RE: Chodan Kahani जवानी की तपिश
सारा की यह बात सुनकर मेरे तो चारों तबाक रोशन हो गये। मैं जो यह सोच रहा था, सारा ने ही पहला कदम उठा लिया है, तो अभी हवेली में जाने से पहले ही सारा को चोदकर संतुष्ट कर लेता हूँ। वो सारे खलायत सारा की बात सुनकर मेरे दिमाग़ से भक्क करके उड़ गये। सारा के इस जवाब ने हवेली की पुर्सररियत मेरे दिल में और बढ़ा दी थी। अब मेरा फ़ितरती जासूस मुझे चैन नहीं लेने देगा, जब तक कि मैं अपने सारे सवालों का जवाब ना ढूँढ लूँ।
तो फ़िलहाल मैं तमाम चीजों को अपने जेहन से निकालते हुए फौरन बेड से उठ गया और वाशरूम में घुस गया। और शावर खोलकर उसके नीचे खड़ा हो गया। कुछ देर वो सारे सवाल मेरे जेहन को डिस्टर्ब करते रहे। मगर गरम पानी की फुहार मुझे उन तमाम सवालों को अपने जेहन से झटकने में मदद दे रही थी। मैं अपने जेहन को इन तमाम सवालों से खाली करना चाहता था, और आज मैं खुले और फ्रेश दिमाग़ के साथ हवेली के जनानखाने में जाना चाहता था। ताकी मैं अपने उन तमाम रिश्तों को खुली आँखों और खुले जेहन के साथ देख और परख सकूँ, जिनसे मैं आज तक दूर रहा था।
मैं देखना और समझना चाहता था। क्या वो रिश्ते वाकई मुझसे वो मुहब्बत और तड़प रखते हैं, जिनका वो किसी ना किसी रवैये से मेरे साथ इजहार कर चुके थे। कुछ देर इसी तरह शावर के नीचे खड़े होने के बाद मैं फ्रेश होकर तौलिया बाँधकर बाहर रूम में आ गया था। अब मुझे सारा से वो परदा महसूस ना हुआ जो चन्द दिन पहले था। इसीलिए मैं सारा से वाशरूम में ही कपड़े माँगने के बजाए बाहर निकल आया था।
सारा मेरे कपड़े निकालकर बेड पर रखे मेरे वाशरूम से कपड़े माँगने का इंतजार कर रही थी कि मुझे अचानक से वाशरूम से बाहर आते देखकर चौंक गई। लेकिन जब उसने मेरी तरफ देखा तो वो अपनी नजरें मुझे पर से चाहकर भी हटा ना सकी।
और यह मेरे साथ पहली बार नहीं हुआ था। ऐसे तजुर्बे से मैं कितनी ही बार गुजर चुका था। मेरा गोरा-चिट्टा बालों से पाक कसरती बदन, मेरे लंबे कद के साथ पूरी तरह से मैच खाता था। चौड़ा सीना, बाजुओ के मिल, रोजाना की कसरती, और कराटे की प्रेक्टिस ने मेरे जिश्म पर बहुत वाजिए तब्दीलियाँ असर अंदाज की थी। मैं 17 साल की उमर में ही अपनी उमर के नौजवानों से ज़्यादा बड़ा दिखता था। मेरी हल्की-हल्की शेव और मूछें भी निकल आई थीं, जिसके पूरे काले बाल मेरे गोरे चेहरे पर बहुत जचते थे।
मैंने मुश्कुराती हुई नजरों से सारा की तरफ देखा तो उसने झट से अपनी नजरें नीची कर ली। मैंने उसपर से नजरें हटाते हुए बेड की तरफ देखा तो उसने बेड पर मेरा सफेद काटन सूट और उसके साथ एक आजरक और सिंधी टोपी भी रखी हुई थी। यह हमारे सिंध के पूरे कैजुअल लिबास था। मैंने तौलिए के ऊपर से ही सलवार पहनी और फ़िर तौलिया खींचकर निकाल दिया। इस दौरान मुझे महसूस हो रहा था कि सारा चोर नजरों से बार-बार मुझे ही देख रही है।
मैंने उसके ऊपर ध्यान ना देते हुए कपड़े पहन लिए। फ़िर सिंधी टोपी उठाकर अपने सिर पर रखी, और आजरक को फोल्ड करके अपने गले में डाल लिया। अब मुझे बहुत सख़्त भूख महसूस होने लगी थी। क्योंकी मैंने कल रात का भी खाना नहीं खाया था।
मैंने सारा की तरफ देखते हुए कहा-“आज तुम मेरा नाश्ता नहीं लाई…”
सारा-“आज आपका नाश्ता जनानखाने में है। वो आपको वहीं मिलेगा…”
मैं सारा की बात सुनकर मुश्कुरा दिया। एक नजर साइड पर लगी ड्रेसिंग टेबल के आदमकद आईने में खुद को देखा तो एक लम्हे के लिए मुझे खुद पर ही प्यार आ गया। मैं इन कपड़ों में बहुत अच्छा लग रहा था। सफेद काटन पर रेड रंग की सिंधी टोपी जिसमें मुख्तलिफ कलर्स के नगीने लगे हुए चमक पैदा कर रहे थे। और उसी टोपी से मैच खाती हुई अपने रिवाती रंग से बनी आजरक मेरी शख्सियत को और उजागर कर रही थी।
मेरे चेहरे के भाव देखते हुए सारा ने मुश्कुराकर कहा-“चलिए छोटे साईं। कहीं आईने में खुद को ही ना नजर लगा बैठें…”
सारा की बात सुनकर मैं थोड़ा सा झेंप गया, और चेहरे पर खिसियानी सी मुश्कुराहट लाते हुए जवाब दिया-“मुझे तो तुम्हारा डर था कि कहीं तुम मुझे देखते-देखते होश-ओ- हवास गवाँ बैठी तो मुझे जनानखाने कौन ले जाएगा?”
मेरे जवाबी हमले से सारा ने खुद को संभालते हुए जल्दी से कहा-“इसमें कोई शक नहीं कि आप बहुत खूबसूरत लग रहे हो, और आज तो वाकई मुझे आप झटके पे झटके दे रहे हो। मैं किसी भी वक्त अपने होश गवाँ सकती हूँ…”
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