक गये....नितिन का लंड तो खुशी के मारे रो पड़ा...और श्वेता भी रहस्यमयी मुस्कान से उसे देखने लगी....और फिर धीरे से उससे बोली : "तो इसका मतलब तुम्हारा टारगेट पूरा हो गया....यानी तुमने कल अपने पापा से...''
नितिन वो सब नही सुन पा रहा था, पर श्वेता की बात सुनकर काव्या ने मंद-2 मुस्काते हुए हन मे सिर हिला दिया..और बोली : "हाँ , यही बात तो तुझे बतानी थी पागल ''
श्वेता : "ऊऊऊऊओ माय बिच .....तो तुमने कर दिखाया.........आई एम सो हैप्पी फॉर यू .....''
और फिर से दोनो सहेलियाँ एक गहरी स्मूच में डूब गयी..
और इसी बीच नितिन भी अपना पाला बदलकर काव्या की टाँगों के बीच आ पहुँचा...और अपने लंड को उसकी गर्म चूत के मुँह पर लगाकर धीरे से धक्का दिया और उसके लंड का टोपा अंदर घुस गया..
एक तो इतना मोटा लंड और उपर से सिर्फ़ एक दिन पहले चुदी हुई चूत , दर्द तो होना स्वाभाविक ही था...
श्वेता के मुँह मे अपने होंठ फँसे होने के बावजूद वो चिल्ला उठी ..
''आआआआआआआहह उफफफफफफफफफफफफफ्फ़....... धीरे करो नितिन.....प्लीज़...........अहह''
पर नितिन को तो जैसे खजाना मिल गतहा, कच्ची चूत के अंदर लंड डालने के एहसास ने उसके जानवर को पूरी तरह से जिंदा कर दिया था और काव्या की याचना को नरंदाज करते हुए उसने अपने लंड का एक जोरदार झटका फिर से मारा और अगले ही पल वो पूरा का पूरा उसकी चूत के अंदर घुसता चला गया...
''आआआआआआआयययययययीीईईईईईईईईईईईईईई..........ओह मॅरररर्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र्र् गयी ......''
काव्या को एक बार फिर कल वाली चुदाई का दर्द महसूस होने लगा..पर कल से तो कम ही था ये...और साथ ही साथ एक मसती भरी तरंग भी महसूस हो रही थी उसे..
और अपनी सहेली के दर्द को देखते हुए श्वेता ने अपने होंठों के मरहम को उसके चेहरे पर लगाना शुरू कर दिया...उसे चूमते-2 वो उसकी ब्रेस्ट तक पहुँच गयी...उन्हे बुरी तरह से चूस और फिर तोड़ा और नीचे खिसककर वो लंड और चूत के मिलन स्थल तक भी पहुँच गयी ताकि वहाँ चल रहे कार्यकरम का आँखो देखा हाल जान सके ..
और इतने करीब से अपने भाई के लंड को अपनी प्यारी सहेली की चूत में जाता हुआ देखकर वो भी पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी और भाव विभोर होकर उसने उन दोनों के मिलन स्थल को चूम लिया, जिसमे एक ही बार में नितिन को अपने लंड और काव्या को अपनी चूत पर श्वेता के गीले होंठ महसूस हुए.
और तभी नितिन ने धीरे से अपना लंड बाहर खींचा , जो काव्या की अंदरुनी दीवारों से रगड़ ख़ाता हुआ और श्वेता की जीभ को किस्स करता हुआ बाहर आया...और दोनो घोड़ियां उसकी थिरकन को महसूस करके हिनहीना उठी..
और फिर तो नितिन रुका ही नही, दे दना दन उसने जोरों के धक्के मारकर अपने लंड को काव्या की चूत के हर कोने तक पहुँचा दिया...और वो भी अपनी कोहनियों के बल आधी लेटी हुई उसके लंड को अपने अंदर जाता हुआ देखकर चिल्ला रही थी...
''अहह ऊओह येसस्स नितिन ................. उम्म्म्ममममममममममम सच में .............तुम काफ़ी जानदार हो .....ऐसे ही चोदो मुझे ............जोरों से.................... और ज़ोर से.................... अहह........ओफsssssssssss नितिन .....फककक मी हार्डर......''
नितिन तो पहले से ही अपनी पूरी ताक़त से उसे चोद रहा था, ऐसा फरमान मिलते ही उसने अपनी रही सही ताक़त भी लगा दी....झटके इतने तेज आ रहे थे की श्वेता ने अपना चेहरा वहाँ से दूर कर लिया, की कहीं वो ना पीस जाए उनकी चक्की के बीच..
अचानक एक लंबा झटका मारने के बाद नितिन का लंड फिसलकर बाहर आ गया, श्वेता तो जैसे इसी मौके के इंतजार में थी, उसने झट से उसे पकड़ कर अपनी टाँगों की तरफ खींच लिया और खुद की चूत के अंदर घुसा लिया...
काव्या को भी साँस लेने का मौका मिल गया, कुछ देर बाद जब वो सामान्य हुई तो जो हाल नितिन ने उसका किया हुआ था वो अब अपनी बहन का कर रहा था..जानवर की तरह चुदाई कर रहा था वो बड़े ही रफ़ तरीके से..
श्वेता : "आआआआआहह ओह नितिन .......ये क्या हो गया है तुझे आज्ज......आआआआहह ....इतने वाइल्ड तरीके से .....अहह तो पहले कभी नही किया................अहह ....पर जो भी है ......मज़ा बहुत आ रहा है .....मेरे भाई ....................उ म्*म्म्ममममममममम ऐसे ही .....करता रह .........आहह...ज़ोर से ..........येसस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स.... और ज़ोर से .....''
काव्या भी तब तक पूरे होश में आ गयी थी और वो श्वेता के चेहरे पर सवार हो गयी और उसने अपना चेहरा नितिन की तरफ रखा , ताकि उसे भी चूम सके...और जैसे ही दोनो के होंठ आपस मे मिले, नितिन के झटको की स्पीड भी कम हो गयी, अब वो बड़े ही आराम -2 से, अपना पूरा लंड बाहर निकालता,फिर अंदर डालता, ऐसा करने में श्वेता को भी एक अलग एहसास मिल रहा था, जिसे वो काव्या की चूत को चूस्कर बाँट रही थी....
और ऐसे ही धीरे-2 झटके लेकर श्वेता की चूत से गर्म पानी बाहर निकलने लगा और वो बुरी तरह से झड़ती हुई चिल्ला पड़ी..
''आआआआआहह उम्म्म्ममममममममममममम येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्सस्स आई एम कमिंग....''
नितिन ने अपना लंड फ़ौरन बाहर निकाल लिया, और काव्या ने भी अपना प्यासा मुँह नीचे की तरफ करते हुए उसकी चूत पर लगाया और अंदर से आ रही सारी चाशनी चाट गयी...दोनो सहेलियाँ इस वक़्त 69 की मुद्रा में थी...और एक दूसरे की चूतें चाट रही थी.
नितिन खड़ा हुआ और घूमकर दूसरी तरफ चला गया, जहाँ उसकी बहन का सिर था और काव्या की चूत , जिसे श्वेता बड़े ही दिल लगा कर चूस रही थी..नितिन ने अपनी बहन के होंठों की परवाह ना करते हुए अपना भी लंड बीच में घुसा दिया और एक झटका देकर उसे काव्या की चूत में भी उतार दिया...झटका एकदम से लगा था,इसलिए श्वेता को अपने होंठ बाहर निकालने का मौका भी नही मिल पाया, बेचारी का ऊपर वाला होंठ अंदर ही फँसा रह गया, दोनो भाई बहन ने एक दूसरे को देखा और दोनो की हँसी निकल गयी...नितिन ने अपना पूरा लंड अंदर तक डाला और फिर जब वापिस खींचा तो श्वेता का वो होंठ उसकी गिरफ़्त से आज़ाद हुआ...
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