RE: Bhabhi ki Chudai देवर भाभी का रोमांस
मुझे खुश देख कर भाभी ने पुछा – बड़े खुश दिख रहे हो, क्या बात है, डॉक्टर वीना ने कुछ दे दिया क्या….?
मेने हँसते हुए कहा – ज़्यादा कुछ नही, जो आपने दिया था, वही उसने भी दिया है.., वैसे मेरी खुशी की वजह कुछ और है…!
तीनों एक साथ बोली – हमें बताने लायक नही है वो वजह…?
मे – नही ऐसी कोई छुपाने वाली बात नही है, बस मे ये जानने गया था, कि मेरे साथ कुछ अबनॉर्मल तो नही हुआ है.. जो कि सब कुछ पहले जैसा ही है…!
घर आकर प्राची और निशा, भाभी की देखभाल में लग गयी, भाभी का बेटा सुवंश ज़्यादातर निशा के पास ही रहता था, स्कूल के बाद उसे रूचि भी संभाल लेती थी…!
कुछ दिनों में ही भाभी का जख्म सही हो गया, वो अब घर के काम संभालने लगी थी, प्राची को हमने वापस शहर भेज दिया…!
एक दिन हम तीनों ही बेड पर बैठे बातें कर रहे थे, भाभी ने मेरे बालों में अपनी उंगलिया घूमाते हुए कहा –
लल्ला जी ! भानु और उस छिनाल श्वेता को यूँ ही छोड़ दोगे…?
मे – आप क्या चाहती हैं ? वैसे भानु तो जिस दिन पोलीस के हाथ लग गया, तो किडनॅप चार्जस में जायगा कम से कम 10 साल के लिए अंदर,
और रही श्वेता तो वो वैसे ही अपने अंदर के डर में रोज़ नयी मौत मरती रहेगी कि मे कुछ उसके साथ ना कर दूं…!
भाभी मेरी तरफ गहरी नज़रों से देखती रही, मेने उन्हें अपनी ओर ऐसे अंदाज में देखते पाकर कहा – ऐसे क्या देख रही हो भाभी ?
भाभी – कुछ नही, बस सोच रही थी कि कहीं तुमने उन्हें माफ़ तो नही कर दिया? पता है ना, वो लोग तुम्हें जान से मारने वाले थे…! 5-10 साल की जैल से भानु सुधर नही जाएगा…
वो ऐसा जहरीला नाग है, कि मौका पड़ते ही फिरसे चोट करेगा, कब तक यूँ ही छोड़ते रहोगे उसे…!
और वो हराम्जादि छिनाल, इतने बड़े क्राइम में इन्वॉल्व थी, उसे तो क़ानून भी कभी कोई सज़ा नही दे पाएगा..,
एक अजनबी लड़की को इंसाफ़ दिलाने वाला आदमी, अपने उपर हुए अत्याचारों को ऐसे ही भुला देगा, ये मेने कभी सोचा भी नही था…!
ये बातें कहते कहते भाभी उत्तेजित दिखाई देने लगी, मुझे ये अहसास होने लगा कि अगर मेने कुछ नही किया तो कहीं ये और प्राची अपनी तरह से कुछ करने ना निकल पड़ें..
अतः मेने उनका हाथ अपने हाथों में लेकर उनके गुस्से को शांत करने के लिए कहा –
अगर आप चाहती हैं कि उन्हें उनके गुनाहों की सज़ा मे दूं, तो यकीन कीजिए वो दोनो अब ज़्यादा दिन खुले में साँस नही ले पाएँगे….!
मेरी बात सुनकर भाभी थोड़ी सहम सी गयी, कुछ देर घूर्ने के बाद बोली – तो क्या तुम अपने हाथों से उनका खून करोगे..?
मे – मुझे अपने हाथ उनके गंदे खून से रंगने की ज़रूरत नही पड़ेगी, बस अब आप देखती जाओ, मे कैसा चक्रव्यूह बनाता हूँ उन दोनो के लिए…!
मे अब फिरसे कोर्ट जाने लगा था, और अपने सारे काम सामान्य तरीक़े से करने लगा था...,
यहाँ तक कि अपनी निशा डार्लिंग के साथ बेड वाला गेम भी शुरू करने वाला था, जो कुछ दिनो के लिए पोस्टपोन कर रखा था डॉक्टर. वीना की हिदायत के बाद…!
उस दिन सोने से पहले निशा मेरे लंड की मालिश कर रही थी, वीना के प्रिस्क्राइब किए हुए ट्यूब से…
लंड पूरी तरह अपने आकार में आ चुका था, अब वो उसकी मुट्ठी में भी नही समा रहा था…
मालिश करते करते निशा मदहोश होती जा रही थी, इससे पहले कि वो अपनी नाइटी निकाल कर मेरे लंड पर बैठती, कि तभी भाभी आ धमकी…
मेने झट से अपना शॉर्ट उपर करने की कोशिश, की तभी भाभी बोल पड़ी… छुपा लो छुपा लो अपने खजाने को…, अब तो इस पर निशा का ही हक़ रह गया है…!
निशा उनकी बात से थोड़ी दुखी स्वर में बोली – ऐसा क्यों बोल रही हैं दीदी, उन्हें शर्म लगी होगी इसलिए वो इसे ढकने लगे, मुझे खम्खा आपने स्वार्थी बना दिया…!
भाभी ने फ़ौरन उसे अपने गले से लगा लिया और बोली - ऐसी मेरी कोई मनसा नही थी लाडो, मे तो बस मज़ाक कर रही थी, तू तो सीरीयस हो गयी…
मेने भाभी की गुदगुदी गान्ड दबाते हुए कहा – अब इस पप्पू को अपनी गुल्लक में रखना आपके बस का रोग नही है भाभी…!
वो आँखें चौड़ी करके बोली – अच्छा देखें तो सही, क्या सुरखाव के पर निकल आए हैं इसको, ये कहकर उन्होने मेरा शॉर्ट नीचे खिसका दिया और उसे अपनी मुट्ठी में लेकर देखने लगी…
सच में लल्ला, ये तो पहले से बड़ा और मोटा सा लग रहा है, निशा तूने तो लेकर देखा होगा..
निशा – अभी कहाँ दीदी, आज ट्राइ करने वाली थी कि आप आ धमकी,
भाभी – अच्छा तो, 900 चूहे ख़ाके बिल्ली हाज़ करने चली है, मुझसे क्या शर्म, आज दोनो बहनें मिलके फिरसे इसका तेल निकालते हैं, ये कहकर वो दोनो मेरे आजू-बाजू बैठकर उसे बारी बारी से मुठियाने लगी…
मेने दोनो को नंगा करके दोनो की गान्ड अपनी तरफ औंधी करवा ली, एक की चूत चाटने लगा तो दूसरी की चूत में उंगली से चोदने लगा…!
हाल ही में क्रीम की मालिश की वजह से वो उसे मुँह में नही ले पारही थी, इसलिए एक के उपर दूसरी का हाथ रख के मुत्ठियाने लगी…
निशा पहले से ही गरम हो रही थी, सो वो मेरे उपर सवार हो गयी, और मे भाभी की चूत की सर्विस करने लगा…
निशा ने बहुत कोशिश की लेकिन वो पूरा लंड नही ले पाई.., अंत तक लेते लेते, उसका भाड़ सा मुँह खुल गया.., लंड अभी जड़ तक नही पहुँच पाया था कि वो एक बार ऐसे ही झड गयी…
निशा को ज़्यादा उच्छल-कूद ना करनी पड़े, इसलिए मेने उसे अपने बगल में करवट से लिटा लिया, और उसकी गान्ड मसल्ते हुए पीछे से अपना लंड उसकी रस से सराबोर चूत में सरका दिया…
आअहह….राज़ीए….बहुत बड़ा है, थोड़ा बाहर ही रखना…प्लीज़…
मे निशा को 3/4 लंड से चोदने लगा.., हल्के हल्के धक्के लगाकर मेने एक बार उसकी चूत को अपने पानी से तर कर दिया,
भाभी ने नॅपकिन से मेरे लंड को सॉफ किया, और उसे अपने मुँह में लेकर चूसने लगी, 5 मिनिट में ही वो फिरसे डंडे की तरह शख्त हो गया…
मेने भाभी को घोड़ी बना दिया, और उनकी गान्ड पर चाँटा मारते हुए उनके पाटों को सुर्ख लाल कर दिया…,
गान्ड में मुँह डालकर कुछ देर उनकी चूत और गान्ड को चाटा…, वो चुदने के लिए उतावली होने लगी….
आअहह…लल्लाअ…अब जल्दी से डालो रजाअ…
मेने पीछे से अपना सोट जैसा 9” लंबा और 3” मोटा लंड उनकी चूत के छेद पर रखा, और एक तगड़ा सा धक्का लगा दिया…
तीन-चौथाई लंड सर्र्र्र्र्र्र्ररर……से अंदर चला गया…
भाभी गर्म होती गाय की तरह रांभाने लगी…. हाए लल्ला… बहुत मोटा हो गया है…थोड़ा आराम से मेरे रजाअ…,नही तो मेरी चूत का भोसड़ा बन जाएगा…!
मेने वाकी बचे हुए लंड को भी पेलते हुए कहा – क्यों फट गयी, तब तो बड़ी ताने दे रही थी निशा को…अब झेलो इसे..…!
भाभी – अरे भोसड़ी के थोड़ा धीरे डाल मदर्चोद… मेरे मुँह से होकर निकालेगा क्या…, हाए राम कितना लंबा हो गया है.. ये.
ले मेरी प्यारी भाभी अभी तो इस’से तुम्हारी गान्ड खोलूँगा ना तब देखना क्या होता है…, मेने धक्के लगाते हुए कहा…!
आज पहली बार भाभी के मुँह से ऐसे शब्द निकल रहे थे, या तो ये कहा जाए कि लंड उनकी चूत में पहले से ज़्यादा अंदर तक उसकी दीवारों को चीरता हुआ जा रहा था…
तो उत्तेजना के मारे वो अनाप-शनाप बकने लगी थी, गान्ड फाड़ने की बात सुनकर वो गिडगिडाते हुए बोली –
हाईए…रामम…ऐसा मत करना मेरे राजा… गान्ड फट जाएगी इस’से तो…चल भी नही पाउन्गि….आअहह….चूत में ही लेना भारी पड़ रहा है….हे रामम…. मारी रीई…, हां मेरे सोना… ऐसे ही धीरे-धीरे री…
भाभी की मादकता से भरपूर कराहट भरी बातें सुनकर मुझे और जोश बढ़ता जा रहा था…और मेने उनकी गान्ड मसल्ते हुए अपने धक्के और तेज कर दिए…
भाभी की चूत लगातार रस बहाए जा रही थी, लंड की चोट सीधी उनकी बच्चेदानी में पड़ रही थी…इस वजह से वो लगातार रस छोड़ रही थी…
फुकछ…फुकछ…पक..पक… जैसी आवाज़ें लंड के अंदर बाहर होने से आ रही थी…,
भाभी झड़ने के बाद कुछ देर ढीली पड़ जाती, मे उनकी पोज़िशन चेंज करके फिरसे चोदने लगता…
लास्ट में मेने भाभी को अपनी तरफ गान्ड करके अपने उपर बिठा लिया, और गान्ड की दरार में उंगली करते हुए नीचे से ढका-धक धक्के लगाता रहा…, भाभी की रेल बन चुकी थी…
लेकिन मेरा मज़ा खराब ना हो इसलिए वो बेचारी मेरे ताबड-तोड़ धक्कों को सहन करती रही, कुछ ना कुछ बड़बड़ाती जा रही थी…
आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद मेरा लंड जबाब देने लगा, और उसने भाभी की ओखली को अपने गाढ़े-गाढ़े पानी से लबालब भर दिया…
भाभी पस्त होकर मेरे उपर पसर गयी…, अपनी लंबी-लंबी साँसों को इकट्ठा करने की कोशिश करते हुए बोली –
हे भगवान आज तो ग़ज़ब ही कर दिया लल्ला तुमने, मेरी तो जान ही अटक गयी थी…
मेने उनकी चुचियों को मसल्ते हुए कहा – इसका मतलब मज़ा नही आया आपको…?
भाभी – मज़ा ? मज़े के मारे ही तो मे होश ठिकाने नही रख पा रही थी…सच में बहुत दमदार हो गया है तुम्हारा लंड, और स्टॅमिना भी कुछ और बढ़ गया है..
मे – तो अच्छा ही है ना, मुझे अलग-अलग मेहनत नही करनी पड़ेगी, दोनो को एक साथ ही निपटा दिया करूँगा……!
भाभी – मुझे तो लगता है, तुम हम दोनो को भी नानी याद दिला दोगे…ये कहकर भाभी हंस पड़ी, और मेरे लंड को चूम लिया….!
निशा – आज की दीदी की चुदाई देख कर मुझे तो डर लग रहा है, डेलीवेरी तक मे तो अब इनके पास फटकने वाली नही हूँ, कहीं मेरे बच्चे को ठोकर लग गयी जोश-जोश में तो…!
मेने हँसते हुए उसे अपनी गोद में खींच लिया और उसके रसीले होठों को चूमकर कहा – इतना भी निर्दयी मत समझो मुझे.., की अपने बच्चे को ही चोट पहुँचा दूं,
वो तो भाभी को ज़्यादा से ज़्यादा खुशी देने के लिए मेने उन्हें जमकर चोदा है.., भाभी आप खुश तो हो ना…!
उन्होने मेरे गाल को कच-कचाकर काट लिया, मेरे मुँह से आअहह.. निकल गयी, फिर उसे चूमकर बोली – बहुत खुश.., भगवान करे ये खुशी यूँ ही बनी रहे…
इस तरह हमारी लाइफ फिरसे सामान्य गति पकड़ने लगी…………….!
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