RE: Desi Sex Kahani चुदाई घर बार की
थोड़ी देर के बाद सलीम ने उसे बलों से पकड़ के खड़ा किया और चारपाई पे धक्का दिया तो वो चारपाई पे गिर गई तो सलीम ने कहा चल यार पहले तेरी बारी है इस की चूत मरने की
मैने सलीम की बात सुन के रीदा की तरफ देखा जो की अपनी टाँगे फेला के मेरी तरफ ही देख रही थी तो मैं थोडा आगे हुआ और रीदा की टाँगों को पकड़ के ज़रा सा और खोल दिया और
फिर अपना लण्ड रीदा की चूत के सोराख पे रख के आहिस्ता से अंदर घुसने लगा तो रीदा आआहह विकी जी ए झटके से पूरा घुसा डालो अपना लण्ड मेरी चूत मैं बहुत मोटा और तगड़ा लंड है आपका
हेहेहे मज़ा आ जायेगा आज एस लंड से चुदने मैं..
मैने रीदा की बात सुनते ही अपने लण्ड को जो की 3,इंच से ज़्यादा ही रीदा की चूत मैं घुस चुका था झटके से बाहर खींचा और पूरी ताक़त से रीदा की चूत मैं घुसा दिया
लंड के घुसते ही रीदा के मुँह से आआहह की आवाज़ निकली और साथ ही उस ने मुझे अपने साथ लिपटा लिया और मेरे कान के पास आहिस्ता से बोली विकी मुझे से बाद मैं मिलना बात करनी है तुम्हारे साथ
उनम्म्मह मेरी जानं ननणणन् फाड़ डालो मेरी चूत को क्या लण्ड है ज़ालिम तेरा ऊऊओह हान्ंनणणन्
बस इसी तरह छोड़ूऊऊऊऊ की आवाज़ क साथ अपनी गांड को भी नीचे से मेरे लण्ड की तरफ उछालने लगी
मुझे ज़िंदगी मैं पहली बार चुदाई का इतना मज़ा आ रहा था जिस की वजह से मैं ज़्यादा देर अपने आप को कंट्रोल नहीं कर पाया और ८-१० मिनट मैं ही रीदा की चूत को अपने लण्ड से निकले पानी से भर दिया और फिर साइड मैं बैठे रीदा के भाई के पास जा के लेट गया और लंबी साँस लेने लगा
मेरे बाद सलीम ने रीदा की चूत मारी और फिर हम ने अपने कपड़े पहन लिए और सब लोग घरों की तरफ चल दिए
सलीम और मैं एक साथ ही खेतों से घर की तरफ निकले
नॉमी अपनी बहिन के साथ अलग चला गया तो सलीम ने मुझे चुप चलते और कुछ सोचते हो देखा तो मेरे कंधे पे अपना बाज़ू रख दिया और बोला यार क्या सोच रहा है कुछ तो बात कर ना यार
मैने सर घुमा के सलीम की तरफ देखा और बोला यार मुझे अभी तक यक़ीन हो रहा कि कोई बहिन भाई ऐसे भी हो सकते हैं दुनिया मैं जो इस तरह का रीलेशन भी रखते हूँ आपस मैं .
सलीम ने मुझे थोडा सा अपनी तरफ खींचा और बोला यार तू कितनो की फ़िक्र करता है जो जहाँ है उसे वहीं रहने दे तो बस चूत मार और मज़ा कर तुझे क्या लेना का .चूत किस की है और वो किस किस से चुदवाती है
सलीम की बात सुन के
मैने हाँ मैं सर हिला दिया
उस के बाद घर तक हमारे बीच कोई बात ना हुयी और फिर गावँ मैं आते ही मैं अपने घर की तरफ चल दिया .
रात के 8 से ऊपर का समय हो रहे था और अभी तक मैं घर नहीं पहुंचा था
कभी ज़्यादा देर तक घर से बाहर नहीं रहा था तो अभी थोडा डर भी लग रहा था की पता नहीं घरवाले कितना परेशान हो रहे होंगे
मैं घर पहुंचा तो अबू जो की अक्सर खेतों मैं ही रहा करते थे वो भी घर पे ही थे
और मुझे देखते ही बोले आ गया मेरा बचा कहाँ रह गया था इतनी देर तक घर नहीं आया.
मैं भी अबू के पास ही जाके बैठ गया और बोला वो अबू ज़रा सलीम के साथ उस के खेतों की तरफ चला गया था
वहाँ ही थोड़ी देर लग गई मुझे मैं अब कोशिश करूँगा की ज़्यादा देर घर से बाहर ना रहा करूँ
मेरी बात सुन के अबू ने कहा देखो बेटा बात ये नहीं है की ,तुम पे भरोसा नहीं है या कुछ और बस बेटा
तुम तो जानते ही हो की हमारा इस गांव मैं या दुनिया मैं कोई भी अपना नहीं है और ऊपर से तुम हमारे एक ही बेटे हो जिस की वजाह से हम घबराते हैं की कहीं तुमको कुछ हो ही ना जाए
अम्मी जो की अबू के पास ही बैठी थी उठी और मेरे पास आ के बैठ गई और मेरे सर पे हाथ फेरते हो बोली देखो बेटा तुम ही तो हमारा सब कुछ हो अगर तुम्हे किसी भी चीज़ की ज़रूरत है तो हमें बताया करो
हम तुम्हे दिया करेंगे लेकिन बाहर लड़कों से दूर रहो
मैने हंस के सर हिला दिया और चुप बिठा गया
लेकिन उस वक़्त मैने दिल मैं पक्का इरादा कर लिया था की अब मैं कभी सलीम क पास नहीं जाया करूँगा
जिससे मेरे अम्मी और अब्बू को परेशानी हो और अब अपने घर पे या खेतों मैं अबू के पास ही रहा करूँगा
उसके बाद सब ने मिल के खाना खाया
मेरे इंतज़ार मैं अभी तक घर मैं किसी ने भी खाना नहीं खाया था उसके बाद थोड़ी देर तक बैठे गप सप करने के बाद सब सोने को चल दिए
सारा दिन सफ़र और शाम को चुदाई से भी थोड़ी थकावट हुयी थी तो मैं बड़ी गहरी नींद सोया,
कयुँकि मैं रूम मैं सोता हूँ तो जब मेरी आँख खुली तो देखा की 7.30 हो चुके थे
मैं जल्दी से उठा और नहाने के लिए बाहर गुसलखाने मैं जा घुसा और जब नहाके बाहर आया तो देखा की घर मैं बाजी फरी और फरीदा ही थी
अम्मी अबू के साथ खेतों पे जा चुकी थी और फ़रज़ाना अपने डाइजेस्ट ले के साथ मैं सहेली के घर जा चुकी थी
मेरे नहाके आते ही बाजी फरी ने कहा विकी तुम चलो रूम मैं बैठो
ज़रा मैं अभी नाश्ता ले के आती हूँ और जब बाजी मेरा नाश्ता ले के आयी तो बाजी ने दुपटा नहीं लिया हुआ था और बाजी मेरे लिए नाश्ते मैं देसी घी के परौठे और अंडा बना के लाई थी साथ मैं गढ़ा मलाई वाला दूध भी था जो की पहले कभी इस टाइम नहीं मिला करता था मुझे
मैने सर उठा के देखा तो मुझे बाजी की क़मीज़ जो की काफ़ी पतली थी उन मैं से बाजी की बूबस की निपेलस हल्के से नज़र आ रही थी जो की खुद मेरे लिए एक झटका था कयुँकि बाजी ने कभी घर मैं मेरे सामने बिना दुपते के नहीं घुमा था और आज तो कपड़े भी इतने पतले फिर ब्रा भी नहीं पहना हुआ वा था (मुझे लगा) और मेरे सामने बैठ गयी और मेरी तरफ ही देखे जा रही थी
कुछ देर तक जब मैं बाजी के बूबस को घूरता रहा तो बाजी ने अजीब की आवाज़ निकली और बोली कहाँ गुम हो भाई नाश्ता नहीं करना क्या जो इतना गुम सूम बैठे हो
मैने अपना सर झटका और बाजी की तरफ देखा तो वहाँ मुझे कोई गुस्सा नही नज़र आया बलके बाजी हल्का सा मुस्कुरा रही थी मेरी तरफ देख के
मैने शर्मिंदगी से सर झुका लिया और खामोशी से नाश्ता करने लगा .
अब मुझ मैं इतनी हिमत नहीं थी हो रही थी की मैं सर उठा के बाजी से बात कर सकूँ या आँख मिला सकूँ की
तभी बाजी ने कहा भाई एक बात पुछों
मैं .... हल्की आवाज़ मैं जी बाजी पूछो ( लेकिन सर नहीं उठाया)
बाजी... वो तुम्हारे उठने से पहले ही कोई मिलने आया था तुम से
मैं... कौन आया था बाजी ( हैरानी से कि आज तक तो मुझे मिलने घर तक कोई भी नहीं आया था)
बाजी... रीदा एक थी अपने ही गांव की है और मेरी खास सहेली है(ख़ाश पे पूरा ज़ोर देते है )
मैं...रीदा के नाम बाजी के मुँह से सुन के घबरा गया और बोला ..वो ब्ल्यू..वो.... क्यों आईईईई त.त्ीईिइ बा...बाजी
बाजी... तुझे नहीं पता की मिलने कयूं आयी थी अभी कल ही तो घर आया है और गावँ की लड़कियाँ तुझे मिलने आने लगी हैं अब ये तो तुम्हे ही पता होगा की क्या काम है तुम्हारे साथ
उसे वैसे मैने उस से पूछ लिया था लेकिन उस ने ठीक से बताया नहीं
मुझे और बोली अपने भाई से ही पूछ लूँ
मैं...न...नहीं ब..बाजी ऐसी तो क...कोई बात नहीं है बस कल सलीम के साथ था ना जब तो ...तो
नॉमी और रीदा दोनो बहिन भाई से मिला था तो रीदा ने कहा विकी भाई मैं आपके घर आ के मिलूंगी बस..
बाजी... चलो ठीक से नाश्ता तो करो तुम
और सुन ये दूध ज़रूर पी लेना मैने खास तुम्हारे लिए लाई हूँ की मेरा भाई गावँ आते ही मेहनत करने जो लग गया है
और हहेहेहहे कर के हँसती हुयी मेरे रूम से निकल गई
बाजी की आख़िरी बात ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए और मैं समझ गया की शायद रीदा ने बाजी को सब कुछ बता दिया है और इस सोच क साथ ही मेरी गांड फिर से फटने लगी
फिर नाश्ता कहाँ से करता
और ये दूध जो की बाजी दे गई थी वैसे ही छोड़ दिया और उठके खेतों की तरफ चल दिया
जैसे ही मैं रूम से निकल के बहार दरवाजे तक गया तो पीछे से बाजी की आवाज़ सुनाई दी जो की नाश्ते का पूछ रही थी की कर लिया या नहीं
तो मैं , जी कर लिया बोल के..... जल्दी , घर से निकल गया
मैं जब खेतों मैं पंहुचा तो अबू हॉल चला रहे थे
और अम्मी भेंसों को नहला रही थी मुझे देखते ही अम्मी ने कहा की आओ
बेटा आज इतनी जल्दी खेतों मैं आ गये
खैर तो है ना ,
मैं अम्मी को जो की भेंसों को नहलाते हुयी खुद भी गीली हो चुकी थी और उनके कपड़े उन की बॉडी के साथ चिपके हुए थे उनका हर बॉडी पार्ट बड़ी वज़हत से दिख रहा था को घूरते हुयी बोला
वो अम्मी घर मैं नींद खुल गई और घर पे मन नहीं लग रहा था इस लिए यहाँ आ गया हूँ मैं
अम्मी... चल फिर आजा यहाँ मेरे साथ मिल क भेंसों को नहला तो ज़रा हमारे बाद तुमने ही तो ये सब करना है
मैं... जी आया अम्मी बोलता हुआ
मैं अम्मी के पास ही चला गया जो की ट्यूब वेल की तलब (जहाँ ट्यूब वेल का पानी गिरता है) मैं खड़ी भैंसों को नहला रही थी और जैसे ही मैं अपनी क़मीज़ उतार के अम्मी के पास तलब मैं जा घुसा .
अम्मी...अम्मी ने एक डिब्बा पानी का भर के मेरे ऊपर ही फेंक दिया और मेरी बॉडी को देखते हो बोली
क्या बात है बेटा मुझे लगता है तुमको शहर काफ़ी रास आ गया है
मैं .... वो कैसे अम्मी
अम्मी... बेटा ज़रा अपना सीना तो देखो ज़रा कितना चौड़ा हो गया है
मैं... वो अम्मी वहाँ शहर मैं जिम जाता हूँ ना इस लिए मेरा सीना ऐसा हो गया है
उसके बाद मैने अम्मी के साथ मिल के भेंसों को नहलाया
...और अम्मी के गीले जिस्म को देख देख के मज़ा भी लिया और फिर अम्मी के तलब से निकलते ही
मैं पानी मैं बैठ गया कयुँकि की मेरा लण्ड फुल टाइट हो चुका था
इतनी देर तक ये नज़ारा देखने से फिर मैं नहाके तब बाहर निकला जब अम्मी भेंसों के साथ दूसरी तरफ चली गई
बहार आके क़मीज़ पहनी और घर की तरफ चल दिया
घर आया तो आते ही मेरा सामना फरी बाजी से हो गया
जिन्हों ने मुझे देखते ही कहा कि ओं विकी तुम ने सुबह ठीक से नाशत नहीं किया और ना ही दूध पिया था और बहार निकल गये
मैं.... वो..... ब...बाजी बस भूख नहीं थी मुझे
बाजी.... आओ भाई दूध अच्छा नहीं लगा अपनी बहिन का......लाया हुआ या फिर रीदा का ही पसंद है तैयार किया हुआ दूध
मैं...(बाजी की बात सुन के थोडा बोखला गया और )
हकलाते हो बोला ब...बाजी मैं समझा नहीं म..मैने कब रीदा के हाथ से दूध पिया है
बाजी... अच्छा नहीं पिया तो चल कोई बात नहीं
मैं उसे बोल दूंगी वो मना मना नहीं करेगी तुम्हे और हहेहेहेहेहहे कर के हँसने लगी तो मैं वहाँ से हट के
सीधा अपने रूम मैं जा घुसा
बाजी से जो थोड़ी देर तक बात होई थी अभी
उस ने मुझे पसीने से भर दिया था और मेरा साँस भी फूल गया था और अब मैं रूम मैं बैठा ये ही सोच रहा था की
मैने ये क्या कर दिया और किस के साथ जिसने लगता है बाजी को सब कुछ बता दिया है जो की मुझे परेशान किए जा रहा था
मैं दुपेहर के खाने तक रूम मैं लेता रहा और बाहर नहीं निकला
तो फ़रीदा बाजी , मेरे रूम मैं आ गई और बोली क्या बात है भाई इस तरह रूम मैं कयूं घुसे बैठे हो तुम चलो उठो खाना तैयार है मिलके खाते हैं
मैने फ़रीदा बाजी से कहा नहीं बाजी बस आप ऐसा करो मेरा खाना यहाँ ही ले आना
मेरे सर मैं दर्द हो रहा है
बाजी रूम से बाहर गई और थोड़ी ही देर मैं मेरे लिए खाना ले के आ गई
जिसे मैंने खामोशी से खाया और बाजी के बर्तन ले जाने के बाद
अभी मैं लेटने ही लगा था की फरी बाजी हाथ मैं तेल की बॉटले लिए रूम मैं आ गई और बोली भाई अगर सर मैं दर्द था तो बता देते
मैं पहले ही सर की मालिश कर देती तो अब तक सारा दर्द ख़तम हो जाता तुम्हारा
मैं जो लेटने जा रहा था जल्दी से उठ बैठा और घबराते हो बोला नहीं बाजी
अभी ठीक है आप जाओ आराम करो
लेकिन बाजी नहीं मानी और मेरे पीछे से आके चारपाई पे बैठ गई
और 2 3 तकिये अपने नीचे रख लिए जिस से वो आराम से मेरे सर की मालिश कर सकती थी और फिर मेरा सर पकड़ के पीछे की तरफ खींच लिया
जिस से मेरा सर बाजी की बिना ब्रा के बूबस के दरमियाँ मैं आ गया तो बाजी ने कहा आराम से बैठे रहो
मैं अभी मालिश करूँगी तो ठीक हो जाओगे तुम
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